कॉलेज की गर्लफ्रेंड की होटल में चूत चुदाई (College Ki Girlfriend Ki Hotel Mein Chut Chudai)

प्यार का इजहार जब कोई लड़की अपनी चुदाई करवा के दे वैसी desi kahani आप दोस्तों को बहुत रोमांचित कर देगी और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी अचानक से हो गया..

हैलो दोस्तो, मेरा नाम आर्चित है, आज मैं आपको अपने जीवन की सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ। मेरी उम्र 21 साल है मैं मेरठ में रहता हूँ। यह बात जुलाई 2014 की है मेरा दाखिला बी. कॉम में हुआ था।

मैं पहले दिन कॉलेज गया तो अचानक मेरी नजर एक लड़की पर गई। क्या खूबसूरत बला थी..!
वैसे ज्यादा लम्बी नहीं थी यही कोई 5 फुट की थी। एकदम गोरी.. पूरा शरीर जैसे साँचे में ढाला गया हो।

आँखें बिल्कुल स्याह काली, उम्र लगभग 20-22 की, जिसकी तरफ देख ले तो आदमी वहीं थम जाए। मैं उसे देखते रह गया.. क्लास शुरू हुई तो पता चला कि वो मेरी क्लास में ही है।

एक दिन मैंने उससे उसका नाम पूछा उसने अपना नाम प्रिया (बदला हुआ नाम) बताया।
मैंने कहा- कितना प्यारा नाम है। फिर उसने मेरा नाम पूछा तो मैने अपना नाम आर्चित बताया।

फिर उसने हाथ मिलाया… क्या मुलायम हाथ थे। मैंने उससे दोस्ती करने की कोशिश की और कुछ ही दिनों में उसने मुझसे दोस्ती कर ली। हम दोनों की दोस्ती प्यार में कब बदल गई, पता ही नहीं चला।

हम कॉलेज मे साथ मे रहते पड़ते ओर घूमते थे कभी कभी मौका मिलने पर हम किस भी किया करते थे। हम रोज फोन पर बाते किया करते थे, धीरे धीरे हम सेक्स की बाते करने लगे ओर ओर फोन पर सेक्स करने लगे।

एक दिन मेरे जन्म दिन था तो मैने उससे मिलने को बुलाया हम एक रेस्टोरेंट में गया वहाँ मैने उसको पार्टी दी, उसके बाद मैंने उससे कहा की अब मेरा गिफ्ट दो उसने कहा क्या चाहिए गिफ्ट मे बोलो मैने कहा तुम उसने कहा मे तो आप ही की हूँ।

जो चाहे ले लो फिर मैने एक रूम बुक किया ओर हम वहाँ गये रूम मे जाते ही मैने उसे अपनी बाहों मे भर लिया ओर उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए, वो भी मेरा साथ देने लगी हम दोनों की जीभ आपस मे मिलने लगी।

हम किस करने में इतने डूब गये थे की पता ही नही चला 15 मिनट तक हम एक दूसरे के होंठो को चूमते रहे।
मैने उसे अपनी गोद मे उठाया ओर बिस्तर पर लिटा दिया मैं भी उनके बगल में जाकर लेट गया और उन्हें अपनी बाँहों में भर कर प्यार करने लगा, जिससे वो भी अपने आप को रोक न पाई और मुझे चूमते हुए बोलने लगी- आर्चित आई लव यू.. आई लव यू.. आई लव यू..।

वो पागलों की तरह मुझे चूमने और काटने लगी। फिर से चुम्बनों का दौर शुरू हो चला था जिससे हम दोनों ही मज़े से एक-दूसरे का सहयोग कर रहे थे, जैसे हम जन्मों से प्यासे रहे हों।

एक एक करके हमारे सारे कपड़े उतार चुके थे ओर मैं अपने हाथो से उसके दोनों चूचे दबा रहा था तो कभी उन्हें अपने होंठों से किस करता तो कभी दातो से कटता तो वो कहने लगी तुम्हारे हाथों में तो जादू है, किसी को एक बार प्यार से छू लो तो वो तुम्हारी दीवानी हो जाए।

तो मैंने उन्हें चूमते हुए बोला- मेरी जान अभी तो बस तुम्हारा दीवाना बनने का दिल है, तुम मुझे पहले दिन से ही बहुत पसंद थीं। मैं इस घड़ी के लिए कब से बेकरार था।
फिर मैंने उसकी पैन्टी को बगल से पकड़ कर नीचे खींच दिया और उसकी फूली हुई चिकनी फ़ुद्दी को देख कर मन ही मन झूम उठा।

क्या क़यामत ढा रही थी.. एक भी बाल न था जो कि शायद आज ही मेरे लिए उसने साफ़ किए थे। मैंने आव देखा न ताव और झट से उसके चिकने भाग को चूम लिया जिससे प्रिया किलकारी मार कर हँसने लगी।

धीरे धीरे मैं उसकी आग भड़काने के लिए उसके चूत के दाने को मसलने लगा, जिसके परिणाम स्वरूप उसने आँखें बंद करके बुदबुदाना चालू कर दिया जो काफी मादक था और माहौल को रंगीन कर रहा था।

‘आआआईईस्स्सस्स.. और जोर से आअह्हह हाँ.. ऐसे ही आआआह्ह्ह्ह बहुत अच्छा लग रहा है..’

वो एकदम से अकड़ कर फिर से झड़ गई उसके कामरस से मेरी ऊँगलियाँ भी भीग गई थीं जो मैंने उसकी पैन्टी से साफ़ कीं और फिर उसकी चूत को भी अच्छे से पौंछ कर साफ किया।

फिर वो जब शांत लेटी थी तो मैं ऊपर की ओर जाकर फिर से उसके चूचों को चूसने लगा। जिससे थोड़ी देर बाद वो भी साथ देने लगी पर अब मेरी ‘आअह्ह्ह्ह’ निकलने की बारी थी जो कि मुझे मालूम ही न था।
फिर धीरे से उन्होंने अपना हाथ बढ़ा कर मेरी वी-शेप चड्ढी को थोड़ा उठा कर किनारे से मेरे लण्ड महाराज को बाहर निकाल लिया। मेरा लौड़ा पहले से ही सांप की तरह फन काढ़े खड़ा था।

उसको देखते ही उसके चेहरे की ख़ुशी दुगनी हो गई और बड़े प्यार के साथ वो मेरे लण्ड को मुठियाने लगी जिससे मुझे और उसे अब दुगना मजा आने लगा था।
फिर हम 69 की अवस्था में आ गए और वो मेरे लण्ड को छोटे बच्चों की तरह लॉलीपॉप समझ कर चूसने लगी और जीभ से रगड़ने लगी।

जिससे मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और मैं भी उनकी चूत को आइसक्रीम की तरह चूसने चाटने लगा। जिससे दोनों चरमोत्कर्ष पर पहुँच गए और सारे कमरे में एक प्रकार का संगीत सा बजने लगा। ‘आआह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह…’

पता नहीं कब हम दोनों के हाथ एक-दूसरे के जननांगों को रगड़ने लगे.. जिससे एक बार फिर से ‘आह्ह ऊऊओह्ह ह्ह…’ का संगीत कमरे में गूंजने लगा।
मेरा लौड़ा अपने पूर्ण आकार में आ चुका था और उसकी चूत से भी प्रेम रस बहने लगा था।

तभी मैंने देर न करते हुए उनके ऊपर आ गया और उनके मम्मों को रगड़ते और चुम्बन करते हुए अपने लण्ड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा..

अब वो जोर-जोर से अपनी कमर हिलाते हुए मेरे लौड़े पर अपनी चूत रगड़ने लगी और अब वो किसी प्यासी औरत की तरह गिड़गिड़ाने लगी- आर्चित अब और न तड़पा… डाल दे अन्दर.. और मुझे अपना बना ले..

फिर मैंने उसकी टांगों को उठाकर अपने कन्धों पर रख लीं, जिससे उसकी चूत का मुहाना ऊपर को उठ गया। फिर अपने लौड़े से उसकी चूत पर दो बार थाप मारी.. जिससे उसके पूरे जिस्म में एक अजीब सी सिहरन दौड़ गई।

एक जोर से ‘आअह्ह्ह्ह्ह’ निकालते हुए वो मुझसे बोली- और कितना तड़पाएगा अपनी जान को.. डाल दो जल्दी से अन्दर..
फिर मैंने उसकी चूत के मुहाने पर लौड़े को सैट करके हल्का सा धक्का दिया.. तो लण्ड ऊपर की तरफ फिसल गया।

फिर मैंने उसके मम्मों को पकड़ते हुए बोला- प्रिया जरा मेरी मदद तो करो। तो उसने मेरे लौड़े को फिर से अपनी चूत पर सैट किया और अपने हाथों से चूत के छेद पर दबाव देने लगी।

अब मैंने भी वक़्त की नजाकत को समझते हुए एक जोरदार धक्का दिया जिससे मेरा लौड़ा उसकी चूत की गहराई में करीब आधा अन्दर जाकर सैट हो गया।

इस धक्के के साथ ही प्रिया के मुँह से एक दर्द भरी आवाज़ निकल पड़ी- आअह्ह्ह्ह्ह्ह श्ह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह… प्रिया की चूत से खून निकल आया और वो दर्द से तड़पने लगी !

मैं थोड़ी देर रुका रहा ओर उसके चूची को मुह में लता तो कभी होतो को चुस्त जब उसका दर्द कम हटा तो वो अपनी कमर हिलाने लगी !

उसमे मुझे इशारा किया की अब धक्के लगाओ । मैं धीरे धीरे से उसकी चूत में धक्के लगाने लगा और उसने जोर से आहे बरने लगी आअह्ह्ह्ह्ह्ह श्ह्ह्ह्ह ह्ह्हह्ह…

वो आहें भरने लगी, फ़िर मैं लौड़े पर दबाव बनाते हुए चूत के अंदर लौड़ा घुसाने लगा। उसकी चूत की गर्मी मैं लण्ड पर महसूस कर रहा था, लग रहा था जैसे लौड़ा गर्म भट्टी में डाल दिया हो।

उसने चादर को मुट्ठियों में कस कर पकड़ लिया क्योंकि मैंने बहुत प्यार से लण्ड अंदर डाला था वो चिल्लाई नहीं थी, बस उम्म्म्म्म आआह… आआआआ… ऊऊऊह्ह… ऊऊ… ऊउह्ह्ह की आवाज़ें निकाल रही थी।

जब लण्ड पूरा अंदर चला गया तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरु किये और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता चला गया। मेरे हर धक्के के साथ उसकी आहहह ऊऊह्ह की आवाज़ आ रही थी जो मुझे और जोशीला बना रही थी।

कुछ देर में वो झड़ गई, पर मेरा नहीं हुआ था तो मैं धक्कापेल में लगा था, कुछ देर बाद मैं भी बाहर झड़ गया और उसकी बगल में लेट गया।

हम दोनो नंगे एक दूसरे की बाहों मे पड़े रहे एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे थोड़ी देर बाद हम उठे फ़िर हम दोनो ने कपड़े पहने और उसको अपनी बाहो में लेकर लंबी किस करी और वहाँ से निकल आये ।

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