मेरा नाम विक्रम है और मुझे लडकियो को चोदना पसंद है और लंडो से अपनी गांड मरवानी भी पसंद है | ये बात मेरे स्कूल के समय की है, तो तब १८ साल का हूँगा |
मेरी दोस्ती कुछ अपने से बड़ी क्लास के बच्चो से हो गयी और मैने उनके साथ काफी वक़्त बिताना शुरू कर दिया |
पहले उनके साथ मै सिर्फ स्कूल के बाद खेलता था, लेकिन धीरे-धीरे उनसे दोस्ती इतनी बड़ गयी; कि मैने उनके साथ इधर-उधर जाना शुरू कर दिया और थोडा नशा करना भी शुरू कर दिया |
इन सबके लिए मैने स्कूल से गोली मारनी शुरू कर दी |
उस समय मुझे मालूम नहीं था; कि मै क्या कर रहा हु और ये समय मेरा भविष्य किधर जायेगा? मुझे उनके साथ बस मज़ा आता था, तो मै उनके साथ टाइम बिताता था |
मेरी उचाई ज्यादा नहीं थी बस ठीक थी और मेरे शरीर पर एक भी बाल नहीं था और मेरा शरीर काफी चिकना था |
उनमे से एक लड़का काफी बड़ा था और उसकी नज़र मेरे शरीर पर थी | वो खेलखेल मे, मेरे गाल पर किस कर लिया करता था और कभी-कभी मेरे कपड़ो के अन्दर हाथ डाल दिया करता था |
उसने काफी बार मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश भी की थी और कुछ बार उसने पकड़ भी लिया था और जब भी मेरा लंड उसके हाथ मे आता, तो वो कुछ झटके मारके खीच देता था |
मै इन सब बातो से अनजान था, तो ध्यान नहीं देता था; लेकिन जब वो मेरा लंड पकड़ता था तो मुझे बड़ा मज़ा आता था |एक दिन वो लड़का मेरे स्कूल आया और बोला, चल पिक्चर चलते है |
मुझे सिनेमा देखने का बहुँत शौक था, तो मै झट से तैयार हो गया और मैने स्कूल की दिवार फांदी और उसके साथ पिक्चर देखने चला गया |
वो एक ब्लू फिल्म थी और अन्दर ज्यादा लोग नहीं थे | हम भी एक कोने मे जाकर बैठ गयी | वहा काफी अँधेरा था और कोई हमें नहीं नहीं देख सकता था |
पिक्चर शुरू हुई, शुरू मे तो सब ठीक था; लेकिन, जैसे-जैसे सेक्स सीन बढने शुरू हुए, मेरे लंड ने खड़ा होना शुरू कर दिया और मेरे साँसे तेज़ चलने लगी | दोस्त ने मेरे कंधे पे हाथ रखा, तो मैने उसका हाथ पकड़ लिया |
उसे तो इसी मौके का इंतज़ार था और उसने मेरे टांगो पे हाथ फेरना शुरू कर दिया | मेरा लंड पूरी तरह से तन चुका था और बाहर आने को मचल रहा था | उसने मेरे पेंट की जिप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाल लिया |
उसने धीरे-धीरे मेरे हस्त मथुन करना शुरू कर दिया और मैने लंड मे हरकत होने लगी और मैने साँसे तेजी से चलने लगी | मैने अभी भी उसका एक हाथ पकड़ा हुआ था | फिर, उसने थोडा आगे बड़ कर मेरा लंड अपने मुह मे डाल लिया और अपने मुह को ऊपर नीचे करने लगा |
मेरे साथ ये पहली बार हो रहा था, तो मुझे मज़ा आने लगा और कामोतेजना मेरे सर पर हावी होने लगी | उसके हर चूसन के साथ, मै अपनी गांड हिला रहा था |
उसने लंड को चूसते- चूसते अपना लंड मेरे हाथ मे पकड़ा दिया और मेरे टटटो से खेलना लगा | उसका लंड बहुत ही गरम था और मै उसको पकड़ के मस्ती मे आ गया था |
अब उसने मेरे पूरी पेंट को नीचे सरकाना शुरू किया और मेरे नीचे का भाग पूरा नंगा था | उसने भी अपने कपडे उतार डाले | फिर उसने अपने पुरे साथ नीचे डालकर मेरी गांड मे ऊँगली करनी शुरू कर दी |
फिर उसने अपनी ऊँगली मेरी गांड से निकली और अपने मुह मे डाल कर गीली कर ली और फिर मेरी गांड मे ऊँगली डाल दी |
अभी तक वो सिर्फ वो मेरे गांड के छेद को बाहर से छु रहा था; पर अब उसने उंगुली दबा के अन्दर डालना शुरू कर दिया |मेरा गांड का छेद छोटा था, तो उसमे दर्द होने लगा | उसने मुझे सीट पर उल्टा किया और अब मेरी गांड उसके सामने थी |
उसने अपनी जेब से तेल की शीशी निकली और मेरी गांड को चिकना कर दिया और अपने लंड को भी तेल से भिगो दिया |
फिर उसने मेरी गांड को पकड़ा और अपना लंड मेरी गांड के दरवाजे पर रख दिया और धक्का मारा |
उसने एक हाथ मेरे मुह रख लिया, ताकि आवाज़ ना निकले | मुझे दर्द हो रहा था, पर मै चिल्ला नहीं पा रहा था |
कुछ देर के धक्को के बाद मुझे दर्द कम हुआ और उसका लंड मुझे अच्छा लगने लगा | वो मेरे लंड से मुठ भी मार रहा था |
कुछ देर मे, मै झड गया और उसने भी अपना गरम पानी मेरी गांड मै छोड़ दिया |
मुझे गांड के अन्दर गरम-गरम अच्छा लगा रहा था |फिर, उसने मुझे सीट पर बैठ्या, लेकिन गांड मै दर्द की वजह से; मै बैठ नहीं पा रहा था |
तो उसने मुझे नीचे बिठा दिया और मेरे मुह मे अपना लंड घुसा दिया और मेरा मुह चोदने लगा |
उसका लंड पानी निकलने के बाद भी खड़ा| उसने मेरा मुह कसके बाद कर दिया और मेरा मुह चोदने लगा |
उसने फिर से अपना पानी मेरे मुह मे छोड़ दिया | मैने सब कुछ वहा थूक दिया |
फिर हमने कपडे पहने और हाल से निकाल गये | वो मुझे अपने घर ले गया और अपने कमरे मे ले जाकर मेरी गांड की सिकाई की |फिर, जब भी मन करता, हम दोनों किसी के भी घर चले जाते और मै अपनी गांड मस्ती मे ठुकवाता |