Antarvasna, hindi sex story: मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर कोलकाता आया हुआ था मैं मुंबई में जॉब करता हूं और कुछ दिनों के लिये मैं अपने घर पर ही था। मेरी बहन की इंगेजमेंट होने वाली थी उसकी सगाई कुछ समय पहले ही तय हुई थी और पापा मम्मी चाहते थे कि मैं कुछ दिनों के लिए घर आ जाऊं इसलिए मैं घर आया था। अब उसकी सगाई के लिए हम लोगों ने सारे अरेंजमेंट कर लिये थे उसकी सगाई की व्यवस्था हम लोगों ने अपने परिचित के होटल में अरेंज की थी। जब उसकी इंगेजमेंट हो गई तो उसके बाद मैं मुंबई वापस लौट गया था लेकिन मुंबई में मैं ज्यादा समय तक नहीं रहा मेरे मुंबई आते ही मेरे पिताजी की तबीयत खराब होने लगी और मुझे कुछ दिनों के लिए अपने घर दोबारा वापस कोलकाता आना पड़ा। उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही बिगड़ने लगी थी इसलिए मुझे अब कोलकाता ही रहना पड़ा और मुझे अपनी जॉब से रिजाइन देना पड़ा।
मैं अपनी जॉब छोड़ चुका था और कोलकाता में ही अब अपने लिए मैं कोई नौकरी तलाश रहा था काफी समय तक तो मुझे नौकरी नहीं मिली थी लेकिन कुछ समय बाद मुझे कोलकाता में नौकरी मिल चुकी थी। मैं जिस कंपनी में जॉब करता था उस कंपनी में मेरे दोस्त के चाचा जी मैनेजर थे, उसी के कहने पर मेरा सिलेक्शन वहां पर हुआ था। पापा की तबीयत तो ठीक हो चुकी थी और जल्द ही वह रिटायर होने वाले थे उनके रिटायरमेंट के बाद वह चाहते थे कि मेरी बहन संजना की शादी हो जाए। उन्होंने एक दिन मुझसे कहा कि बेटा मुझे तुमसे कुछ बात करनी है मैं उस वक्त ऑफिस से लौटा ही था तो मैंने पापा से कहा कि पापा बस मैं अभी कपड़े चेंज कर के आता हूं। मैं अपने रूम में कपड़े चेंज करने के लिए चला गया, मैं जब कपड़े चेंज करके आया तो मैं अपने पापा के साथ बैठा हुआ था उन्होंने मुझे कहा कि सुधीर बेटा मैं चाहता हूं कि अब हम लोग संजना की शादी करवा दे।
मैंने उन्हें कहा कि पापा आपको जैसा ठीक लगता है वैसे आप मुझे बता दीजिए। अब हम लोग संजना की शादी करवाना चाहते थे और जल्द ही हमने उसके लिए लड़का देखकर उसकी शादी का दिन भी तय कर दिया। हम लोगों ने संजना की शादी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी थी हमारे सारे रिश्तेदार से संजना की शादी में आए थे और सब कुछ बड़े अच्छे से हुआ। संजना की शादी बहुत धूमधाम से हुई और अब संजना अपने ससुराल जा चुकी थी काफी दिनों तक तो घर में मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा क्योंकि संजना कि मुझे काफी याद आ रही थी। मां भी बहुत ज्यादा परेशान थी तो मैंने उस दिन मां की बात संजना से करवाई संजना ने मां से कहा कि मैं बिल्कुल ठीक हूं, मां संजना से बात कर के काफी खुश थी। पापा भी अब रिटायर आ चुके थे इसलिए ज्यादातर समय पापा घर पर ही रहते थे या फिर वह अपने दोस्त चक्रवर्ती अंकल के घर चले जाया करते थे। उनका घर हमारे घर के पास ही है वह पापा के काफी पुराने दोस्त हैं इसलिए पापा अक्ज़र उनके घर पर चले जाया करते थे। एक दिन चक्रवर्ती अंकल हमारे घर पर आए हुए थे तो वह मुझे कहने लगे कि सुधीर बेटा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है मैं उस वक्त ऑफिस से लौटा ही था मैंने उन्हें कहा अंकल मेरी जॉब तो ठीक चल रही है आप बताइए आपकी तबीयत कैसी है। वह कहने लगे बेटा तुम तो जानते ही हो कि तबीयत कुछ ठीक नहीं रहती है मैंने उन्हें कहा कि आप पापा को भी कुछ समझाइए पापा को डॉक्टर ने मीठा खाने से मना किया है लेकिन उसके बावजूद भी पापा मानते नहीं है। चक्रवर्ती अंकल इस बात पर हंसने लगे और कहने लगे कि बेटा तुम्हारी आंटी मुझे कई बार मीठा खाने के लिए मना करती हैं लेकिन उसके बावजूद भी मैं मीठा खा लिया करता हूं अब मैं ही गलत हूं तो मैं अपने दोस्त को कैसे समझा सकता हूं। पापा भी इस बात पर ठहाके लगाकर हंसने लगे मैं कुछ देर तक अंकल और पापा के साथ बैठा हुआ था फिर मैं अपने रूम में चला गया उस दिन मुझे संजना का फोन आया और संजना कहने लगी कि भैया मैं कुछ दिनों के लिए घर आ रही हूं। मैंने संजना को कहा मैं यह बात मम्मी को बता देता हूं। संजना कुछ दिनों के लिए घर आने वाली थी और जब वह घर आई तो मम्मी बहुत ही ज्यादा खुश थी मम्मी और संजना साथ में खूब बातें किया करते थे। मेरे ऑफिस में उस वक्त काफी ज्यादा काम था और मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था मैं घर देर से लौटा करता था तो संजना ने मुझे कहा कि क्या आप कुछ दिनों की छुट्टी नहीं ले सकते। Antervasnasexstories, antarvasna story, Antarvasnacom
मैंने संजना को कहा संजना मेरा छुट्टी लेना तो मुश्किल हो पाएगा लेकिन कल संडे को तो मेरी छुट्टी रहेगी वह मुझे कहने लगी कि भैया कल हम लोग कहीं साथ में घूमने चलते हैं। मैंने संजना को कहा ठीक है तुम बताओ हम लोगों को कहां चलना चाहिए वह कहने लगी कि कल हम लोग साथ में ही कहीं ऑउन्टिंग के लिए चलते हैं। हम लोग अगले दिन साथ में आउटिंग के लिए चले चले गए उस दिन सब साथ में थे और काफी अच्छा लग भी रहा था क्योंकि काफी समय बाद हमारा पूरा परिवार साथ में था हम लोग शाम के वक्त घर लौट आए थे। फेसबुक पर मेरे साथ कॉलेज में पढ़ने वाली राधिका से मेरी बात हुई है हम लोग अब फेसबुक मैसेंजर पर एक दूसरे से चैटिंग करने लगे कुछ दिनों तक हम दोनों की फेसबुक मैसेंजर पर चैटिंग ही होती रही। राधिका और मैं कॉलेज में साथ में पढ़ते थे काफी वर्षों से उससे मेरा कोई संपर्क नहीं था लेकिन राधिका ने मुझे बताया कि उसका डिवोर्स हो चुका है कहीं ना कहीं वह किसी का साथ ढूंढ रही थी शायद उसे मेरा साथ पसंद आने लगा था इसलिए वह मुझसे बातें करने लगी थी। अब हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी वह मुझसे मिलने के लिए बहुत बेताब थी लेकिन कुछ दिनों से मैं बहुत ज्यादा बिजी था इसलिए मैं उससे मिल नहीं पाया था जब मैं उससे मिलने के लिए उस दिन कॉफी शॉप में गया उस दिन वह बहुत ही ज्यादा सुंदर दिख रही थी।
वह पहले से बहुत ज्यादा सुंदर हो चुकी थी राधिका ने मुझे अपनी सारी कहानी बताई वह कहने लगी किस प्रकार से उसके और उसके पति के बीच में बात नहीं बनी और उन दोनों का डिवोर्स हो गया। अब राधिका को मेरा साथ अच्छा लगने लगा था तो हम दोनों मिलने लगे। एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुला लिया जब उसने मुझे अपने घर पर बुलाया तो मैं नहीं जानता था कि वह मुझसे अपनी गर्मी को मिटाना चाहती है मेरे साथ जब वह बिस्तर पर बैठी थी तो वह मेरी छाती को सहलाने लगी। मै भी अपने आपको कहां रोक पा रहा था अब हम दोनों एक दूसरे की बाहों में आ चुके थे। उसके स्तनों पर मेरा हाथ गया तो मैं उसके स्तनों को बड़े अच्छे से दबाने लगा मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा था। जब मैं उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाकर उत्तेजित करने की कोशिश करता तो कहीं ना कहीं वह उत्तेजीत हो गई थी मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मैं उसके बदन को सहलाने लगा वह कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं। मै अब राधिका के स्तनो को दबाने लगा मैंने राधिका के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया उसके निप्पलो को मैं जिस प्रकार से चूस रहा था उससे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मैंने राधिका की चूत को देखा और उसके पैरों को खोलना शुरू किया मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मुझे मजा आने लगा उसकी चूत को चाटकर उसकी गर्मी बढ़ने लगी थी। मैंने अपने कपड़े उतार दिए और राधिका के मुंह के सामने अपने लंड को किया उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया। जब वह मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसती तो मुझे बड़ा ही मजा आता वह उत्तेजित होने लगी थी उसके अंदर की आग को बढ़ने लगी थी। मैंने उसको कहा मैं अब तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डाल रहा हूं उसकी चूत से पानी निकल रहा था।
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाया और अंदर की तरफ अपने लंड को धकेलेना शुरू किया जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर की तरफ जाने लगा तो वह चिल्लाने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा। मेरे अंदर की गर्मी अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी कि मुझे मजा आने लगा था मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया। जब मैंने ऐसा किया तो मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था मैंने काफी देर तक उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किया मुझे मजा आने लगा था। मैंने उसे कहा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है तुम ऐसे ही चोदते जाओ। उसने मेरे बदन को पूरी तरीके से गरम कर दिया था मेरा माल जल्द ही बाहर आने वाला था और मेरा माल उसकी चूत मे गिर गया उसका मन मेरे साथ दोबारा सेक्स करने का होने लगा था।
मैंने उसको उलटा लेटा दिया उसकी चूतडे मेरी तरफ हो चुकी थी। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो वह गरम हो गई थी मै उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करने लगा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने उसको पूरी तरीके से गरम कर दिया था मैंने उसको तब तक चोदा जब तक वह पूरी तरीके से संतुष्ट नहीं हो गई वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिलाती तो उसको भी मजा आता मेरे लंड और उसकी चूत के मिलन से आवाज पैदा हो रही थी मेरे अंदर और भी उत्तेजना पैदा हो जाती। मैं अपने माल को उसकी चूत के अंदर गिराने वाला था उसकी चूत में मैंने अपने माल को गिराकर अपनी इच्छा को पूरा कर लिया। वह बडी खुश थी और मेरे लंड को वह चूसती रही उसको मेरा लंड चूसने मे मजा आ रहा था।
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कहानी अच्छी है
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