हैलो दोस्तों आप सभी को मेरे यानी नीलकंठ के तरफ से प्यार भरा प्रणाम आज मै अपनी सच्चाई मस्ताराम के माध्यम से आप लोगो को शेयर कर रहा हूँ आशा करता हूँ आप सब खूब प्यार देगे दोस्तों मेरे संबंध मेरी चाची के साथ हैं जिनका नाम सुलेखा हैं। मैं अपनी चाची को खूब चोदता हूँ और जी भरकर गांड मारता हूँ। लेकिन मुझसे पहले भी उनका संबंध एक आदमी से रह चुका हैं उसी की कहानी आपको सुना रहा हूँ। सुलेखा एक घरेलू महिला हैं जिसकी उम्र लगभग ४४ साल की और कद ५.२ इंच हैं। उसका वजन अधिक हैं जिससे वह मोटी ज्यादा दिखती हैं। इसके बावजूद वह एक गोरी चिट्टी सेक्सी महिला हैं जिसे देखकर हर दीवाने का लंड खड़ा हो जाये। उसकी तीन लड़कियाँ तथा एक लड़का हैं। दो लड़कियों की शादी हो गई हैं तथा एक लड़की निकिता जिसकी उम्र १९ साल तथा लड़के सूमो की उम्र १३ साल हैं। इस उम्र में भी सुलेखा पर सेक्स का बुखार कम नहीं हुआ हैं उलटे और अधिक बढ गया हैं। सुलेखा के पति नीलकंठ का वजन भी ज्यादा हैं और अब उनमें वो बात नहीं रही जो जवानी में होती हैं। इसलिये सुलेखा संतुष्ट नहीं होती हैं। सुलेखा अपने नाम के अनुरूप ही सजती संवरती हैं और किसी महारानी से कम नहीं लगती। आज सुलेखा कुछ ज्यादा ही सज-संवर रही थी। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | पति ने पूछा तो बताया कि आज के दिन हम पहली बार मिले थे इसलिये सज-संवर रही हूँ। आज हम फिर हमारी सुहागरात की याद ताजा करेंगें। नीलकंठ मुस्कुराकर बोले- क्यों नहीं मेरी रानी। आज बहुत दिनों बाद हम सेक्स का मजा लेंगें। ठीक हैं ठीक हैं ! पर जल्दबाजी मत करना। प्यार से रगड़ना मुझे ! वरना तुम पप्पी झप्पी लोगे और सो जाओगे।
मेरी चूत प्यासी रह जायेगी।
अरे तुम चिंता मत करो ! आज मैं ताकत के कैप्सूल खा लूंगा और तुम्हें जी भर कर चोदुगा। दोनों हंसने लगे। नीलकंठ ने आगे बढकर सुलेखा के रसीले होंठों को चूम लिया। शाम होते होते सुलेखा नीलकंठ का इंतजार करने लगी। बच्चे सुलेखा से पूछने लगे कि आज क्या बात हैं जो आप इतना सज संवरकर बैठी हैं। किसी पार्टी में जाना हैं क्या? अरे नहीं बच्चों ! बस आज मेरा मन बहुत खुश हैं इसलिये थोड़ा सज संवर लिया! सुलेखा बच्चो को समझाते हुए बोली। पर निकिता समझ गई कि आज कुछ गड़बड़ होने वाली हैं। रात में सभी ने खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गये। सुलेखा ने आज अपने कमरे में गुलाब जल छिड़क रखा था। भीनी-भीनी खुश्बू पूरे कमरे में महक रही थी। नीलकंठ और सुलेखा दोनों अपने बिस्तर पर बैठे बातें करने लगे। सुलेखा के हाथ नीलकंठ के हाथों में थे। नीलकंठ ने एक हाथ सुलेखा के बालों में डाला और सुलेखा के भीगे होंठों को चूसने लगे। नीलकंठ ने सुलेखा की साड़ी खोल दी। सुलेखा ने भी तेजी दिखाई और नीलकंठ के कपड़े खोल दिये। अब सुलेखा सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी तो नीलकंठ सिर्फ अण्डरवियर पहने थे। उनका लंड अण्डरवियर में से अपनी झलक दिखला रहा था। नीलकंठ ने ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल दिया।
सुलेखा पूरी तरह नंगी हो गई क्योंकि उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। नीलकंठ सुलेखा के प्रत्येक अंग को चूमने लगे। सुलेखा उत्तेजित होने लगी। नीलकंठ ने सुलेखा के बडे -बडे बूब्स को खूब चूसा। एक एक अंग को चूमते चूमते नीलकंठ के होंठ सुलेखा की चूत को चूसने लगे। सुलेखा बुरी तरह उत्तेजित हो गई। सुलेखा ने एक हाथ से नीलकंठ की अण्डरवियर में हाथ डाला और उनका लंड पकड लिया। सुलेखा ने नीलकंठ को उठाया और उनका लंड अपने मुंह में भर लिया। नीलकंठ तड़पने लगे पर सुलेखा और जोर-जोर से लंड चूसने लगी। आप यह कहानी मस्ताराम.नेट पर पढ़ रहे है | नीलकंठ को झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी और सारा वीर्य सुलेखा के मुंह में भर दिया। सुलेखा एक-एक बूंद चाट गई। फिर से थोड़ी देर बाद दोनों रेड्डी हो गये और सुलेखा नीलकंठ के लंड पर ऊपर से बैठ गयी और खूब तेज तेज धक्के मारने लगी नीलकंठ का लंड जब अन्दर जाता तो गप गप की आवाज आती जिससे दोनों का मज़ा किरकिरा हो रहा था तो नीलकंठ ने बोला जान थोडा सा आयल लगा लो तो ये आवाज कम हो जाएगी फिर सुलेखा ने पास में रखा नारियल का तेल अपनी चूत में और नीलकंठ में लगा कर धक्के की स्पीड बढ़ा डी और खूब जोरदार चुदाई चलने लगी थोड़ी देर में हम दोनों एक दुसरे को कस के पकड़ कर चिपक गये |
तो दोस्तों कैसी लगी कहानी मुझे मेल कर बता सकते है |