आंटी की चूत मारकर लाल कर दी

हैल्लो दोस्तों, मेरा Antarvasna नाम प्रेम है। मैं मुम्बई का रहने वाला हूँ और मैं कामलीला डॉट कॉम का का बहुत पुराना पाठक हूँ। मुझे लगा कि मुझे भी अपना अनुभव आप लोगों से शेयर करना चाहिए इसलिए मैं आप लोगों को आज जो स्टोरी सुनाने वाला हूँ, वो 2 महीने पहले की है। मैं इंजिनियरिंग छात्र हूँ और एक 24 साल का जवान लड़का हूँ, वैसे तो मैं दिखने में अच्छा हूँ और मैंने ऐसा सुना है कि मैं स्मार्ट हूँ और मेरा गोरा भरा हुआ शरीर है, मेरा लंड 6 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा है। लम्बाई भी अच्छी है और बॉडी भी, लड़कियाँ बॉडी से अच्छे से पट जाती है और मुझे आंटियो और लड़कियों कि चूत को चाटना बहुत पसंद है। चलो अब सीधा अपने लंड और चूत की कहानी पर आता हूँ।

यह बात अभी 2 महीने पहले की ही है. मुझे गाड़ी चलाना बहुत पसंद है और मैं खाली समय में ऐसे ही गाड़ी को लेकर यहाँ वहाँ घूमता रहता हूँ और लड़कियों और आंटीयों को देखता रहता हूँ और कोई मुझे लाइन दे तो उनके पीछे-पीछे उनके घर तक जाता हूँ. ऐसे ही एक दिन मैं गार्डन में घूम रहा था. वहाँ मुझे एक आंटी दिखी. धूप में ऑटो का इन्तजार कर रही थी. मैनें उनको देखकर के उनके थोड़ा पास जाकर गाड़ी रोक दी और अपने मोबाईल पर टाइम पास करने लगा. करीब 10-15 मिनट में भी उन्हें कोई ऑटो नहीं मिला तो मैनें थोडी हिम्मत जगाकर उनको पूछा…

मैं :- क्या आपको कहिं जाना है वहा छोड़ सकता हूँ?

वह :- नहीं, मैं आपको नहीं जानती।

मैं :- तो क्या हुआ.. गाड़ी पर जाते-जाते जान पहचान हो जाएगी।

वो मान नहीं रही थी फिर थोड़ा कोशिश और करने के बाद उन्होनें कहा धीरे चलाना मुझे आदत नहीं है गाड़ी की, मैनें कहा ठीक है। उनको वैसे शॉपिंग मार्केट जाना था कुछ शॉपिंग करने के लिए वो मुझ से चिपककर बैठी मुझे बड़ा मजा आ रहा था। फिर उन्होनें मुझ से अपने बारे में पूछा मैंने सब बता दिया फिर मैंने उनको उनके बारे में पूछा तो उन्होंने अपना नाम साक्षी बताया था, वो झारखंड की रहने वाली थी। उनके पति का बिजनेस है. वह अक्सर देश से बाहर रहते थे. वह यहाँ अपनी सास और 5 साल के लड़के के साथ रहती है। ऐसे ही बात करते-करते शॉपिंग मार्केट में पहुँच गये. उनको एक लेडीस शॉप में काम था. उन्होनें कहा रूको मैं 5 मिनट में आई. मैं वहाँ बाहर उनका इन्तजार कर रहा था।

वो 5 मिनट बाद आई और कहा चलो हो गया, उन्होनें कहा चलो मलाड जाना है. वहाँ गये फिर हमने होटल में खाना खाया और फिर मैनें कहा चलो आपको घर छोड़ देता हूँ. जाते वक़्त फिर से बातें करने से पता चला कि उनको एक दोस्त की ज़रूरत है और वह अपनी लाइफ में सेक्स से संतुष्ट नहीं है. मैनें उनको उनके घर पर छोड़ा और उनका मोबाइल नम्बर लिया. फिर धीरे-धीरे मैंने उनसे बात करना शुरु कर दिया और रात को व्हाटसअप पर घंटों तक बातें होने लगी, तभी उन्होनें कहा कल सासू-माँ गाँव जाएगी और उनका बेटा सुबह 10 बजे स्कूल जाएगा और 4 बजे तक आएगा. उन्होनें कहा फ्री हो तो घर पर आ जाना. मैनें खुश होकर कहा ओके ठीक है।

दूसरे दिन सुबह मैं फुल तैयार होकर 10.30 वहाँ पहुँच गया. उन्होनें दरवाज़ा खोला. वो अभी नहाकर आई थी, एक गाऊन पहना हुआ था. जिसमें वह एकदम सेक्सी लग रही थी उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया उनकी बॉडी इतनी जबर्दस्त थी की अभी यही पर पकडकर चोद दूँ लेकिन मैंने अपने ऊपर काबू रखा, फिर उन्होंने पूछा ऐसे क्या देख रहे हो? फिर मैंने कहाँ आप हो ही इतनी सुन्दर, फिर वह मेरे गाल पकड़कर के खीचने लगी और मुस्कुराकर अपने होठों से स्माइल दी, फिर हमने साथ में नाश्ता किया और उन्होनें कहा चलो मूवी देखते है. मूवी देखते-देखते हम करीब आ गए और मैंने हिम्मत करके उनके गाल पर किस किया और उन्होनें कुछ नहीं कहा फिर मैंने होठों पर किस किया तो उन्होनें कुछ नहीं कहा और फिर से मैं मूवी देखने लगा, उसके बाद अचानक उनको जाने क्या हुआ पता नहीं उन्होनें मुझे किस करना चालू किया। और मैंने भी अच्छे से उनका साथ दिया हमने करीब 15 मिनट तक एक दूसरे को किस किया. फिर उन्होनें कहा चलो बेडरूम में चलते है। बेडरूम में घुसते ही उन्होनें मुझे कसके पकडा और दीवार पर चिपका दिया और पागलों कि तरह किस करने लगी. उनके अन्दर का सेक्स का राक्षस जाग गया था. क़िस करते-करते उन्होनें मेरी शर्ट निकाली और अपना गाऊन भी खुद निकाल दिया, मैं सिर्फ़ पेंट में था और वह ब्रा और पेंटी में थी मेरे सामने वह एकदम हॉट लग रही थी।

फिर हमने फिर-से एक दूसरे को किस किया और उन्होनें मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरी पेंट खोलकर मेरा 6 इंच का लंड हाथ में लिया और बोली आज मुझे पूरे दिन यह मोटा लंड चाहिए। मैनें कहा ले लो आपका ही है. और फिर अपने हाथ में पकड़कर के उसको आगे पीछे करने लगी और अपने होठों से लगाकर के चूसने लगी। करीब 15 मिनट चूसने के बाद मैं उनके मुहँ में झड़ गया उन्होनें मेरा पूरा पानी अपने मुहँ में उतार लिया। और बोलने लगी इतनी जल्दी ही खत्म हो गई तुम्हारी मर्दागनी। फिर मैंने कहा अभी तो शुरुआत है देखो आगे-आगे होता है क्या। दोस्तों ये कहानी आप कामलीला डॉट कॉम पर पढ़ रहे है।

फिर मैनें उनको लेटा दिया और किस करने लगा वह मानों होश खो बैठी थी मैंने भी जोश में आकर उनकी ब्रा फाड़ दी और उनके मोटे-मोटे बब्स को चूसने लगा. जिससे वह लम्बी-लम्बी सिसकियाँ लेने लगी. फिर मैंने उनकी पेंटी को उतार दिया और उनकी टांगे फैलाकर मैं अपनी जीभ से उनकी चूत के दानों को चाटने लग गया. क्या चूत थी दोस्तों एकदम मस्त गुलाबी चूत थी उनकी. मजा ही आ गया देखकर और चाटकर, वह और जोर से चूसने के लिये कहने लगी करीब 10 मिनट चूत चाटने के बाद मैंने ऊँगली घुसाकर घुमाना शुरू किया और वह झड़ गयी. फिर से वह मेरे लंड को चूसने लगी, हम अभी बातें कम और काम ज़्यादा करने में लगे थे. फिर उन्होनें कहा अब डाल भी दो अन्दर तुम्हार लंड?

मैंने अपने पर्स से कन्डोम निकाला जो की मैं हमेशा साथ में रखता हूँ और कन्डोम पहनकर मैंने अपने लंड को उनकी चूत में घुसाया और वह सिसकियाँ लेने लगी. फिर मैंने उनके चूत के छेद में अपना लंड डाला तो उनको थोड़ा दर्द हुआ क्योंकि उन्होनें बहुत दिन से अपनी चूत को चुदवाया नहीं था। फिर धीरे-धीरे झटके मारने के बाद मैंने एक जोर का झटका मारा तो वह चिल्ला उठी. फिर मैं रुक गया और फिर किस करने लगा और साथ ही साथ ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा. वह अब पागल हो गयी थी और ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी. और उसकी चूत से पानी निकल रहा था जिससे मेरा लंड भी फका-फक जा रहा था। और मैनें भी अपना काबू खो दिया था. 10 मिनट तक ऐसे करने के बाद वह मेरे ऊपर आ गई और चुदने लगी. और फिर करीब 25 मिनट के बाद हम साथ में झड़ गये थे और दोनों का ही पानी एक साथ निकल गया जो की उसकी चूत से झरने की तरह बह रह था और साथ में लेट गये. 15 मिनट के आराम के बाद उन्होनें कहा एकबार फिर से हो जाये. उन्होनें फिर से मेरा लंड मुहँ में लिया और खड़ा कर दिया। मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ मैंने फिर से उनको चोदना चालू किया 10 मिनट बाद मैंने उनको घोड़ी स्टाइल में किया और जमकर चोदा, उन्हें अपने हनीमून से भी अच्छा एहसास दिला दिया और फिर हमने एक बार और सेक्स किया और फिर लंच ऑर्डर करके खाना खाया और फिर मैं अपने घर चला गया. वह अभी किसी काम से देश से बाहर उनके पति के साथ है इसलिए अब हमारी ज़्यादा बात भी नहीं होती है।

“दोस्तों सेक्सी कहानियाँ पढनें वालों और लिखने वालों के लिये “कामलीला” बहुत ही अच्छा माध्यम है।

धन्यवाद कामलीला के प्यारे पाठकों !!

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