दोस्तो.. मेरा नाम राज है। यह Sex Story Hindi मेरी और मेरी भाभी यानि मौसी के लड़के की वाइफ की है।
मैं राज 34 साल का हूँ, यह कहानी तब की है.. जब मैं 22 साल का था। मेरा मेरी मौसी के घर बहुत आना-जाना था। उस टाइम मेरी मौसी के बेटे की शादी तय हो गई थी। उसकी शादी में हम सभी ने बहुत मज़े किए और जब स्टेज पर मैंने उसकी वाइफ को देखा तो मुझको वो ज्यादा कुछ खास नहीं लगी। इसके बाद मैं शहर से बाहर चला गया।
शादी के कुछ महीने बाद जब मैं मौसी के घर गया.. तब मैंने भाभी को देखा.. तो देखता ही रह गया, वो बहुत ही ज्यादा सुन्दर लग रही थी। भाभी की हाईट 5 फुट 4 इंच है.. उसका फिगर एकदम मस्त और भरा हुआ है। उसकी जवानी को देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए।
मैंने इस बार उसको देखते ही चोदने का सोच लिया था.. पर वो ऊपर से बहुत बड़ी वाली पतिव्रता पत्नी बनती थी।
फिर पहले की तरह मेरा मौसी के घर आना-जाना होने लगा। कई दिन तक हमारा हँसी-मज़ाक चलता रहा। वो मुझसे खुल कर बातें करने लगी।
मैं समझ गया कि इसका पतिव्रता बनने का सिर्फ दिखावा है।
ऐसे ही एक दिन में उसके घर गया। उस दिन घर पर कोई भी नहीं था सिवाय भाभी के। उस समय तक भाभी को एक बच्चा भी हो चुका था।
मैं भाभी के पास गया.. तो भाभी मुझको आया देख कर खुश हो गईं और बोलीं- आओ राज.. बैठो.. मैं तुम्हारे लिए चाय बना कर लाती हूँ।
वो मुझे बैठा कर किचन में चली गई। थोड़ी देर में वो चाय बना कर ले आई.. तो मैं और भाभी चाय पीते हुए बातें करने लगे।
बातें करते-करते मैंने उसका हाथ पकड़ लिया.. तो वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने बोला- भाभी मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ।
यह सुनकर वो चुप हो गई और शर्म के मारे नज़रें नीचे कर लीं।
मेरी हिम्म्त और बढ़ गई तो मैं उसके बगल में चिपक कर बैठ गया। वो फिर भी कुछ नहीं बोली.. तो मैंने उसके चेहरे को ऊपर करके उसे ‘आई लव यू..’ बोल दिया।
वो कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने उसके गालों पर एक किस की.. तो वो थोड़ा पीछे होने लगी।
मैंने बोला- भाभी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ।
भाभी बोली- यह ग़लत है।
मैंने कहा- मैं आपके बिना मर जाऊँगा।
तो उसने मेरे होंठों पर उंगली रख दी और बोली- ऐसा मत बोलो।
अब उसने भी मेरे गालों पर किस कर लिया।
फिर तो मैंने उसे अपनी बांहों में कस कर जकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा। वो भी धीरे-धीरे गर्म होने लगी। मैं उसके चूचों को ब्लाउज के बाहर से ही दबाने लगा और उसे किस करता रहा, वो भी मेरा साथ देती रही।
मैंने भाभी को खड़ा किया और दीवार के सहारे खड़ा करके उसको किस करने लगा.. उसके चूचे दबाने लगा। उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं, वो बोल रही थी- आह.. राज आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत मज़ा आ रहा है.. और ज़ोर से दबाओ.. हाँ.. और ज़ोर से..
मैं भी जोश में उसके मम्मों को दबाए जा रहा था। फिर मैंने उसका ब्लाउज निकाल दिया.. कसी हुई ब्रा में उसके चूचे बहुत मस्त लग रहे थे। मैं तो पागल हो गया था दोस्तो.. और जोश में आकर उसकी चूचियों को मुँह में लेकर ज़ोर से चूसने और मसलने लगा।
एक चूची मेरे मुँह में थी और एक हाथ से उसकी दूसरी चूची को दबाने लगा, वो और भी जोश में आने लगी, वो बड़बड़ाने लगी- आह.. राज और दबाओ..
मैंने अपनी पैंट और शर्ट निकाल दी और अब मैं केवल अंडरवियर में था। मैंने भाभी के भी सारे कपड़े निकाल दिए। क्या बताऊँ यार.. बिना कपड़ों के तो वो एकदम कयामत लग रही थी।
फिर मैं धीरे-धीरे उसको किस करता हुआ नीचे को आता गया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। ऐसा करते ही वो एकदम से मचलने लगी और उसके मुँह से सिसकारी निकलने लगी ‘आहह.. राज बहुत मज़ा आ रहा.. अब और मत तड़पाओ..’
अब भाभी ने मुझको खड़ा करके मेरा अंडरवियर निकाल दिया और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी।
मैंने कहा- भाभी इतनी जल्दी क्या है.. पहले इसे प्यार तो करो।
वो बोली- कैसे करूँ?
तो मैंने बोला- इसे मुँह में लेके चूसो।
उसने मना कर दिया बोली- मैंने तो कभी तुम्हारे भाई का भी मुँह में नहीं लिया है।
मैं ज़िद करने लगा और उसे कसम देने लगा, वो मान गई और मेरा लंड चूसने लगी।
अब मैं तो जैसे जन्नत में था। क्या बताऊँ दोस्तो.. उस समय कितना मज़ा आ रहा था।
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए और मैं उसकी चूत को.. और वो मेरे लंड को चूसने लगी।
थोड़ी ही देर में ही वो झड़ गई और मैंने उसका सारा रस चाट लिया। फिर थोड़ी देर में मेरा भी पानी निकल गया।
मैंने उसको अपना लंड चूसने को बोला और मेरा लंड फिर से तन गया।
उसने बोला- अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से डाल दो.. और मत तड़पाओ।
मैंने चूत का निशाना लगा कर एक ही झटके में अपना लंड सीधा उसकी चूत में पेल दिया और धक्के मारने लगा। उसकी एकदम से चीख निकल गई.. पर कुछ ही पलों में उसने मेरे लंड को लील लिया।
मैं कई मिनट तक ताबड़तोड़ धक्के लगाता रहा और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। वो मेरे साथ ही झड़ गई और हम दोनों थक कर लेट गए।
थोड़ी देर बाद मैं अपने घर आ गया और आज दस साल से भी अधिक हो गए.. हम दोनों को आज भी जब भी मौका मिलता है.. हम दोनों चुदाई का मजा ले लेते हैं।
कहानी लिखते-लिखते मुझको भाभी की बहुत याद आने लगी तो दोस्तो में चला अपनी मौसी के घर..