सर जी ने जोर से घुसा दिया लौड़ा मेरे बूर में ! मैं खुद ही अपने टांगो को अलग अलग कर दी यानी खुद को चुदने के लिए सौंप दिया ..
मेरा नाम कविता है। मैं देर से पढाई शुरू की थी, सब लड़कियां छोटी थी पर मैं जवान हो गई थी। ये कहानी हाई स्कूल की है। कैसे मास्टर जी ने मेरी बूर फाड़ दिया था ऑफिस में. ये कहानी आज मैं आपके सामने बताने जा रही हूँ। मास्टर जी की नजर मेरे ऊपर पहले से ही थी। मैं ब्रा नहीं पहनती थी, सिर्फ फ्राक पहन लेती थी। तो चूचियां मेरी हिलते रहती थी। निप्पल दूर से ही पता चलता था, मेरे मास्टर जी हमेशा ही घूरते रहते हैं मैं...