हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कमल है, मेरी उम्र 22 साल है और बिहार के एक गावं का रहने वाला हूँ और ये मेरी पहली और सच्ची कहानी है. में 19 साल की उम्र से चूत का खेल खेलने की लालसा रखने लगा था. मेरी पड़ोस की मामी जो मामा की दूसरी बीवी थी, मामा की उम्र ढल रही थी और मामी जवान और सेक्सी दिखती थी. मामा के पहली घरवाली से 3 बच्चे थे, जो अपने चाचा के साथ बाहर शहर में रहते थे. मामी को चोदने की लालसा मेरे मन में काफ़ी दिनों से थी और एक रात मुझे ये मौका मिल ही गया.
एक रात की बात है गर्मी बहुत थी तो में अपने आँगन में सोने की कोशिश कर रहा था, लेकिन गर्मी और मच्छर की वजह से में काफ़ी परेशान था. यह सब मेरी माँ देख रही थी, फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तू यहाँ नहीं सो सकेगा इसलिए जा और मामी कि छत पर सो जा. मामी का घर पास में ही था तो मैंने भी यही ठीक समझा और मामी के यहाँ सोने चला गया.
मैंने रात में मामी के दरवाज़े पर आवाज़ दी, तो उसने मेरा नाम पूछा और दरवाजा खोल दिया और मेरे हाथ में तकिया और चादर देखकर बोली कि ओहो छत पर सोने आए हो, जाओ जाकर सो जाओ, आज गर्मी बहुत है. में भी यही सोच रही हूँ कि छत पर ही सो जाऊं. फिर में छत पर चला गया. वहां धीरे-धीरे ठंडी हवा चल रही थी, मुझे जल्दी ही नींद आ गई. रात के 1 बजे अचानक मेरी आँख खुली शायद मुझे ज़ोर की पेशाब लगी थी. में पेशाब करने के लिए जगह देखने लगा तो चाँदनी रात में मामी छत के दूसरे किनारे पर सोती हुई दिखाई दी. फिर में छत के एक कोने में पेशाब करने लगा जहाँ नीचे पानी निकलने के लिए पाईप लगा था.
फिर में अपनी जगह पर आकर बैठ गया और एक नज़र मामी की तरफ देखा तो चाँदनी रात में मामी गहरी नींद में थी और दोनों पैरो को मोड़ रखा था और हवा की सरसराहट से मामी की साड़ी घुटने पर आ गई थी. अचानक मेरे अंदर का शैतान जागने लगा और दिल में कुछ ज़्यादा देखने की लालसा जाग उठी, में धीरे से उठकर मामी के पास चला गया और उसके मोड़े हुए पैरों के पास बैठकर घुटने तक अटकी हुई साड़ी को घूरने लगा. फिर अचानक ही मेरे हाथ उठे और मामी की साड़ी का किनारा पकड़ कर मैंने कमर तक उलट दिया और मेरी आँखों के सामने मामी की चूत के काले-काले भरे हुए झांट थे.
मैंने झांट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और झांटो के बीच हाथ फेरते हुए चूत का दर्शन कर ही लिया. फिर क्या था? मेरा लंड बहादुर तनकर खड़ा हो गया, मैंने अपनी एक उंगली से चूत की झिल्ली हटाई और सहलाने लगा. अचानक मामी ने लंबी सांस खींची तो में थोड़ा सा घबरा गया और एक निगाह मामी के चेहरे पर डाली, मगर वो बेसुध होकर पड़ी थी.
फिर मैंने अपना कार्यक्रम चालू किया और अपना मुँह मामी की चूत पर ले गया, वहाँ से हल्की-हल्की गंध मेरी नाक में आने लगी. फिर मैंने जीभ निकाल कर मामी की चूत के दाने पर फेरने लगा और मामी की झांटो को दोनों उंगलियों से दो तरफ उलेटते हुए, काफ़ी देर तक कभी चूत की झिल्ली और कभी चूत के दरवाजे की लाली को चाटा. फिर मैंने अपनी एक उंगली चूत के अन्दर थोड़ी घुसाई, तो मामी कसमसाई तो में जल्दी से पीछे हट गया. फिर मामी ने करवट ली और लंबी-लंबी साँसें लेने लगी, लेकिन अब मेरे सामने मामी की गांड थी.
में उसे 5 मिनट तक घूरता रहा और अगले ही पल मेरे हाथ चूतड़ को सहलाने में व्यस्त हो गए. इधर मेरा बहादुर लंड पूरे उफान पर था. फिर मैंने जैसे ही मामी की गांड की दरार में उंगली डाली तो मामी हड़बडा कर उठ गई और झुंझला कर बोली ये सब क्या है? में गड़बड़ा गया और जल्दी से बोला मामी में पेशाब करने के लिए उठा था, तो देखा कि आपकी साड़ी ऊपर उठी थी. बस उसे ही ठीक करने के लिए आपके पास आ गया था. मामी सहम सी गई और बोली ओह ऐसी बात है.
फिर मैंने अपनी मामी के चेहरे को पढ़ा और बोला कि मामी अगर आप बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ. फिर मामी ने इरादे को समझते हुए कहा बोलो. फिर मैंने कहा मामी आपके चूतड़ बहुत मस्त है, ऐसे तो मैंने किसी कुँवारी लड़की के भी नहीं देखे. फिर मामी ने शर्माकर कहा कि भाग और में समझ गया कि मेरा तीर सही निशाने पर जा रहा है.
मैंने कहा कि सच मामी देखो ना तुम्हारी खुली गांड देखकर मेरे लंड का क्या हाल है? और झट से मैंने अपना 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड खोलकर मामी के सामने कर दिया. ये देख पहले तो मामी ने नाटक किया और फिर उसकी आँखों में भी मैंने सेक्स की चमक साफ देखी और हिम्मत करके लंड को उसके होठों तक ले गया. फिर क्या था? उसने भी लॉलीपोप समझकर चूसना शुरू कर दिया, फिर 5 मिनट के बाद हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे का चाटने और चूसने लगे.
फिर 10 मिनट के बाद लंड और चूत ने हल्का-हल्का पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, मामी मस्त होती गयी और फिर उसने कहा कि जल्दी से चोदो ना और मैंने सीधा होकर मामी के दोनों पैरो को फैलाया और उनके काले-काले झांटो के जॅंगल को दूसरी साईड में उलट कर चूत के दरवाजे से रिसते हुए पानी को अपनी उंगली से चूत के किनारे वाले भाग पर लगा दिया और अपना 7 इंच का लंड अंडरवेयर से आज़ाद कर दिया. फिर अभी लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा ही था कि मामी ने आह्ह्ह करके मुझे जकड़ लिया. फिर कुछ देर तक अपने लंड को चूत पर रगड़ने से मेरे शरीर में भी झंझनी होने लगी थी और मामी की चूत भी इसे अंदर तक लेने के लिए व्याकुल थी.
मैंने लंड को एक धक्के में अंदर धकेल दिया, तो मामी के मुँह से आह आह निकलने लगी थी और मेरा लंड पूरा का पूरा मामी की चूत में घुस गया. फिर में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा तो उसने अपने चूतड़ भी उछालने शुरू कर दिए थे.
फिर मैंने मामी के दोनों पैंरो को अपने कंधे पर रख लिया और उनके बूब्स के निपल को उंगलियों से मसलना शुरू कर दिया, मामी दर्द से हल्के-हल्के कराह रही थी. फिर में मामी के पपीते जैसे बूब्स को ज़ोर से दबोचकर ज़ोर से दबा रहा था और मैंने अपने धक्के तेज़ कर दिए और लगातार मामी को चोदने लगा. फिर वो मुझसे कसकर लिपट गयी और गांड को झटके दे देकर चुदवाने लगी और बोले जा रही थी कि बहुत अच्छा लग रहा है, चोदते रहो और ज़ोर से चूत मारो, मेरी चूत फाड़ दो.
मैंने भी अपने धक्के तेज़ कर दिए और 10 मिनट के बाद मामी की चूत में ही झड़ गया और वो भी निढाल होने लगी और फिर में मामी के ऊपर से उठकर उनके बगल में लेट गया. फिर मामी धीरे से बोली तुम बहुत शरारती हो, तो मैंने कहा मामी दिल तो तुम्हारा भी था. तो उसने कहा क्या करूँ? तुम्हारे मामा मुझ पर ध्यान नहीं देते, बूढ़े जो हो चले है. आज तुम्हारी चुदाई से में संतुष्ट हुई हूँ.
फिर 15 मिनट के बाद में और मामी फिर एक दूसरे का लंड चूत को सहलाने लगे. मामी की चूत गीली थी, तो मैंने साफ करने को कहा तो वो बोली कि पेशाब करके आती हूँ और फिर आज रात तुम मुझे जी भर के चोदना. में भी तैयार हो रहा था और जब वो पेशाब करने गई, तो में अपना लंड हाथों से सहलाकर चोदने को तैयार करने लगा. इस बार मैंने मामी को हर स्टाईल से चोदने की सोच रहा था और मैंने वैसा ही किया और सुबह के 4 बजे तक मामी को 3 बार चोदा और पूरा नंगा करके हर स्टाइल से जमकर चुदाई की.