अवधेश रिंकू हैलो दोस्तो, मैं इस कहानी से आपको बताना चाहता हूँ कि जब प्यार किसी से होता है तो वो शक्ल-सूरत से नहीं होता है। यह उस समय की बात है जब मैं बी. टेक के दूसरे साल में था। मेरे दोस्त ने एक फ़ोन नंबर दिया और कहा- इस लड़की से बात करो। वो लड़की उसकी दूर की रिश्तेदार थी। मैं उससे बात करने लगा और तीन महीने बीत गए, मेरे दोस्त ने बोला- तू इसे प्रपोज कर देना। तो मैंने ऐसा ही किया पर उस लड़की ने मना कर दिया। मगर उससे पहले मेरी बात उसी की सहेली से उसी के फ़ोन से हुई, वो लड़की बहुत सख्त स्वाभाव की थी। वो बोली- तुम्हें कोई काम नहीं है बस लड़कियों के पीछे भागते हो। मुझे लगा कि वो मेरी हँसी उड़ा रही है और मुझे परेशान कर रही है। मैंने कहा- फोन पर बात करने का मतलब पीछे भागना नहीं होता और हम लोग दोस्त हैं। इसलिए बात करते हैं तुमसे कोई बात करता नहीं होगा इसलिए तुम हमारी बातचीत से जलती हो। उसके दिल को यह बात चुभ गई उसने कहा- तुम कितनी देर तक बात कर सकते हो? मैंने कहा- तुम्हारे फ़ोन की बैटरी ख़त्म हो जाएगी पर मेरा बैलेंस ख़त्म नहीं होगा। तो उसने भी मजा लिया और अपनी सहेली से भी कह दिया- इस लड़के को और परेशान कर और देख कि इसके पास कितना बैलेंस है।’ तो वो मुझसे बात करने लगी। ऐसे कई दिन बीत गए वो लड़की मुझसे…

दोस्तो, मेरा नाम सुमीत (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 25 साल है. मैं सिरसा (हरियाणा) में रहता हूं. मेरा रंग थोड़ा सांवला है. मेरे लंड का साइज ठीक ठाक है, मैं झूठ नहीं बोलना चाहता कि मेरे लंड का साइज बहुत बड़ा है. मैं काफी सालों से sexkahani.net पर हिंदी सेक्स कहानियां पढ़ रहा हूँ तो मैंने सोचा क्यों ना अपनी सेक्स स्टोरी भी आप सभी के साथ शेयर की जाए. यह मेरी पहली चुदाई की हिंदी कहानी है.. आशा करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएगी. कोई गलती हो जाए तो माफ कीजिएगा. यह बात तो आज से डेढ़ साल पहले की है, लेकिन इसकी शुरूआत के लिए हमें कुछ साल पीछे जाना पड़ेगा. हम एक घर में ऊपर के हिस्से में किराये पर रहते थे. थोड़े समय के बाद नीचे के हिस्से में एक परिवार किराये पर रहने आया. उस परिवार में 6 सदस्य थे. पति-पत्नी उनके दो लड़के, बड़े लड़के की बहू और एक लड़की. यह वही लड़की है जिस की चुदाई की यह हिंदी सेक्स कहानी है. उसका नाम कनिका (बदला हुआ) था उसकी उम्र तो पता नहीं. मगर मुझसे 3-4 साल बड़ी थी. लड़की के बारे में बता दूँ… वो दिखने में तो कुछ खास नहीं थी, बस ठीक ठाक थी. परंतु उसके मम्मे बहुत बड़े थे. वो थोड़ी मोटी थी. वो खूब पढ़ाई करती थी. हमारी कुछ ज्यादा बातचीत नहीं होती थी. पहले पहल काफी समय ऐसे ही निकल गया और हम कहीं और किराये के घर में रहने आ गए.…

दोस्तो, मेरा नाम कुणाल सिंह है। बहुत समय बाद अपने ज़िन्दगी की असली कहानी लिखने जा रहा हूँ। जितना प्यार आपने मेरी पुरानी कहानियों को दिया हैं, उम्मीद करता हूँ उतना ही प्यार आप मेरी इस कहानी को देंगे। मेरी सगी मौसी की चुदाई के बाद मैंने कई चुदाई की। कुछ बार उनकी, कुछ बार उनकी सहेलियों की, तो कभी उन कहानियों को पढ़ कर कुछ प्रिय पाठिकाओं की. आओ, अब सीधा कहानी पे चलते हैं. वैसे तो मेरे मेल पे कई मेसेज आते रहते हैं औरत के नाम से, पर उनमें ज्यादा मर्द ही होते हैं। पता नहीं लोग फर्जी नाम से बात क्यों करते हैं जब वो बात मर्द होकर भी की जा सकती है। मेरी कहानी की नायिका है गरिमा। एक औरत जिसकी शादी को दो साल हुए हैं। गरिमा से मेरी बात मेल के जरिये चालू हुई। उन्हें मेरी कहानी बेहद पसंद आई थी। पर उन्हें ये अजीब लगा कि नयी उम्र का लड़का होते हुए मुझे उम्र दराज़ औरतें क्यों पसंद हैं। क्यूंकि न तो उन औरतों में फिगर वैसा रहता है और न बूब्स में कठोरता, समय के साथ सब ढीला हो जाता है। सही कहूं तो मुझे भी नहीं पता था इसका जवाब। खैर वो बात पुरानी थी जब मौसी के साथ मेरा पहला मिलन हुआ था. पर अब मैं बड़ा हो चुका हूँ। बातें होती रही और हम एक दूसरे को धीरे धीरे जानते रहे, एक दूसरे के बारे में। मैं एक चीज़ कहना चाहूँगा कि मैं अपने बारे में…

मेरा नाम आदित्य है. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है. अभी तक मैंने रंडियां चोद कर ही अपने लंड के टोपे की खुजली को शांत किया है. मगर रंडी तो रंडी ही होती है. शुरू में जब पहली बार मैंने एक रंडी की चूत चोदी तो बहुत मजा आया लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आना कम होता चला गया. अब मेरा मन कुछ नया चाहता था. ढीली चूत मारने में मजा नहीं आता था मुझे. मुट्ठ भी मारता था लेकिन लंड की प्यास थी कि बुझने का नाम नहीं ले रही थी. मैंने अपने एक बचपन के दोस्त को फोन किया. उसका नाम पवन था. हम दोनों लंगोटिया यार थे. लंगोटिया का मतलब तो आप जानते ही होंगे, लंगोट से लेकर लंड तक की बातें बेझिझक एक-दूसरे के साथ बांट लिया करते थे. मगर अब पवन की शादी हो चुकी थी. बीवी के आने के बाद उसमें वो पहले वाली बात नहीं रही थी. अब वो परिवार वाला आदमी हो गया था. मगर फिर भी कुछ हद तक हमारे बीच में वही पुराना बचपन वाला दोस्ताना था. मैं उससे किसी नई चूत का इंतजाम करने के लिए कहता रहता था. लेकिन वो अपने काम में कुछ ज्यादा ही बिजी रहने लगा था आजकल. अक्सर मैं उसके घर चला जाता था. मैं उसकी बीवी को भाभी कहकर नहीं बुलाता था. हमेशा उसको नाम से ही बुलाता था. उसकी बीवी मस्त माल थी. उसका नाम पूजा (बदला हुआ) था. उसने भी मेरे ऊपर कभी भैया या इस तरह के कई…

हवा बहुत ही ज्यादा तेज चल रही थी और खिड़की आपस में टकरा रही थी मैंने राजेश को कहा आप खिड़की बंद कर दीजिए राजेश कहने लगे लगता है बाहर बहुत तेज बारिश होने वाली है। मैंने राजेश को कहा हां लगता तो ऐसा ही है कि बाहर बहुत तेज बारिश होने वाली है लेकिन आप खिड़की बंद कर दीजिए राजेश कहने लगे ठीक है मैं खिड़की बंद कर देता हूं। राजेश ने खिड़की बंद कर दी थी और राजेश मुझे कहने लगे कि बाहर मौसम देखो कितना सुहावना हो रखा है लगता है कुछ देर बाद ही बारिश होने वाली है। थोड़ी देर बाद बारिश शुरू हो गई जब बारिश शुरू हुई तो बारिश बहुत तेज होने लगी बारिश के होने से गर्मी से तो राहत मिल गई थी। राजेश मुझे कहने लगे की मेरे लिए कुछ बना दो मैंने राजेश को कहा मैं अभी आपके लिए गरमा गरम पकौड़े बना देती हूं। बारिश के मौसम में यदि चाय के साथ गरमा-गरम पकोड़े मिल जाए तो उसका एक अलग ही आनंद होता है। मैंने पकोड़े बनाए और राजेश और मैं साथ में पकोड़े का आनंद ले रहे थे राजेश मुझे कहने लगे कि मधु मैं काफी दिन से सोच रहा था कि तुमसे बात करूं। मैंने राजेश को कहा लेकिन आप किस बारे में मुझसे बात करना चाहते हैं तो राजेश मुझे कहने लगे कि मैं सोच रहा था कुछ दिनों के लिए गांव हो आता हूं। मैंने राजेश को कहा लेकिन आप गांव जाकर क्या करेंगे…

मैं घर पर पहुंचा ही था मैं जब दरवाजे पर खड़ा था तो पापा मुझे कहने लगे कि हर्षित बेटा मुझे तुमसे कुछ काम था। मैंने पापा से कहा हां पापा कहिए ना आपको क्या काम था पापा मुझे कहने लगे कि बेटा तुम क्या कुछ देर मेरे साथ बैठ सकते हो मैंने पापा से कहा हां पापा क्यों नहीं। पापा के साथ मैं सोफे पर बैठा हुआ था पापा मुझे देखते हुए कहने लगे कि हर्षित बेटा अब तुमने आगे क्या क्या सोचा है। मैंने पापा से कहा पापा अभी तो मैंने कुछ भी नहीं सोचा है क्योंकि कॉलेज का मेरा यह आखरी वर्ष था और कॉलेज की पढ़ाई खत्म होने के बाद पापा चाहते थे कि मैं उनके साथ काम करूं लेकिन मैं यह नहीं चाहता था। मैंने पापा से कहा पापा मुझे थोड़ा समय चाहिए पापा कहने लगे कोई बात नहीं बेटा तुम्हें जितना समय चाहिए तुम ले लो लेकिन मैं चाहता हूं कि तुम मेरे साथ ही काम करो। पापा मुझे समझाने लगे और कहने लगे बेटा मैंने इतनी मेहनत से मैंने अपना कारोबार शुरू किया था और मैं चाहता हूं कि तुम ही उसे संभालो। पापा अपनी जगह बिल्कुल सही थे लेकिन मुझे थोड़ा समय चाहिए था इसलिए मैंने पापा से थोड़ा समय ले लिया। मुझे फोटोग्राफी का बड़ा शौक है और अपने इसी शौक को पूरा करने के लिए मैंने कुछ दिनों के लिए घूमने का टूर बना लिया। मैं अकेले ही घूमने के लिए आगरा चला गया आगरा में ही मैं…

मेरे प्यारे दोस्तो, कैसे हो आप सब … मैं आपका दोस्त शिवराज एक बार फिर से एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ. आप सबका जो प्यार मुझे मिला, वो ऐसे ही देते रहना. इस बार मैं आपको एक हसीन हादसा, जो मेरे साथ हुआ, उसके बारे में बताना चाहता हूँ. ये बात इसी साल दिसंबर के आखिरी की है. मेरी बीवी सर्दियों की छुट्टियों में अपनी माँ के घर गयी हुई थी. मैं घर पे अकेला था. दस दिनों तक मुझे अकेला ही रहना था. मैं रात को खाना खाने के बाद फेसबुक सर्फ कर रहा था, तो एक दोस्त मुझे ऑनलाइन देख कर मुझसे चैट करने लगा. उसका मैसेज आया- कैसे हो भाई? क्या हो रहा है? इतनी रात को ऑनलाइन क्या कर रहे हो? उससे ऐसे ही नॉर्मली बात होने लगी, तो मैंने बताया कि यार तेरी भाभी मायके गई हुई है, सो कोई शिकार फंसाने की कोशिश कर रहा हूँ … हाहाहा. वो भी हंसने लगा और बोला- यार मैं भी अकेला हूँ. फिर वो बोला- मैं कॉल करता हूँ. हम दोनों फ़ोन पे बात करने लगे कि न्यू ईयर का क्या प्लान है, पार्टी करते हैं. मैं बोला- ठीक है … पार्टी साथ में कर लेते हैं. इस बार चुदाई वाली पार्टी रखो, कोई लौंडिया हो, तो बुला लो, उसी के साथ दोनों भाई मस्त दारू पी पी कर रात भर चुदाई करेंगे. वो बोला- यार बात तो सही है, चलो देखते हैं कोई जुगाड़ मिलती है तो बताता हूँ. तुम भी देखो कोई…

मेरा नाम आदित्य है. मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है. अभी तक मैंने रंडियां चोद कर ही अपने लंड के टोपे की खुजली को शांत किया है. मगर रंडी तो रंडी ही होती है. शुरू में जब पहली बार मैंने एक रंडी की चूत चोदी तो बहुत मजा आया लेकिन फिर धीरे-धीरे मजा आना कम होता चला गया. अब मेरा मन कुछ नया चाहता था. ढीली चूत मारने में मजा नहीं आता था मुझे. मुट्ठ भी मारता था लेकिन लंड की प्यास थी कि बुझने का नाम नहीं ले रही थी. मैंने अपने एक बचपन के दोस्त को फोन किया. उसका नाम पवन था. हम दोनों लंगोटिया यार थे. लंगोटिया का मतलब तो आप जानते ही होंगे, लंगोट से लेकर लंड तक की बातें बेझिझक एक-दूसरे के साथ बांट लिया करते थे. मगर अब पवन की शादी हो चुकी थी. बीवी के आने के बाद उसमें वो पहले वाली बात नहीं रही थी. अब वो परिवार वाला आदमी हो गया था. मगर फिर भी कुछ हद तक हमारे बीच में वही पुराना बचपन वाला दोस्ताना था. मैं उससे किसी नई चूत का इंतजाम करने के लिए कहता रहता था. लेकिन वो अपने काम में कुछ ज्यादा ही बिजी रहने लगा था आजकल. अक्सर मैं उसके घर चला जाता था. मैं उसकी बीवी को भाभी कहकर नहीं बुलाता था. हमेशा उसको नाम से ही बुलाता था. उसकी बीवी मस्त माल थी. उसका नाम पूजा (बदला हुआ) था. उसने भी मेरे ऊपर कभी भैया या इस तरह के कई…

दोस्तो, मेरा नाम कुणाल सिंह है। बहुत समय बाद अपने ज़िन्दगी की असली कहानी लिखने जा रहा हूँ। जितना प्यार आपने मेरी पुरानी कहानियों को दिया हैं, उम्मीद करता हूँ उतना ही प्यार आप मेरी इस कहानी को देंगे। मेरी सगी मौसी की चुदाई के बाद मैंने कई चुदाई की। कुछ बार उनकी, कुछ बार उनकी सहेलियों की, तो कभी उन कहानियों को पढ़ कर कुछ प्रिय पाठिकाओं की. आओ, अब सीधा कहानी पे चलते हैं. वैसे तो मेरे मेल पे कई मेसेज आते रहते हैं औरत के नाम से, पर उनमें ज्यादा मर्द ही होते हैं। पता नहीं लोग फर्जी नाम से बात क्यों करते हैं जब वो बात मर्द होकर भी की जा सकती है। मेरी कहानी की नायिका है गरिमा। एक औरत जिसकी शादी को दो साल हुए हैं। गरिमा से मेरी बात मेल के जरिये चालू हुई। उन्हें मेरी कहानी बेहद पसंद आई थी। पर उन्हें ये अजीब लगा कि नयी उम्र का लड़का होते हुए मुझे उम्र दराज़ औरतें क्यों पसंद हैं। क्यूंकि न तो उन औरतों में फिगर वैसा रहता है और न बूब्स में कठोरता, समय के साथ सब ढीला हो जाता है। सही कहूं तो मुझे भी नहीं पता था इसका जवाब। खैर वो बात पुरानी थी जब मौसी के साथ मेरा पहला मिलन हुआ था. पर अब मैं बड़ा हो चुका हूँ। बातें होती रही और हम एक दूसरे को धीरे धीरे जानते रहे, एक दूसरे के बारे में। मैं एक चीज़ कहना चाहूँगा कि मैं अपने बारे में…

दोस्तो, मैं जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ वह आपको जरूर पसंद आएगी. यह कहानी मेरी अपनी कहानी है. कहानी को शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बताना चाहूंगा. मेरा नाम आदित्य है और मैं एक निजी संस्था में काम करता हूँ. मेरा साथ हुई इस घटना में जिस लड़की का जिक्र मैं करने जा रहा हूं वह मेरे साथ ही मेरी ही कम्पनी में काम करती थी. उसका नाम अदिति था. वह मेरे ही डिपार्टमेंट में काम करती थी. हम दोनों में धीरे-धीरे दोस्ती हो गई लेकिन कुछ दिन के बाद उसने वह जॉब छोड़ दी और वह दूसरे शहर में चली गयी. मगर दूसरे शहर में जाने के बाद भी उसका संपर्क मुझसे बना रहा. फिर एक दिन अचानक उसका फोन आया कि वह मेरे ही शहर में एक दिन के लिए किसी काम से आ रही है. वैसे तो मेरी और उसकी दोस्ती काफी अच्छी थी लेकिन मैं मन ही मन में उसको चाहने लगा था. वह मुझे काफी पसंद थी लेकिन उससे दिल की बात कहने की कभी मेरी हिम्मत नहीं हुई. अब जब अदिति फिर से मेरे शहर आने वाली थी तो मैंने सोचा कि उसको इस बार अपने मन की बात बता दूंगा. अब तो हमारे शहर भी अलग हो गये हैं. अगर कुछ गड़बड़ हुई तो कोई परेशानी भी नहीं होगी. मैं जिस फ्लैट में रहता था उसमें मेरे बड़े भाई-साहब और छोटी बहन भी रहती थी. वह रूम हमने अभी नया ही लिया…