मेरी पड़ोसन की लड़की की सील तोड़ डाली

हैलो मेरा नाम सुहेल अहमद है और मैं सीतामढ़ी (UP) से हूँ। हमारे पड़ोस में एक आँटी रहती हैं जिनकी एक लड़की है जो कि बहुत ही ख़ूबसूरत होने के साथ-साथ बहुत ही सेक्सी भी है। उसकी फिगर ३६-२४-३४ है। जिसका नाम जैनब था। उसकी नशीली आँखें हमेशा मुझसे कुछ कहतीं थीं। लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि आख़िर वो क्या चाहतीं हैं। वाऊ, क्या फिगर है उसकी, जो देखे मुट्ठ मारे बिना नहीं रह सकता। उसकी चूचियाँ ऐसी हैं जैसे किसी दूध की नदी में उसने छलाँग लगाई हो। उसकी गाँड ऐसी है जैसे किसी झील में घुसे जा रहे हैं। बात उन दिनों २००१ की है जब मैं हाई स्कूल के पेपर की तैयारी कर रहा था। हमारा इंग्लिश का पेपर था और मैं घर पर ख़ूब पढ़ रहा था। रात के ११ बजे बेल बजी तो मैं चौंक गया कि कहीं मेरा दोस्त तो नहीं आ गया, पेपर आउट करने के लिए। जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने आँटी और उनकी बेटी शब़नम खड़ी थीं। उन्होंने मुझसे कहा कि इसे भी पेपर के बारे में थोड़ा-बहुत समझा दो। उसके बाद आँटी चलीं गईं, तो मम्मी ने पूछा कि कौन है, तो मैंने तुरन्त उत्तर दिया कि जैनब आई है पढ़ने के लिए। तो वो अपने कमरे में वापस चली गईं। मेरे मन में कोई भी ग़लत विचार नहीं थे। आधे घण्टे के बाद शबनम कहने लगी कि उसे नींद आ रही है, और वह थोड़ी देर सोना चाहती है। दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | मैंने कहा, ठीक है थोड़ी देर सो लो। उसने मिनी-स्कर्ट और टी-शर्ट पहन रखी थी, वह सो गई। उसके सोने के बाद मैंने देखा कि उसकी स्कर्ट ऊपर उठ गई थी, और उसकी चिकनी-चिकनी जाँघें और गाँड दिख रहीं थीं। मेरा ७ इंच का लण्ड एकदम खड़ा हो गया और मेरे मन में गन्दे विचार आने लगे। मैंने धीरे-धीरे उसकी टाँगों को सहलाना शुरु कर दिया, फिर हाथ हाथ ऊपर की ओर ले जाकर उसकी पैन्ट में उँगली करने लगा। तभी वह जाग गई और पूछने लगी कि क्या कर रहे हो।

मैंने पलट कर पूछा “तुम्हें मज़ा नहीं आ रहा था?” “मज़ा तो आ रहा था, लेकिन अगर कुछ हो गया तो?” “कुछ नहीं होगा।” फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, उसके बाद वह गरम होने लगी। धीरे-दीरे मैंने अपना हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया और टी-शर्ट उतार दी। उसकी चूचियाँ ऐसे बाहर आईं जैसे दो पहाड़ो को आज़ादी मिल गई हो। क्या दूध थे उसके, गज़ब के, एकदम टाईट और तरो-ताज़ा माल। फिर हम दोनों किस करते हुए बिस्तर पर आ गए। मैंने उसकी स्कर्ट उतार दी। अब वह केवल पैन्टी में थी। मैंने अपनी पैन्ट उतारी और जैसे ही अपना लंड निकाला तो वह एकदम डर गई। इतना बड़ा लंड…. उसने मेरे लण्ड को सहलाना शुरु कर दिया। जैसे-जैसे वह सहलाती जा रही थी, मेरा लंड भी वैसे-वैसे ही बड़ा और कड़क भी होता जा रहा था। फिर हम दोनों 69 की स्थिति में आ गए। वह मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उसकी गाँड में ज़ुबान डालकर खूब मज़े ले रहा था। १५ मिनट बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैंने उसे ऊपर उठाया और उसकी दोनों टाँगें फैला कर मैंने अपना लंड उसकी बुर में डालने की कोशिश की, लंड अन्दर जा ही नहीं पा रहा था। दोस्तों आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है |

मैंने फिर से ज़ोर लगाकर किसी तरह अपना लंड उसकी बुर में घुसेड़ा तो वह दर्द के मारे चीख उठी और कराहने लगी। मैंने उसे समझाया कि शुरु में दर्द होता है लेकिन बाद में मज़ा आएगा। मैंने दुबारा झटकों के साथ जैसे ही ताक़त लगाई तो मेरा लंड पूरा-का-पूरा अन्दर चला गया। मैंने उसे जी भरकर चोदा। लगभग आधे घण्टे के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी बुर में छोड़ दिया और इस दौरान वह दो बार झड़ चुकी थी। उसकी बुर से खून बह रहा था। वह डर गई, तो मैंने समझाया कि यह पहली बार होता है। उसके बाद मैंने उसे कुतिया बनाया और उसकी गाँड में लंड डालने लगा तो मना करने लगी।

पर मैं भी कहाँ मानने वाला था।

मैंने क्रीम ली और उसकी गाँड और अपने लंड पर लगाई और पेल दिया लंड को… पर ये क्या लंड तो जा ही नहीं रहा था, बहुत टाईट गाँड की छेद थी साली की। मैंने ज़ोर लगा कर जैसे ही दुबारा झटका मारा तो मेरा आधा लंड उससकी गाँड में घुस गया। वह चिल्लाने लगी। मैंने कहा “मम्मी आ जाएगी,” और उसका मुँह अपने हाथ से बन्द कर दिया। और फिर एक ज़ोर का झटका लगाते ही मेरा लंड पक्क से पूरा का पूरा उसकी गाँड की छेद में पेवस्त हो गया। कम से कम आधे घण्टे तक हमने गाँड-चुदाई का आनन्द लिया फिर निढाल होकर बिस्तर पर ढेर हो गए। फिर वह अपने घर चली गई। उस दिन के बाद जब भी मुझे मौक़ा मिलता, मैं उसकी जमकर चुदाई करता।

दोस्तों आपलोगों के कमेंट मिलने के बाद अगली कहानी भेजुगा |

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