Kamukta, antarvasna मेरा नाम अमित है मैं मनाली में एक छोटी सी दुकान चलाता हूं मेरी दुकान में मैंने थोडे बहुत कपड़े और कॉस्मेटिक आइटम्स का सामान रखा हुआ है मेरा उससे गुजारा चल जाए करता है मेरा जीवन सामान्य तरीके से चल रहा है मैं खुश हूं। मेरे पास कई कस्टमर आते हैं उसके बाद शायद मेरी उनसे कभी मुलाकात भी नहीं हो पाती क्योंकि वह लोग मनाली घूमने के लिए आते हैं और उसके बाद तो वह लोग ना जाने कितने समय बाद मनाली आते हैं। उस दिन सुबह सुबह मैंने अपनी दुकान खोल ली थी कुछ देर बाद एक लड़की मेरे पास आई और वह कहने लगी क्या आपके पास चप्पल होगी मैंने उसे कहा हां मेरे पास चप्पल मिल जाएगी लेकिन आपको इतनी वैराइटी नहीं मिल पाएगी। वह कहने लगी कोई बात नहीं आप मुझे चप्पल दिखा दीजिए।
मैंने उसे चप्पल दिखाई, उसने एक चप्पल पसंद की और वह उसे खरीद कर वहां से चली गई उसने मुझसे ज्यादा मोलभाव नहीं किया और लोग मेरी दुकान में जब भी आते थे तो वह लोग मोलभाव जरूर किया करते थे लेकिन उसने मुझे पैसे उतने ही पैसे दिए और उसके बाद वह वहां से चली गई। सुबह का ही वक्त था और सबसे पहले वही लड़की मेरी दुकान पर सामान लेने के लिए आई थी उस दिन का मेरा दिन काफी अच्छा था मेरी दुकान में उस दिन बहुत ज्यादा बिक्री हुई। जब मैं शाम को घर लौटा तो मुझे ध्यान आया कि मुझे आज अपने दोस्त से मिलना था मैंने उसे फोन किया और कहा तुम अभी कहां पर हो वह कहने लगा मैं तो घर पर ही हूं। मैंने उसे कहा आज मुझे तुमसे मिलना था वह कहने लगा क्या कोई जरूरी काम था मैंने उसे कहा हां दरअसल कुछ जरूरी काम था इसलिए तुमसे मुझे मिलना था। मेरा दोस्त ब्याज पर पैसे दिया करता है और मुझे कुछ पैसों की जरूरत थी इसलिए मुझे उससे मुलाकात करनी थी तो मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर चला गया। मैं जब उसके घर पहुंचा तो मैंने उसे उसके हाल-चाल पूछे काफी समय बाद उससे मेरी मुलाकात हो रही थी वह मुझे कहने लगा तुम तो मुझे फोन ही नहीं करते हो। मैंने उससे कहा मैं तुमसे आज तुम्हारे घर पर मिलने तो आ ही गया तो वह कहने लगा हां तुमने यह तो अच्छा किया कि तुम मुझसे मिलने के लिए आ गए।
मैंने उसे कहा यार मुझे कुछ पैसों की जरूरत थी दरअसल दुकान में कुछ और सामान लाने की सोच रहा था लेकिन मेरे पास अभी पैसे नहीं है। वह मुझे कहने लगा तुम्हें कितने पैसों की जरूरत है मैंने उसे कहा मुझे एक लाख की जरूरत है उसने मुझे वह पैसे उसी वक्त दे दिए और कहा तुम यह पैसे रख लो। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें यह पैसे लौटा दूंगा और तुम्हें तुम्हारा ब्याज भी दे दूंगा उसने मुझे कहा ठीक है, मैं उसके घर पर उस दिन काफी देर तक बैठा रहा और उसके बाद मैं वहां से चला गया। मैं जब वहां से अपने घर गया तो मेरे पापा मुझे कहने लगे बेटा तुम्हारा काम तो ठीक चल रहा है मैंने कहा पिताजी काम तो अच्छा चल रहा है। काफी समय बाद मेरी उनसे बात हो पाई थी क्योंकि मैं जब भी घर जाता तो घर जाते वक्त मुझे लेट हो जाया करती थी और वह तब तक सो चुके होते थे। उसके बाद मैंने दुकान में अपना सामान भरवा दिया और कुछ ही दिनों बाद मुझे वही लड़की दोबारा से मेरी दुकान में दिखी उस दिन भी उसने मेरी दुकान से खरीदारी की। मैंने उस समय उससे उसका नाम पूछ लिया मैंने उससे कहा आपका नाम क्या है वह कहने लगी मेरा नाम मोहनी है मैंने उसे कहा क्या आप कुछ काम से यहां आई हुई है। वह कहने लगी हां मैं अपने किसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में यहां पर आई हुई हूं और कुछ दिन बाद मैं दिल्ली लौट जाऊंगी। उसने मुझसे कहा की मुझे आपसे एक मदद की आवश्यकता थी वह कहने लगी मुझे कुछ पैसों की जरूरत थी मैंने उससे कहा लेकिन मैं आपको पैसे ऐसे ही कैसे दे सकता हूं। वह कहने लगी मैं आपको एक चेक दे देती हूं क्योंकि मुझे अभी पैसे की जरूरत है मेरा एटीएम काम नहीं कर रहा है मैंने उससे कहा ठीक है तुम मुझे चेक दे दो।
उसने मुझे एक चेक दिया और मैंने उसे उसके बदले पैसे दे दिए मैंने उस वक्त उसकी काफी मदद की तो वह भी शायद मेरे एहसान को भूल ना पाई और वह हर रोज मुझसे मिलने के लिए आ जाया करती थी। कुछ समय तक तो वह दुकान में आती रही लेकिन उसके बाद वह वापस दिल्ली चली गई जब वह दिल्ली गई तो उसके बाद भी हम लोगों की फोन पर बातें होती रहती थी। मुझे नहीं मालूम था कि हम दोनों के बीच में क्या है ना तो हम लोग दोस्त है और ना ही हम दोनों के बीच कुछ ऐसा था लेकिन उसके बावजूद भी वह मुझे फोन किया करती थी और हर रोज हम दोनों की बात होती थी। शायद मेरे दिल में मोहनी के लिए कुछ चलने लगा था और एक दिन मैंने अपने दिल की बात मोहनी से कह दी लेकिन मोहनी ने साफ तौर पर मना कर दिया। वह कहने लगी देखो अमित तुम बहुत अच्छे लड़के हो तुम एक नेक दिल इंसान हो लेकिन मैं इन सब चीजों में बिल्कुल भी भरोसा नहीं करती मुझे लगता है कि शायद हम दोनों को अच्छे दोस्त बनकर रहना चाहिए इससे ज्यादा हम दोनों आगे ना ही बड़े तो ठीक रहेगा। मोहनी ने जब मुझसे यह बात कही तो उसके बाद मैंने भी मोहनी का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया और अपने काम में ध्यान देने लगा काफी समय तक मेरी मोहनी से बात नहीं हुई। एक दिन उसका मुझे फोन आया मैंने उसका फोन रिसीव करते हुए उससे पूछा तुम कैसी हो वह कहने लगी मैं तो ठीक हूं लेकिन तुम तो मुझे फोन ही नहीं करते मैंने उसे बताया बस आजकल काम कुछ ज्यादा था तो इसलिए मैं तुम्हें फोन नहीं कर पाया।
उस दिन हम दोनों की काफी देर तक बात हुई मोहनी ने मुझे कहा मैं कुछ दिनों के लिए मनाली आ रही हूं मैंने उसे कहा ठीक है तुम मनाली आ जाओ। वह कुछ दिनों बाद मनाली आ गई सबसे पहले वह मुझसे ही आकर मिली हम दोनों ने उस दिन काफी देर तक बात की। उसके बाद जितने दिनों तक मोहनी मनाली में रही उतने दिनों तक हम दोनों की आपस में बात होती रही। मोहनी को यह बात तो मालूम थी कि मैं दिल ही दिल उसे चाहता हूं लेकिन उसने भी साफ तौर पर मना कर दिया था इसलिए मैंने उससे उसके बाद कभी इस बारे में कोई बात नहीं की और ना ही उसने मुझसे कभी इस बारे में बात की। मैंने एक दिन मोहनी से पूछा तुमने मेरे प्रपोजल को क्यों ठुकराया तो वह कहने लगी बस मैं तुम्हें क्या बताऊं पहले भी मेरा एक लड़के के साथ अफेयर था लेकिन हम दोनों का रिलेशन ज्यादा समय तक नहीं चल पाया उसके बाद से मेरा इन सब चीजों से बिल्कुल भरोसा ही उठ चुका है और मुझे नहीं लगता कि मैं किसी के साथ भी रिलेशन को चला सकती हूं। मैंने मोहनी से कहा एक बार तो तुम्हें इस बारे में पहल करनी चाहिए थी क्योकि हर इंसान एक जैसा नहीं होता मेरे दिल में तुम्हारे लिए बहुत इज्जत है और मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो। मोहनी मुझे कहने लगी मुझे मालूम है कि तुम मुझे बहुत पसंद करते हो और मुझसे बहुत प्यार करते हो लेकिन मैं इन सब चीजों में अब नहीं पड़ना चाहती मैं अपने हिसाब से ही अपना जीवन जीना चाहती हूं। एक दिन मोहनी और मै एक साथ ही बैठे हुए काफी देर तक हम लोग बात कर रहे थे। मैंने मोहनी के गालो को सहलना शुरू किया जब मैंने उसके नरम होठों को चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा मजा आने लगा और उसका शरीर गरम होने लगा।
वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही मेरे होठों को चूसते रहो शायद काफी समय बाद उसके होठों का रसपान किसी ने किया था उसकी उत्तेजना में दोगुनी बढोतरी हो गई थी। मैंने जब उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह और भी ज्यादा मचलने लगी और वह पूरे जोश में आ गई। मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारे लंड को मैं अपने मुंह में लेना चाहती हूं उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया। उसने मेरे लंड को अपने गले तक ले लिया तो मुझे बहुत मजा आ रहा था वह अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले रही थी जिससे कि मेरे अंदर से भी जोश बढ़ने लगा था। मैंने जैसे ही उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसे बड़ा मज़ा आने लगा उसकी योनि से गिला पदार्थ बाहर निकलता तो मैं भी उसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। जैसे ही मैंने अपने लंड को धीरे से उसकी योनि के अंदर घुसाया तो वह मचलने लगी वह कहने लगी तुम अपने लंड को अंदर डालो। मेरा लंड जैसे ही उसकी योनि के अंदर तक गया तो उसके मुंह से आवाज निकल आई वह मचलने लगी।
मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था मै अपने लंड को उसकी योनि के अंदर बाहर करता जाता जब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा तो मै उसे तेज गति से धक्के देने लगा वह चिल्लाने लगी। उसके अंदर की उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ने लगी मुझे उसे धक्के देने में बहुत आनंद आ रहा था मैं बड़ी तेज गति से उसे धक्के दिए जाता जैसे ही मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और मोहनी के मुंह पर लगा दिया। जब मैने अपने लंड को उसके मुंह पर लगाया तो वह मचल उठी मैंने जैसे ही अपने वीर्य को उसके मुंह के अंदर गिराया तो उसे मजा आया। उसने मेरे वीर्य को अपने अंदर ही निगल लिया जब मेरा वीर्य उसके मुंह के अंदर चला गया तो वह मुझे कहने लगी। मुझे ना जाने आज तुम्हें देखकर क्या हो गया था मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू ना कर सकी मैंने मोहनी से कहा मैं भी तो अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और काफी समय बाद मैंने भी किसी के साथ सेक्स संबंध बनाए हैं मोहनी भी खुश थी।