दिहाड़ी मजदुर का कडक लंड

नीतिका रोड के ऊपर टहल ही रही थी और उसने इस गंदे कपडे वाले आदमी को फिर से अपनी तरफ देखते हुए देखा. दांतों में तम्बाकू की लाली दिख रही थी और कपड़ो से तो वो कोई दिहाड़ी मजदुर ही लग रहा था. नीतिका एक रांड हैं जो इसी रोड पर अपने सेक्स की दूकान चलाती हैं. नीतिका के पास भी आज ग्राहक नहीं आया था क्यूंकि त्योहारों के दिन थे. उसने इस बन्दे को अपनी अगली राउंड में देखा तो एक हलकी से स्माइल उसकी तरफ दे दी. और जैसा उसने सोचा था वैसे ही हुआ. इस दिहाड़ी मजदुर ने आँख मार के इशारा किया, चलती क्या!

नीतिका ने इशारे को हंस के जवाब दिया और वो दिवार की तरफ चल पड़ी. ऑटो और जिप के ट्राफिक से दूर उसके पीछे वो बन्दा भी आ गया. नीतिका के पास रुक के उसने कहा, चले क्या?

नीतिका बोली, ३०० लुंगी.

दिहाड़ी मजदुर ने कहा, ले लेना लेकिन मेरा निकलने तक लेना पड़ेगा.

नीतिका ने सोचा अब इसका कडक लंड कितना उबाल मारेगा और उसने कहा, ले लुंगी, कोई बात नहीं.

नीतिका आगे आगे चली और यह बन्दा उसके पीछे चल पड़ा. नीतिका अपने जानपहचान के होटल में गई और रिसेस्प्शन वाले ने इस बन्दे से २०० रूपये कमरे के लिए ले लिए.  कमरे में घुसते ही नीतिका ने अपनी बेग को निचे फेंक दी और पलट के उसने देखा तो यह मजदुर वही खड़ा हुआ था. नीतिका अपने टॉप के बटन खोलते हुए बोली, क्या नाम हैं तुम्हारा?

मजदुर ने भी अपनी पतलून की क्लिप को खोल के कहा, मेरा नाम इन्दर हैं.

क्या करते हो?

मैं टाइल्स फिटिंग का काम करता हूँ.

ब्याह किये हो?

हां किये हैं लेकिन बीवी मइके गई हुई हैं.

अच्छा तभी यहाँ लेने आये हो मजे.

हां, तुम पेड़ मत गिनो, सिर्फ लंड ले के चलती बनो.

नीतिका ने हंस के कहा, पेड़ किसे गिनने हैं यह तो तुम शकल से सीधे लगे इसलिए पूछ लिया.

अच्छा.

और फिर नीतिका एकदम न्यूड कड़ी हो गए इन्दर के सामने. इन्दर ने जब अपना पेंट खोल के अपना कडक लंड नीतिका के सामने रखा तो उसे देख के एक मिनिट के लिए तो इस रंडी के दिल में भी थोडा दर सा हो गया. वो लंड कम से कम ९ इंच लम्बा था और चौड़ाई भी एकदम ४ इंच के करीब थी. ऊपर से उसके निचे के अंडे भी बड़े बड़े थे और लंड के ऊपर की एक एक नस फूली हुई थी जैसे की लंड ने अभी कसरत कर रखी हो. नीतिका ने लंड को देख के कहा, बड़ा कडक लंड तो हैं तुम्हारा.

हां, चलो अब अपनी टाँगे खोल दो.

नीतिका बेड में लेट गई और उसने अपनी टाँगे खोल दी.

इन्दर उसके ऊपर चढ़ गया लेकिन नीतिका ने कहा, अरे रुको तो सही पहले अपने लौड़े को साफ़ करो गमछे से और यह पहन लो.

और यह कह के उसने अपनी पर्स से एक कंडोम की पेकेट उसे दे दी. इन्दर ने अपने लंड को साफ़ किया और फिर कंडोम को खोल के अपने लंड पर पहन लिया. लंड को पूरा ढँक भी नहीं सका कंडोम क्यूंकि वो बहुत लम्बा था. नीतिका ने अब अपनी टाँगे खोली और चूत के ऊपर थोडा थूंक लगा दिया. फिर वो चूत को दो ऊँगली से खोल के बोली, आ जा.

इन्दर ने अपने कडक लंड को एक हाथ से पकड लिया और फिर चूत के अन्दर उसे रख के उसने एक झटका दे दिया. आह के आवाज से नीतिका ने लंड को अपनी चूत में घुसने की पुष्टि कर दी. इन्दर ने अब अपने हाथ से नीतिका के चुंचे पकड लिया और उन्हें अपने होनो हाथ से दबाने लगा. और निचे उसका कडक लंड नीतिका की चूत को खंगोल रहा था. नीतिका भी पूरा सपोर्ट दे रही थी इन्दर को और अपने कुल्हे उचका उचका के चुदवा रही थी उसके पास में.

कुछ देर तक इन्दर अपने कडक लंड से नीतिका को ऐसे ही चोदता रहा. नीतिका भी अपनी गांड हिला हिला के थक चुकी थी. १२-१५ मिनिट की चुदाई करनेवाले तो उसने बहुत देखे थे लेकिन यह मजदुर तो पुरे २० मिनिट की चुदाई के बाद भी हिल नहीं रहा था. नीतिका ने गांड हिलाते हुए ही उसे पूछा, गोली ले के आया हैं क्या?

इन्दर ने कहा, गोली खाई तो पूरा दिन निकलता हैं मेरा.

तो फिर तेरा निकल क्यूँ नहीं रहा.

मेरा इतना ही वक्त लगता हैं, यह कह के इन्दर ने चुदाई के झटको को और भी तीव्र कर दिए और उसके कडक लंड ने चूत को थका सा दिया था.

इन्दर को देख के नीतिका ने फिर कहा, लगता हैं तेरी बीवी ऐसी चूतफाड़ चुदाई से थक के ही भाग गई हैं, जल्दी निकालो न अपना पानी मेरा टाइम हो रहा हैं.

इन्दर बोला, मैंने पहले कहा था न की मेरा होने तक करूँगा.

लेकिन तेरा होगा कैसे जल्दी से?

इन्दर ने कहा, गांड में ले लोगी?

अरे बाप रे तेरा गधे जैसा लंड गांड में लिया तो फट नहीं जायेगी मेरी?

अरे आराम से करूँगा मेरी जान, चूत में तो आधा घंटा और लगेगा.

चल कर ले अपना मुहं काला, इतना कह के नीतिका ने इन्दर का लंड पकड़ के अपनी चूत से निकाल दिया. और फिर वो घोड़ी बन के लेट गई. पीछे से उसने अपने कुल्हे ऊपर कर लिए थे. इन्दर अब उसके पीछे आ गया और उसने अब अपना लंड गांड के होल पर रख  दिया.

नीतिका ने कहा, आराम से करना.

इन्दर ने सिर्फ उह कहा और अपने लंड को उसने गांड में पेल दिया. नीतिका ने अपने दोनों हाथ से गांड को पूरा खोल दिया और इन्दर ने पूरा कडक लंड गांड में पेल दिया. नीतिका को बहुत दर्द हो गया और वो बोली, आह्ह्ह्ह अरे गधे जैसा अपना लंड निकाल पीछे से बे, साले पूरा एक ही झटके में पेल दिया भोसड़ी के.

इन्दर ने कहा, चुप साली रंडी, पुरे पैसे लिए हैं तो मेरा माल तो निकल लेने दे.

और फिर इन्दर ने नीतिका के बूब्स को पकड़ के पीछे से उसकी गांड को और भी जोर जोर से मारना चालू कर दिया. नीतिका को इतना दर्द हुआ की उसकी आँखों से आंसू निकल के निचे बिस्तर पर निकल पड़े.  ५ मिनिट और ऐसी उसकी गांड चुदाई हुई और फिर नीतिका की गांड में गर्म गर्म अहसास हुआ. कंडोम के अन्दर ही इन्दर का १०० एम्एल वीर्य निकल गया और इन्दर उसके ऊपर निढाल हो गया. नीतिका ने उसे लात मार के कहा, अबे चल उठ अब, क्या सो जाएगा मेरी गांड पर.

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