टीचर

मैं स्कूल में बायलोजी विषय की टीचर थी. १२ वीं क्लास को पढाती थी. मेरी क्लास में लड़के और लड़कियां दोनों ही पढ़ते थे. स्कूल में साड़ी पहनना जरूरी था. मैं दूसरी टीचर्स की तरह खूब मेक-अप करती और खूबसूरत साडियाँ पहन कर स्कूल आती थी, जैसे कोई स्पर्धा चल रही हो. क्लास में मुझे रोहित बहुत ही अच्छा लगता था. वो १८ साल का एक सुंदर लड़का था, लंबा भी था, और हमेशा मुझे देख कर मुस्कुराता था, बल्कि खुश होता था. उसकी मतलबी मुस्कराहट मुझे बैचैन कर देती थी. मुझे भी कभी कभी लगता था कि रोहित मुझे अपनी बाँहों लेकर चूम ले … रोहित ही आज की कहानी का नायक है.

हमेशा की तरह आज भी क्लास में मैं पढ़ा रही थी. मैंने विद्यार्थियों को एक सवाल का उत्तर लिखने को दिया. सवाल सरल था. सभी लिखने लगे, पर रोहित मुझे बार बार देख रहा था. उसे देख कर आज मेरा मन भी मचल गया. मैं भी मुस्कुरा कर उसे निहारने लगी. वो मुझे लगातार देखता ही जा रहा था, कभी कभी उसकी नजरें झुक भी जाती थी. मुझे लगा कि कुछ करना चाहिए. मैं घूमते हुए उसके पास गयी, उसके कंधे पर हाथ रख कर बोली,”रोहित कुछ मुश्किल है क्या …” मैंने उसका कन्धा दबा दिया.

“न …नहीं …मैम ……
” मैं उस से सट गई. उसके कंधे का स्पर्श मेरी जाँघों में हुआ. मैं सिहर उठी. क्लास के बाद मैंने पेपर ले लिए. छुट्टी के समय मैंने रोहित को बुलाया और कहा,” मैंने तुम्हारा पेपर चेक कर लिया है ..रोहित, तुम बायोलोजी में कमजोर हो … तुम्हे मदद की जरूरत हो …. तो घर पर आकर मुझसे पूछ सकते हो.”

“जी मैम … मुझे जरूरत तो है …पर आपका घर का पता नहीं मालूम है …”

“रोहित तुम कहाँ रहते हो?….” उसने अपने घर का पता बताया. वो मेरे घर से काफ़ी दूर था।

“अगर तुम्हें आना हो तो ४ बजे शाम को आ जाना …… मेरा पता ये है ..” मैंने अपने घर का पता एक कागज़ पर लिख कर देते हुए कहा

“जी … थैंक्स .” रोहित से एक तरह की खुशबू आ रही थी, जिसे मैं महसूस कर रही थी.

शाम को वो ४ बजे से पहले ही आ गया. मैं उस समय लम्बी स्कर्ट और ढीले ढाले टॉप में थी. मेरे बड़े और भारी स्तन उसमें से बाहर निकल पड़ रहे थे. तब मैं सोफे पर बैठी चाय पी रही थी. मैंने उसे भी चाय पिलाई.

फिर मैंने कहा -“किताब लाये हो ….” उसने किताब खोली…. मैं उसे पढ़ाने लगी. मैं सेंटर टेबल पर इस तरह झुकी थी कि वो मेरी चुंचियां अच्छी तरह देख सके ….. ऐसा ही हुआ …… उसकी नजरें मेरी चुन्चियों पर गड़ गयी. मैंने काफी देर तक उसे अपनी चुन्चिया देखने दी ….मुझे अब विश्वास हो गया कि वो गरम हो चुका है. मैंने तुंरत ही गरम गरम लोहे पर चोट की …”रोहित .!..!… क्या देख रहे हो ….???”
वो बुरी तरह से झेंप गया. पर सँभलते हुए बोला …..”नहीं कुछ नहीं मैम ….!”

मैंने देखा उसका लंड खड़ा हो गया था,”मुझे पता है तुम कहां झांक रहे हो …. तुम अपनी घर में भी यही सब करते हो? अपनी माँ बहन को भी ऐसे ही देखते हो क्या …?… तुम्हें शर्म नहीं आती ?…”

वो घबरा गया …”मैम वोऽऽ …वोऽऽ …. आई एम् सॉरी …”

“सॉरी क्यों?….. तुम्हें जो दिखा, तुमने देखा ….तुमने मेरा स्तन देखे पर मेरा टॉप तो उतार कर नहीं देखे हाथ नहीं लगाया फ़िर सॉरी किस बात की ?…मिठाई खुली पड़ी हो तो मक्खी तो आएगी ना ! पर हाँ …..सुनो किसी को कहना मत …”

“नऽऽ ..नहीं मैम .. नहीं कहूँगा …”

“अच्छा बताओ तुम्हारी बहन है?”

हाँ मैम …. है ! एक बड़ी बहन है !

तुम उसे भी ऐसे ही देखते हो? उसकी चुंचियां भी ऐसी हैं….मेरे जैसी?”

“नहीं मैम … वोऽऽ उसकी तो आप आपकी आपसे छोटी हैं …… ” रोहित शरमाते हुए बोला।

“तुम्हें कैसे पता ..?. बोलो ….”

“जी …मैंने छुप के देखी थी .. जब वो नहा रही थी ….” वो शर्माता भी जा रहा था और मैंने देखा कि उसका मुंह लाल हो रहा था. मैं समझ गयी कि वो उत्तेजित होता जा रहा है. मैंने धीरे से उसकी जांघ पर हाथ रखा. वो सिहर गया. पर वो कुछ बोला नहीं. मैं अब उसकी जांघ सहलाने लगी. मेरे अन्दर उत्तेजना अंगडाई लेने लगी. मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से उसके लंड पर हाथ रख दिया.
वो मेरा हाथ हटाने लगा ……” मैम ना करो ऐसे…गुदगुदी होती है…”

“अच्छा … कैसा लगता है ….?” मैंने अब उंगलियों से उसके लण्ड को ऊपर से पकड़ कर दबाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|