बाबूजी मालिश करूँ आपके बदन की?
घर की चारदीवारी में ही मेरा आशियाना था और मैं घर से बहुत कम ही बाहर जाया करता था दोपहर के वक्त मैं खाना खा कर लेटा ही था कि तभी टेलीफोन की घंटी बज उठी। मेरा पूरा ध्यान टेलीफोन की घंटी सुनकर भंग हो गया मैंने टेलीफोन को उठाया और हेलो कहते हुए कहा कौन बोल रहा है। सामने से आवाज आई और वह कहने लगा पापा मैं राकेश बोल रहा हूं मैंने राकेश से कहा बेटा कैसे हो राकेश कहने लगा पापा मैं ठीक हूं। वह भी मुझसे...