पहली बार फर्स्ट क्लास कोच में चुद गयी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनन्या है, मेरी उम्र 22 है और में दिखने में सुंदर, मेरी पतली कमर, गदराया हुआ बदन, सेक्सी स्माईल, बड़े बड़े बूब्स, मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए बहुत है। दोस्तों मेरे फिगर का साईज 32-30-36 है और वैसे मेरे साथ हमेशा मेरे फिगर को होता भी ऐसा ही है, जब कोई भी लड़का मुझे एक बार देख लेता है तो वो मेरे हुस्न का बिल्कुल दीवाना हो जाता है, लेकिन में उसकी तरफ ज्यादा ध्यान ना देते हुए अपना मन अपनी पढ़ाई में लगाती हूँ। दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक ऐसी चुदाई की घटना बताने जा रही हूँ और जिसके बाद मैंने उस घटना के बारे में बहुत सोच विचार किया कि मेरे साथ अचानक से क्या हो गया, लेकिन में उस चुदाई से मन ही मन बहुत खुश भी थी और अब में अपनी उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाती हूँ।

दोस्तों उस समय मेरे कॉलेज में दीवाली की छुट्टियाँ थी और मुझे उस रात मुंबई से अहमदाबाद अपने घर पर जाना था, क्योंकि मुंबई में मेरा कॉलेज है और में वहां पर रहकर अपनी बी.ए. की पढ़ाई कर रही हूँ। में उस समय स्टेशन पर बैठी हुई थी, बहुत थकावट महसूस कर रही थी और उसकी वजह से मुझे बहुत ज़्यादा नींद आ रही थी, लेकिन फिर भी में मजबूरी में बहुत परेशान होते हुए स्टेशन पर बैठी हुई उस ट्रेन का इंतजार कर रही थी, जिससे मुझे अपने घर पर जाना था और अब में मन ही मन सोचने लगी कि भगवान करे मेरी ट्रेन थोड़ा जल्दी आ जाए और फिर हुआ भी ठीक वैसा ही मेरे कुछ देर इंतजार करने के बाद मैंने देखा कि ट्रेन स्टेशन पर जल्दी ही आ गई और जैसे ही ट्रेन आई तो में अपने 1st क्लास कोच में जाकर बैठ गई। दोस्तों क्योंकि मेरे पापा रेलवे में बहुत अच्छे पद पर नौकरी करते हैं, इसलिए में हमेशा 1st क्लास में ही सफर करती हूँ और मेरे बैठने के थोड़ी ही देर में वहां पर एक लड़का आया, जिसकी हाईट ठीक ठाक सी थी, उसका बदन दिखने में बहुत अच्छा और उसका रंग भी गोरा था।

दोस्तों उसको देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि वो किसी अमीर परिवार से है। उसने मुझे देखकर स्माइल किया और मैंने भी ठीक वैसा ही किया और अब में ट्रेन चलने का इंतजार करने लगी और फिर जैसे ही ट्रेन आगे चल पड़ी। फिर मैंने कुछ देर बाद उस लड़के से उसका नाम पूछ लिया और उसने मुझे अपना नाम रोहित बताया और मैंने उसे अपना नाम अनन्या बताया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अपना टिकिट उसके हाथ में देते हुए उससे आग्रह किया कि वो मेरा भी टिकट टीटी को दिखा दे, क्योंकि मुझे अब बहुत नींद आ रही थी। फिर उसने मुझसे तुरंत हाँ कह दिया और वो ऊपर अपनी सीट पर चला गया। अब में नीचे अपनी सीट पर लेट गई और बहुत ज्यादा थकी होने की वजह से मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब में गहरी नींद में सो गई। दोस्तों उसके करीब आधे घंटे बाद टीटी आया और मुझे उसके आने का पता चल गया था,

लेकिन में फिर भी अपनी आखें बंद करके पड़ी रही और वो हमारे टिकट चेक करके चला गया और अब उसने उठकर लाईट को बंद कर दिया और हम सो गये। दोस्तों अब में थकी होने की वजह से दोबारा बहुत जल्दी गहरी नींद में चली गई और रात को अचानक से किसी ने मुझे उठाया तो में गहरी नींद में होने की वजह से हड़बड़ाकर उठी और फिर मैंने अपनी आँख खोलकर देखा कि वो रोहित था। फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या में आपकी सीट पर बैठ सकता हूँ अगर आपको इसमें कोई आपत्ति ना हो तो और अब वो मुझसे कहने लगा कि मेरी सीट एक साईड ऊपर की तरफ है और वहां पर ज्यादा हवा लगने से मुझे ज्यादा ठंड लग रही है? दोस्तों में उस समय क्योंकि बहुत गहरी नींद में थी तो इसलिए मैंने उसकी हर बात के लिए बिना कुछ सोचे समझे उसको हाँ कर दिया। अब वो मेरे पैरों के पास अपना कम्बल लेकर बैठ गया और उसके थोड़ी देर बाद मुझे अपने पैर पर कुछ ठंडा सा महसूस हुआ, लेकिन में बिल्कुल भी समझ नहीं पाई कि वो क्या था? फिर उसके थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि वो रोहित का हाथ था, लेकिन फिर भी मैंने उससे कुछ नहीं कहा और फिर थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे पैर पर घुमाने लगा।

फिर मैंने तुरंत उठकर उससे बहुत ज़ोर से चिल्लाते हुए गुस्से में कहा कि यह तुम क्या कर रहे हो? रोहित ने जवाब में कहा कि मुझे ठंड लग रही है तो इसलिए में आपके पैर पर हाथ लगा करके गरमी लेने की कोशिश कर रहा हूँ। में उठकर बैठ गई और मैंने उससे कहा कि प्लीज़ तुम यह सब अब मत करो या तो तुम फिर से ऊपर दोबारा अपनी सीट पर चले जाओ। फिर वो मुझसे माफ़ी मांगने लगा और कहने लगी कि प्लीज आप मुझे माफ़ कर दो और में अब ऐसी कोई भी हरकत नहीं करूंगा। फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन अब मुझे उसकी इस हरकत से दोबारा नींद कहाँ आनी थी? में पानी पीने उठी और फिर बैठकर खिड़की से बाहर देखने लगी और बाहर से आ रही ठंडे ठंडे हवा के झोंको से मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरी आँख दोबारा से लग गई? फिर उसने मुझे सीधा लेटा दिया और अब वो मेरे चेहरे के बिल्कुल पास में बैठ गया और उस समय मैंने अपने ऊपर कम्बल नहीं डाला हुआ था तो  इसलिए कुछ देर बाद मुझे ठंड लगने लगी। अब वो मेरे कंधो को धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर कुछ देर बाद मेरी नींद खुल गई, लेकिन मुझे अब उसका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और इसलिए मैंने उससे मना नहीं किया और ऐसे ही उसके सामने नाटक किया कि जैसे में अब भी गहरी नींद में हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था। अब उसके हाथ मुझे सहलाते समय मेरे बूब्स पर भी हल्के से छूने लगे थे,

जिसकी वजह से मुझे अब कुछ अलग ही मज़ा आ रहा था। फिर उसने कुछ देर बाद मौका देखकर धीरे से उसने अपने दोनों हाथों को मेरे बूब्स पर रख दिए और फिर वो धीरे से मेरे बूब्स को दबाने, सहलाने लगा ताकि में उठ ना जाऊँ, लेकिन उसे क्या पता था कि में उसकी यह सभी हरकतों का पूरा पूरा मज़ा ले रही हूँ और उसने बहुत देर तक हल्के से मेरे बूब्स को दबाया। फिर वो मेरी एक साईड में आकर लेट गया और अब वो मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाकर बहुत मज़े लेने लगा। दोस्तों फिर थोड़ी ही देर में कब उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चला और अब वो मेरे निप्पल के साथ धीरे से खेलने लगा और उसके ऐसा करने की वजह से में अब बहुत ज़्यादा गरम हो चुकी थी और में ना चाहते हुए भी अब धीरे धीरे मोन करने लगी और अपनी दोनों जांघो को एक दूसरे से रगड़ने लगी, जिसकी वजह से अब उसे भी समझ में आ गया था कि में अब पूरी तरह से गरम हो चुकी हूँ। फिर उसने मुझे किस करना शुरू किया। फिर मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ देना शुरू किया और अब हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे और एक दूसरे की जीभ से खेल रहे थे और हम दोनों यह बात बिल्कुल ही भूल चुके थे कि हम इस समय एक ट्रैन में हैं, लेकिन फिर भी हमे कोई चिंता नहीं थी, क्योंकि उस समय वहां पर हमारे आलावा और कोई भी नहीं था।

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