मेरी दीदी बच्चे के नाम पर एक पाखंडी बाबा ने कसके चुद गयी और उसकी वासना का शिकार हो गयी
हेलो दोस्तों, ये एक सच्ची कहानी है. मेरा नाम रचित है. मैं बदायूं का रहने वाला हूँ. आप ये कहानी sexkahani.net पर पढ़ रहे है. मेरी प्रज्ञा दीदी की शादी मैनपुरी में हो गयी थी. मैं भी हर ६ महीने में प्रज्ञा दीदी के घर जाता था. मेरे जीजा विवेक बहुत ही अच्छे आदमी थे, पर उनकी माँ और मेरी दीदी की सास बहुत ही चंट औरत थी. वो दीदी को हर बात पर टोकती रहती थी. खैर किसी तरह जिंदगी चल रही थी. पर एक समस्या इन दिनों सामने आ गयी....