अधूरी चुदाई तक का प्यार का पहला पड़ाव
कहानी शुरू करने से पहले कुछ पुरानी बातें बताना चाहता हूँ। मेरी दसवीं की पढ़ाई के बाद बाबा का ट्रान्स्फर यहाँ गुजरात हुआ, सो मेरे एग्जाम खत्म होते ही पूरा परिवार यहाँ शिफ्ट हो गया। जिस किराए के मकान में हम रह रहे थे वो बाबा के सहकर्मी का ही था। वे हमारे पड़ोसी थे.. उनके परिवार में वो अंकल, आंटी और उनकी एक बेटी थी। उसका नाम प्रिया था, वो मुझसे कुछेक माह बड़ी थी.. वो मेरी अच्छी दोस्त बन गई थी। हम दोनों 12 वीं तक तो अलग-अलग...