दूकान वाली चुदक्कड भाभी

हेलो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है और मेरी उम्र १९ साल है. मैं महाराष्ट्र के नागपुर शहर से हूं.

मेरा लंड ५.५ इंच है. फिर भी बड़े बड़े लोड़े से ज्यादा मजा देता है, इसका कारण आपको कहानी में पता चलेगा साथ ही कोई भाभी, गर्लफ्रेंड, आंटी मुझसे चुदना या सेक्स चैट करना चाहती है तो मुझे संपर्क करें.

दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है इसलिए कोई गलती हो तो माफ करना.

तो अब ज्यादा बोलना करते हुए मैं कहानी पर आता हूं. यह कहानी एक साल पहले की है मैं एक शॉप में कंप्यूटर ऑपरेटर था और मेरे मालिक की वाइफ का नाम रोशनी था.

मैं उनको भाभी बोलता था, मुझे वह बहुत मस्त लगती थी. कई बार में उनके नाम की मुठ मर चुका था. मैं अब भाभी के बारे में आपको बता दूं.

उनका साइज ३०-२८-३२ था. मस्त गोरा कलर था उसे देख कर कोई भी चोदना चाहेगा. उसे देख कर नहीं लगता था कि उसे २ साल का बच्चा है.

अब कहानी पर चलते हैं

एक दिन मैं शॉप पर था, मुझे बहुत जम के टॉयलेट आई थी तो मैं टॉयलेट गया. उसके बाजू में ही उनका बाथरूम था  और वहा पर एक खिड़की थी. वह थोड़ी ऊपर थी. मेरा होने के बाद मुझे लगा की बाजू में कोई नहा रहा है.

मुझे डर लग रहा था देखने के लिए, लेकिन यह दिल सुनता कहां है? फिर मैंने अपना मोबाइल निकाला और खिड़की के पास रख दिया और मैं स्क्रीन में देखने की कोशिश करने लगा, अब क्या बताऊं यारो? हुस्न की परी मेरे सामने नंगा नाहा रही थी. भाभी ने रेड ब्रा और ब्लैक पेंटी पहनी थी, मेरे तो होश ही उड़ गए.

फिर मैं रोज देखता था की भाभी नहाने कब जाती है और मैं भी पीछे पीछे चले जाता और मेरी भाभी को चोदने की इच्छा बढ़ने लगी थी. और यह बात शायद भाभी को भी समझ में आ गई थी. वैसे भी मैं उसे मस्ती से ही बात करता था तो मुझे इतना फर्क नहीं पड़ता था.

एक दिन जब भाभी नहा रही थी तो लंड हीलाने के चक्कर में मेरा मोबाइल हाथ से छूट गया और मैं पट से मोबाइल उठा कर बाहर आ गया. इससे भाभी का पूरा शक यकीन में बदल गया, पर वह मुझे पूछ नहीं सकती थी, और इस कारण मेरा हौसला भी बढ़ गया. फिर एक दिन मेरे मालिक को गांव अपने मां बाप से मिलने जाना था.

पर ममादरचोद ने मुझे छुट्टी नहीं दिया, मुझे कहा दुकान और घर पर ध्यान देना और वह चला गया. फिर भाभी नहाने गई और मैं भी घुस गया. लेकिन आज भाभी भी प्लान के साथ आई थी. आज वह चूत में उंगली घुसा कर बैठी थी, और मैंने सोच लिया आज भाभी को चोदके ही रहूंगा, मैं बाहर निकला कुछ देर बाद भाभी भी निकली.

थोड़ी देर बाद भाभी ने मुझे खाना खाने के लिए बुलाया क्योंकि मुझे वहां रुकना था इसलिए उनके घर पर ही खाने वाला था. मैं गया तो भाभी ऊपर से कुछ निकाल रही थी तो मैं उनकी हेल्प करने गया और उनको प्यार से गोदी में उठाया काफी भारी थी वह.

मैंने उनको चूत की तरफ से उठाया जिससे उनकी चूत की खुशबू मुझे मजा देने लगी, और मैं खो गया. भाभी समझ चुकी थी मैं कंट्रोल नहीं कर पाया और वह मेरे ऊपर गिर गई. हम दोनों हंसने लगे और एक दूसरे की आंखों में खो गए. फिर मेरा मोबाइल बजा फोन पर मालिक था, २ मिनट बात के बाद मैंने भाभी को देखा तो उनको कमर में चोट लगी थी.

मैंने कहा लाव में मालिश कर देता हूं, और उन्होंने एकदम से हां कह दिया. मुझे तो झटका लगा. मालिश करते करते भाभी मुह से अजीब आवाजें निकाल रही थी. मैं समझ गया कि भाभी गर्म हो चुकी है.

मैं भाभी से पूछा भाभी आप तो बहुत लकी हो कि भैया आपको बहुत प्यार करते हैं.

भाभी थोड़ी उदास हो गई और कहा कि क्या फायदा ऐसे प्यार का जब मुझे वह मजा ही नहीं दे सकते?

मैंने कहा मतलब?

भाभी ने कहा छोड़ो तेरे को नहीं समझेगा.

मैंने कहा अरे भाभी आप बोलो तो मुझे सब समझता है.

भाभी ने कहा अच्छा तो पूछा क्यों?

मैंने कहा आप से सुनना है.

भाभी ने कहा अच्छा भाभी से मजे, इसलिए तू बार बार टॉयलेट जाता है मुझे देखने के लिए.

मैंने कहा क्या करूं भाभी? मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है ना इसलिए आपको देखकर अरमान निकालता हूं.

भाभी ने कहा अच्छा ऐसा क्या है मुझ में?

मैं अपने आँखों के इशारो से उनके दूध देखने लगा.

उसने कहा अरे मुंह से बोल में किसी को नहीं बोलूंगी, या फिर नाम नहीं मालूम?

मैने कहा क्या भाभी? आप के बड़े बड़े दूध और आपकी आंखे, बल्कि आप में सब है जो एक सेक्सी लड़की में होता है.

अच्छा बच्चू यहां तक पहुंच गया, रुक तुझे बताती हूं.

मैंने डरते हुए कहा सॉरी भाभी अब नहीं बोलूंगा, माफ कर दो.

भाभी ने कहा अरे तू तो डर गया. मैंने कहा अपने दूध दिखाती हूं.

हम दोनों हंसने लगे.

फिर भाभी अपने दूध बाहर निकाले और मुझे चूसने को बोला. मैं भी कहां रुकने वाला था मैं भी टूट पड़ा.

अब शुरू हुई भाभी की चुदाई की दास्तान, भाभी मुझे अपने बेडरूम में लेकर गई और कपड़े उतारने लगी, मैं भी खुशी से भर गया और कहां लाओ जान अब मैं हेल्प करता हूं.

भाभी ने कहा बड़ी जल्दी हे, भाभी से जान बना लिया तूने, लेकिन मुझे अच्छा लगा.

फिर धीरे धीरे मैं भाभी के कपड़े उतारने लगा और उनको लेकर बिस्तर पर चढ़ गया.

भाभी ने कहा अरे मुझे ही नंगा किया तूने, अपने भी तो कपड़े उतारो.

मैंने कहा लो तुम ही उतार दो.

फिर वह मेरे करीब आई और मेरा शर्ट उतारने लगी, अब हम दोनों अंडरवेअर पर थे मैंने भाभी को धक्का दिया और बिस्तर पर लेटा दिया और फिर से भाभी के दूध चूसने लगा, वह भी मेरा मुंह बूब्स पर दबाने लगी.

धीरे धीरे अपना हाथ मेरे लंड पर लाने लगी मैंने हाथ पकड़ा और कहा सबर करो जानू इतनी जल्दी भी क्या है? अब यह तुम्हारा ही है. फिर मैंने भाभी की पैंटी भी निकाल दी. एकदम क्लीन शेव चूत देखकर में उसमें उंगली करने लगा. भाभी मुंह से आह हो अहह उआऊ होई अहह एस हां इह अहह अम्म्म आवाजें निकाल रही थी. यह सब करीब एक घंटा चला.

अब भाभी से रहा नहीं गया और बोल पड़ी शाहिल अब और सहन नहीं होता अब डाल भी दो.

मैंने भी अपना लंड निकाला और भाभी के हाथ में दिया और कहा पहले चूसो भाभी. भाभी ने इससे पहले कभी नहीं चूसा था तो वह मना करने लगी.

मैं कहां मानने वाला था मैंने फिर कहा तो भाभी मान गई और चूसने लगी. पहले तो अजीब लगा उनको लेकिन १० मिनट बाद वह बिल्कुल प्रोफेशनल की तरह चूसने लगी. मुझे मजा आ रहा था मैं भी मोनिंग कर रहा था.

अब मैंने भाभी को रोका और उठ कर बिस्तर पर पटक दिया और अपना लंड चूत पर सेट कर दिया. अब मैं पहला शॉट मारने के लिए रेडी था. पहला शॉट मारते ही लंड  आधा अंदर जा चुका था. भाभी के मुंह से आह निकली उतने में ही मैंने दूसरा भी शोट मारा और पूरा लंड अंदर गया और भाभी बहुत चिल्लाई. भाभी ने कहा यह तो उनसे छोटा है आधा इंच, फिर भी इतना दुखा. असल में मेरा लंड बीच में से मूड जाता है जिस से तकलीफ ज्यादा होती है, भाभी शांत हुई अब मैं धीरे धीरे झटका मारने लगा फिर भी भाभी को दर्द हो रहा था और मुझे मजा आ रहा था.

धीरे धीरे मैंने झटके बढ़ा दिया और भाभी भी मजा लेने लगी.

चोदो मुझे मेरे राजा और जम के चोद आज  मेरी चूत को फिर मैंने भाभी को डौगी बनने को कहा और शुरू हो गया.

भाभी अब चरम सीमा पर थी और मैं भी. भाभी ने कहा मैं झड़ने वाली हूं. मैंने कहा बहार निकालूं? तो भाभी ने कहा नहीं भर दो मेरी चूत को, बना दो मुझे अपने बच्चे की मां, और वह और मैं साथ में झड़ गए. फिर हम दोनों ने साथ में नहाये और बाथरुम में चुदाई की. अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे भाभी ने अपने बहन और फ्रेंड को चुदवाया.

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