हैलो दोस्तो, मेरा नाम अभिनंदन है.. मेरा कद 5 फिट 6 इंच है.. मेरा रंग सांवला जरूर है मगर मेरी फिगर तो किसी से भी किसी तरह कम नहीं है।
Antarvasna मेरे रंग को ना देख कर हर लड़की मेरे फिगर पर फिदा रहती है।
खैर इधर मैं अन्तर्वासना के ज़रिए आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ।
मेरी एक दीदी हैं.. जिनके गाँव में मैं बराबर आता-जाता रहता हूँ.. उधर उनके घर में उनकी एक ननद है.. जिसका नाम अंजलि है।
मैं जब भी उनके गाँव जाता था.. तो सबसे पहले पानी लेकर वही आती थी।
वो मुझे मन ही मन बहुत पसन्द करती थी, मैं भी उसे चोदने की फिराक में रहता था।
एक दिन की बात है जब मैं अंजलि के गाँव गया था.. मस्त मौसम था।
हम लोग छत पर एक मच्छरदानी लगा कर सो रहे थे।
सभी लोग ऊपर छत में ही सोए हुए थे.. पर मेरा मन कहीं और था और मुझे नींद ही नहीं आ रही थी।
मैं सोच रहा था कि कैसे अंजलि को चोदने का मौका मिलेगा.. पर उस रात मेरे हाथ कुछ नहीं लगा।
सुबह 5 बजे उसकी माँ उठ कर नीचे चली गईं।
मैं जगा हुआ था.. पर उसके बड़े भाई के लड़के भी उधर ही सो रहे थे।
मेरा दिल करता था कि अभी जाकर अंजलि को चोद दूँ.. पर मेरी गांड फट रही थी।
इस पगली को मैंने कभी टच तक नहीं किया था.. अचानक वो भी नीचे जाने लगी।
मैं सोच ही रहा था कि आज रात बेकार में गई.. मैं यहाँ लंड हिलाता रह गया.. वहीं नीचे जाने की सीढ़ियाँ थीं.. अचानक वो सीढ़ी के पास आकर खड़ी हो गई।
वो मुझे देखने लगी। तभी मैंने अलसाते हुए अंगड़ाई लेते हुए पूछा- सुबह हो गई क्या?
तो अंजलि ने कहा- हाँ..
तब मैंने कहा- आओ थोड़ी देर यहाँ बैठो।
तो वो मुझसे कुछ दूर बैठ गई।
मैंने सोचा साली ये तो दूर बैठ गई अब क्या किया जाए…
तभी मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और उसे पकड़ कर अपने पास खींच लिया।
तो वो बोली- अरे.. ये आप क्या कर रहे हो?
तब मैंने कहा- अंजलि मैं जब भी तुझे देखता हूँ तो मेरे मन में हेनू-हेनू होने लगता है.. आज मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाई है।
तो बोली- मुझे जाने दो.. मुझे स्कूल जाना है।
तो मैंने घड़ी देखी तो अभी सिर्फ 5:40 हुए थे।
तो मैं बोला- अभी ढाई घंटा बाकी है..
तभी मैंने उसे अपने पास खींच कर लिटा लिया।
उसको खींचते हुए मुझे ऐसा लगा कि जितनी जोर से मैंने खींचा था.. वो उससे कहीं तेज.. वो मेरे बगल में बड़े आराम से गिरते हुए लगी।
सो मुझे ऐसा लगा कि वो राजी हो गई है और मेरी हिम्मत बढ़ गई।
मैंने सीधे उसके मम्मों पर हाथ डाल दिया।
तो उसने मना कर दिया कि अभी नहीं अभी बच्चे जाग जाएंगे।
मुझे तो समझ में आ गया था कि उसे भी यही पसंद था।
फिर मैं जबरन उसकी चूचियाँ दबाने लगा, उसकी आँखें बंद होने लगीं।
कम समय के अभाव में मैंने झट से उसकी पैन्टी में हाथ डाल दिया।
मेरा 7 इंच का लवड़ा तन कर लोहा हो गया।
जैसे ही मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाली.. तो देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के मुँह पर रखा तो गनगना गई।
उसकी चुदास खल कर सामने आ गई और वो धीरे से बोली- जल्दी करो…
मैंने आव देखा न ताव और झटके से एक धक्का मारा.. तो दर्द के मारे धीरे से चिल्ला पड़ी- मुझे दर्द हो रहा है.. छोड़ दो मुझे.. फिर कभी चोद लेना.. मैं मर जाऊँगी…
Antarvasna
पर मुझे सब्र कहाँ था.. मैंने सोचा अभी नहीं तो कभी नहीं.. और खड़े लंड पर धोखा नहीं होना चाहिए।
मैंने बोला- थोड़ा सब्र करो…
मैंने एक और झटका मारा.. मेरा पूरा लण्ड अंजलि चूत में घुस गया और वो बेहोश सा हो गई.. अब मैं रुक गया।
मैंने उसके आमों को चूसा और सहलाया तो उसे कुछ होश आया।
होश आकर मरी सी आवाज में बोली- आप आदमी हैं या कसाई? इस तरह चोदा जाता है?
मैं चोदा शब्द सुनकर बोला- आज मैं अपना अरमान पूरा करके ही छोडूँगा मेरी जान…
तब तक उसने अपनी कमर को थोड़ा हिलाया और बोली- जल्दी करो.. वरना कोई ऊपर आ जाएगा…
अब उसे भी मज़े आना लगा और वो मेरा साथ देने लगी।
मैं धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और मैंने उसके हाथ पीछे करके अपनी तरफ़ खींचा।
अब मैंने उसके पैरों को उठाया और अपने कन्धों पर रख लिया और गांड की तरफ़ से चोदने लगा था.. अचानक उसका बदन अकड़ने लगा।
मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली है.. तभी मैं रुक गया और उसकी प्रतिक्रिया देखने लगा।
वो तड़फते हुए गुस्से से बोली- साले रुका क्यों.. जल्दी-जल्दी चोद…
तो मैं बोला- ले साली.. तुझे आज चोद कर फाड़ दूँगा।
कुछ देर बाद वो ढीली हो गई।
वो झड़ चुकी थी… तभी मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और कुछ देर में मैं भी झड़ गया।
फिर जल्दी से अपना लौड़ा उसकी चूत से खींच लिया और टपकते माल के साथ ही वो अपनी पजामी की डोरी बाँधते हुए नीचे चली गई।
मैं चुदाई से निढाल हो गया था सो फिर से सो गया।
इस तरह दीदी की ननद को चोद लिया था.. बाद में उसे कई बार चोदता रहा।