अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्ते।
मैं अमित.. कोटा राजस्थान से हूँ और बिजली विभाग में सर्विस करता हूँ। मेरी उम्र तीस साल है।
दोस्तो, मेरी जिन्दगी में हमेशा मेरी एक कमजोरी रही है और वो है दूसरों की मदद करना और इसी बात की वजह से मुझे पहली चुदाई का अवसर मिला।
इस साईट को मैं पिछले 5 वर्षों से नियमित पढ़ रहा हूँ, लेकिन अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली सच्ची घटना है।
बात उस समय की है जब मैं निजी स्कूल में टीचर की जॉब करता था।
वहाँ आशा नाम की एक चपरासिन काम करती थी, उसकी उम्र यही 27 वर्ष के लगभग थी।
आशा रंग रूप में सांवली जरूर थी, मगर उसका फिगर जबरदस्त था। उसके चूचे देखकर हर किसी का लंड उसे चोदने के लिए मचलता था, पर मैं उसकी इज्जत करता था.. इसलिए वो अक्सर मुझसे अपने मन की बातें साझा करती थी।
मैंने उसे सलाह दी कि वो किसी ऐसे आदमी से शारीरिक सम्बन्ध बना ले जिस पर वो विश्वास कर सके।
बात आई-गई हो गई।
एक दिन की बात है, स्कूल की छुट्टी होने के बाद वो स्कूल की सफाई कर रही थी कि बारिश शुरू हो गई और बारिश को देखकर बाकी का स्टाफ जल्दी चला गया।
अब पूरे स्कूल में सिर्फ हम दोनों ही बचे थे.. क्योंकि उस दिन प्रिंसिपल सर भी नहीं आए थे।
स्कूल की सफाई की भाग दौड़ में वो बारिश में पूरी भीग गई थी।
उसके कपड़े पूरे भीग कर उसके शरीर से चिपक गए थे।
उसके ब्लाउज में से उसके चूचे मुझे बिल्कुल साफ़ दिखाई दे रहे थे।
मैं उसे कामुक निगाहों से घूरने लगा उसने इस बात को देख लिया।
यह देख कर वो मेरे पास आई और मुझसे लिपट गई।
उसके लिपटते ही मैं तो जैसे नींद से जगा.. उसे मैंने अपने से अलग किया और कहा- ये गलत है..
लेकिन जब मैंने उसकी आँखों को देखा तो जैसे मुझसे निवेदन कर रही हो और मैं इंकार न कर सका।
फिर मैंने अपने होंठ उसके भीगे हुए होंठों पर रख दिए और हम एक-दूसरे के होंठों को चूसने लगे।
अय..हय.. क्या मुलायम होंठ थे उसके..
होंठों को चूसते हुए मैं उसके चूचे बड़ी बेदर्दी से मसल रहा था और वो मस्ती में होकर ‘सीसीसी…’ जैसी आवाजें अपने मुँह से निकाल रही थी।
फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी साड़ी उसके शरीर से अलग कर दी और ब्लाउज भी उतार दिया, नीचे उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी।
उसके ठोस और गदराए हुए चूचों को देख कर मैं पागल हो उठा.. क्योंकि मैंने भी पहली बार किसी औरत के चूचे देखे थे।
मैं उन्हें पागलों की तरह चूसने लगा।
वो भी मेरा लंड मसल रही थी।
उसने मेरी पैन्ट खोल दी और मेरे अंडरवियर से लंड को बाहर निकाल कर उसे आगे-पीछे करने लगी।
वो उसे देखकर नीचे बैठ गई और मुँह में लेकर चूसने लगी, चूंकि मेरा पहली बार था इसलिए मेरे लंड का पानी जल्दी ही निकल गया और आशा मेरे लंड को चूसते-चाटते मेरा पूरा पानी गटक गई।
फिर मैंने उसको पूरा नंगा करके एक टेबल के ऊपर लिटाया और उसकी टांगों को फैला कर उसकी चूत की मस्त छटा को निहारा।
उसकी सफाचट झांट रहित चूत देख कर मेरे होंठ उसकी चूत की तरफ बढ़ गए और मैं उसकी चूत को चूसते हुए उसका रसपान करने लगा।
वाह.. क्या नमकीन स्वाद था उसका..
जब मैं उसकी चूत को चाट रहा था.. तो वो अपने मुँह से ‘सीसी आह आह उह माँ…’ जैसी आवाजें निकाल रही थी और अपनी गांड उठाते हुए अपनी चूत चटवा रही थी।
थोड़ी देर में उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।
इतनी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
मैंने भी देर न करते हुए अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर लगाया और एक जोर का धक्का दिया।
गीली होने के कारण मेरा लंड चूत की गहराइयों में उतर गया।
फिर मैं आशा की चूत में अपना लंड दनादन पेलने लगा।
वो भी अपनी कमर उचकाते हुए मेरे हर धक्के का जवाब दे रही थी।
मैं उसके दोनों चूचों को मसलते हुए उसे चोद रहा था।
वो मस्ती में चूर होकर कह रही थी- चोदो..चोदो.. मेरे राजा.. आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.. कहाँ थे इतने दिनों से.. मेरी चूत कब की प्यासी थी.. तुम्हारे लंड की.. आज इसका पूरा कचूमर निकाल दो आह.. आह.. उह्म्म.. उह्म्म.. आह..
लगभग 5-7 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और थोड़ी देर बाद ही मेरे लंड ने भी उसकी चूत में पानी छोड़ दिया।
चुदाई के बाद जब हमें होश आया तो हमने फटाफट अपने कपड़े पहने और आशा ने मुझे धन्यवाद देते हुए कहा- मैं आपके अलावा किसी और पर विश्वास नहीं कर सकती थी..
यह कहते हुए वो रो पड़ी और मेरी भी आँखें नम हो गईं।
इसके बाद फिर मुझे जब भी मौका मिला.. मैं उसे चोदता रहा और फिर एक दिन उसने मुझे उसके गर्भवती होने की खबर दी।
यह थी मेरी पहली सच्ची कहानी।
आप सबको कैसी लगी जवाब जरूर देना।
दोस्तो, इस घटना के कुछ महीनों बाद मेरी नौकरी बिजली विभाग में लग गई।
बिजली विभाग में जॉब करते मुझे सात साल हो गए और दूसरों की मदद करने की वजह ने मुझे आज पक्का चोदू बना दिया।
मेरी अगली कहानी में आप लोगों को बताऊँगा कि किस तरह मेरी जॉब ने मुझे जिगोलो बना दिया और हाँ.. दोस्तो, ईमेल जरूर कीजिएगा इससे मेरा लिखने का हौसला बढ़ेगा।