अन्तर्वासना सेक्स कहानियाँ पढ़ के मजा लेने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मैं बिलकीस बानो एक बार फिर हाजिर हूँ अपनी चुदाई की स्टोरी आपके सामने लेकर.
इस बार मैं आपके सामने अपने भाई की करतूतें बताने के लिए आई हूँ.
मेरी पिछली दो कहानियों
में अपने पढ़ा कि कैसे मेरी अम्मी ने मुझे 10000 रूपये के लिए हमारे ही एक नौकर फरीद से चुदवा दिया और फरीद ने मेरी सील तोड़ कर मुझे जवान कली से फूल बनाया. और दूसरी कहानी में कैसे मेरे अपने अब्बू ने मुझे पूरी रात अपने बिस्तर में मेरी चुदाई करी।
अब चलते है आगे की कहानी पर:
2 दिन बाद अम्मी घर में नहीं थी, उस दिन कोई कारीगर भी काम पर नहीं आये थे, मैं नहा कर निकली तो मैंने बिना ब्रा पैंटी के बिना ऐसे ही गाउन अपने पूरे नंगे जिस्म पर डाल लिया था. मेरे अब्बू जो मुझ पर पैनी नज़र रखे हुए थे, वे मुझे देखते ही समझ गए कि मैं अंदर से पूरी नंगी हूँ. मेरे अब्बू की निगाहें उनकी जवान बेटी के सेक्सी बदन पर जैसे गड़ सी गई थी.
मैं उनके लिए चाय बना कर उनको चाय देने गयी तो अब्बू ने मेरे हाथ से चाय लेकर मेज पर रख दी और मेरे को अपनी ओर खींच कर अपनी जांघ में बैठा कर ऊपर से मेरी चुचियों को दबाने लगे।
दोपहर का समय था, 12:30 बज रहे थे, घर में किसी को आना जाना नहीं था, मैं भी आराम से अब्बू की बाहों में चूची दबाने का मजा ले रही थी और अब्बू के पजामे में हाथ डाल कर अब्बू का लंड सहला रही थी।
हम दोनों बाप बेटी धीरे धीरे मजे से चुदाई की ओर बढ़ गए और मेरे अब्बू अपनी बेटी को घोड़ी बना कर मेरी चूत चोदने लगे, घर में कोई था नहीं तो मैं भी जोर जोर से आवाज़ें निकाल कर चुदाई का मजा ले रही थी।
हम दोनों में से किसी का ध्यान नहीं गया कि मेन गेट खुला हुआ है। मेरा बड़ा भाई एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है, शायद उस दिन उसकी तबियत खराब थी वो दोपहर में 2 बजे आधी दिन की छुट्टी लेकर घर आ गया, दरवाजा खुला था तो भाई बिना आवाज दिए अंदर तक आ गया और मेरे और अब्बू के चुदाई की चीखें सुन कर हम दोनों की चुदाई देखने में मशगूल हो गया.
करीब आधे घंटे बाद मैं और अब्बू चुदाई से थक कर बिस्तर में ऐसे ही नंगे सो गए, भाई भी अपने कमरे में जा कर सो गया।
शाम को 5 बजे अम्मी आकर मेरे को अब्बू को उठा कर बोली- बिल्कुल नंगे हो कर बेटी के साथ सो रहे हो? घर में जवान लड़का है, देखेगा तो क्या सोचेगा? तू बेटीचोद भी बन गया, और तू कपड़े तो पहन लेती हवस की पुजारिन रंडी!
मैंने और अब्बू ने अपने कपड़े पहने और मैं शाम का खाना बनाने में अम्मी की मदद करने लगी। पर मन तो मेरा चुदाई के लिए तड़प रहा था कि कब फरीद या अब्बू का लंड फिर से मेरी चूत में अदरक कूटे।
रात में जब सब लोग खाना खाने बैठे तो सारे वक्त भाई मुझे खा जाने वाली नज़रों से देख रहा था, मैं शॉर्ट्स में थी, मेरे बड़े हो चुके बूब्स बाहर आने को बेताब थे, मैंने 2-3 बार नोटिस किया कि मेरा भाई मेरे बूब्स और मेरी चूत को घूर रहा था.
उस दिन तो मैंने इग्नोर कर दिया और सोने चली गयी, पर अगले कई दिनों तक भाई के देखने का नजरिया बदल गया था, जब भी मैं उसके सामने आती तो वो मेरे बूब्स को देखता रहता, अपना लंड खड़ा कर के मुझे दिखा दिखा के जलाने की कोशिश करता और अजीब अजीब इशारे कर के गंदी गंदी आहें भरता।
भाई की हरकतें देख कर खुजली तो मेरी भी चूत में बढ़ जाती थी पर समझ नहीं पा रही थी कि वो ऐसा कर क्यो रहे हैं।
शनिवार के शाम को उसका हाफ डे होता, उस दिन वो जल्दी घर आ गया, मैं काम कर रही थी और वो अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा था, रात में खाना खाते समय अपना लंड बरमूडा से निकाल कर मुझे दर्शन करवा दिया, भाई का लंड देख कर मेरी चूत में खुजली तो हुई पर मैं कोई रियेक्ट नहीं किया चुपचाप खाना खा कर अपने कमरे में सोने चली गयी।
रात में सब के सोने के बाद पता नहीं कब मेरा बड़ा भाई मेरे कमरे में आ गया और मेरे बूब्स सहलाने लगा, मुझे गालों में गले में पीठ में किस करने लगा। मुझे कोई खबर नहीं थी, न ही पता चला. मेरी सांसें तेज़ होने लगी जैसे सपने में कोई मेरी चुदाई कर रहा हो.
पर जब मेरे बदन पर भाई की पकड़ तेज़ होने लगी और वो मेरे बूब्स को जोर से दबाने लगा तो मेरी नींद खुल गयी, तो मैंने देखा कि भाई ये सब कर रहा है. पर अब मैं बिना हिले डुले लेटी रही, देखना चाहती थी, ये जानने के लिए उत्सुक थी तो कि वो क्या क्या करना चाहता है अपनी सगी बहन के साथ।
मेरे कुछ न बोलने पर उसकी हिम्मत बढ़ गयी, मैंने शॉर्ट टॉप पहना हुआ था, तो उसने मेरे टॉप को ऊपर कर के मेरे बूब्स को बाहर निकाल लिया और मुँह में लेकर चूसने लगा।
अब मैं भी वासना से उत्तेजित हो गयी तो मेरे मुँह से कामुकता भरी आहों की आवाज़ ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकलने लगी।
मेरी आहों को सुन कर वो जोर से बूब्स चूसने लगा और मेरी जांघों को सहलाने लगा और मेरी पैंट को खोल दिया. मैंने अंदर चड्डी नहीं पहनी थी तो पैंट उतार कर मेरी चूत यानी भाई अपनी बहन की चूत में अपनी जीभ लगा कर चूसने लगा.
जब मेरे बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैं चिल्ला कर बोली- चाट बहनचोद… पूरी जीभ घुसा के अच्छे से चाट अपनी छोटी बहन की चूत!
मेरी आवाज सुन कर वो शर्मिंदा भाव से जाने लगा, तो मैंने उसे रोक कर बोला- मादर चोद, अब कहाँ जा रहा है मुझे गर्म करके बहनचोद, अपनी इस रंडी बहन की चूत की आग को ठंडा कर के जा!
तो वो अपना साढ़े छह इंच का लंड निकाल कर मेरे सामने हिलाने लगा और मेरे मुँह में डालते हुए बोला- चूस इसको मेरी रंडी बहन बिलकीस, ऐसी मजेदार गर्म आइस क्रीम खाने को नहीं मिलेगी. चूस अपने भाई के लंड को और सारा माल पी जा इसका!
मैं उसके लंड को पकड़ के चूसने लगी, वो मेरे मुख की गरमी को ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर पाया और अपना ढेर सारा माल मेरे मुंह में ही झाड़ दिया और मैं भी उसके पूरे माल को मिल्कशेक समझ कर चाट चाट कर पी गयी लेकिन मैं अपने भाई का लंड चूसना नहीं छोड़ा.
थोड़ी देर में मेरे भाई का लंड फिर से खड़ा हो गया, अब मैंने बोला- भाई, तेरी बहन की चूत में बहुत खुजली हो रही है, डाल दे अपना मूसल लंड अपनी रांड बहन की चूत में और बन जा आज बहनचोद, मादरचोद।
मेरी बात सुन के भाई ने मेरी नंगी जांघों को फैला के मेरी चूत को चाट कर गीला कर दिया, और एक बार में अपना मोटा लंड मेरी चूत में डाल दिया, मैं तो जैसे तड़प उठी, ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने गरम सरिया चूत में डाल दिया हो!
मेरा भाई भी चिल्लाते हुए बोला- बिलकीस, मेरी रंडी बहन… क्या चूत है तेरी… ऐसा लग रहा है समंदर की गहराई में गोते लगा रहा हूँ।
5 मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे मुंह में डाल दिया तो मैंने लंड को कुछ देर चूसा, अपने थूक से गीला किया और फिर भाई ने लंड को अपनी बहन की चूत के अंदर डाल कर बहन की चुदाई करना शुरू कर दिया.
मेरे भाई के लंड में अलग ही नशा छा रहा था, ऐसा मजा फरीद की चुदाई में भी नहीं मिला था.
10 मिनट बाद मैं झड़ने लगी, तो मैंने अपने भाई के पीठ में नाखून गड़ा दिए और उसके सीने में अपने दांत से काट दिया.
वो दर्द के मारे चिल्ला उठा, मैंने पूरी झड़ने के बाद उसको छोड़ा तो भाई ने उठ कर मुझे घोड़ी बना कर पीछे से मेरी चूत में लंड घुसेड़ दिया, और मेरी गांड में हर 3-4 झटकों के बाद थप्पड़ मार देता, जिससे मेरी गांड पूरी लाल हो गयी थी.
मेरा बड़ा भाई लगातार मेरी चुदाई में लगा हुआ था, लगभग 10 मिनट होने को थे, वो लगातार मुझे चोद रहा था और मेरी गांड लाल करने में लगा हुआ था, उसके थप्पड़ मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहे थे तो मैंने नीचे हाथ डाल कर उसके आंड को दबा दिए. तो वो दर्द से बिलबिला कर पीछे हट गया.
अब मैंने झट से उसको बिस्तर में पटका, उसका लंड छत की ओर इशारा कर रहा था, मैं अपने भाई के ऊपर चढ़ा गई और लंड को चूत में लेकर उस पर कूदने लगी।
मेरा भाई नीचे से अपनी बहन की चूत में झटके दे रहा था, मैं ऊपर से धक्के मार रही थी, हम दोनों भाई बहन को चूत चुदाई का भरपूर आनन्द मिल रहा था.
हम लोग को चुदाई करते आधा घंटा होने जा रहा था, मैं कई बार झड़ गयी थी लेकिन भाई का लंड तो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।
फिर मैं भाई के लंड को अपनी चूत से बाहर निकाल कर चूसने लगी. 5 मिनट चूसने के बाद फिर से लेट गयी और भाई को ऊपर आ कर चोदने को बोली.
तो भाई मेरे ऊपर लेट कर मेरी चुदाई करने लगा, मैं भी नीचे से पूरा जोर दे कर उसके झटकों के मज़ा को दोगुना कर दे रही थी.
5 मिनट बाद भाई के लंड का लावा फूट पड़ा और उसने पूरा माल मेरे चूत में ही छोड़ दिया और मेरे ऊपर लेट गया. उसके गरम गरम वीर्य की गर्मी से मैं भी एक बार और झड़ गयी औऱ हम दोनों भाई बहन ऐसे ही नंगे चिपक कर सो गए।
सुबह 5 बजे मेरी नींद खुली तो देखा कि भाई और मैं नंगे सो रहे हैं, उसका लंड सिकुड़ कर 2.5 इंच का हो गया है।
मैं भाई के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी तो उसका लंड धीरे धीरे अपने आकर में आने लगा।
5 मिनट में भाई का लंड मेरी चूत में था, 15 मिनट तक अलग तरीके से मेरी चूत बजा कर अपना पूरा ताज़ा माल मेरे मुँह में डाल मुझे पिला दिया और कपड़े पहन कर अपने रूम में चला गया।
मैं भी अपने कपड़े पहन कर बाथरूम चली गयी और वहां बैठ कर शर्र शर्र मूतने लगी. उसके बाद मैं वापस आकर बिस्तर पर सो गई।
अब तो करीब करीब हर रोज़ रात को मेरा भाई मेरी चूत मारता है और दिन में मौका मिलता है तो कभी अब्बू से तो कभी फरीद से चुदवा लेती हूं।
मेरी चूत को तीन तीन लंड नसीब हो रहे हैं. एक हफ्ते में मेरी चूत दस बारह बार तो लंड खा ही लेती है. मेरी चूत के तो मजे ही मजे हैं.
तो दोस्तो कैसी लगी कहानी, लंड खड़े हुए या नहीं? लड़के और अंकल सब सोच रहे होने कि इस साली बिलकीस की चूत हमें भी चोदने को मिल जाये!
और लड़कियां, भाभियाँ आंटियाँ सोच रही होंगी कि बिलकीस की किस्मत कितनी अच्छी है, काश हमें भी ऐसे ही दिन रात लंड मिलते रहें!