Meri Chudai की कहानी सबसे अलग हैं क्योंकि मैं अपनी भाभी की चुदाई करना चाहता था पर वो राजी नहीं थी. एक घड़ी ऐसी आई कि मुझे भाभी की धक्कापेल चुदाई का मौका मिला..
हेलो दोस्तो,
मैं लल्ला इंदौर से हूँ एक कंपनी में सिविल इंजिनियर की पोस्ट पर कार्यरत हूँ और मेरी हाइट 6′ 8″ है और नार्मल वजन, सांवला बदन और एक साधारण लड़का हूँ।
यह कहानी मेरी और भाभी की चुदाई की है और यह बात उन दिनों की है, जब मैं इंजीनियरिंग की स्टडीज ख़त्म करके जॉब के लिए गुजरात भैया के पास गया था।
जहाँ पर 24 साल की भाभी, प्रिया और उनकी एक 3 साल की बेटी, सोनिया रहती है। भाभी की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है।
भाभी बहुत सेक्सी है और उनका साइज़ 34-32-36 का है और जब उनकी शादी 2004 में मेरे भैया से हुई थी, तब से हम बहुत अच्छे फ्रेंड थे।
हम दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। हम दोनों एक दूसरे से सभी बातें बांटा करते है।
गर्ल फ्रेंड्स और बॉय फ्रेंड्स से लेकर चुदाई तक हम तो चुदाई की स्टोरी भी साथ पढ़ते थे। उनकी शादी के बाद जब हम दोनों घर पर थे,
हम दोनों 11 बजे तक बातें करते थे। दिन रात और जब भी टाइम मिलता, तभी बातें करते रहते थे। लेकिन मैंने कभी भाभी को चोदने के बारे में नहीं सोचा।
एक दिन शाम में तैयार होकर पार्टी में जा रहा था, तो अंकल के घर गया और देखा, भाभी नहीं है और जब आंटी से पूछा तो पता चला।
वो गुस्सा है और अन्दर रूम में है, तो मैं अन्दर ही जाने लगा। अन्दर अँधेरा था और मुझे बिस्तर का अंदाज़ा नहीं लगा और मैंने अपने हाथ को इधर-उधर चलाया।
चूचियों को छू चुदाई को हुआ मन
अब मेरा हाथ भाभी की प्यारी चूचियों पर चला गया और मेरी पूरे बदन में करंट सा दौड़ गया।
मैंने अपना हाथ नहीं हटाया, क्योंकि मन कर रहा था कि इतनी प्यारी और मुलायम चूचियों को दबाता रहूँ और चूस चूस कर दूध निकाल दूँ।
मैंने अपने पर काबू रखा और भाभी एकदम शांत थी, तो फिर मैंने हाथ हटा कर पीछे किया और पूछा– क्या हुआ भाभी?
भाभी बोली – कुछ नहीं, सिर में थोड़ा सा दर्द है।
मैंने कहा – दवाई ले ली?
भाभी ने कहा – नहीं, ठीक हो जायेगा तो मैं वहाँ से चला गया और भाभी की चुदाई के बारे में सोचने लगा। चोदूं कैसे, योजना बनाने लगा।
मुझे मौके तो बहुत मिले लेकिन डरता था, कि कहीं भाभी बुरा ना मान जाए और मैं अपना सबसे प्यारा दोस्त ना खो दूँ, यह सब सोचकर मैंने उसे नहीं चोदा।
कुछ समय बाद, मैं आगे की पढ़ाई के लिए बाहर चला गया और वो भी भाई के पास रहने चली गई। मैं भी पढ़ाई में व्यस्त हो गया और कभी-कभी बात होती थी।
करीब 4 सालों बाद, हम दोनों की मुलाकात हो ही गई, हम दोनों बहुत ही खुश थे। हम दोनों ने
मिलकर खूब मस्ती की।
एक दिन भैया को ऑफिस के काम से मुंबई जाना पड़ा। उसी दौरान मैंने भाभी को मोबाइल में
ब्लू फिल्म देखते हुए देख लिया, लेकिन भाभी ने मुझे नहीं देखा।
भाई के जाने के बाद रात को हम तीनों (भाभी, मैं और उनकी बेटी) 10 बजे तक भाभी के रूम में टीवी देख रहे थे।
भाभी ने बोला– आज सोने का प्रोग्राम नहीं है क्या?
मैंने बोला– आज यहीं सोना है।
उन्होंने मुझे बोला- तुम यहाँ नहीं सो सकते हो।
तुम्हारे भैया भी यहाँ नहीं है और अगर किसी के देख लिया, तो क्या सोचेंगे? मैं उठकर जाने लगा, पीछे मुड़कर देखा तो उनकी बेटी सो चुकी थी।
मै कमरे में वापस मुड़ गया और उसके पास जाकर बैठ गया। मैंने लाइट पहले ही बंद कर दी थी। अब मैंने टीवी भी बंद कर दिया और अँधेरा हो गया।
अचानक मैंने भाभी को चूमने की नाकाम कोशिश की। मुझे ऐसा लगा कि वो पहले से ही जान रही हो, कि मैं चूमने लगूँगा।
मुझे चुम्बन भी नहीं मिला और भाभी गुस्सा हो गई और बोली- अभी तुम जल्दी से चले जाओ और तब मैं चला गया।
तकरीबन 10 मिनट बाद, भाभी की कॉल आती है और वो मुझे धमकाने लगी, कि वो सब कुछ भैया को बता देंगी।
हम लोगों ने तुम पर इतना विश्वास किया और तुम ऐसा कर रहे हो। मैं डर गया और
सोचने लगा, कि अगर सच में भैया को पता चल गया तो क्या होगा?
तब मैं सुबह सोकर उठा तो सोचने लगा कि उनके कमरे में कैसे जाऊ? और फिर सोचा, कि जो होना था, वो हो चुका है और भाभी के यहाँ जाकर उनसे नज़रे चुराने लगा।
भाभी ने बोला– क्या हुआ?
मैंने बोला – कुछ नहीं।
भाभी ने मुझे बोला – मैं तो तुम्हें बहुत अच्छा समझती थी लेकिन मैं क्या करू? कुछ समझ नहीं पा रही हूँ।
अब रोज़ मैं जल्दी सोने जाने लगा और भैया 2 दिन बाद वापस आ गए।
भैया वापस आए तो भाभी ने भैया से मेरे सामने ही बोला– कुछ बताना है आपको, और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली – बता दूँ क्या?
मैंने अनजान बनते हुए कहा – क्या बात बतानी है।
भैया ने पूछा – क्या हुआ?
भाभी ने कहा– आपके भाई के मिजाज आजकल थोड़े शरारती हो गए है तो भाभी बोली– कुछ नहीं और ऐसा बोलकर बात को टाल दिया।
अब भाभी मुझे अक्सर छेड़ती रहती और मैं भी पीछे नहीं हटता। एक दिन की बात है, मैं खाना खा कर टीवी देख कर सोने के लिए जाने लगा।
मैंने देखा की बाहर मेरी चप्पल नहीं है। मैंने अपनी चप्पल के बारे में भाभी से पूछा।
भाभी पहले से ही अँधेरे से बैठी हुई थी और बोली – मुझे क्या पता? जहाँ तुम देख रहे हो, वहीँ
होगी।
मैंने उनको बोला- नहीं मिल रही है और मैं उनके पास गया तो देखा, कि वो मेरी
चप्पल पहनकर और अपने पैरो को ऊपर करके बैठी थी।
वो बोली– आकर निकाल लो। मैं उनके पास गया और अपनी चप्पल निकालने की कोशिश करने लगा और वो मेरी चप्पल को अपने नीचे दबाकर बैठ गई थी।
मैंने अपने हाथ उनके नीचे घुसा दिए, जिससे मेरे हाथ उनकी चूतड़ से छूने लगे और उनकी पैन्टी से भी मेरे हाथ से छू रही थी।
भाभी कुछ भी नहीं बोल रही थी। तभी मैंने उनकी पैन्टी की प्लास्टिक को खींच दिया।
वो तब भी कुछ नहीं बोली और अब मैंने उनके चूतड़ पर हाथ रख दिया और फिर उनके चुदासी चूतड़ को सहलाकर आनंद लेने लगा।
तभी भाभी बोली – यह क्या कर रहे हो?
मैंने बोला – कुछ नहीं, अपनी चप्पल निकाल रहा हूँ और मै भी भाभी की प्यारी चूचियों
पर हाथ लगाकर दबाने लगा।
चूत को पैन्टी और सलवार के ऊपर से ही एहसास किया।
भाभी ने मुझे सीढियों के पास ले जा कर एक चुम्बन दी और बोली – जाओ, नहीं तो तुम्हारे भैया आ जाएँगे।
भाभी मुझसे हुई चुदने को राजी
मैं चला गया और थोड़ी देर बाद भाभी की कॉल आई, कि तुम बहुत ही ख़राब हो।
मैं बोला– क्या हुआ?
वो बोली – मस्त मौसम में गरम करके चले गए, तो मैंने कहा – कोई नहीं, भाई तो है।
भाभी ने बोला- ऐसा थोड़ी होता है, की गरम करे कोई और ठंडा करे कोई।
मैं बोला – आज के लिए माफ़ कर दो!
भाभी बोली – कोई बात नहीं, आज तुम्हें याद करके तुम्हारे भाई से चुद जाऊँगी।
मैं तुम्हें कल बताऊँगी और अगले दिन मैं इंटरव्यू का बहाना करके कमरे पर ही रुक
गया और भाई ऑफिस चले गए।
मेरी धड़कन तेज हो गई और मैंने दरवाजे और खिड़की लगा कर परदे गिरा दिए। भाभी कपड़े आयरन कर रही थी।
मैंने शरारत करते हुए, स्विच ऑफ कर दिया और भाभी की प्यारी चूचियाँ दबाने लगा, तो उनको चूमते हुए चूत को सहलाता रहा।
भाभी के मुँह से आवाजें निकल रही थी- अहहह! ह्ह्ह! चोदो ना! बड़े शरारती हो!
मैंने बोला – अगर मैं शरारती नहीं होता, तुम्हारी रस भरी जवानी का मज़ा कैसा चखता?
भाभी की चूत चटाई और मस्त चुदाई
भाभी ने मुझे कसकर बाँहों में ले लिया और बोली– देवर जी, आज मेरी जवानी का मजा ले लो। तो मैं भाभी की चूत चाटने लगा।
भाभी मेरे लण्ड को मसलकर मेरे लण्ड का मज़ा ले रही थी और भाभी की चुदाई शुरू हो गई।
मेरा लण्ड उसकी चूत में 30 मिनट तक चुदाई करता रहा और उस दिन मैंने उनकी 5 बार चुदाई की और हर चुदाई अलग स्टाइल में की।
उनको पूरी नंगी करके चोदा, अब मैं जब भी भाभी से मिलता हूँ तो भाभी की मस्त चूचियाँ मसलता हूँ और मस्त चोदता हूँ।
दोस्तो, यह थी मेरी भाभी की चुदाई की कहानी मेरे साथ! आपको कैसी लगी? अपने सुझाव हमें जरुर भेजें.
आप अपने जवाब मुझे मेरे ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं.
babusharmam525@gmail.com
भाभी के विरोध के बाद मैं शांत सा रहने लगा, तो एक दिन उन्होंने मुझे फ़ोन करके खुद मुझे बोली कि मैं बहुत बदमाश हूँ और मैंने गरम करके छोड़ दिया और ठंडा भी मुझे ही करना होगा। अब मेरा लण्ड फनफना उठा और मैंने भाभी को Meri Chudai की घटना में जमकर चोदा और जब भी मौका मिलता है। मैं उसको जमकर चोदता था..