हेलो दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी कहानी सुनाने जा रही हूं। यह मेरी सच्ची कहानी है। तो मेरी शादी हो गई है। पर मैं यह बात किसी को नहीं बताई तो मेरे मन में यह दफन हो जाएगा और मैं यह नहीं चाहती है यह सेक्स कहानी मेरे मन में दफन हो जाए। यह कहानी मेरे और मेरे छोटे भाई के बीच में है। मेरा चचेरा भाई रमेश, शादी से पहले मैं गांव में रहती थी मेरे पापा जॉब करते थे तो मेरा दोनों भाई भी वहीं पढ़ाई करता था मैं अपने दादी के पास रहती थी और मेरी दादी बोली थी वह ज्यादा चल फिर भी नहीं सकती थी मैं उन्हीं का देखभाल करने के लिए गांव में रहती थी।
मेरा भी मन नहीं लगता था तो मेरा छोटा भाई रमेश जो मेरे घर के बगल में ही रहता था वह हमेशा मेरे घर आता था। मेरे पास बैठकर बातचीत करता था इधर उधर की बात बताता था पूरे गांव की बात बताता था। मैं जवान हो चुकी थी। तो पता ही है आपको जमाने की आग तो सबको लगती है मुझे भी लगने लगी थी मैं भी जब किसी लड़के को देखती थी तो मेरी चूत खुजलाने लगता था। मैं सुंदर-सुंदर लड़कों के ख़्वाब में हमेशा रहती थी रात को हमेशा अपनी चूचियों को दबा कर और अपने चूत को सहला कर सो जाया करती थी करते भी क्या दोस्तों। पर धीरे-धीरे मुझे लगा कि सहलाने से काम चलेगा नहीं क्योंकि मैं ज्यादा हो गई थी और मेरे तन बदन में आग लग जाया करते थे लोग उंगली से कितना दिन काम चलाएगा दोस्तों आपको भी पता है आपको भी चाहिए।
धीरे-धीरे करके मैं रमेश हो गई छोटा था पर मैं उससे सभी बात करने लगे प्यार से लेकर मोहब्बत तक सब बातों से मैं शेयर करने लगे कि लोग क्या करते हैं कैसे रहते हैं शादी के बाद क्या होता है पति पत्नी को क्या चाहिए लड़का लड़की को क्या चाहिए।
धीरे-धीरे करके वह मेरी बातों में आने लगा और इंटरेस्ट देने लगा। एक दिन मेरी दादी को काफी तबियत खराब थी। तो मैंने उसको बोला कि तुम यह काम करो रमेश आज यहीं पर सो जाओ मैं तुम्हारी मम्मी को बोल देता हूं वह कुछ नहीं बोलेंगे। रमेश उस दिन मेरे यहां सोने आ गया था उसका घर बगल में ही था। दादी को डॉक्टर ने नींद की दवाई दे दी थी तो वह खाना खाकर ऐसे सो गई जैसे कि वह मर गई मैं कितना भी बुलाते दही दूध पी लीजिए दूध पी लीजिए पर वह नहीं पी एकदम से सो गई।
रमेश भी जाकर जगाया पर कोई फायदा नहीं हुआ दादी नहीं उठी। आज मैं प्लान बना चुकी थी कि आज मैं रमेश से चूत की आग जरूर बुझा लूंगी।
रमेश पूछा दीदी मैं कहां सॉन्ग हल्की हल्की बारिश बाहर हो रही थी अंधेरा चारों और था मुझे लगा कि उसे डर लगेगा तो मैंने उसको कह दिया कि तुम मेरे साथ ही सो जाओ वह मेरे साथ ही सो गया दोस्तों जब वह मेरे साथ सो गया तो मैं उसकी तरफ घूम गई और उसके बदन को सहलाने लगे मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां उसके छाती से टकरा रही थी मेरी गरम-गरम सांस चलने लगी थी यह सब उसे भी थोड़ा अचंभा हो रहा था कि आखिर दीदी क्या करेगी।
हैरान तो मैं तब हो गई जब उसके लंड चुदाई की कहानियाँ पर मेरा हाथ पड़ा तुम्हें महसूस की थी उसका लंड तो पूरा खड़ा था। मैं तुरंत ही दबोच लिया उसके लंड को वह कहने लगा दीदी छोड़ दो दीदी छोड़ दो। पर मैं नहीं छोड़ी मेरे होंठ उसके होंठ पर चले गए और मैं उसको किस करने लगी मैं उसके चूमने लगी उसके गालों को चूमने लगी उसके छाती को सहलाने लगी।
धीरे-धीरे वह शांत हो गया वह मेरी तरफ आकर्षित होने लगा मेरी तरफ घूम गया और मेरे होंठ को चूसने लगा मेरी चुचियों को दबाने लगा क्यों का दबाते दबाते, काफी ज्यादा कामुक हो गया था वह मेरे होंठ को चूस चूस के लाल कर दिया मेरी चूचियों को दबा दबा कर दर्द कर दिया।
इतना ज्यादा वह मुझे छोड़ दिया कि मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पाई मैं उसके ऊपर चढ़ गई अपने कपड़े तुरंत उतार दी अपनी खोल दी अपनी पैंट उतार दे सारे कपड़े खोल दिए उसने जो शर्ट पहना था उसको भी मैंने उतार दिया और मैंने अपनी चूचियां उसके मुंह में डाल दी। वह मेरे निप्पल को चूसने लगा। दोस्तों मैं क्या बताऊं मैं पागल होने लगी मेरी चूत गीली हो गई थी। मैं उसके ल** पर अपनी चूत रगड़ने लगी. उसका ल** और मोटा हो गया। उसको तुमने लगी किस करने लगी वह मेरे चूचियों को दबा रहा था पी रहा था सहला रहा था उसके मन में जो आ रहा था मेरे जिस्म से वह खेल रहा था।
उसके बाद में नीचे हो गई वह मेरे ऊपर चढ़ गया मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया और अपना ल** निकाल कर मेरी चूत पर रख दिया। चूत पहले से ही मेरी काफी गीली हो चुकी थी. उसने एक धक्के दिया और पूरा ल** मेरी चूत में समा गया।
मेरे होशो हवास उड़ गए दोस्तों पहली बार चुदाई कर रही थी ऐसा लग रहा था। मुझे जन्नत नसीब मिल गया। मेरे तन बदन में आग लग चुके थे मैं सिसकारियां ले रही थी। मेरे मुंह से सेक्सी आवाज निकल रही थी। डर भी नहीं था रात काफी हो गया था और hindi kahani दादी उठने वाली थी नहीं तो मुझे किसी चीज का डर नहीं था आज मैं खुलकर अपने आप को सौंप देना चाहती थी चुद लेना चाहती थी।
पर मेरा भाई रमेश मुझे खुलकर नहीं चोद रहा था। क्योंकि वह पहली बार किसी लड़की के इतना करीब होकर जिस्म को टटोल रहा था तो पहले दिन तो दिक्कत उसे होगा यह बात में भी समझ रही थी पर मैं पहले से परिपक्व थी कि मैं रमेश से सेक्स करुँगी, मैं 2 महीने से प्लान बना चुकी थी। इसलिए मुझे भय नहीं था मैंने रमेश से बोली कि जल्दी जल्दी और जल्दी जल्दी और जल्दी जल्दी मुझे शांत करो मुझे शांत करो मुझे चोदो मुझे शांत करो।
दोस्तों उसके बाद तो रमेश भी जोर जोर से मेरी ठुकाई करने लगा अंधेरे में फच फच की आवाज आ रही थी मेरे मुंह से आह आह आह की आवाज आ रही थी। मैं अंगड़ाइयां लेने लगे मेरे होंठ सूखने लगे अंदर से एक अजीब सी बातें हो रही थी मेरी धड़कन बढ़ गई थी ऐसा लग रहा था मैं पागल हो जाऊंगी और धीरे-धीरे पता नहीं मेरे चूत से पानी निकला और फिर मैं शांत हो गई मैं ठंडी पड़ चुकी थी पर मुझे चोदे जा रहा था।
अचानक वह भी जोर से आह आह आह करने लगा और अपना सारा माल मेरी चूत में छोड़ दिया। मैं शांत हो गई मेरी आंखें नहीं खुल रही थी वह मेरे ऊपर ही लेट गया। करीब आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर लेते रहें यह मेरी पहली चुदाई थी दोस्तों, उसके बाद जब हम दोनों उठे थोड़ी देर बातचीत किए एक दूसरे को चलाएं उस समय तक हम दोनों नंगे ही थे।
उसके बाद वह खुद ही अपना लंड फिर से निकाला और मुझे पीछे से ही चोदने लगा। फिर से हम दोनों शुरू हो गए। इस बार मैं उसके ऊपर चढ़कर उसके लंड पर बैठ गई ऐसे ही धक्के देने लगे मजा आ गया था दोस्तों। हम दोनों भाई बहन रात भर चुदाई करते रहे। सुबह हुआ तो मेरी चूत मैं सूजन आ गई थी। एक दो जगह मेरे बूब्स पर रमेश के दांत के निशान थे लाल हो गया था उसने मेरे निप्पल को ऐसे चूसा कि मेरा निप्पल दर्द कर रहा था। चुदाई मुझे आज भी याद है दोस्तों।
अब वैसे चुदाई मुझे नसीब नहीं। पति चोद नहीं पाता इसलिए मैं नॉनवेज स्टोरी पर आई हूं ताकि जहां से किसी एक चोदने वाले इंसान को पटा सकूं ताकि वह मेरी चूत की गर्मी को शांत कर सके।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी आप जरूर बताएं आप रोजाना sexkahani.net पर कहानियां पढ़ने आए क्योंकि मैं भी यहां पर रोजाना सेक्सी और मस्त चुदाई की कहानियां पढ़ने आती हूं।