kamukta, antarvasna: मेरे लिए नागपुर शहर बिल्कुल ही नया था। मैं कुछ समय पहले ही वहां पर नौकरी करने के लिए गया था। मैं गुजरात के एक छोटे गांव से ताल्लुक रखता हूं और मैं नागपुर में नौकरी करने लगा था। मेरी तनख्वाह ज्यादा नहीं थी लेकिन मैं अपनी नौकरी से खुश था। मैं अपनी तनख्वाह से जो भी पैसे बचाता वह अपने घर भेज दिया करता। मेरे सपने बहुत ही बड़े थे इसलिए मैंने यह सोच लिया था मुझे कुछ बड़ा करना है और मैं नागपुर से चंडीगढ़ चला गया। जब मैं नागपुर से चंडीगढ़ आया तो मैं कुछ समय अपने दोस्त के घर पर रहा और उस वक्त मेरे पास कुछ भी काम नहीं था। काफी समय तक मेरे पास कोई भी काम नहीं था लेकिन जब मैं एक दुकान में नौकरी करने लगा तो वहां पर मुझे काफी अच्छे पैसे मिलने लगे थे और मैं अपने काम से बहुत ज्यादा खुश भी था। मैं थोड़े बहुत पैसे बचाने लगा और उसके बाद मैंने अपना ही एक छोटा सा कारोबार शुरू कर लिया था। जब मैंने अपना कारोबार शुरू किया तो मैं शुरुआत में काफी ज्यादा मेहनत करता था। अब जिस तरीके से मेरा काम चलने लगा था उससे मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी है और सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था। मैंने चंडीगढ़ में ही शादी कर ली थी और मैं अब बहुत ज्यादा खुश हूं कि मैं चंडीगढ़ में अपने परिवार के साथ रहता हूं। मेरी पत्नी का नाम अदिति है…

मेरी सौतेली बहन बनी मेरी चुद्दकड़ दिलरुबा हैल्लो भाइयों और उनकी सैक्सी बहनों मेरा नाम है दीपक और मैं वड़ोदरा का रहने वाला हूँ | मैं 5 फीट 10 इंच लम्बा हूँ और दिखने में भी स्मार्ट हूँ | जब भी कोई मुझे गाली देता है तो मुझे बहुत गुस्सा आता है लेकिन जब बहनचोद बोलता है तो मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता | मेरे पापा बहुत रंगीन मिजाज़ आदमी हैं और उनकी दो शादी हो चुकी है | मेरी एक बड़ी सौतेली बहन है और वो बहुत मस्त आइटम है | उसका नाम है अनुषा और उसके बारे में मैंने बहुत सुना है कि वो बहुत जगह मुंह मारती फिरती है और मैंने भी उसका फायदा उठाया है | चलिए अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ | तो बात है कुछ महीने पहले कि जब हमारे घर में काम चल रहा था और अनुषा के कमरे में भी काम लगा था तो पापा ने उसको मेरे कमरे में रहने के लिए बोल दिया | ये पापा की पहली गलती थी और मेरी सौतेली मम्मी और पापा को किसी काम से बाहर जाना पड़ गया ये दूसरी गलती हो गई | हमारे बिस्तर अलग अलग थे और मैं उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देता था | वो मुझे बहुत परेशान किया करती थी और हर बार मुझे नालायक कहकर चिढ़ाया करती थी | साली कुत्ती अपने बड़े होने का फायदा उठाती थी और मैं उसको कुछ नहीं कह पाता था | वो रात भर अपने बॉयफ्रेंड…

नमस्ते, मेरा नाम है सूहास. मैं बीस saal की हूँ दो साल से मेरी शादी प्रदीप से हुई है मेरी एक समस्या है जिस के बारे में मैं आप की राय माँग रही हूँ ये कहानी मेरी समस्या की है फेमिली में मैं मेरे पति प्रदीप, मेरे ससुर जी रसिकलाल और मेरा छोटा सा बेटा किरण इतने हें. ससुर जी का बिझनेस बड़ा है और हमें खाने पीने की कोई कमी नहीं ह मेरे पिताजी का फेमिली बहुत ग़रीब था. चार बहनों में मैं सब से बड़ी संतान थी. मेरी मा लंबी बीमारी बाद मर गयी तब में सोलह साल की थी. मा के इलाज वास्ते पिताजी ने क्या कुछ नहीं किया, ढेर सारा कर्ज़ा हो गया. पिताजी रेवेंयू ओफ़िस में क्लेर्क क नौकरी करते थे, उन के पगार से मांड गुज़रा होता था. में छ्होटे मोटे काम कर लेती थी. आमदनी का ओर कोई साधन नहीं था जिस से कर्ज़ा चुका सकें. लेनदार लोग तक़ाज़ा कर रहे थे. फ़िक्र से पिताजी की सेहत भी बिगड़ ने लगी थी.ऐसे में मेरे संभावित ससुर रसिकलाल मदद में आए. उन का एकलौता बेटा प्रदीप कंवारा था. दिमाग़ का थोड़ा सा बेकवार्ड हो ने से उसे कोई कन्या देता नहीं था. रसिकलाल की पत्नी भी छे महीनों पहले ही मर गयी थी, घर संभाल ने वाली कोई थी नहीं. उन्हों ने जब करज़े के बदले में मेरा हाथ माँगा तब पिताजी ने तुरंत ना बोल दी. में हाई स्कूल तक पढ़ी हुई थी, आगे कॉलेज में पढ़ने वाली थी. मेरे जैसी…

girlfriend ki behen ki chudai मैं, हूं रूशी दिल्ली से, मेरी उम्र २५ साल है, और मेरी पर्सनैलिटी अच्छी है. अपनी स्टोरी शेयर करने से पहले थोड़ा अपने बारे में बता देता हूं कि मैं दिल्ली में जॉब करता हूं और रेंट के फ्लैट में रहता हूं. यह स्टोरी उन दिनों की है जब मेरी गर्लफ्रेंड इंटरव्यू के बहाने से कलकत्ता से दिल्ली ७ दिन के लिए मेरे फ्लैट पर रहने आ गई थी, और उसकी छोटी बहन जो करीब २२ साल की होगी वह भी उसके साथ आई थी, जिसका नाम संचिता था. संचिता और मेरी बात होती रहती थी और थोड़ा बहुत एडल्ट मजाक भी चलता था, लेकिन वह बहुत लिमिटेड था. आने से पहले संचिता मुझसे पूछती थी कि आपके लिए क्या गिफ्ट लेकर आऊं दिल्ली? तो मैं कहता था कि बस प्यारा सा किस दे देना होने वाले जीजा को. फाइनली वह दिन आ गया जब मेरी गर्लफ्रेंड और उसकी बहन संचिता मेरे घर आ गई चारू से मिलकर बहुत खुशी हुई और उससे ज्यादा मुझे संचिता को देखकर सरप्राइज हुआ, जिसे मैं ३ साल बाद मिल रहा था, संचिता थोड़ी सांवली कॉन्प्लेक्शन की थी, पर उसके चेहरे पर बहुत चमक थी, हाइट करीब ५ फुट २ इंच होगी और वह काफी पतली-दुबली सी हुआ करती थी, पर इस बार उसके चेहरे से पहले मेरी नजर उसकी बड़ी बड़ी चुचियों पर गई, जो छुपाए नहीं छुप रहे थे, मेरे ख्याल से उसकी चूची का साइज ३२ होगा जिसके थोड़े से दर्शन संचिता के डीप…

मैंने उसका लण्ड चूसना शुरू कर दिया. अब वो खड़े – खड़े आहें भर रहा था. थोड़ी देर बाद मेरा मुंह थक गया तो मैंने मुंह से लण्ड निकाल दिया. फिर नफीस ने मुझे उठाया और मुझे पूरा नंगा कर दिया. इसके बाद उसने मुझे काउंटर पर पीठ के बल लिटा दिया… दोस्तों, मैं फिर से अपनी कहानी ले के आपकी सेवा में हाजिर हूँ. ये कहानी मेरे बॉयफ्रेंड की है जो अक्सर मेरी प्यास बुझाता रहता है. मैं जब भी घर में अकेला होता हूँ तो मुझे लड़की बनने का फितूर सवार हो जाता है. अगर मैं घर पर ज्यादा देर के लिए अकेला हुआ तो अक्सर लड़कियों जैसे ब्रा और पैंटी पहन के लिपस्टिक वगैरह लगा के तैयार हो जाता हूँ. इस तरह तैयार होकर सेल्फ़ी लेना मुझे बहुत पसंद है. मैंने अपने लिए अपनी साइज के ब्रा, पैंटी, स्कर्ट और लेडीज टॉप भी खरीद के रखा हुआ है. मेरे गोरे चिकने चेहरे पर लाल लिपस्टिक खूब अच्छी लगती है. एक बार मैं और मेरा दोस्त कॉलेज से लौट रहे थे. उस समय मुझे खूब तेज़ भूख लग रही थी तो हमने कॉलेज के पास वाले जूस कार्नर के पास बाइक रोकी. वहां हमने जूस पिया. जूस वाला काले रंग का हट्टा – कट्टा मर्द था और उसके हाफ पैंट से उसका मोटा – लंबा लण्ड बाहर आने को बेताब दिख था. जूस पीने के बाद मैं गलती से मेरा मोबाइल वहीं छोड़ दिया और हम वहाँ से निकल आए. आधे रास्ते में मुझे फ़ोन की…

मैं मध्यप्रदेश के खंडवा जिले का हूँ और रेलवे में अच्छे पद पर कार्यरत हूँ.. मेरी शादी के समय मेरी साली जो पका हुआ आम जैसी थी.. सबसे ज्यादा मजाक कर रही थी। उस समय तो उसकी दीदी को चोदने के चक्कर में मैंने कुछ ज्यादा नहीं किया लेकिन उसको कैसे चोदूँ.. ये सोचता रहता था। एक बार वो भोपाल अपने मामा के घर गई थी.. तो उसका मेरे पास फोन आया.. एवं मेरी बीवी ने भी मुझसे कहा कि मुझको उधर जाना चाहिए.. मुझे तो पहले ही उसकी चूत का रस पीने की जल्दी मची थी और अब तो बीवी ने हरी झंडी दे दी थी। मैं अपनी जवान साली के पास भोपाल पहुँच गया और उसको पटाने के लिए.. अपने मोबाइल में अपनी ही आवाज में आशिकी भरी बातें रिकार्ड करके उसको कह दिया- मैं तुमसे ही शादी करना चाहता था और तुमसे ही प्यार करता हूँ। मेरी चाहत की गवाह शादी के पहले की ये रिकार्डिंग है। उसने रिकॉर्डिंग सुनी तो वो शर्मा कर अन्दर भाग गई.. पर उसके दिल में कहीं न कहीं मैंने मुहब्बत का बीज बो दिया था। उस दिन पूरे दिन भर मैं यूँ ही घूमता रहा.. फिर रात को घर वापस आकर खाना आदि खा कर सो गया। आधी रात के करीब जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा सब लोग सो रहे हैं और मेरी साली मेरे पैरों के पास सो रही है। मैंने अपने पैरों से उसको सहलाया.. जब उसकी तरफ से कोई भी प्रतिरोध नहीं हुआ.. तो…

मैं हैदराबाद से हूं और मेरा नाम राजन है। मैं अपनी सासू मां के साथ बीता एक सेक्स का सच्चा हादसा आपके साथ बांटना चाहता हूं। मेरी शादी एक वर्ष पहले ही हुयी थी। मैं एक उनतीस वर्ष का सुन्दर और सेक्सी लड़का हूँ। मेरी शादी एक आठरह वर्षीय लड़की के साथ हुयी है और वो बहुत ही खूबसूरत है। उसकी मां भी उतनी ही सुन्दर व सेक्सी है। उस समय मेरी सासू मां की उम्र पैंतीस वर्ष की थी और उनका भी विवाह मात्र सोलह साल की उम्र मे ही हो गया था। उन्हे कोई नहीं कह सकता था कि वे पैंतीस साल की है, वे तो देखने मे चौबीस-पच्चीस साल की लगती थी। वो एक विधवा थी, उनके पति दो वर्ष पूर्व ही चल बसे थे। तीन जुलाई 2005 को मैं और मेरी पत्नी मेरे ससुराल को गये। वहां पर मेरी सास हमारा इन्तज़ार कर रही थी। उन्हें देख कर मैं बहुत खुश हुआ। मैंने कहा- कैसी हैं सासू मां। वो बोली- ठीक हूं बेटा। मैंने मुस्करा कर कहा- आपकी उम्र और मेरी उम्र मे कोई ज्यादा फ़र्क नहीं है। सास ने जवाब दिया- तो क्या हुआ रिश्ते में तो तुम मेरे दामाद लगते हो। मैंने कहा- हाँ, दुर्भाग्य से मुझे पैदा होने मे थोड़ी देर हो गयी वर्ना मै तो आपसे ही शादी करता ये सुनते ही वो शर्मायी और कहने लगी- ठीक है बातें तो होती ही रहेगी, तुम लोग जरा फ़्रेश हो जाओ हम लोग वहां से बाथ रूम फ़्रेश होने के लिये…

हेलो दोस्तों मेरा नाम हिरल है मैं फ्रीलांसर हूं, मेरा मुंबई और पुणे आना जाना लगा रहता है. मैंने सिर्फ एक लड़की के साथ एंजॉय किया है पर यह मेरी पहली स्टोरी है जब भी टाइम मिलता है मैं देसी स्टोरी पर स्टोरी पढ़ता रहता हूं पर ज्यादा टाइम नहीं मिलता. मैं दिखने में हैंडसम हूं लेकिन मेरी बॉडी एवरेज है. मेरा पेनिस का साइज उतना है जो एक लड़की को सैटिस्फाई कर सके, मुझे वर्जिन लड़कियां पसंद हैं जो पहली बार मजा करना चाहती है, मैं मसाज भी अच्छा कर लेता हूं. अब मैं आपको ज्यादा दूर नहीं करुंगा, अब मैं अपनी कहानी शुरू करता हूं. मेरी एक कॉलेज फ्रेंड थी उसका नाम रेशमा था वैसे वह मेरे क्लास में ही थी लेकिन मैं एस वाय बी कॉम कॉलेज चेंज करके आया था तब वह भी नहीं आई हुई थी मेरे साथ मेरी कभी भी उसके साथ बात नहीं हुई थी. कुछ दिन ऐसे ही फॉर्मल हाय हेलो होता रहा. वैसे भी उसके ज्यादा फ्रेंड नहीं थे तो मैंने सोचा क्यों ना उसका फ्रेंड बन जाऊं? तो मैंने उसे फ्रेंडशिप करने की इच्छा जाहिर की और वह मान गई. ​उसके बारे में बता दूं, वह बहुत ही क्यूट और डाउन टू अर्थ थी. वह सब कुछ जानती थी पर खुल कर कभी नहीं बात करती थी, उसका फिगर एकदम मस्त था, कोई भी लड़का दीवाना हो जाए ऐसा ३०-३२-३४ था. मैं दोस्ती से ज्यादा करना चाहता था पर मैं मौके की तलाश में था. हम अभी रोज…

उसको उसकी बुर को मसाज देने के बाद उसको फिर से पूछा और अब उसके बुर के अन्दर उंगली डाल दी. इससे वो गनगना उठी. फिर मैं उसके बुर के अन्दर की दीवार को मैं मसाज देने लगा. इसके कुछ ही मिनटों में उसकी सांस फूलने लगी और वो कराह उठी… नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और औरतों को मसाज देने का काम करता हूँ. 16 सितंबर 2016 को रात में मेरे मोबाइल पर एक कपल का मैसेज आया. पति का नाम राहुल और पत्नी का नाम पूजा था. दोनों 32 से 34 साल की उम्र के थे. मैं फेसबुक पर उनसे 6-7 महीने से चैट करता था और कभी – कभी फ़ोन पर बातचीत भी होती रहती है. एक – दो बार मज़े लेने के लिए मिलने का का प्रोग्राम भी बनाया पर किसी कारणवश मुलाकात नहीं हो पायी. उस रात में उन कपल का मैसेज आया कि कल रात यानि की शनिवार रात को एन्जॉय करना है. दोस्तों, वो कपल एक जॉइंट फॅमिली में रहते है इसलिए टाइमिंग की प्रॉब्लम थी. खैर, हमारा मिलने का टाइम तय हुआ रात को साढ़े 11 बजे और जगह नार्थ दिल्ली के पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन पर तय हुई. 11 बजे मैं पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन पहुंच गया और कपल को कॉल किया कि मैं पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन पहुंच गया हूँ. इसके बाद साढ़े 11 बजे राहुल मुझे लेने मेट्रो स्टेशन आया और फिर मैं राहुल के साथ उनके घर आ गया. इसके बाद मैं…

मेरा नाम नेहा है, मेरी हाइट भी ठीक है और मैं भी जवानी के दौर में हूँ। मैं गाँव में रही हूँ लेकिन मेरे घर वाले शहर में रहने लगे क्यूंकि हम लोगों का घर शहर में हमारे पापा जी ने ख़रीदा और हम शहर में रहने चले गए। मैं शहर में गयी तो मुझे पता चला कि यहाँ तो बहुत लोग झूठे हैं और झूठे वादे भी करते हैं। मेरी बहुत सारी सहेलियां भी बन गयी जो मेरी पड़ोसी थी. वो लड़कियाँ शहर के बारे में मुझे सब बताती थी कि शहर में कैसे लोग रहते हैं। मैं भी धीरे धीरे शहर में घुल मिल गयी। मेरे गाँव में मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और न ही मुझे ये सब ज्यादा पता था। मेरी सहेलियां अपने अपने बॉयफ्रेंड के बारे में बातें करती थी तो मैं वहां से चली जाती थी और अपने घर में आकर सो जाती थी। मुझे भी अब अकेलापन महसूस होता था क्योंकि मेरी सहेलियाँ तो अपने बॉयफ्रेंड ने फ़ोन पर बातें करती थी और मैं अकेली चुपचाप रहती थी। मैं कभी कभी अपनी मम्मी का किचन में काम करवा देती थी जिससे मेरा दिन भी निकल जाता था। शहर में पापा का बिज़नस भी चलने लगा था तो वो मुझे कभी कभी अपने साथ अपने बिज़नस वाले जगह पर ले जाते थे और मुझे शहर घुमाते थे। मैं जब भी अकेलापन महसूस करती थी तो अपने पापा के साथ शहर घूमने चली जाती थी। मेरे पापा के अंडर में एक लड़का मिंटू…