मेरा नाम आनंद है।
मेरी उम्र बीस है और मैं जबलपुर मध्य प्रदेश से हूँ।
दिखने में मैं सामान्य हूँ।
यह मेरी पहली सच्ची कहानी है।
विश्वास है कि आप सभी को पसंद आएगी।
बात इसी साल जनवरी की है मेरी दो गर्ल फ्रेंड थीं एक का नाम कंचन था और दूसरी का नाम था राशि।
मैं कंचन को प्यार नहीं करता था क्यूंकि मैं राशि को चाहता था और वो भी मुझे को चाहती थी।
ये बात कंचन जानती थी पर उसके बाद भी वो मुझसे प्यार करती थी।
मेरे बार-बार कहने पर भी वो मुझे परेशान करती रही।
फिर एक दिन मुझे मेरे दोस्त ने कहा कि तुझे किस पर सबसे ज्यादा भरोसा है।
मैंने कहा – मुझे सब से ज़्यादा कंचन पर भरोसा है क्यूंकि वो मुझे पागलो की तरह चाहती है।
तो उसने कहा कि तेरा जवाब गलत है।
मैंने कहा – क्यों?
वो बोला कि तेरी कंचन किसी और से भी है।
मैंने कहा मुझे मज़ाक पसंद नहीं है।
वो बोला – तुझे नहीं पता।
मैंने पूछा – किससे?
जब उसने बताया तो मुझे भरोसा ही नही हुआ पर मैंने अपने आप से कहा कि ऐसा ही होता है।
पर मैंने सोच लिया कि इस बात का पता लगा कर ही रहूँगा।
मैंने पहले ती कंचन को फोन किया और साफ़-साफ़ पूछा तो उसने कहा कि तुमने मुझे ऐसा समझा है क्या?
मैंने कुछ नहीं कहा और बात को बदल दिया।
अब मैंने अपने दोस्त से पूछा कि उसके पास क्या सबूत है कि वो मेरे साथ धोखा कर रही है।
उसने कहा कि मुझे पर भरोसा है ना।
मैंने कहा – हाँ यार, पर इस बात पर नहीं हो रहा है।
उसने अपनी गर्ल फ्रेंड को काल किया और कहा कि तुम आनंद से बात करो जरूरी है।
जब मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि हाँ सच है तुमसे धोखा कर रही है।
उस दिन मेरा दिमाग खराब हो गया और मैंने उससे बदला लेने का मन बना लिया।
मैंने सोचा कि अब इसको तो मजा चखा कर ही रहूँगा।
फ़िर जब भी वो काल करती तो मैं उससे ये बात कहता कि अगर तुमने कोई ग़लती की हो तो बता दो या मुझे नहीं चाहती हो तो बता दो, मैं कुछ नहीं कहूँगा।
वो फ़िर भी यही कहती कि तुमने जब देखा नहीं तो कैसे कुछ कह सकते हो।
मैंने उसको बताया कि मुझे उसकी ही बहन ने बताया है।
परेशान होकर मैंने उससे कहा दिया कि ओके अब मैं कुछ नहीं कहूँगा।
वो बोली कि आज आ रहे हो क्या शाम को मिलने?
मैंने माना कर दिया और काल को काट दिया।
मैं यही सोच रहा था कि अब क्या करूँ?
मैंने भी सोचा कि क्यों ना इसको चोदा जाये।
मैने सोचा कि घर से बेहतर जगह और कहाँ है क्यूंकि घर के बाहर वाले कमरे मैं हम दो भाई ही सोते है और छोटा भाई तो वैसे भी कभी-कभी अंदर सो जाता है तब काम हो सकता है।
कुछ समय बाद मेरा छोटा भाई दो-तीन दिन के लिये बाहर गया था और उसी दिन उसका काल भी आ गया।
मैंने सोचा कि किस्मत भी मेरे साथ है।
मैंने उससे कहा कि मुझे उसे मिलना है।
उसने कहा कि घर पर आ जाओ पर मैंने मना कर दिया।
मैंने उससे पूछा कि मुझे को सही में चाहती है या नहीं?
वो बोली – तुमको तो शक़ ही रहता है, आजमा लेना कभी।
मैंने भी मौके पर चौका मारा और कहा कि आज रात चार बजे मिलना है।
उसने कहा कि सुबह छे बजे मिल सकते है पर मैंने माना कर दिया और कहा कि हो गया बस।
उसने जवाब दिया कि डर लगता है इतनी रात को।
मैंने कहा कि तुम काल करना बस, मैं खुद आ जाऊंगा तुमको लेने।
आख़िर उसने भी हाँ कर दिया।
रात को सोते-सोते मैंने ब्लु मूवी देखी, मुझे तो नींद ही नहीं आ रही थी।
मैं यही सोच रहा था कि कब काल आयेगा और जैसे तैसे 3:30 पर उसका काल आ ही गया।
मैंने उससे कहा कि बाहर आ जाओ, मैं घर के बाहर ही मिलता हूँ।
उसने बताया कि बहुत अंधेरा है मुझे डर लग रहा है।
मैंने कहा – आना है की नहीं साफ़ साफ़ बोल, वर्ना मैं जा रहा हूँ।
फिर धीरे से दरवाज़ा खुला और वो आई।
जैसे ही वो पीछे मुड़कर दरवाजा बन्द करने लगी मैंने उसको पीछे से ही अंधेरे में गले से लिपटा लिया।
वो अचानक से मेरी तरफ़ झुकी और लिपट गयी।
मैंने सोच लिया आज तो इसकी चूत मरके ही रहूंगा।
फिर मैं उसको अपने रूम मैं ले आया और रूम को बन्द कर लिया।
उसने मेरी तरफ़ देखा, मैं मुसकुरा दिया।
मैंने उसे कुर्सी पर बैठाया और खुद घुटनों के बल बैठ गया।
मन में तो बहूत ही गुस्सा भरा था कि मैंने अभी तक छुआ भी नहीं और इसने मेरे सीधेपन का फायदा उठाया।
आज इसको नहीं जाने दूँगा।
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो हँसने लगी।