जब भगवन देता है तो छप्पर फाड़ के देता है
बात सर्दियों के दिनों की हैं ! मैं अपनी जॉब बदलने की कोशिश कर रहा था। मैं कोटा की एक बहु-राष्ट्रीय कम्पनी में साक्षात्कार देने के लिए गया था। साक्षात्कार के समय पर मेरी मुलाकात जन सम्पर्क अधिकारी शुभान्शी से हुई। उसकी शोर्ट स्कर्ट देख कर ही मेरा लण्ड खड़ा हो रहा था ! मैं पागलों की तरह बस उसकी चूचे और गांड को देख रहा था। उसकी गांड और चूचों को देख कर मेरा लण्ड एकदम तन गया था। मैंने टांग के ऊपर टांग रख कर उसे दबाने की...