करवाचौथ के दिन ननदोई ने शांत की वासना की भूख पति के मदद से – मैं चल नहीं पा रही थी मेरे चूत में सूजन आ गया था

मेरे प्यारे दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सेक्स कहानी सुनाने जा रहे हैं यह कहानी करवा चौथ के दिन की है .  इस कहानी में मैं करवा चौथ में ऐसा क्या हुआ था कि मेरी वासना को शांत करने मेरे नंदोई आए थे. पूरी कहानी मैं आपको विस्तार से बताती हूं क्योंकि रात क्या हुआ था .

जितने भी पर त्योहार होते हैं आप उस पर त्योहार की खुशियां देखते हैं खुशियां सुनने को मिलता है और कभी आपने सोचा है क्या सब लोग खुश हैं क्या सबको वैसे ही खुशी मिलती है नहीं दोस्तों बंद दरवाजे के पीछे कई लोगों के हालात अलग अलग होते हैं.

जैसे आप खुद सोचिए कोई अपनी पत्नी को सेक्स में बहुत  खुश करता है. तो कई ऐसे होते हैं चिंकी पत्नी खुश नहीं होती और कलह का कारण बन जाते हैं। ऐसा ही सिचुएशन मेरे साथ आया था.

मैं 24 साल की हूं मेरा नाम राधिका है।  मेरे साथी के 4 साल हो गए अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ यहां तक कि दोस्तों मुझे आज तक सेक्स में संतुष्टि नहीं मिल पाई मेरा पति मेरे साथ सेक्स नहीं कर पाता।  क्योंकि शादी के पहले ही उनका एक्सीडेंट हो गया था और एक्सीडेंट की वजह से उनकी शारीरिक ताकत खत्म हो गई है। लंड देखकर और चुदवाकर तो कोई शादी नहीं करता शादी के बाद ही पता चलता है उसका पति मर्द है या नामर्द।

4 साल से मैं सिर्फ सहला सहला कर काम चला रही हूं।  पति का लंड खड़ा नहीं होता वह सिर्फ मेरी चूत मैं उंगलियां करते हैं मेरे बूब्स को दबाते हैं मेरे बूब्स को पीते हैं किस करते हैं पर आप खुद सोचिए जिसके चुत में लंड नहीं जाता हो सिर्फ पतली उँगलियाँ जाती हो क्या उसकी वासना शांत हो सकती है? नहीं दोस्तों चुदाई के लिए सिर्फ लौड़ा चाहिए और कुछ नहीं।  मेरे पति सिर्फ मेरी भावना को भड़का देते हैं और आराम से सो जाते हैं।

कितना दिन तक चलेगा मैं कब तक पति धर्म निभाऊंगी पतिव्रता नारी कहलाओगे 1 दिन तो बेशक खत्म करना ही होगा।  वह दिन करवा चौथ का दिन था जब अपनी वासना की आंधी में बहकर अपने नंदोई के पास दूसरे कमरे में पहुंच गई और अपनी भूख शांत की।  उस दिन मुझे एहसास हुआ सेक्स क्या होता है। चुदाई क्या होती है।

दिन भर में व्रत रखती 17 अक्टूबर 2019 को शाम को चांद देख कर जल ग्रहण किया।  उस दिन खूब सजी थी मेरे शरीर के सारे अंग खिल खिला रहे थे। कसी हुई चोली, सुंदर नैना,  गुलाबी होंठ, कसमसा रहा था। खाना खाने के बाद मैं, पति पत्नी दोनों सोने चले गए। मैं तो दुल्हन की तरह सजी हुई थी।  पति मुझे छेड़ना शुरू कर दिए। उन्होंने धीरे धीरे मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मैं नंगी हो गई है उन्होंने मेरा बाल खोल दिया।  खूबसूरत परी की तरह लग रही थी मैं। बस उन्होंने अपना उंगली निकाला और सटासट मेरी चूत में देने लगे। और फिर मेरे चूचियों से खेलने लगे।  उलट पलट कर मुझे काम करते हैं मेरी वासना में आग लगा दी मेरे रोम रोम खिल उठे। मेरी चूत गीली हो गई। मेरे निप्पल और ब्रैस्ट तन गए थे। मेरे मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी। मैं परेशान होने लगी क्योंकि सेक्स की भूख बढ़ चुकी थी ऐसा कितने दिन तक चलेगा।

मैंने चूत चाटते  पति को एक लात मारी इसके लिए मैंने दिन भर व्रत रखी थी लंबी उम्र के लिए खुशियां आने के लिए पर जब मेरी वासना भड़क गई थी।  तुम मुझे कुछ नहीं समझा, मैंने एक लाख लगाई वह बेड से नीचे गिर गए। झगड़ा शुरू हो गया मैंने उनसे कहा शादी क्योंकि जब तुम मुझे चोद  नहीं सकते। क्यों मेरी जिंदगी खराब कर रहे हो। मैं भी इस बात को सब से छुपा कर बैठी हूं अगर आज मैं अपने घर में ही बात बता दूं कि आपने जिसके साथ मेरी शादी की है एक नामर्द है।  तो कल ही वह मुझे बुला लेंगे मैं चाहती हूं कि मैं चली जाऊं अगर तुम मुझे खुश नहीं कर सकते तो तेरे साथ एक पल भी रहना मेरे लिए कठिन है।

पति को लगा कि बात बढ़ जाएगी,  उनको भी एहसास है की गलती उनकी है।  वह डर गए उनको लगा शायद काम खराब हो जाएगा और कोई पति ऐसा नहीं चाहता कि उसकी पत्नी  उसको छोड़ कर चला जाए उन्होंने एक और कर दिया कि देखो राधिका मैं घर का अकेला बेटा हूँ मेरे पास इतने  धन दौलत दौलत को भोगो और तुम चाहे तो किसी और से संबंध बनाकर अपने वासना को शांत कर सकते हो मुझे कोई दिक्कत नहीं।  मैं बोली यह काम बाहर करूंगी तो क्या होगा लोग क्या कहेंगे यहां तक की कल के दिन हम लोगों को परेशानियां ही खड़ी होगी इसलिए घर के बाहर  मैं किसी से संबंध बनाऊं यह सही नहीं रहेगा। तो हम दोनों ने डिसाइड किया कि क्यों ना रंभा के पति से ही संबंध बनाया जाए क्योंकि वह मेरे से मजाक भी करते हैं उनका मन भी ऐसा लगता है कि वह मुझे चाहते हैं और मैं यह संबंध सिर्फ तक रखूंगी प्यार तुमसे ही करूंगी।

संजोग की बात थी रंभा के पति 17 तारीख को यही थे।  क्योंकि रंभा एक सरकारी डिपार्टमेंट में काम करते हैं और उस दिन उसे छुट्टी नहीं मिली वह 5 दिन के लिए देश से बाहर गई हुई थी।  वह सरकार में एक बड़े पद पर ऑफिसर है। तो मैं अपने पति से बोली तो फिर आपका क्या इरादा है क्या आदेश है क्या मैं उनके साथ आज रात सो सकते हैं ताकि जो वासना अपने भड़काया है उसको शांत किया जा सके।

पति बोले बेशक जा और हो सके तो एक बेटा भी पैदा कर दी है ताकि वह मेरे धन दौलत की बारिश बन सके।  दोस्तों इतना सुनते मैं अपने पति को गले लगाए उनसे माफी मांगी और मैं अपने नंदोई के कमरे में चली गई।  जब मैं उनके कमरे में पहुंचे तो वह मोबाइल में sexkahani.net पढ़ रहे थे। और मुट्ठ मार रहे थे।  मैं जब उनके कमरे में पहुंच गई तो उनको ध्यान ना हुआ कि मैं आई हुई हूं मुठ मारते ही रहे। मैं बोली क्या बात है इतनी खूबसूरत बला सामने खड़ी है और आप रहे कि मुट्ठ मार रहे हो।  इतना सुनते ही वह हैरान हो गए की मैं क्या बोल रही हूँ। उन्होंने कहा ऐसा भाग्य कहा मुझे तो मुट्ठ मार के ही काम चलाना पड़ता है। तो मैं बोली जब तक मैं हूं आपको इसकी कोई जरूरत नहीं है आज पूरी रात आपके साथ हूं।

और मैं अपने नंदोई के होंठ पर एक खूबसूरत सा किस दे दिया। उन्होंने पूछा साले साहब कहां हैं तुम्हें बोल दे वह सो गए हैं वह आज भी लिए थे इसलिए उनको होश नहीं है यह मैं बात तुमको झूठ बोली।  इतना सुनते ही हूं मेरे होंठ को चूसने लगे। मेरी चूचियां दबाने लगे मैं तो मेक्सी पहनी हुई थी अंदर कुछ भी नहीं पहना था क्योंकि जब मैं अपने पति के कमरे से निकली तो एक मैक्सी डाल दी थी अंदर तो पहले से ही सब कुछ खुला हुआ था।  उन्होंने तुरंत ही मेरे मैक्सि को उतार दिया। और अपने सारे कपड़े खोल दिन पहले वह निप्पल को दांत से काटने लगे. फिर उन्होंने मेरी चूत को चाटने लगे मेरी चूत पहले से ही गीली थी और आज मुझे पहली बार मर्द मिला था इसलिए मैं मचल गई।

मैंने उनको बोला यह तो कल से भी होगा आज मुझे खुश कर दो आज देर ना करो आज मुझे गर्म करने की कोई जरूरत नहीं मैं आज खुद ही बहुत गर्म हूं आज मैं चाहती हूं जी भरके मेरी वासना को शांत करो मेरे रोम रोम आप शांत कर दो मेरे शरीर में जो आग लगी हुई है उसे शांत करना बहुत जरूरी।  उन्होंने पूछा राधिका रिश्ते तो तुम्हारे सही हैं तो मैं बोलती नहीं जी, मेरा पति मुझे आज तक सेक्स नहीं कर पाया क्योंकि वह नामर्द अगर सच बताऊं तो आपके पास आज उन्होंने ही भेजा है मैं आपसे झूठ बोली हूं कि वह ज्यादा किए हुए हैं वह किए हुए नहीं वह दूसरे कमरे में हैं। अपने रिश्ते को बचाने के लिए आपके पास भेजें लोगों के रिश्ते टूट जाते हैं किसी और के पास जाने पर पर मेरे साथ ही उल्टा हुआ है कि अपने रिश्ते बचाने के लिए मुझे दूसरे के साथ सेक्स करना पड़ रहा है।

उन्होंने मुझे किस करते हुए बोले आज से मैं तुम्हें खुश  करूंगा तेरी वासना को शांत मैं करूंगा। और वह अपना मोटा लौड़ा निकाल कर मेरे मुँह में दिए। मैं चूसने लगी। मोटा करीब ९ इंच का लौड़ा मेरे मुँह में भी नहीं आ रहा था।

उसके बाद उन्होंने मेरी चूत में लंड को सेट किया और घुसा दिया मुझे काफी दर्द होने लगा। क्यों की ये मेरी पहली चुदाई थी इसके पहले तो सिर्फ ऊँगली ही गई थी। और दूसरी मिनट के बाद यह सब कुछ ठीक हो गया और वह जोर से धक्के देने लगे। मेरी चूचियां उछल रही थी जैसे जैसे धक्के लगते।  मैं नीचे से धक्के दे रहे थे वो ऊपर से धक्के दे रहे थे। फिर दोनों 69 के पोजीशन में आ गए। वो मेरी चूत चाट रहे थे और मैं उनके लंड को चूस रही थी।

फिर मैं उनके ऊपर चढ़ गई वह नीचे हो गए। मैं उनके लंड को अपने चूत में डाल ली और ऊपर निचे होने लगी उनका लंड काफी लंबा था तो मेरे अंदर तक जा रहा था। हम दोनों काफी सेक्सी हो गए थे और एक दूसरे को खुश कर रहे थे।

तभी दरवाजा खटखटाया दौड़कर खोली तो मेरे पतिदेव थे। वो भी अंदर आ गए। बोले मेहमान जी आप सिर्फ चुदाई कीजिये बाकी की चूचियां दबाना किश करना मैं कर देता हूँ। और पुरे कमरे में हसी का माहौल बन गया सब लोग हसने लगे। और फिर वही हुआ। एक मर्द जो चोदने में उस्ताद है और एक जो किश करने में, बूब्स प्रेस करने में, गांड में ऊँगली डालने में उस्ताद है। जब दोनों मर्द मिलकर मुझे छेड़ना और चोदना शुरू किया तो आप खुद ही समझिए वह का माहौल क्या हुआ होगा।

रात भर चुदाई की। गांड में मरवाये। सुबह मैं चल नहीं पा रही थी मेरे चूत में सूजन आ गया था मैं दोनों पैर अलग अलग कर चल रही थी। तो ऐसे हुई थी मेरी चुदाई करवाचौथ के दिन अपने नन्दोई से। आपको sexkahani.net पर मेरी और भी कहानियां पढ़नी है तो रोजाना आइये और ओरिजनल और लेटेस्ट सेक्सी कहानी पढ़िए।

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