पडोसी भाई के साथ मस्ती

हैल्लो दोस्तों मैं रीता, मदमस्त लड़की हु, मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए आज तक मैं कई मर्दो से चुद चुकी हु, चाहे वो मेरे से छोटे उम्र का हो या मेरे से बड़े उम्र का, मैंने हर उम्र के मर्दों का लंड चख चख चुकी हु, आज मैं उस चुदाई में से जो मेरे करीब है जिसको मैं आज भी याद करके कभी कभी जब चुदाई का जुगाड़ नहीं होता है मैं मस्तराम डॉट नेट पर कहानी पढ़ते हुए अपने चूत में ऊँगली डाल के अपनी वासना की भूख को शांत करती हु.

जब मैं अठारह साल की हुई तो मुझे रोज रोज अजीब अजीब चुदाई के सपने आते थे, और फिर धीरे धीरे मस्तराम डॉट नेट पे कहानिया पढ़ने लगी, बहुत ही मजा आता था, मेरी चूत गीली हो जाती थी, मेरा चूचियों का निप्पल खड़ा हो जाता था, मुह से आअह आआह उफ्फ्फ उफ्फ्फ उफ्फ्फ की आवाज आने लगती थी, मैंने मन मार के किसी तरह सो जाती पर मेरे मन बेताब रहता था.

मेरे घर के बगल में एक किरायेदार रहता था, वो शादी शुदा था वो कंप्यूटर का काम करता था मेरे पास भी कंप्यूटर था तो मैं उनसे कभी कोई सॉफ्टवेयर लेने तो कभी कोई चीज पूछने चली जाती थी, धीरे धीरे पहले मैंने अपने घर उस लड़के के बारे में अवगत कराया की बहुत बढ़िया लड़का है, अब मेरे घर बाले भी समझने लगे की दोनों भाई बहन की तरह है, क्यों की मैं हमेशा कार्तिक भैया कहती थी, मेरे घर बाले को भी कोई शक नहीं हुआ, गली बाले भी समझने लगे की ये लड़की कुछ कंप्यूटर का काम होगा इसलिए आई होगी.

कार्तिक शादी शुदा था उसकी बीवी बड़ी भोली भली थी, वो गाव की थी, उसको ज्यादा कुछ पता नहीं था मैं पढ़ी लिखी ज्यादा और हमेशा मुंबई जैसे शहर में रही मैं काफी तिकड़मबाज थी, उसको मैंने अपने जाल में फसाया, उसको मैं दीदी कहने लगी और उनके हस्बैंड यानी कार्तिक को भैया, अब सब लोग समझ गए की हम दोनों का रिश्ता पवित्र रिश्ता है.

फिर क्या थी कार्तिक की बीवी गाँव चली गई क्यों की वो प्रेग्नेंट थी. मेरे पास पूरा मौक़ा था अब चुदने का और अपनी जवानी को लुटाने का, एक दिन मैं दोपहर में कार्तिक के कमरे पे गई कार्तिक अकेला था, अंदर गई और बैठ गई धीरे धीरे बातचीत होने लगी, मैंने अपना दुपटा उसके बेड पे रख थी उस दिन मैं गोल गला का ड्रेस पहनी थी और गला ज्यादा कटा था इस वजह से मेरी दोनों मदमस्त चूचियाँ आगे की और निकल रहा था, सच बताऊँ दोस्तों किसी का भी मन ख़राब हो जाये कार्तिक मेरी चूची को घूर घूर कर देखने लगा मैं कई बार निचे झुकती ताकि पूरी चूचियाँ दिख सके और हुआ भी,

फिर क्या था वो पिघल गया और बोला रीता आप बहुत ही हॉट हो, एक बात बताऊँ अगर मैं शादी शुदा नहीं होता तो प्रोपोज़ आपको जरूर करता, मैं समझ गई ये मादरचोद आ गया लाइन पे, फिर मैंने भी बड़े ही पोलाइट तरीके से कहा तो क्या हुआ अभी कर दो, तो कार्तिक बोला अभी करने से क्या फायदा, अब आप तो किसी और के लिए बानी हो, तो मैंने कहा कार्तिक आपको आम खाने से मतलब है की गुठली गिनने से, तो कार्तिक बोला रीता जी मैं समझा नहीं, तो मैंने कहा पहले तो रीता जी कहना बंद करो, रीता बोलो, मैंने समझा नहीं आप क्या कह रहे हो.

मैंने कहा क्या चाहिए, तो कार्तिक बोला आप बहुत अच्छी हो, बहुत सुन्दर हो, तो मैंने कहा हो गया इससे भी कुछ आगे होता है, तो बोला मैं आपको किश करना चाहता हु, तो मैं बोली बस किश से क्या होगा, तो कार्तिक बोला पहले किश तो करने दो, मैंने कहा हुउहह लो और होठ आगे कर दी, कार्तिक बाहर झाँका और दरवाजा को सटा दिया, और मेरे होठ पे होठ रख के किश करने लगा, फिर उसका हाथ मेरे चूच पे पड़ा और दबाने लगा, मेरे चूत में तो खुजली होने लगी और पानी पानी हो गया,

धीरे धीरे कब हम दोनों बेड पे पहुंच गए और मैंने कार्तिक के लंड को मुह में ले ली, वो मेरी चूत को चाटने लगा, वो बीच बीच में कह रहा था आप बहुत ही हॉट हो रीता, आआह क्या चूत है, आआअह क्या चूच है, ऊह्ह्ह्ह्ह्ह मजा गया, आज से तुम्हे किसी चीज की कमी नहीं होने दूंगा, तुम्हे जितना पैसे चाहिए पॉकेट खर्च के लिए मेरे से लेना अब तू मेरी रखैल है, आआह आआह मैं भी हां में हां मिला रही थी कह रही हां मेरे राजा मैं तो कब से चुदना और रखैल बनना चाह रही थी पर तेरी बीवी रंडी साली उसी का डर था, पर आज तुम्हे जो करना है कर लो, सब तो समझता है तू मेरा भाई है पर आज से तू मेरी सैयां भी बन जा, और मैं रखैल बनूँगी,

उसके बाद क्या बताऊँ दोस्तों कार्तिक ने अपना लंड मेरे चूत पे लगा दिया, उसका मोटा लंड देखकर तो मैं हैरान हो गई थी, बड़ी ही जबरदस्त था, इसीसे पहले मैं ज्ञानू अंकल से चुदवाई थी पर मजा नहीं आया था, कहा मैं जवान और कहा वो ५० साल का मजा नहीं दिया था मुझे, आज मुझे असली लंड मिला, और वो फिर दो तीन बार लंड को रगड़ा मेरे चूत पे फिर जोर से धक्का दिया पूरा लंड मेरे चूत में समा गया, मेरे मुह से आवाज्ज्ज निकली आह्ह्ह्हह्ह और मुह खुली की खुली रह गई आप ये कहानी मस्तराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है, फिर क्या था वो रो राजधानी की स्पीड में लंड को बाहर भीतर करने लगा ऐसा लग रहा था की लंड नहीं कोई मशीन का पिस्टन हो.

उसके बाद वो मेरी चुचिओं को दबता रहा मेरे मुह में अपना जीभ डालता रहा, गाल पे कभी होठ पे कभी गर्दन पे किश करता रहा वो मेरे चूतड़ को पकड़ के जोर जोर से धक्के दे रहा था, मजा गया था उस दिन की चुदाई में, करीब एक घंटे तक मैं चुदवाती रही और वो चोदता रहा, फिर वो झड़ गया, और दोनों एक दूसरे को पकड़ के सो गए, करीब एक घंटे बाद उठे मैं कपडे पहनी और उसके एक डीप किश दी और चली गई.

उसके बाद से क्या बताऊँ दोस्तों मैं रोज किसी ना किसी बहाने जाती और चुदवा  के आती कार्तिक की बीवी गाँव से 9 महीने बाद आई और मैं रोज रोज चुद्वाते रही, मैं कई बार तो मुंबई से बाहर भी ले गई उसे और दो तीन दिन होटल में चुदवाई और गांड मरवाई घर बाले समझते थे एग्जाम देने गए है.

उसके बाद तो मुझे लंड का चस्का लग गया, मैं आज तक 12 मर्दों से चुदवा चुकी हु, अगर आप भी इंटरेस्टेड है तो मैं तैयार हु, ऐसा लंड हिलाने से काम नहीं चलेगा लंड को तो चूत चाहिए… मुझे चोदना है तो आ जाओ न |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|