हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रॉकी है और में पंजाब का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है और में जयपुर के एक इंजिनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा हूँ. मेरी बॉडी एकदम फिट है और मेरी हाईट 6 फुट है और मेरे लंड का साईज़ 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों आप सभी मेरी यह कहानी पड़ने के बाद अपनी राय मेरी मैल आई डी पर भेज सकते है.
दोस्तों यह आज की कहानी मेरी और मेरी मकान मालकिन भाभी की है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका फिगर 34-26-32 है, उनकी गांड और बूब्स इतने ज़्यादा उभरे हुए है कि उनको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए क्योंकि वो दिखने में बहुत हॉट सेक्सी है और जिस दिन से मैंने उन्हें देखा है में उसको चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था कि कहीं वो किसी को बता ना दे और जब भी वो घर के काम करती तो में उसको घूरकर देखता रहता था.
बहुत बार मैंने उसके सुंदर, बड़े बड़े बूब्स के दर्शन भी किए और जब वो कुछ काम करने के लिए झुकती तो में उसके बूब्स को देखकर मन ही मन खुश होता और शायद उसको भी यह बात पता चल गई थी, लेकिन फिर भी उसने कभी किसी को कुछ नहीं कहा बहुत बार मैंने यह गौर किया कि वो मेरी तरफ हमेशा बहुत घूर घूरकर देखती है, लेकिन में इस बात को नॉर्मल समझता था और बहुत बार में उसके बूब्स और गांड को छू लिया करता और फिर ऐसा व्यहार किया करता जैसे यह सब मुझसे ग़लती से हो गया.
दोस्तों अब ऐसे ही करते करते मुझे पूरा एक साल बीत गया और इस दौरान वो पेट से हुई और उन्होंने लड़के को जन्म दिया. सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था और एक दिन जब में कॉलेज से लौटा तो पता चला कि भाभी के पति ने दिल्ली में एक शादी में जाने का प्लान बनाया है, लेकिन भाभी ने उस शादी में जाने से साफ मना कर दिया, क्योंकि उनका बच्चा अभी बहुत छोटा था. मुझे और मेरी भाभी को छोड़कर भैया ने जाने का रिज़र्वेशन करवा दिया.
दो दिन बाद सब चले गये और जाते जाते भैया ने मुझसे कहा कि तुम अपनी भाभी का पूरा पूरा ध्यान रखना. मैंने उसने कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में उनका ध्यान रखूंगा और फिर में उनको स्टेशन छोड़कर आया और रात को घर आकर अपने कमरे में जाकर सो गया, क्योंकि अगले दिन मेरा एग्जाम था और में अगले दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हुआ और अपने कॉलेज के लिए निकल पड़ा और जब में वापस लोटकर आया तो मैंने भाभी को बहुत बार आवाज़ दी, लेकिन वो नहीं आई और फिर में उनके रूम में चला गया. मैंने वहाँ पर जाकर उनके रोने की आवाज़ सुनी और अंदर जाकर मैंने देखा कि वो गाऊन पहने हुए है और बिस्तर पर उल्टा होकर लेटी हुई है. मैंने उनसे रोने का कारण पूछा तो वो कुछ ना बोली और फिर से ज़ोर से रोने लगी.
फिर मेरे दोबारा पूछने पर वो मुझसे बोली कि वो कुछ देर पहले छत पर कपड़े सुखाने गई थी और जब वो सीडियों से नीचे उतर रही थी तो अचानक पैर फिसलने की वजह से नीचे गिर पड़ी और उनकी पीठ पर चोट लग गई है. मैंने उनसे पूछा कि क्या आपने अपनी चोट पर कुछ लगाया? उन्होंने मना कर दिया और फिर में अपने कमरे में गया और एक दर्द खत्म करने की क्रीम लेकर आया और में उनसे बोला कि आप इसे लगा लो. वो मुझसे बोली कि वहां पर मेरा हाथ नहीं पहुँचेगा तो तुम खुद ही लगा दो. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी इस तरह लगाना तो बहुत मुश्किल होगा और आपके कपड़े बीच में रुकावट बनेगें. वो बोली कि कोई बात नहीं तू मेरे गाऊन को थोड़ा ऊपर उठा दे और फिर लगा दे. अब मैंने ऐसा ही किया और जब मैंने उनका गाऊन उठाना शुरू किया तो क्या में बताऊ दोस्तों वो क्या नज़ारा था. मैंने उनके पैर देखे एकदम गोरे गोरे और बिना किसी बाल के.
फिर में और थोड़ा ऊपर की तरफ बड़ा तो मुझे उनकी जांघे दिखी, एकदम टाईट, चिकनी, सुंदर और मोटी. मेरा तो मन कर रहा था कि वहीं पकड़ कर उन्हें चाटने लग जाऊँ, लेकिन मैंने उस समय अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया फिर में थोड़ा और ऊपर बड़ा और अब में उनकी गांड तक पहुँच गया था. वाह क्या मस्त सेक्सी गांड थी, उसे देखकर मेरा दिल कर रहा था कि अभी उसकी पेंटी उतार कर यहीं पर उनकी गांड मार लूँ, लेकिन में बहुत मजबूर था. फिर में और ऊपर बड़ा और मैंने उसके गाऊन को इस बार गर्दन तक उठा दिया. अब मेरी भाभी मेरे सामने पीछे से पूरी नंगी थी और मैंने उसकी पीठ पर क्रीम लगाना शुरू किया और साथ में कई बार उसकी ब्रा की डोरी को हटाता. तभी उसने कुछ ही देर में मुझसे कहा कि अगर तुम्हे क्रीम लगाने में दिक्कत हो रही है तो इसे बीच से हटा दो.
में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ, क्योंकि आज में जो सब कुछ चाहता था वो मेरे सोचने से ही पूरा होता जा रहा था और फिर मैंने उनके कहने पर उसकी ब्रा को खोल दिया और अब उसके बूब्स मुझे एक साईड से दिखने लगे थे और जब में उसकी पीठ पर क्रीम लगा रहा था तो बहुत बार मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स को छुआ, महसूस किया और मैंने उसको सॉरी बोला, लेकिन वो कुछ ना बोली. अब वो हल्के हल्के सिसकियाँ लेने लगी.
मुझको पता था कि वो अब गरम हो रही है और में धीरे धीरे अपने हाथ को उसकी कमर पर घुमाने लगा और वो सीहर उठी, लेकिन मैंने अंजान बनते हुए पूछा कि भाभी क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे जलन हो रही है. मैंने कहा कि मुझे देखने दो आपको कहाँ चोट लगी है? अब मैंने उसको सीधा किया और में उसके पैरों पर आ गया और फिर ऊपर की तरफ जाने लगा. जब में उसके घुटनो पर पहुँचा तो मैंने उससे पूछा कि चोट कहाँ है?
वो बोली कि हाँ थोड़ा ऊपर अब में उसकी जाँघो को रगड़ने लगा वो और तेज सिसकियाँ लेने लगी. मैंने फिर से पूछा कि चोट कहाँ है? तो वो बोली कि थोड़ा और ऊपर है. अब में उसकी पेंटी पर आ गया और में अच्छा मौका देखकर उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा और अब वो और भी ज़ोर से आहें भरने लगी सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उससे एक बार और पूछा कि कहाँ है? तो वो आहें भरते हुए बोली कि हाँ आह्ह्हह्ह उईईईईइ माँ बस यहीं पर है. में उसकी पेंटी को उतारने लगा कि तभी वो बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि मुझे एक बार चेक तो करने दो कहाँ कितनी चोट लगी है?
फिर मैंने उसकी पेंटी को पूरा उतार दिया और अब में उसकी प्यासी, गरम, तड़पती हुई चूत में अपनी एक उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह थोड़ा आगे हाँ और आगे करो ऊईईईईइ थोड़ा आगे की तरफ मुझे बहुत दर्द है. फिर में उसकी यह बात सुनकर एकदम जोश में आ गया और अब में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालने लगा. वो मुझसे बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि भाभी में आज इसकी सारी जलन मिटा दूँगा, लेकिन बस आप मेरी थोड़ी मदद करो और बीना हिले चुपचाप पड़ी रहो. उन्होंने ऐसा ही किया और अब में उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा, वो आहें भरने लगी और अपने बूब्स दबाने लगी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह तुम अब बस करो आईईईईईइ में अब और नहीं सह सकती.
दोस्तों वो अब जोश में बिल्कुल पागल सी हो गई थी. वो अपनी चूत को मेरी जीभ की तरफ आगे बड़ा रही थी और मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी और अब जब मुझको लगा कि वो पूरी तरह गरम हो गई है तो में सही मौका देखकर उसके ऊपर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा और चूसने लगा.
फिर मैंने उसको सीधा लेटाकर अपना लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा अंदर कर दिया. चूत गीली होने की वजह से लंड फिसलता हुआ सीधा बच्चेदानी से टकरा गया और वो चीख पड़ी. में कुछ देर बूब्स को सहलाता, मसलता रहा और कुछ देर बाद ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो भी अब अपने चूतड़ को ऊपर उठा उठाकर मेरे लंड से अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी. दोस्तों में अगले दिन सुबह तक उन्हें लगातार चोदता रहा और मैंने उसको उस रात पांच बार चोदा. इस दौरान वो 8 बार और में 6 बार झड़ गया था और जब तक भैया वापस लौटकर नहीं आए में उसको हर रोज चोदता रहा और मैंने उसको लगभग घर के हर एक कोने में और हर एक तरह से चोदा और वो आज भी मेरी प्यारी भाभी है. में आज भी उसको मौका मिलने पर चोदता हूँ.