हैल्लो दोस्तों, में एक सरकारी दफ़्तर में ऑडिट ऑफिसर हूँ और अक्सर मेरा तबादला ऑडिट के लिए दूसरे शहर के कार्यालय में होता रहता है, ऑडिट के कारण मुझे कई-कई महीनों तक दूसरे शहर में रहना होता है.
एक बार ऑडिटिंग के लिए मेरा तबादला कुछ महीनों के लिए मद्रास शहर के एक छोटे से गाँव में हुआ था. वहाँ मेरे एक दोस्त का परिवार रहता था इसलिए मेरे दोस्त ने मेरे रहने का इंतजाम उनके परिवार वालों के घर पर किया था. उसके परिवार में केवल तीन सदस्य थे एक दोस्त की माँ देविका, जो कि करीब 42 साल वर्षीय विधवा महिला थी, उसका शरीर सुडोल और चेहरा काफ़ी आकर्षित था, उसके पति 18 साल पहले ही गुजर चुके थे और दूसरी दोस्त की बीवी राधिका, जो कि करीब 23 वर्षीय सेक्सी, तंदरुस्त महिला थी और तीसरी दोस्त की बहन मोनिका, जो कि करीब 19 वर्षीय थी और वो रंग रूप में बिल्कुल अपनी माँ पर गयी थी, वो तीनों एक से बढ़कर एक आकर्षित और सेक्सी दिखती थी.
में कुछ ही दिनों में उन लोगों से काफ़ी घुलमिल गया था. में मेरे दोस्त की माँ को माँ कहकर और उसकी बीवी को भाभी कहकर बुलाता था. मेरे पास लैपटॉप था और मैंने राधिका और मोनिका को उसमें सी.डी लगाना सिखाया था और हम कभी-कभी हिन्दी पिक्चर की सी.डी लगाकर पिक्चर भी देखते थे.
उस दिन शनिवार था, भाभी और माँ सुबह से ही दूसरे शहर गयी थी और वो रात देर से लौटेंगी कहकर गयी थी. अब घर पर में और मोनिका ही थे. जब में सुबह लेट उठा और नहा धोकर नाश्ता किया और जब कमरे में आया तो मैंने देखा कि मोनिका इस वक़्त रोज़ की तरह मेरे रूम में झाडू लगा रही थी. अब वो झुककर झाड़ू लगा रही थी, जिससे उसकी दोनों चूचीयाँ उसके कुर्ते से आधी बाहर को दिख रही थी, जिन्हें देखकर में मस्त हो गया था.
वैसे तो वो रोज़ इन्ही कपड़ो में घर पर रहती थी, लेकिन पहले में उसकी तरफ गौर नहीं करता था, लेकिन आज उसकी अदा को देखकर में उसकी चूचीयों को देखने लगा था. तभी उसने मुझे अपनी तरफ इस तरह से देखते हुए पाया, तो वो शरमा गयी और जल्दी से अपने कपड़ो को ठीक कर लिया और झाड़ू लगाकर चली गयी और में भी कमरे में आकर बैठकर पेपर पढ़ने लगा.
आज उसे मेरा बदला रूप नज़र आ रहा था. अब वो कुछ नर्वस हो रही थी और इस वक़्त वो भी नहा धोकर एक गुलाबी स्कर्ट और पीली शर्ट पहने हुई थी. अब में उसकी चूचीयों को ही घूर रहा था, तो तभी एक स्पून टेबल से नीचे गिरा, तो वो उसे उठाने को झुकी तो में से उसकी चूचीयों की झलक से पा गया. अब उसे शायद यह एहसास हो गया था कि में उसकी चूचीयों को देखने की कोशिश कर रहा हूँ. में उठकर अपने रूम में आ गया. आधे घंटे के बाद वो मेरे रूम में आई और सफाई करने लगी.
मैंने देखा कि वो अब एक नयी शर्ट पहने थी, जो कि एकदम सफ़ेद और हल्की सी पारदर्शी थी. यह शर्ट बड़े गले की थी और उसके ऊपर का एक बटन भी खुला था. अब वो बार-बार किसी ना किसी बहाने से मेरे सामने आ रही थी और अब वो झुक भी ज़्यादा रही थी, जिससे मुझे उसकी चूचीयाँ ठीक तरह से दिख रही थी.
अब में समझ गया था कि हर लड़की 15 साल की उम्र के बाद चुदवाना चाहती है, लेकिन अपनी इज़्ज़त को लेकर डरती है और अगर उसे घर में ही कोई मिल जाए, तो वो तुरंत चुदवाने को तैयार हो जाती है. अब में मन ही मन सोचने लगा था कि अगर यह कुंवारी माल चोदने को मिल जाए तो कितना मज़ा आएगा? तो तब मैंने एक प्लान बनाकर उसे आवाज़ दी, मोनिका.
वो बोली कि जी दीनू भैय्या, तो मैंने कहा कि क्या बात है, आज तू बहुत काम कर रही है? तो वो बोली कि वो भैय्या आज मैंने सुबह जल्दी खाना बना लिया था, क्योंकि हम दोनों ही खाने वाले थे इसलिए सारा काम निपटाकर मैंने सोचा कि आज आपका रूम अच्छी तरह से साफ कर दूँ. में बोला कि ठीक है, मोनिका तुम बहुत अच्छी हो और सुनो यह वाली अलमारी कई दिनों से साफ नहीं की इसलिए तुम इसे पहले साफ करो और हम दोनों उस अलमारी के पास आकर खड़े हो गये.
में उसे अलमारी दिखाने के बहाने से उसके बदन को छूने लगा तो तभी मैंने अपने हाथ से उसकी एक चूची को टच किया, लेकिन वो चुप रही. मैंने ऐसे ही 2-3 बार टच किया, लेकिन भी उसने कुछ नहीं कहा, तो हिम्मत और बढ़ गयी.
मैंने हिम्मत करते हुए अपने एक हाथ को उसकी बगल से डालकर उसकी एक चूची पर रख दिया. अब मेरा पूरा हाथ उसकी टाईट चूची पर था और अपने हाथ को उसकी चूची पर रखकर में उसे क्या-क्या साफ करना है? यह बता रहा था और वो चुपचाप सुन रही थी. अब उसकी नज़रे नीचे थी और इतना करने के बाद में समझ गया था कि वो मेरी इस हरक़त का बुरा नहीं मान रही है. मैंने धीरे से अपने हाथ का दबाव बढ़ाते हुए उसकी चूची को दबाया. वो अपनी आँखे झुकाए हुए अपनी चूची को देख रही थी.
अब में सब समझ गया था कि वो राज़ी है तो मैंने खुश होकर उसकी चूची को कसकर अपने हाथ में पकड़ लिया. उसके मुँह से धीमी सी सिसकारियां निकली और बोली कि उफफफफफ्फ़, हाए भैय्या. अब उसका इतना कहना था कि में खुश हो गया और अपने दूसरे हाथ से उसकी दूसरी चूची को भी पकड़ लिया.
उसने जल्दी से अपने हाथों को मेरे हाथों पर रखा और बोली कि नहीं भैय्या, हाए छोडिए मुझे सफाई करनी है. मैंने कहा कि क्यों अच्छा नहीं लग रहा है क्या? तो वो बोली कि हटो भैय्या, यह क्या कर रहे हो? में आपकी दोस्त की बहन हूँ. मैंने कहा कि अच्छा में सब जानता हूँ तुम क्या चाहती हो? आज सुबह से ही तुम मुझे अपनी दोनों चूचीयों को दिखा रही हो.
अब मेरी खुली-खुली बात सुनकर वो शरमाते हुए बोली कि ऊओह उउउफ़फ्फ़ भैय्या छोड़ो ना, आप यह क्या कह रहे है? में तो अपना काम कर रही हूँ. मैंने कहा कि में भी तो अपना काम कर रहा हूँ, तुम आज मेरे सामने झुक-झुककर और ऐसे कपड़े पहनकर मुझे यह चूचीयाँ दिखा रही थी ना, अब में इनको देख रहा हूँ और यह कहते हुए उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए. वो मेरे हाथ को पकड़कर बोली कि नहीं भैय्या यह आप क्या कर रहे है? में आपकी छोटी बहन जैसी हूँ.
मैंने कहा कि नहीं पगली तू मेरी खूबसूरत और जवान और सेक्सी बहन है, सच बोलना तू आज सुबह से मुझे अपनी इन मस्त चूचीयों को दिखा रही थी ना? तो वो चुप रही, तो में बोला कि बताओ ना मोनिका. अब मेरी बात सुनकर वो अपने चेहरे को ऊपर उठाकर मुझे देखती हुई मुस्कुराते हुए बोली कि श भैय्या आप बड़े वैसे है, तो में बोला कि में बड़ा कैसा हूँ? तो वो बोली कि अच्छे है.
में बोला कि तुम सच बताओ, तुम सुबह से ऐसी हरक़त कर रही थी या नहीं? तो वो पलटकर भागी और अपने रूम में चली गयी. में भी उसके पीछे चला गया और अब वो अपने बेड पर लेटी हुई थी. में उसके पास गया और उसके चेहरे को अपनी तरफ किया. वो मुस्कुरा रही थी और बोली कि भैय्या, तो में बोला कि अरे शरमाती क्यों है पगली? बताना.
वो बोली कि हाँ भैय्या आप सही कहते है, तो में बोला कि तो तुम क्यों दिखा रही थी? तो वो बोली कि आपने आज सुबह जब मेरी चूचीयों को झाड़ू लगाते हुए गौर से देखा था, तो तब मुझे बहुत अच्छा लगा था तो तभी मैंने सोचा कि भैय्या मेरी चूचीयों को देख रहे है तो क्यों ना इनको सताया जाए? इसलिए में सुबह से आपको दिखा-दिखाकर सता रही थी.
में बोला कि अच्छा एक बात तो बताओ, इनको दिखाने के अलावा तुम और क्या करती? तो वो बोली कि और क्या भैय्या? और कुछ भी नहीं करती. में बोला कि पगली इनको दिखाने के बाद ही तो सारा काम होता है. वो शरमाते हुए बोली कि हटो भैय्या आप भी ना. अब में इतनी जल्दी काम बनते देख खुश हो गया और एक बार से उसकी दोनों चूचीयों को पकड़कर कहा कि मोनिका मेरी रानी अगर तुम इनको दिखाना चाहती थी, तो अब क्यों शर्मा रही हो? अब घर पर तो हमारे अलावा कोई नहीं है, अब तुम आराम से जी भरकर दिखाओ. वो बोली कि हटो भैय्या अब बस, इतना बहुत देख लिया. में बोला कि में जानता हूँ तुम मुझे सता रही हो, तो वो बोली कि नहीं भैय्या ऐसी कोई बात नहीं है, तो में बोला कि तो ठीक से दिखाओ ना.
अब मेरी बात सुनकर उसने कुछ देर तक सोचा और बोली कि श भैय्या आप बड़े वो है, लेकिन भैय्या किसी को पता ना चले. में बोला कि पगली पता कैसे चलेगा? तो वो बोली कि ठीक है भैय्या. वो उठकर बैठ गयी और धीरे-धीरे अपनी शर्ट के सभी बटन खोल दिए, अब उसकी दोनों चूचीयाँ अभी भी उसकी शर्ट में छुपी थी.
उसने अपनी शर्ट के दोनों साईड को पकड़ा और मुझे देखते हुए धीरे-धीरे अलग करने लगी और उसकी शर्ट हटते ही उसकी दोनों गोरी-गोरी टाईट चूचीयाँ नंगी हो गयी, जिसे देखकर में पागल हो गया था और मोनिका की चूचीयाँ एकदम टाईट और गोल थी. मैंने उसकी दोनों चूचीयों पर अपना हाथ रखकर दबाया और सहलाया. अब वो अपनी आँखे बंद करके पड़ी थी. मैंने कहा कि मोनिका चुदवाने में बहुत मज़ा आता है, आज तुम भी चुदवाकर देखो एक बार चुद जाओगी तो रोज़ तड़पोगी. वो बोली कि नहीं भैय्या, मुझे यह नहीं करवाना.
में बोला कि पगली इतनी बड़ी हो गयी है, अब तू चुदाने लायक हो गयी है और कब चुदवाएगी? तो वो बोली कि भैय्या जाइए, मुझे शादी से पहले नहीं करवाना, बहुत बदनामी होगी तो? तो में बोला कि पगली बदनामी कैसे होगी? कोई जान नहीं पाएगा कि हम दोनों घर पर क्या करते है? हम लोग रोज रात में सुहागरात मनाया करेंगे और सुबह भाई बहन बन जाएगे. वो सोचने लगी, तो मैंने कहा कि डरो मत मज़ा आएगा. में अपने सारे कपड़े निकालकर नंगा हो गया और उसे भी नंगी कर दिया.
जब उसने मेरे मोटे और लंबे लंड को देखा तो वो दंग रह गयी. में उसकी एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसकी दूसरी चूची को सहलाने लगा. अब वो भी मेरा लंड पकड़कर जी भरकर सहला रही थी. उसकी कुँवारी चूचीयों का रस पीने के बाद में उठकर उसकी टांगो के बीच में आ गया और उसकी नंगी, थोड़ी-थोड़ी रेशम जैसी झांटो से घिरी चिकनी चूत को चाटने लगा.
मैंने उसकी चूत की फाँको को 7-8 बार चाटा और अपने हाथ से उसकी चूत की दोनों फाँको को खोलकर उसके गुलाबी छेद में अपनी जीभ पेलकर चाटना शुरू किया, तो वो मज़े से मदहोश सी हो गयी और उसे कुछ भी होश नहीं रहा. अब बस वो बार बार हाईईईईईईई उूउउफ़फ्फ़, उई ऊफ भैय्या, भैय्या करने लगी थी, तो मैंने भी मस्त होकर 6-7 मिनट तक उसकी चूत को खूब चाटा.
अब वो मेरे सिर पर अपना हाथ रखकर अपनी चूत को और दबाने लगी थी. कुछ ही पलों में उसकी चूत सिकुड़न पैदा करके झड़ गयी. मैंने भी अपनी जीभ बाहर की तो वो निढाल होकर लेटी रही, अब में भी उसके बगल में लेट गया था. 2 मिनट के बाद वो नॉर्मल हुई और मुझे प्यार से देखने लगी. मैंने कहा कि मोनिका अब पेल दूँ? तो वो बोली कि भैय्या पेल देना, लेकिन पहले अपना लंड तो चूसने दो और मेरे लंड को पकड़कर बोली कि भैय्या आपका कितना प्यारा है? वो नीचे झुकी और मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
अब में उसके खुलेपन बर्ताव को देखकर दंग हो रहा था, लेकिन चुपचाप मज़ा लेता रहा. अब वो बहुत ही प्यारे तरीके से मेरे लंड को चाट रही थी. कुछ देर तक उसने मेरे लंड को चाटा और बेड पर लेटकर बोली कि आओ दीनू भैय्या, इस कुँवारी चूत में अपना लंड डालो. में उसकी दोनों जांघो के बीच में गया और नीचे झुककर 7-8 बार उसकी चूत को चाटा और अपना लंड उसकी गीली चूत के छेद पर लगाकर धीरे से अपना लंड अंदर डालना चाहा, तो उसकी टाईट चूत की वजह से मेरा लंड फिसलकर उसकी गांड की तरफ चला गया.
में उठकर तेल की बोतल लेकर आया और ढेर सारा तेल अपने लंड पर लगाया और थोड़ा तेल उसकी चूत पर लगाकर अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत के मुँह पर रखकर एक शॉट लगाया, तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के अंदर घुस गया, लेकिन वो चिल्लाने लगी, तो में कुछ देर तक ऐसे ही पड़ा रहा. मैंने थोड़ा और पुश किया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया. कुछ देर के बाद मैंने एक और शॉट लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में फिसलता हुआ उसकी सील फाड़कर उसकी चूत में समा गया. अब इधर मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा घुसा था, तो उधर वो अपनी आँखों में आँसू लिए छटपटा रही थी.
कुछ देर तक में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाले ऐसे ही पड़ा रहा और उसकी चूचीयों को चूसता रहा. फ़िर थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे अंदर बाहर करते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी और 20-25 धक्को के बाद अपनी स्पीड तेज़ करने लगा. उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी उूउउफफफफ्फ़ हाईईई और 7-8 मिनट की दमदार चुदाई के बाद वो झड़कर ढीली हो गयी.
अब में भी झड़ने वाला था तो तब उसने कहा कि दीनू जी बाहर निकालकर झड़ना. अब उसकी यह बात सुनकर मैंने मेरे लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो मैंने देखा कि मेरा लंड उसकी चूत रस और खून से सना था. उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और बोली कि अपना लंड मेरे मुँह में झाड़ दो. में अगले ही पल तेज़ शॉट के साथ अपना सारा पानी उसके मुँह में निकालने लगा और वो बिना मेरा लंड बाहर निकाले मेरा सारा पानी पीती रही. हम दोनों नंगे ही बेड पर लेट गये. माँ और भाभी के आने से पहले हम लोगों ने 3-4 बार और जमकर चुदाई की और खूब मजे लिए.