किराए का सेक्स

आओ कमला तुमने तो अब हमें भुला ही दिया है जैसे.” सेक्स से भरी नजरो से जमीनदार मोहन ने इस मजदुर औरत को देखा और उसकी गांड के ऊपर नजरें गडाए बैठा.

“साहब, गेहूं की फसल की सीजन थी न, कटाई में अच्छी मजदूरी मिल जाती हैं इसलिए हम छोलपुर गए थे पति के साथ.” कमला ने अपने हलके पीले दांत दिखाते हुए कहा.

“चलो कोई नहीं, अब आ गई हो तो इनसे मिलो. यह कुमार साहब हैं, फारेस्ट अफसर हैं इधर के नए. इन्हें खुश रखना हैं नहीं तो यह तुम्हारें घरो पर बुलडोजर चलवा सकते हैं. हमारे बड़े अच्छे दोस्त हैं इसलिए करेंगे नहीं ऐसा. लेकिन क्या करे यह भी उनकी बीवी उधर उनके गाँव में ही इसलिए घर में काम की बड़ी किल्लत होती हैं. तुम दिन में एक टाइम इनके घर जाकर सफाई कर देना. पगार हम से ले लेना, और सब तरह खुश रखना हैं साहब को समझ गई ना.” इशारे इशारे में ही कमला को बता दिया गया था की कुमार की सेक्स की जरुरत भी उसे पूरी करनी हैं.

जमीनदार ने किया सेक्स का जुगाड़

जमीनदार मोहन यहाँ के जंगलो में ठेकेदार था जो दो नम्बर का बड़ा काम करता था. कुमार यहाँ के नए फारेस्ट अफसर थे जो एक नम्बर के रिश्वतखोर और अय्याश थे. मोहन ने उन्हें रिश्वत देने से मना नहीं किया था लेकिन कुमार को दो तिन दिन में चुदाई का जुगाड़ करने का वादा भी कर बैठे थे. कमला एक शादीसुदा औरत थी जो 21 साल की थी और उसकी जवानी से जैसे की सेक्स टपकता था. उसका पति नहीं जानता था लेकिन उसकी चूत में सेक्स का एक झरना बहता था जिस से बहोतों ने अपनी प्यास बुझाई थी.

इस से पहले कमला मोहन के बंगले पर ही काम करती थी और उसकी कटी हुई जवानी के मोहन भी एक समय कदरदान थे. लेकिन फिर कमला ने घर के नौकरों से चुदना चालू किया और मोहन अब उसे किराए के सेक्स वर्कर के तौर पर ही यूज़ करते हैं. जब ऐसे कोई अफसर को खुश करना हो कमला को बुलाया जाता हैं और एक बार सेक्स करने के जमीनदार मोहन उसे एक ठुकाई के 200 रूपये दे देता था. कमला भी खुश थी क्यूंकि उसकी मजदूरी से यह रकम काफी ज्यादा थी. कुमार ने जब कमला को देखा तो एक घड़ी उन्हें लगा ही नहीं की यह शादीसुदा औरत हैं. बड़े मम्मे और मस्त छोटी गांड किसी भी मर्द को परेशान कर सकते थे. कमला ने एक नजर भर के ही कुमार को देखा था लेकिन इस फारेस्ट अफसर को जैसे उसकी शकल याद रह गयी थी.

“ज्यदा ना सोचे कुमार बाबु, आप का काम हो जायेंगा. यह बड़ी कातिल चीज हैं हम खुद डुबकी लगा चुके हैं और एक एक गोता आप को भी मजा देगा.” मोहन जमीनदार ने मुछो के ऊपर ताव देते हुए कहा.

अपने लंड को खुजाते हुए कुमार ने कहा, “बस एक बार आ जाएँ ये कसम से इसे भी हम खुश कर देंगे.”

“समझे वो शाम को आप के बिस्तर में होंगी, रात में कठिनाई हैं क्यूंकि उसका पति घर रहता हैं. शाम में ही ठोक दीजियेगा इसका छेद.” मोहन ने ताकीद की.

कुमार मोहन का धन्यवाद करते हुए अपनी टोपी को पहनते हुए वहाँ से निकल पड़े. जिप स्टार्ट कर के वो सीधे पहले पड़ोस के गाँव की और चल पड़े. यह इलाका पूरा जंगल था और कंडोम नहीं मिलते थे यहाँ. कंडोम और सरसों के तेल की छोटी बोतल ले के कुमार घर आये. मन बहलाने के लिए उन्होंने फिल्मफेर मैगज़ीन उठाई पुराने अखबारों के बिच से. यहाँ बिजली और नेट तो था नहीं की लंड को पोर्न विडियोस से बहला लेते. वही छोटे छोटे कपडे वाली हिरोइन्स को देख के कुमार लंड को खड़ा कर रहे थे. दोपहर को खाने में वही मेगी नुडल्स और अचार ब्रेड खाए और अब वो बेसब्री से कमला के आने की राह देख रहे थे. महीनों हो चले थे चूत के छेद में सेक्स की पिचकारी छोड़े और कुमार लंड हाथ से हिला हिला के परेशान थे. मोहन जमीनदार ने वादा बड़े दिन से किया था लेकिन कमला थी ही नहीं यहाँ. कमला के साथ सेक्स के विचार करते करते ही लुंगी में लंड हिला के कुमार सो गए.

तुम आई और फिर खड़ा हो गया

साढ़े पांच बजे के करीब दरवाजे पर दस्तक हुई. कुमार नींद से झबक उठे और दौड़ के दरवाजा खोला.

“आओ अंदर, बड़ी देर कर दी आने में तुमने.” कुमार ने हँसते हुए कहा.

“साहब पति को खाना देना था, वो बहार गया था इसलिए दोपहर का खाना अभी दे के आई हूँ.” कमला ने धीरे से कहा.

“अरे हम भी तो भूखे हैं कब से तुम्हारी आस में.” कमला को अंदर ले के कुमार ने एक नजर बाकी के दो क्वार्टर पर डाली. उसके हाथ निचे काम करने वाले दोनों चोकीदार शायद जंगल में ही थे. कमला ने अंदर आके एक नजर कुमार को देखा और फिर उसकी नजर लुंगी के ऊपर बने हुए धब्बे पर पड़ी. वो हंस पड़ी. कुमार ने उसे ले दबोचा और उसके होंठो पर किस करने लगे. कुमार के आधे सफ़ेद आधे पीले दांत के साथ कमला के पीले दांत मिल गए. कमला ने निचे लुंगी की गाँठ को खोला और लुंगी जमींन पर जा गिरी. अंदर कुमार का सेक्स का प्यासा लौड़ा था जो कंपन मार रहा था बिल में जाने के लिए. कमला ने लंड को हाथ से मसला और लंड पूरा के पूरा तन गया. कमला ने अब अपने होंठो को कुमार के होंठो से दूर किया और वो लंड चूसने का मन बना चुकी थी.

लेकिन कुमार ने कहा, “सरसों का तेल लायें हैं हम, चूस के तनिक मालिश कर दो उसका.”

“जी बाबूजी.” इतना कह के कमला ने उस सेक्स की नाली को मुहं में भर लिया. कमला ने आधा लंड मुहं में लिया और उसे चूस का मजा देने लगी. कुमार की आँखे बंध थी और वो इस देहातन के साथ ओतप्रोत थे सेक्स के दरिया में…….! चुदाई का सफ़र कहानी के आगे के भाग में भी जारी रहेंगा…..!

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