जब नौकरी नही मिली तो मैं अपनी मर्जी से रंडी बन गयी xxx kahani :- रुचिका

हेलो दोस्तों, मैं रुचिका आपको अपनी दास्तान सुना रही हूँ। मैं गुलाबी शहर जयपुर की रहने वाली हूँ। इस शहर की गुलाबी दीवारों की तरह मेरे होंठ, मेरी छातियां, और मेरी चूत भी सब गुलाबी गुलाबी है। मैं बेहद कमसिन लड़की हूँ, मेरे बदन भरा हुआ है, मैं इतनी गोरी हूं कि मेरे खून की नसें मेरी चमड़ी से दिखती है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते है, मैं कितनी गोरी हूँ। मैं 27 साल की हूँ। मैं इतनी आकर्षक हूँ की सारे बुड्ढे अपनी धोती और लंगोट में और सारे जवाँ मर्द मुझे चोदने से पहले अपनी पैंट में ही जड़ जाए।

तो मैं आपको अपनी कहानी सुना रही हूँ। मेरे पिता एक प्राइवेट बैंक अधिकारी थे। मेरे डैडी ने मेरा नाम नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में लिखा दिया था। मैं बड़े मजे से बढ़ रही थी। मैं अभी 10वी में पढ़ रही थी। जुलाई के महीने में जब मेरे डैडी मुझसे मिलने कॉलेज आ रहे थे तो उनका कार एक्सीडेंट हो गया। अब घर पर मेरी मोम और केवल मैं बची। हम 2 लोग ही अब घर पर रह गए। प्राइवेट नौकरी होने के कारण मेरी माँ को नौकरी भी नही मिली।

हम माँ बेटी पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। हम एक एक पैसे के मोहताज हो गए। मैं अब सरकारी स्कुल में पढ़ने लगी। कहाँ मैं इतने अच्छे प्राइवेट स्कूल में पढ़ती थी। और अब कहाँ सरकारी में आ गयी। मैंने जैसे तैसे 12वी पास कर लिया। मेरी माँ कहने लगी की बेटी कहीं नौकरी कर लो जिससे घर का खर्च चल सके। तो अब मैं नौकरी ढूंढने निकल पड़ीं। पहले तो मैंने नौकरी.कॉम और अन्य साइट्स पर नौकरी ढूंढी पर वहां पर बड़े बड़े बी तक, एम टेक , एम बी ए वाले बोरोजगर दिखे। फिर मैं अख़बारों के विज्ञापन में नौकरी ढूंढने लगी। 

मैं थक हार गई। क्योंकि आधे से ज्यादा तो फर्जी होते। फिर एक दिन मेरी सहेली निधि मुझे मिली। मैंने उससे हाल चाल लिया। बातों बातों में पता चला वो एक काल गर्ल है, पर ये काम वो चोरी छिपे करती है। उसका बॉप किसी जबर्दस्त माल के साथ उसे और उसकी माँ को छोड़ कर भाग गया। फिर मजबूरन उसे ये काम करना पड़ा। मैंने निधि का नम्बर ले लिया। मैंने कुछ महीने और कोसिस की पर कोई नौकरी नही मिली। फिर मैंने निधि को फोन कर दिया।
यार निधि! मुझे भी ये काम दिलादे! मैंने उससे कहा।

मुझे काम मिल गया। उसकी ये काल गर्ल कंपनी बड़ी हाइ फाई थी। मैं उसके साथ गयी। मुझे ढंग ने सजाया संवारा गया। फिर मुझे कार में बिठाकर ले जाया गया। ये किसी बड़े बिज़नेस मैन का फार्म हाउस था। उसका नाम मुझे नही बताया गया। हमारी काल गर्ल कंपनी हर कस्टमर की पहचान गुप्त रखती थी। मेरे साथ कुछ लड़के भी भेजे गए थे। कई बार कस्टमर काल गर्ल के साथ बड़ा वहसीपना दिखा देता है, ऐसे में हे बाउंसर उसे बचा लेते है। मैं फार्म हाउस के अंदर चली गयी। बाउंसर भी मेरे साथ अंदर आये।

वो कस्टमर बड़ा सा भारी भरकम शरीर का आदमी था। उसने बड़ा अच्छा कीमती नाईट सूट पहन रखा था। उसके एक हाथ में महंगी सिगार थी।
हेलो रुचिका बेबी!! उसने मुस्कुराकर अपने हाथ फैलाकर तहे दिल से मेरा स्वागत किया
और हल्के से मेरे दाँये गाल पर किस किया।
फक हर स्मूथली!! मेरे बाउंसर ने कहा
डोंट वरी!! बिजनेसमैन बोला

बाउंसर बहार लॉबी में रुक गए और मेरा वेट करने लगे। मैं बिज़नेसमैन के साथ अंदर चली गयी। क्या खूब फार्महाउस था उसका। एक एक चीज बड़ी खूबसूरत थी। सोफे, कुर्सियां, टेबल्स, पँखे एक एक चीज बड़ी महंगी और खूबसूरत थी। मैंने ऐसा गजब का फार्महाउस कभी नही देखा था। मैं अंदर बेडरूम में आ गयी। क्या मस्त बड़ा सा बेडरूम था। बहुत मुलायम था। मैं बिज़नेसमैन के साथ बेड पर बैठ गयी।

उसने सिगार का एक कस और लिया और धुंआ हवा में छोड़ा।
फील कम्फ़र्टेबल बेबी ! वो बोला।
अपना पिछवाड़ा दिखाओ !! वो बोला । मैं पीछे घूम गयी। उसने मेरी लाल स्कर्ट को ऊपर उठा दिया। मेरे मस्त टाइट हिप्स उसे दिख गये। वो खुश हो गया। उसने अपनी हाथ आपमें मुँह में लगाया, जरा गिला किया फिर मेरे हिप्स को सहलाने लगा। परफेक्ट बम!! वो बोला
और मजे से हाथ सहला सहलाकर मेरे चूतड़ सहलाने लगा। मुझे बड़ी सर्म आयी। मैं कोई जन्मजात रंडी नही थी। पर मेरे डैडी के मरने और कोई अच्छी नौकरी ना मिलने से मैं रंडी बन गयी थी।

वो मेरे चुत्तड़ो को अपनी मिलकियत समज कर हर जगह छूने सहलाने लगा। मन हुआ की मैं वहाँ से अपने कपड़े उठाऊ और भाग जाऊ पर दोंस्तों अगर मैं ऐसा करती तो मुझे एसकोर्ट कंपनी से निकाल दिया जाता। इसलिए मैं चुप चाप आँख बंद करके होठ भीचकर सब सहती रही। बढ़िया चुत्तड़!! बढ़िया चुत्तड़!! वो बिज़नेसमैन बार बार कहता रहा। फिर वो घटनों के बल बैठ गया। मेरे मस्त गुलाबी चुत्तड़ो को चूमने चाटने लगा। उसकी फ्रेंच कट दाढ़ी मेरे मुलायम चुत्तड़ो पर चुभ रही थी। पर फिर भी मैं सब कुछ सह रही थी।

वो अपनी जीभ घुमा घुमाके मेरे मस्त गोल गोल चूतड़ों को पी रहा था।
बेबी शो मि यूर मूव्स !! वो बोला।
मैं खड़ी हो गयी। मैं मादक चुदाई अंदाज में थिरकने लगी। मेरे मस्त चूतड़ हिलने लगे।
बेबी यू आर फायर!! वो बिज़नेसमैन बोला। मेरे चूतड़ों पर हल्की हल्की चपट देने लगा। दोंस्तों, पैसो के लिए मुझे सब कुछ करना पड़ रहा था। फिर वो पीछे से घुटनों के बल बैठकर ही मेरी गाण्ड भी पीछे से पीने लगा। उसने अपने हाथों से मेरे दोनों बम खोल दिए थे। मेरी चिकनी कसी गोरी गाण्ड साफ साफ दिखाई दे रही थी। वो आमिर फ्रेंच कट वाला बिज़नेसमैन मेरी गाण्ड पीने लगा।

मैं और मेरी गाण्ड दोनों शर्म और हया से पानी पानी हो गयी। मेरी कसी गाण्ड सिकुड़ गयी और बचने का रास्ता खोजने लगी। पर उस बिज़नेसमैन से नही छोड़ा और मेरी गाण्ड को चाटकर ही रहा। वो जीभ गड़ा गड़ा कर मेरी मस्त कसी गाण्ड चाटने लगा। मुझे गुदगुदी होने लगी। फिर वो भर भरके मेरी गाण्ड पीने लगा। मैं सर्म और हया से पानी पानी हो गयी। फिर उसे मेरी बुर की खुश्बू आयी, तो मेरे पीछे से ही मेरे मुलायम चूतड़ों में मुँह डालकर मेरी मस्त।धनुषाकार बुर तक पहुँच गया और बुर पीने लगा।

मैं मचल गयी। आज ये पहलीबार था कि कोई मेरी बुर इतनी अच्छी तरह से पी रहा था। उसे कौन सा सुख मिल रहा था, मैं नही जानती पर इतना तो जरूर कहूँगी की उस बिज़नेसमैन को बड़ा मजा मिल रहा था। जैसे मेरी चूत में चीनी भरी हो। वो मेरी मलाईदार चूत को अपनी जीभ से पीने लगा। मैंने कुछ नही कहा, क्योंकि क्लाइंट को खुश करना ही हमे एसकोर्ट कंपनी में सिखाया गया था। वो कभी मेरी गाण्ड पीता तो कभी मेरी गुझिया पीता।
बेबी !! तुम बहुत खूबसूरत हो!! वो बोला। मुझे अच्छा लगा की कम से कम आज किसी ने मेरी तारीफ तो की।

उसने फिर से मेरे मस्त मुलायम लाल चूतड़ों में अपना सिर घुसेड़ दिया और मेरी बुर पिने लगा। दोंस्तों, मेरी चूत उसके होंठों का चुम्बन पाकर शर्म से लाल हुई जा रही थी। वहीँ मेरी गाण्ड और ओंठ गुलाबी हो गये थे। फिर वो भागकर गया और थोड़ा शहद ले आया। उसने मेरी बुर में पानी ऊँगली से शहद लगा दिया और फिर से बुर पिने लगा। मुझे लगा कहीं मैं झड़ ना जाऊ। वो लगातार कई मिनटों तक मेरी बुर पीता रहा। मेरी चूत अब पानी पानी हो गयी। लगा की रो रही है मेरी चूत। पर दोंस्तों, वो रो नही बल्कि हँस रही थी।

मेरी गुलाबी चूत अब दाल मखनी की तरह स्वादिस्ट हो गयी थी। मेरा मक्ख़न इधर उधर फ़ैल गया था। वो बिज़नेसमैन मेरे भोंसड़े का मक्खन देखकर बड़ा खुश हो गया और मजे से मेरी बुर और उसके होंठ पीने लगा। मैं निहाल हो गयी दोंस्तों।
बेबी!! चलो अपने कपड़े उतारो!! वो बोला। मैं अपने
मैंने अपनी टॉप निकाल दी। अपनी ब्रा भी निकाल दी। उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। उसने अपनी आराम दायक नाईट सूट को निकाल दिया। अब वो बिलकुल नन्गा हो गया था। उम्र में कोई 40 का रहा होगा और कहाँ मैं 27 की।

उसके सीने पर हर जगह काले सफ़ेद घुंघराले बाल थे। वो मेरे ऊपर ही लद गया मेरे मस्त कसे मम्मे पीने लगा। वो अपने दांत से जब मेरी जब मेरी दोनों छातियां बारी बारी से पीने लगा तो मेरी निपल्स की काली खूंटीया खड़ी हो गयी।
बड़ी सूंदर है तुम्हारी निपल्स की खुटियाँ! उसने तारीफ की।
मुझे बहुत अच्छा लगा। वो फिर से मेरी छातियाँ पीने लगा। मेरे दोनों मम्मे बिलकुल कसे हुए थे क्योंकि मेरी माँ मुझे 12 साल से ही ब्रा पहना रही थी, जब मेरी चूचियाँ निकलना शूरु हो गयी थी। मेरी झांटे भी तब निकलने लगी थी। जब मैं13 साल की हुई तो सभी लड़के मुझे ध्यान से देखते थे। मेरी माँ जान गई यही की मैं अब जवान हो गयी हूँ। मेरी मस्त छातियां दूध से भर गई थी। इसलिए मेरी माँ अब मुझे ब्रा पहनाने लगी थी।

तो इस तरह दोंस्तों, समय पर ब्रा पहनने से ही मेरी छातियां बिलकुल कटोरे की तरह बड़ी बड़ी गोल हो गयी थी। वो बिज़नेसमैन बड़े मजे से मेरी सही शेप की चुच्ची को पी रहा था। फिर वो बेड पर मजे से कई तकिए के नीचे लेट गया और मुझसे लण्ड चूसने को कहने लगा। मैंने भी अपनी स्कर्ट उतार दी। अब मैं बिल्कुल नँगी हो गयी। मुझे रंडीबाजी के सारे हुनर एस्कॉर्ट कंपनी ने सिखाये थे। मैं बिलकुल उसी अंदाज में लण्ड चूसने लगी। वो बिज़नेसमैन मेरे काले घने रेशमी बालों से खेलने लगा। वो आराम से एक जगह लेता रहा। मैं मेहनत से उसका लण्ड मुँह में लेकर गले की गहराई तक लाकर चूसने लगी।

उसने अपनी आँखे बंद कर ली। उसे पूरा मजा मिल रहा था। मैं अपने कोमल हाथों से जल्दी जल्दी उसका लण्ड फेटने लगी। व्यापारी का लण्ड अब खूब टाइट खड़ा खड़ा हो गया। अब वो खूब टाइट कड़ा हो गया। उसके लण्ड की नसे तन गयी। मैं उसके चिकने तने लण्ड को देखकर और भी जोश में आ गयी। बिलकुल पत्तर जैसा लण्ड बन गया था। अब तो मै दुगुने उत्साह से उसका लण्ड चूसने लगी। उससे खेलने लगी। बिज़नेसमैन मेरी गाण्ड और बुर सहलाने लगा। मैं जान गई की वो मुझे गरम कर रहा है जिससे मुझे कस के चोद पायें। मैं भी पूरी मेहनत से उसका लण्ड चूसती गयी। उधर वो जल्दी जल्दी मेरी चूत और गाण्ड में ऊँगली करता रहा।

हम दोनों इतने गरम हो गए की गर्मी छिटक आयी। बिज़नेसमैन को लगा कहीं मुझे चोदने से पहले उसका मॉल ना निकल जाए। उसने जल्दी से मुझे बेड पर पटक दिया। मेरे पैर खोल दिए, लण्ड लगाया और मस्त चोदने लगा। गचागच… पकापक…सटासट। उनके जल्दी जल्दी चोदने से मेरी छातियां जल्दी जल्दी फूलने सिकुड़ने लगी। मेरे दिल की धड़कन बढ़ गयी, मेरी बीपी भी बढ़ गया। बिज़नेसमैन ने मेरी छप्पर फाड़ चुदाई कर दी। फिर उसने ऐसी 100 की रफ्तार पकड़ी की मैं साँस भी नही ले पा रही थी।

जब तक मैं एक साँस लेती थी, वो ना जाने कितनी बार मुझे चोद देता था। मेरे एक साँस खींचने में जितना वक़्त लगता है बिज़नेसमैन उतने में 20 25 बार लण्ड मेरी चूत में डालता था और निकालता था। जो अब अपनी ऊँगली से जल्दी जल्दी मेरे बुर के होंठ घिसने लगा और उधर सटासट चोदने लगा। उत्तेजना और जोश का समुंदर मेरी चूत में उठ गया। लगा कही मेरी बुर फट ना जाए। फिर बिज़नेसमैन से लण्ड निकाल लिया और मेरी बुर पीने लगा।

काफी देर उसने मेरी बुर पी। फिर उसने लण्ड मेरे चूत के होंठों पर लगा दिए। मेरी बुर के मुँह पर लण्ड रखता फिर ऊपर ले जाकर निकाल लेता। मेरे बुर के होंठ पर अपना लण्ड घिसता। इस तरह बड़ी देर उसने मेरी चूत से खेला दोंस्तों। फिर लण्ड अंदर डाल और गचागच मुझे पेलने लगा। बिज़नेसमैन ने उस दिन इतना चोदा दोंस्तों की मेरी बुर बड़ी बुरी तरह फट गई। ढेड़ घण्टे की पेलाई के बाद मेरी चूत ने तो जैसे नक्सलवादियों की तरह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

अब वो मुझे जानवरों की तरह नोच रहा था, पर मुझे कुछ महसूस नही हो रहा था। अब तो 2 लोग भी मुझ पर चढ़ लेते तो भी मुझे कुछ महसूस नही होता। मेरी चूत इतनी फत चुकी थी दोंस्तों। बिज़नेसमैन अब तक 4 बार झड़ चूका था। 2 बार अपना माल उसने मेरी चूत में ही छोड़ दिया था, जबकि 2 बार उसने अपना माल मेरे मुँह में झाड़ दिया था। मेरी चूत में झड़ने का मजा लेना चाहता था और मेरे मुँह में झाड़के मुझे बताना चाहता था कि मैं एक रंडी हूँ और रंडियों की कोई इज्जत नही होती है।

मैंने उसका सारा चिपचिपा माल चाटकर पी लिया। उसने एक सिगार फिर से जला ली और मुझसे मुख मैथुन करने को कहा। मैं एक बार फिर से उसे खुश करने लगी। वो मेरे ऊपर अपनी महंगी सिगार को फूंककर धुंए के छल्ले मेरे ऊपर उड़ाने लगा। मैंने फिर से उसके लण्ड को मुँह में ले लिया। और चूसने लगी। दोबारा उसका लण्ड खड़ा करने में आधा घण्टा लगा। उसने मुझे डॉगी बना दिया। मेरे चूतड़ों को उसने सहलाया और कुतिया बनाके मेरी गांड़ चोदने लगा।

बिज़नेसमैन की दोनों गोलियां अब ढीली हो गयी थी। क्योंकि वो 4 बार तो झड़ ही चुका था। इसलिए उसकी माल वाली टंकी खाली हो गयी थी। उसने 40 मिनट मेरी गाण्ड चोद चोदके हलुआ बना दी, पर दोंस्तों फिर भी वो आउट नही हुआ। क्योंकि उसकी गोलियों में अब जादा मॉल नही बचा था, फिर उसने 1 घण्टे मेरी बुर फाड़ी, तब जाकर बड़ी मुश्किल से 2 3 बूंद माल निकला। उस पहले कस्टमर से तो मेरी माँ ही चोद दी थी, दोंस्तों उस दिन। 6 घण्टे बाद हर तरह से चुदवाकर और अपनी मैया चुदवकार, अपनी बुर फड़वाकर मैं बाहर लॉबी में आ गयी। बिज़नेसमैन खुश हो गया था। उसने मेरी फ़ीस के साथ 2 हजार मुझे टिप दी। chudai,sexy kahaniya,hindi sex kahani,bhabhi ki chudai

बस तभी से दोंस्तों मैं एक हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल या कहे एक रंडी बन गयी और हर रात नये नये लँडों से चुदवाने लगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|