Kirayedar Ki Beti Ki Mast Chudai

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेहान है दोस्तों में देसी कहानी डॉट नेट पर पिछले कुछ सालों से कहानियों के साथ बहुत मज़े करता आ रहा हूँ और मैंने कहानियाँ बहुत पढ़ी, लेकिन अब में सोच रहा हूँ कि अपनी भी एक कहानी आप लोगों को सुना दूँ।

दोस्तों यह घटना शुरू होती है जब मेरे घर में पहले और नये किरायेदार रहने आए। उनका परिवार बहुत छोटा था और वो परिवार में चार लोग थे पति, पत्नी, एक लड़का और एक लड़की पूजा।

दोस्तों जब में शाम को अपने ऑफिस से घर पर आया तो मुझे मेरी माँ ने बताया कि कल सुबह हमारे घर पर एक नये किरायेदार आने वाले है। में अपनी माँ की कही बात को सुनकर मन ही मन सोचने लगा कि अगर कोई पटाका लड़की या भाभी हुई तो मेरी चाँदी हो जाएगी और फिर हुआ भी ठीक ऐसे ही। मैंने माँ से पूछा कि उनके परिवार में कौन कौन है? तो माँ ने मुझे बताया और अब में उनकी वो पूरी बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ।

फिर अगले दिन सुबह में अपने ऑफिस चला गया और जब में शाम को घर पर आया तो मैंने देखा कि हमारे नये किरायेदार तब तक आ चुके थे, लेकिन मुझे तो अब पूजा को देखना था, लेकिन किस्मत से मुझे सबसे पहले पूजा की माँ मिली जो एक सेक्स मस्त माल थी और उनको देखते ही मेरा मुर्गा अंदर ही अंदर घूमने लगा।

उनकी कमर 34 की बूब्स तो देखने से लग रहे थे कि ब्रा में आ ही नहीं सकते इतनी बड़े आकार के थे। उसे देखकर मेरा मन तो बस यही कर रहा था कि ब्लाउज को फाड़कर बूब्स को अपने मुहं में भरकर चूस लूँ, लेकिन हमारे बीच बस दुआ सलाम हुआ और में अपने कमरे में चला गया।

दोस्तों शाम के करीब 6.30 बजे में अपनी छत पर बैठा हुआ ठंडे मौसम का आनंद ले रहा था, तभी मुझे लगा कि मेरे पीछे कोई है और जब मैंने पलटकर देखा तो एक नाज़ुक सी लड़क जो बहुत सुंदर और मासूम सी है वो खड़ी हुई थी। मैंने उससे हैल्लो किया और अपना हाथ आगे की तरफ बढ़ाया और मैंने कहा कि मेरा नाम समीर है और उसने बोला कि में पूजा।

कसम से दोस्तों दिल ने इतनी ज़ोर से धक्का दिया कि मुझे लगा कि हार्ट अटेक आ गया। उसका फिगर दिखने में कोई ऐसा ख़ास नहीं कमर 28 की बूब्स शायद 30 के, लेकिन वो सुंदर कमाल की थी।

फिर मैंने पूजा को कुर्सी दे दी और उससे बैठने को कहा तो वो बैठ गई और अब हमारी बातें शुरू हो गई धीरे धीरे मुझे उसके बारे में सब पता चला उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है मुझे यह बात जानकर बहुत ख़ुशी हुई और अब मैंने भी धीरे धीरे उससे अपनी दोस्ती को आगे बढ़ानी शुरू कर दी में उसको कभी चोकलेट तो कभी टेडी दे देता।

दोस्तों वो भी अब अच्छी तरह से समझ गई थी कि लड़का लाईन दे रहा है, लेकिन दोस्तों आप भी जानते हो कि किसी भी लड़की को फंसाना इतना आसान काम नहीं है जितना सुनने से लगता है।

अब धीरे धीरे यह भी हो गया अब हम हमेशा शाम को मिलते और घूमते थे। एक दिन मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके उसको अपने मन की बात को बता दिया और उसने भी मेरी बात को मान लिया। उसी शाम हम बातें करते करते कब एक दूसरे के इतना करीब आ गए।

हमें पता ही नहीं चला और हमने एक दूसरे को किस किया। उसकी सांसो की गरमी से लगा कि आज मेरा पप्पू तो उल्टी कर ही देगा, लेकिन कंट्रोल रखते हुए हमने सिर्फ़ उस रात किस किया और यह हमारा किस का सिलसिला लगातार चलता रहा।

एक शाम हम दोनों बैठे ही थे कि बारिश शुरू हो गई और पूजा भागकर नीचे जाने लगी। तभी मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया और उसको अपने सीने से लगाकर एक प्यार से उसके होंठो पर किस किया।

किस करते ही वो बेजान हो गई और उसने अपने आपको मुझसे चिपका दिया में भी अब धीरे धीरे हाथ अपना नीचे ले जाकर उसके बूब्स को ऊपर से ही दबाने लगा। उसकी तो आह्ह्ह्ह निकल गई और वो पूरी तरह बैचेन हो गई, लेकिन में अब आज उससे छोड़ने वाला नहीं था।

अब मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए अपना एक हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी गांड को दबाने लगा। वो अह्ह्ह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी। तभी मैंने उसको उठाकर अपनी गोद में ले लिया और अब उसने अपने दोनों पैरों से मेरी कमर को पकड़ लिया और में खड़े खड़े उसको किस कर रहा था।

तभी पूजा की माँ उसे बुलाने लगी। कसम से यार लंड पर तो लगा किसी ने तेज़ाब गिरा दिया, लेकिन कोई कुछ कर नहीं सकता था और कई महीनो बाद हमें मौका मिल ही गया, उस दिन ना मेरे घर पर कोई था और ना ही मेरे किराएदार के घर पर। सिर्फ़ पूजा और उसका भाई था.

हमने शाम को बैठकर बातें की और मैंने उससे कहा कि आज रात को में और पूजा साथ रहेंगे, लेकिन पूजा ने कहा कि हम सेक्स नहीं करेंगे, तो मैंने भी कहा कि ठीक है, लेकिन तुम मेरे साथ में तो रहोगी। फिर वो मान गई उफ.. लड़कियों के नखरे, क्या करें? चूत पाने के लिए तो करना ही पढ़ता है।

फिर रात को करीब 12.30 बजे पूजा मेरे रूम में आई और उसके आते ही मैंने उसको तुरंत पकड़कर अंदर खींच लिया आई और उसके आते ही मैंने उसको तुरंत पकड़कर अंदर खींच लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया और अब हम दोनों बेड पर गिर पड़े। मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और वो करवाती रही। दोस्तों ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पड़ रहे है।

फिर कुछ देर बाद मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और उसे यह भी महसूस हो गया और वो अपनी चूत को धीरे धीरे रगड़ने लगी, लेकिन फिर से वही लड़कियों के नखरे, समीर प्लीज ऐसे नहीं, ग़लत तो नहीं होगा ना? यह सब बिल्कुल ग़लत है। फिर मैंने कहा कि में ऐसा कुछ नहीं करूँगा सिर्फ़ तुम्हारा दूध पिऊँगा और वो मान गई। दोस्तों उस समय पूजा सिर्फ़ मेक्सी में थी और में सिर्फ़ लोवर में था।

में अब नीचे और पूजा मेरे ऊपर और मेरा लंड जो 8 इंच का है पूरा खड़ा हो गया था, लेकिन मैंने कुछ किया नहीं, क्योंकि में जानता था कि में बस एक बार पूजा का दूध पीने लगा तो बाकी काम तो खुद ही हो जाएगा और में धीरे धीरे पूजा की मेक्सी को उतारने लगा। अब पूजा सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और वो लाल कलर की ब्रा और पेंटी में ग़ज़ब लग रही थी।

अब में उसके ऊपर आ गया और मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके होंठो पर किस किया। उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर रख दिए जिससे में उसकी कमर पर आ गया और मेरा लंड ठीक उसकी चूत के ऊपर था, लेकिन फिर भी मैंने कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं की क्योंकि में जानता था कि सब कुछ खुद ही हो जाएगा।

फिर में पूजा को किस करते हुए धीरे धीरे उसकी छाती पर आ गया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही दूध पीने लगा, लेकिन कुछ ही देर के बाद उसने अपनी ब्रा को खोल दिया और अपनी ब्रा को हटाकर मेरा चेहरा पकड़ा और तुरंत अपनी छाती पर रख दिया और अब मैंने बड़े ही प्यार से दबा दबाकर उसका दूध पीना शुरू किया। दोस्तों वो मेरा सबसे कमाल का अनुभव था क्योंकि में पूजा के एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा।

फिर मैंने हाथ लगाकर महसूस किया कि अब तक पूजा की पेंटी पूरी गीली हो गई थी और उसकी चूत का पानी मेरे लोवर को भी गीला कर रहा था और उस समय मैंने अंडरवियर नहीं पहनी हुई थी तो मेरे लंड पर भी उसकी चूत का पानी लग गया था।

अब मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रखते हुए उसकी नाभि पर रखा तो पूजा ने धीरे से मेरे कान में कहा कि प्लीज एक बार मेरी नाभि पर किस करो और बस में समझ गया कि आज अपना लंड जरुर अंदर घुसेगा। फिर मैंने उसके निप्पल पर एक हल्का सा काटते, चूसते हुए उसकी नाभि पर आ गया और उसकी नाभि पर किस करने लगा।

वो बिल्कुल मदहोश हो गई और मैंने सही मौका देखते हुए अपना मुहं उसकी गीली पेंटी पर रख दिया और उसकी चूत पर एक हल्का सा किस किया। वो पूरे जोश में आकर गरम हो गई। और में भी उसकी तरफ से हाँ समझते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस करने लगा।

दोस्तों पूजा की चूत से पानी ऐसे निकल रहा था जैसे नल से पानी आता है और अब मैंने पूजा की पेंटी को उतार दिया और उसकी गांड के पीछे हाथ लगाकर उसकी चूत को चाटने लगा वो तो जैसे पूरी तरह से पागल ही हो गई, लेकिन मैंने उसकी चूत को चाटना लगातार जारी रखा और धीरे से मैंने उसकी चूत पर अपनी एक उंगली घुमाई और कुछ देर बाद उसे अंदर बाहर करने लगा।

जिसकी वजह से वो तो जैसे पागल सी हो गई और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब अंदर डाल दो मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा, लेकिन मैंने सोचा कि अभी थोड़ा और तड़पा लूँ।

फिर धीरे से मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। फिर कुछ देर बाद पूजा इतनी गरम हो गई कि वो झड़ गई और में उसकी चूत से निकले पानी से नहा गया, लेकिन अब तो मुझे उस किले पर चड़ाई करनी थी और मैंने धीरे से अपना लोवर उतार दिया और में पूजा के ऊपर आ गया।

वापस उसके बूब्स को पीने, दबाने लगा और अब पूजा भी मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार थी। उसने अपने दोनों पैरों को पूरी तरह फैला दिया था और मैंने उसके बूब्स को पीते हुए धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया और अंदर की तरफ दबाने लगा।

जैसे ही उसे दर्द हुआ तो में उसके होंठो पर किस करने लगा और मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर दबाना जारी रखा। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो उसने दर्द में अपने दांत ऐसे दबाए कि मेरे होंठ का सत्यानाश हो गया।

अब में अपना लंड अंदर डालता रहा और लगातार धक्के देता रहा। उसकी चूत अब फट गई, लेकिन चूत बहुत गीली थी जिसकी वजह से आराम से मेरा लंड उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। फिर में धीरे धीरे उसकी चूत में धक्का लगाने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा और अब मेरी चुदाई करने की स्पीड अचानक से बढ़ गई।

तभी पूजा ने मुझसे कहा कि समीर तुम नीचे हो जाओ और मैंने भी ठीक वैसा ही किया क्योंकि सेक्स में हम दोनों को मज़ा आना चाहिए। अब पूजा मेरे ऊपर बैठ गई और उसने मेरे लंड को पकड़ा और अपनी चूत के मुहं पर टिकाया और फिर बैठ गई।

मेरा लंड उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया और फिर जबरदस्त चुदाई हुई पूरे कमरे में फच फच आहहह्ह्ह्ह आईईईइ उह्ह्ह्ह की आवाज़े आने लगी और इतनी देर में पूजा दो बार झड़ गई थी और अब बारी मेरी थी, लेकिन अब भी पूजा मेरे ऊपर थी और अगर अब लंड को उसकी चूत से बाहर नहीं निकाला तो मामला उलझ सकता था, क्योंकि में अपना वीर्य उसकी चूत से बाहर ही निकालना चाहता था।

कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार निचे कोममेंट सेक्शन में जरुर लिखे.. ताकि देसी कहानी पर कहानियों का ये दोर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

मैंने तुरंत पूज़ा को बेड पर पटका और उसके ऊपर आकर दस झटके दिए और अब मेरी बारी थी मैंने अपना लंड उसकी चूत से तुरंत बाहर निकालकर में अब पूजा के बूब्स पर रगड़ने लगा और मैंने अपना सारा माल पूजा के निप्पल के ऊपर निकाल दिया और वापस लंड को उसकी चूत में डालकर हम दोनों लेट गये। हमें पता ही नहीं कि कब नींद आ गई और हम सो गये ।।

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