मेरा नाम सोनल है। मैं जयपुर की रहने वाली हूँ। यही पर मेरी शादी भी हुई है। मेरे पति सत्यम मुझे बहुत प्यार करते है। रात में खूब मस्त चुदाई करते है मेरी। अभी मेरी शादी को 2 साल हुए है। मैं तो बच्चा करना चाहती हूँ पर पति कहते है की अभी हमे सिर्फ मजे और मौजमस्ती पर ध्यान देना चाहिए। बच्चा होने के बाद पति पत्नी के बीच वो पहली वाली बात नही रह पाती है। इसलिए अभी मैंने कोई बच्चा नही किया है। सिर्फ चुदाई पर ध्यान दे रही हूँ।
मेरा अपने पति सत्यम से खूब मेल खाता है। हम दोनों को सेक्स में बड़ा आनंद आता है। मुझे जोर जोर से धक्के वाला सेक्स पसंद है। मोटा लंड मुझे ख़ास तौर पर पसंद है। जब भी पति मुझे रात में पेलते है मैं उनका लंड चूस चूसकर और हाथ से अच्छे से फेट फेटकर खड़ा कर देती हूँ। उसके बाद वो लंड चूत में देकर चुदाई करते है। बड़ा आनंद आता है। अब मैं स्टोरी पर आती हूँ। मेरी जवान बहन रिनी मुझसे 3 साल छोटी है। मैं 25 साल की हूँ और रिनी 22 साल की है। वो मेरे घर आई हुई थी। जयपुर घुमने का उसका बड़ा मन था। मैंने उसे पूरा जयपुर शहर घुमा दिया। अब रिनी जवान और खूबसूरत हो गयी थी। उसका रंग खूब गोरा था। चेहरा गोल था और बिलकुल देसी इंडियन लड़की लगती थी। रिनी रिश्ते में मेरे पति सत्यम की साली लगती थी। एक दिन सत्यम से रिनी को कपड़े बदलते हुए देख लिया। रिनी बाथरूम से निकलकर मेरे कमरे में आ गयी थी। उसके गुलाबी रंग की ब्रा और पेंटी पहनी थी। इतने में पतिदेव आ गये और उसे देख लिया। रिनी शरमा गयी और घूम गयी।
पति तो ताड़ते रह गये। गोरा चिकना बदन, ब्रा में कसी उसकी 34” की गोल गोल सेक्सी चूचियां बल खा रही थी। उसके पुट्ठे खूब भरे भरे गोल गोल फूले फुले सनी लिओन की याद दिलाने लगे।
“अरे मेरी साली तो जवान हो गयी” सत्यम रिनी को देखकर बोल पड़े
“जीजा जी!! आप बाहर जाइए। मैं कपड़े बदल रही हूँ” रिनी मुंह बनाकर बोली
“साली तो आधी घर वाली होती है। देखो तुमपर पूरा हक है मेरा” सत्यम बोले और ताड़ते हुए बाहर चले गये
आज तो ब्रा और पेंटी में उनको मेरी सेक्स बहन के दर्शन हो गये।
रात में सत्यम का दिमाग खराब हो गया था। “जान! अपनी बहन की चूत दिलादे तो बड़ा अहसान होगा” वो बार बार कहने लगे। उन्होंने आज उसके भरे हुए बदन को देख लिया था। बार बार उनको रिनी की याद सता रही थी।
“अजी चोदना है तो मेरी चूत हाजिर है। साली को तो तुम्हारा होने वाला साढ़ू की चोदेगा” मैंने हँसते हुए कहा
धीरे धीरे हम पति पत्नी का मौसम बन गया। सत्यम ने मेरा ब्लाउस खोल कर उतार दिया। मेरे दूध मुंह में लेकर चूसने लगे। उस दिन वो मेरी छोटी बहन को याद कर करके चूस रहे थे। इसलिए मुझे मजा कुछ जादा ही आ रहा था। फिर उन्होंने मेरी साड़ी उतार दी। पेंटी उतारकर जल्दी जल्दी मेरी चूत चाटने लगे। फिर लंड अंदर डालकर मुझे चोदने लगे। उस दिन सत्यम से रिनी को सोच सोचकर मेरे साथ सम्भोग किया। इसलिए 20 मिनट तक झड़े ही नही। मुझे भी बड़ा आनन्द आया। आज सत्यम मेरी जवान बहन को देखकर जोश में आ गये थे। इसलिए उन्होंने बहुत देर तक काम लगाया था। मुझे भी खूब आनंद आज मिला था। धीरे धीरे सत्यम रोज ही गुजारिश करने लगे की एक बार रिनी की चूत उनको दिलवा दूँ। धीरे धीरे मेरा भी दिल करने लगा की क्यों न वो मुझे और रिनी को साथ में चोदे। इस तरह तो मजा दुगुना हो जाएगा। एक रात 12 बजे मैंने किसी की “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….की आवाजे सुनी। जाकर जब देखा तो मेरी बहन रिनी अपने कमरे में मुठ मार रही थी। उसके हाथ में एक बड़ा सा काला रबर वाला डिलडो था। वो रात के अँधेरे में नंगी होकर जल्दी जल्दी चूत में डिलडो अंदर बाहर कर रही थी और मजा ले रही थी। मैंने जब लाईट जलाई तो ये सब देखकर मैं दंग रह गयी। मुझे देखकर रिनी डर गयी। डिलडो उसने अपने पीछे छुपा लिया।
“इधर लाओ क्या है तुम्हारे हाथ में रिनी” मैंने कहा
वो छुपाए रही।
“दीदी!! आप किसी से बोलोगी तो नही” वो सहमकर बोली
“नही” मैंने कहा
फिर उसने मुझे डिलडो दिया। 10” का मोटा था रबर का लंड था वो। मैं इसे देखकर खुश हुई। रिनी को लेकर अपने बेडरूम में आ गयी। मेरे पति सत्यम तो पहले से नंगे थे और आँख बंदकर लेटे हुए थे।
“अजी जीजा जी!! अपनी तीसरी आँख खोलिए। आज आपकी साली खुद आपने चुदने आई है” मैंने कहा
सत्यम जग गये। रिनी पूरी तरह से नंगी थी। कयामत लग रही थी। उसे देखकर सत्यम होश खो बैठे। फिर रिनी को पास लिटा लिया। बाहों में भरकर प्यार करने लगे। मैंने अपनी मैक्सी उतार दी। रात में मैं सिर्फ मैक्सी पहनकर रहती थी क्यूंकि कब सत्यम का मुझे चोदने का प्लान बन जाता था कुछ कहा नही जा सकता था। हम तीनो अब नंगे हो गये।
“दीदी!! जीजा से चुदाने में कोई बुराई तो नही” रिनी मेरी तरह देखकर बोली
“अरे नही रे!! संसार की सब सालियाँ अपने जीजा लोगो से चुदा लेती है। कोई शर्म की बात नही है इसमें” मैंने कहा
धीरे धीरे सत्यम रिनी को चुम्मा देने लगे और अपने उपर लिटा लिया। रिनी के पुट्ठे भरे हुए और खूब सेक्सी थे। ये उसे सहलाने लगे। फिर दोनों किस करने लगे। आज मेरे पति की पुरानी इक्षा पूरी होने वाली थी। कुछ देर बाद सत्यम से रिनी को नीचे लिटा दिया और अपना उपर आ गये। कुछ देर तक उसके कलश जैसे दूध को ताड़ते रहे। रिनी के बूब्स बड़े सेक्सी थे। तने हुए कसे कसे। दुधिया बूब्स के बीच निपल थी और उसके चारो तरह काले काले गोले तो उसकी सुन्दरता में चार चाँद लगा रहे थे। सत्यम आज मेरी बहन के नंगे जिस्म का रसपान आँखों से कर रहे थे। काफी देर तक ताड़ते रहे। फिर बायीं चूची को हाथ से पकड़कर मुंह में भर लिया। रिनी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…”करने लगी। सत्यम जल्दी जल्दी पीने लगा।
इसी बीच कामोतेज्जना से उनका लंड खड़ा हो गया। मैं भी उसके बगल की लेटी थी। आज अपनी बहन को चुदते हुए लाइव विडियो देख रही थी। सत्यम ऐसे चूं चूं की आवाज निकालकर चूस रहे थे जैसे आज पहली बार किसी लड़के के मम्मे पी रहे थे। उधर रिनी भी उनको पूरा प्यार दे रही थी। अपने हाथो को उसके सिर पर प्यार से घुमा रही थी। सत्यम की आँखे बंद थी। शायद आज वो कुछ और नही देखना चाहते थे। बस मेरी 22 साल की जवान बहन के आम को चूसना चाहते थे। दोनों के इस मनभावन प्यार हो होते देख मेरी चूत से पानी निकलने लगा। मैंने जल्दी से रिनी वाले डिलडो को अपनी चूत में डाल दिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी। सत्यम से मुंह चला चलाकर सब रस पी लिया। 10 मिनट तक मेरी बहन की बायीं चूची पी और चूस चूसकर उसे लाल कर दिया। फिर दाई चूची को भी काफी देर तक चूस लिया। रिनी अब पूरी तरह से गर्म हो गयी थी। चुदने को वो भी अब तडप रही थी।
““आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई……..जीजा जी!!! प्लीस जल्दी से मेरी गर्म चूत में अपना मोटा लौड़ा डाल दो और मुझे जल्दी से चोदो वरना मैं मर जाउंगी!!” रिनी मिन्नतें करने लगी।
“तुम दोनों बहने एक साथ लेट जाओ और अपनी अपनी टांग खोल दो। आज मैंने दोनों की इक्षा पूरी करूंगा” सत्यम बोले
ये सुनकर मैं भी खुश हो गयी। मैंने और रिनी, दोनों से अपनी अपनी टांग खोल दी। सत्यम हम दोनों की बुर के दर्शन करने लगे। मेरी चुद्दी पूरी तरह से फटी और खुली हुई थी। वही रिनी की चूत पूरी तरह से कुवारी थी। सत्यम मेरे भोसड़े पर आ गये और चूत चाटने लगे। फिर 5 मिनट तक चाटते रहे। फिर रिनी के भोसड़े पर चले गये और जल्दी जल्दी चाटने लगे। रिनी की चूत के ओंठ बहुत सुंदर और सजीले थे। गुलाबी गुलाबी। आजतक किसी और मर्द से उसकी भोसड़ी नही चाटी थी। सत्यम वो पहने इन्सान थे जो जल्दी जल्दी उसकी भोसड़ी पी रहे थे। रिनी की चूत के होठ काफी बड़े बड़े और उपर की तरफ उठे हुए थे। मेरे पति सत्यम जल्दी जल्दी उसके होठो को दांत से पकड़कर काट काट कर उपर उठा रहे थे। ये देखकर तो मुझे बड़ा आनंद आया। सत्यम से 10 मिनट रिनी की चूत का रस चूसा। फिर चूत पर अपना लंड रख दिया और हाथ से पकड़कर अंदर डालने लगे।
“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ—दर्द हो रहा है जीजा जी!!” रिनी कहने लगी। पर सत्यम नही माने। धीरे धीरे अंदर धक्का देते रहे और फिर चूत की सील पक की आवाज के साथ टूट गयी। इनका 7” का लम्बा मोटा ताजा लंड अंदर घुस गया और खून बहने लगा। रिनी दर्द से रोने लगी। पर सत्यम नही माने। हल्के हल्के धक्के देकर उसे पेलने लगे। दर्द से वो कराह रही थी। पर सत्यम लंड को अंदर बाहर करने लगे। चूत से अब खून निकलना बंद हो गया। 5 मिनट तक वो लंड अंदर बाहर करने लगे फिर बाहर निकाला। लंड का टोपा खून से सना हुआ था। अब लंड को मेरी चूत में डाल दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगे। उधर रिनी आराम करने लगी। मेरी बुर तो पहले से खुली हुई थी। सत्यम अंदर बाहर करने लगे। 10 मिनट बाद फिर से लंड बाहर निकाल लिया और रिनी के उपर लेट गये।
“आओ साली साहिबा!! तुमको प्यार करूं” सत्यम बोले और रिनी को बाहों में ले लिया
“क्या अब भी दर्द हो रहा है?? वो पूछने लगे
“हाँ हो रहा है हल्का हल्का जीजा जी!!” रिनी ने अपनी चूत की तरह देखकर बोला
“शुरू शुरू में ऐसा होता है। कुवारी लड़की जब फर्स्ट टाइम चुदती है तो ऐसा होता है। अब तुमको मजा आएगा” सत्यम बोले
फिर उसे प्यार करने लगे। दोनों लिपलोक होकर फ्रेंच किस करने लगे। सत्यम तो उसे आज अपनी बीबी यानी मेरी तरह से किस कर रहे थे। दोनों मुंह से मुंह लगाकर एक दूसरे के होठो को चूस रहे थे। धीरे धीरे रिनी गर्म हो गयी। अब उसकी चूत का दर्द गायब हो गया। सत्यम फिर से उसकी चूत पर आ गये और जीभ लगाकर चाटने लगे। अपनी जीभ की नोक को रिनी के चूत के दाने से जल्दी जल्दी टकराने लगे। इससे उसे एक नये तरह का जोश मिल रहा था। फिर सत्यम उसकी चूत को अंदर तक चूसने लगे। उसने एक ऊँगली करके फेटने लगे। रिनी “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” करने लगी। 15 मिनट तक उन्होंने उसकी चूत का रसपान किया। फिर से लंड हाथ से पकड़कर कसी चूत में डाल दिया। कमर उठा उठाकर मेरी बहन को मेरे सामने पेलने लगे। बड़ा आनन्द आया मुझे ये देखकर। इस बार रिनी को दर्द नही हुआ।
“…..सी सी सी सी.. हा हा हा चोदोदोदो…मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” रिनी कहने लगी
उसकी मिन्नतें सुनकर सत्यम और जोश में आ गये और गहरे धक्के चूत में देने लगे। रिनी की बच्चेदानी का मुंह खुला जा रहा था। चट चट पट पट की मीठी आवाजे उसके भोसड़े से निकल रही थी। इसी तरह से खूब चूदाई की सत्यम ने मेरी बहन की। फिर कुछ देर बाद लंड बाहर निकाल लिया और रिनी के मुंह पर पिचकारी छोड़ दी। उसका चेहरे सत्यम के माल से सन गया था। अब वो अक्सर मेरे साथ सत्यम से चुदवा लेती है। हम तीनो साथ में पार्टी करते है। कहानी आपको कैसे लगी