हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ऋषि है, उम्र 25 साल, गौरा रंग और में एक मल्टीनेशनल कंपनी पुणे में सॉफ्टवेर इंजिनियरिंग हूँ. ये मेरी इस साईट पर पहली कहानी और ये कहानी मेरी और मेरी सेक्सी भाभी की है, जो देखने में बहुत माल है और बेशर्म भी है, वो बेशर्म तो मेरी वजह से हुई है. वो तो अब मेरे लंड के लिए पागल हो गई थी, क्योंकि उसका पति वो सब नहीं करता, जो में उसके साथ उसके पति के बिस्तर पर करता था. उसका फिगर कातिलाना है और उसका साईज 36-28-38 है, आज उसके 2 बच्चे है, लेकिन फिगर अभी भी वैसा ही है. मेरे भाई की शादी उससे 2006 में हुई थी.
अब में स्टोरी पर आता हूँ और ये बात उस वक़्त की है जब में IInd ईयर में था. वो मेरे भाई के साथ दूसरे घर में रहती थी और में उससे ज्यादा बात नहीं करता था, क्योंकि उस वक़्त में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ काफ़ी व्यस्त रहता था और मैंने भाभी की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन भाभी हमेशा मुझे फोन करती और कुछ न कुछ काम बोलती जिससे कि मुझे उसके घर जाना पड़े और जब भी में घर जाता तो घर पर कोई नहीं रहता था, ये बात मैंने कभी नोटिस नहीं की थी.
फिर 1 दिन में अपने दोस्त के साथ मूवी देखने गया था, उस वक़्त उसका फोन आया और उसने कहा कि घर पर आओ देवर जी. फिर मैंने कहा कि में अभी बाहर हूँ भाभी, क्या काम है? तो उसने कहा कि जैसे ही फ्री हो जाओ तो आ जाना, में इंतजार कर रही हूँ, तो मैंने ठीक है बोलकर फोन कट कर दिया.
फिर जैसे ही मूवी ख़त्म हुई तो में उनके घर पहुंचा, वो किचन में थी तो मैंने पूछा क्या हुआ? तो वो बोली जब बुलाया तब क्यों नहीं आया? तो मैंने बोला मूवी देख रहा था. फिर वो बोली कि अभी तेरे भैया घर पर है बाद में आना, तब बताउंगी. फिर में निकल गया, लेकिन मेरे कुछ समझ में नहीं आया था.
फिर 2 दिन के बाद उसका फिर से फोन आया जब में शाम 6 बजे कॉलेज से वापस आ रहा था तो उसने कहा कि घर पर आओ. फिर में भाभी के घर गया और जैसे ही अंदर गया तो उसने नाइटी पहन रखी थी, जिसमें उसकी लाल ब्रा साफ़ दिख रही थी.
फिर मैंने पूछा क्या हुआ भाभी मुझे क्यों बुलाया? तो उसने उठकर घर का मैन दरवाजा बंद किया और एक ही झटके में अपनी नाइटी ऊतार दी और अब वो लाल ब्रा में बिना पेंटी के खड़ी थी, क्या बताऊं यार? अब में तो पागल हो गया और सीधा खड़ा उसे घूरता रहा. अब वो मेरे पास आई और मेरा एक हाथ उठाकर अपने बूब्स पर रखा और धीरे से कान में बोला कि में तुझे कैसी लगती हूँ?
फिर मैंने बिना कुछ बोले उसे उठाया और उसके रूम में जाकर बिस्तर पर पटका. अब वो मुझे भूखी कुत्ती की तरह बुला रही थी, अब मुझसे भी रहा नहीं गया, फिर मैंने उसके बूब्स, गर्दन को सक करना स्टार्ट किया. अब वो पूरी पागल हो चुकी थी और जब उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया तो वो रुक गई और बोली ऋषि तेरा लंड आह कितना मोटा है और कहते ही मुँह में लेना चालू कर दिया.
अब वो कुतिया की तरह मेरा लंड चूस रही थी, फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया. अब तो वो पागल हो गई और मुझे गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थी, चोद भोसड़ी के चोद, तेरा भाई तो हिजड़ा है, तेरे में कितना दम है दिखा मादरचोद, में तेरे लंड के लिए पागल हो गई हूँ. अब उसके ये कहते ही मेरा दिमाग ख़राब हो गया और मैंने अपने लंड को उसकी चूत में एक ही झटके में डाल दिया.
अब वो चिल्ला उठी और बोली कि धीरे कर तो में नहीं माना और ज़ोर-ज़ोर से करता रहा. अब उसकी आँखों में आंसू आ गये थे, लेकिन चेहरे पर हंसी भी थी, अब उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था और ये मुझे साफ दिखाई दे रहा था, वो 5 मिनट में ही 2 बार झड़ गई थी.
फिर मेरा भी होने वाला था, तो उसने कहा कि तेरा पानी मेरे मुँह में डाल, में तेरा पानी पीना चाहती हूँ. फिर मैंने भी वैसा ही किया और वो पागलों की तरह पी गई, फिर उसने मुझे थैंक्स कहा और बोली कि में आज से तेरी रांड हूँ, तू मुझे रोज चोदाकर, तेरा लंड किसी भी औरत को खुश कर सकता है. फिर में वहाँ से निकल गया, फिर उसे जब भी मौका मिलता है तो वो मुझे फोन करके बुला लेती है और हम सेक्स करते है. कई बार तो उसके पति के घर पर होने के बाद भी उसने मुझसे चुदवाया है.
फिर एक बार दीवाली का टाईम था और दीवाली के टाईम सब घर पर थे तो सभी पटाखे जलाने में व्यस्त थे. तो उसने पेट दर्द का नाटक किया और अपने रूम में चली गई, फिर करीब 2 मिनट के बाद उसने मुझे कॉल किया और अपने रूम में बुलाया तो में उसके रूम गया और उसने स्पीड से दरवाजा बंद किया और मुझे बिस्तर पर गिराकर मेरे पूरे कपड़े उतार कर मुझे पूरा नंगा किया और मेरे लंड को चूसने लग गई.
अब में देखता ही रह गया और अब वो काफ़ी बेशर्म हो चुकी थी. फिर मैंने उससे कहा कि अभी बहुत रिस्क है, लेकिन वो नहीं मानी और मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई और बोली कि मुझे एक बार तेरा लंड दे दे फिर ये नहीं उठेगा.
फिर मैंने भी उसका साथ दिया और किस करना चालू किया. फिर हमने 69 पोज़िशन ली जो मुझे काफ़ी पसंद है. फिर उसने कहा कि जल्दी से चूत में लंड डालो, तो मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो तिलमिला उठी और गाली देने लगी. अब उसके मुँह से आवाज़े आने लगी थी और अब वो काफ़ी ज़ोर से चिल्ला रही थी.
अब मुझे डर था कि कोई आ ना जाए, इसलिए फिर हमने जल्दी से एक राउंड ख़त्म किया, लेकिन अभी तक भी उसकी प्यास नहीं बुझी थी, वो 4 बार झड़ चुकी थी, लेकिन वो रूम के बाहर निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी. फिर मेरे पास उसे शांत करने का एक ही उपाय था, फिर मैंने उसकी चूत को चाटना चालू किया तो वो पागल हो गई.
अब वो मेरे अंडो पर ज़ोर लगा रही थी और फिर मैंने उसे 2 मिनट ही चूसा और वो झड़ गई. फिर वो शांत हुई और मुझे बाहर चलने को कहा. अब उस पर मेरे लंड का इतना नशा चढ़ गया था कि उसने सबके घर में रहने के बाद भी मुझसे चुदवाया और अपनी प्यास बुझाई.