अपनी नई नौकरी की पहली तनख्वाह से अपनी मां के लिए मैं साड़ी लेकर गई जब मैं साड़ी लेकर गई तो मां कहने लगी नलिनी बेटा यह साड़ी तो बड़ी अच्छी लग रही है क्या मैं पहन कर देखूं। मैंने मां से कहा हां मां आप यह साड़ी पहन कर देखो तुम पर कैसी लग रही है। मां ने वह साड़ी पहन कर देखी तो मां पर वह साड़ी बहुत ही अच्छी लग रही थी और मां कहने लगी नलिनी बेटा बताना यह साड़ी मुझ पर कैसी लग रही है। मैंने मां से कहा मां यह साड़ी तो आप पर बड़ी अच्छी लग रही है ऐसा लग रहा है कि जैसे इतने वर्षों बाद आपके चेहरे पर खुशी है। मां मुझे कहने लगी नालिनी बेटा तुम मेरे साथ मजाक तो नहीं कर रही हो मैंने मां से कहा नहीं हुआ मैं आपके साथ क्यों मजाक करूंगी आखिरकार मैं आपकी बेटी हूं भला मुझे आप को झूठ कह कर क्या मिलेगा।
मां कहने लगी कल मुझे एक शादी की पार्टी में जाना है तो सोच रही हूँ की यह साड़ी पहन कर जाऊं मैंने मां से कहा कि हां मां यह साड़ी पहन कर जाना। मां खुश थी और उनके चेहरे की खुशी से मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था आखिरकार अपनी पहली तनखा से ही अपनी मां के लिए मैं साड़ी जो लेकर आई थी। उस दिन वह भी खुश थी और अगले ही दिन मां वह साड़ी पहनकर शादी के लिए तैयार हुई तो माँ मुझे कहने लगी तुम भी मेरे साथ चलो। मैंने मां से कहा मां तुम्हें मालूम है ना मैं यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं करती लेकिन मां की जिद के आगे भला मेरी कहां चलने वाली थी। पापा ने भी मुझे कहा तुम भी हमारे साथ चलो तो मुझे भी उनकी बात माननी पड़ी और शादी के लिए हम लोग तैयार होकर चले गए। जब हम लोग शादी में गए तो उसके बाद मैं और मां टेबल पर बैठे हुए थे तभी वहां पर मां की कुछ परिचित मिल गये और वह कहने लगे यह आपकी बेटी है।
मां ने मेरा परिचय लोगों से करवाया ना जाने मां उन्हें कहां से जानती थी लेकिन उन लोगों से मैंने मुस्कुराकर बात की और कुछ देर तक वह लोग हमारे साथ ही बैठे रहे। पापा खाने के बड़े शौकीन हैं और वह खाने के मजे ले रहे थे मैं जब पापा के पास गई तो मैंने कहा पापा इतना मत खाइए नहीं तो आपकी तबीयत खराब हो जाएगी लेकिन वह कहां किसी की सुनने वाले थे। मैं उनके साथ खड़ी थी तभी उन्होंने कहा कि भैया जरा दो टिक्की लगा देना उस व्यक्ति ने हमारे लिए टिक्की लगा दी जब मैंने वह चाट टिक्की खाई तो मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं बड़ी खुश हो गई। मैंने पापा से कहा यह खाने में तो बड़ा स्वादिष्ट हो रहा है मेरी मम्मी भी हमारे साथ आकर कहने लगी चलो खाना खा लेते हैं फिर हमें घर भी तो जाना है। हम सब लोगों ने खाना खा लिया था और हम घर जाने की तैयारी करने लगे जब हम लोग पर पहुंचे तो मां कहने लगी मेरा पेट बहुत बढ़ चुका है। मैंने मां से कहा मुझे भी कुछ ठीक नहीं लग रहा और फिर हम लोग जल्दी ही सो गए थे। जब मैं सोई तो मुझे गहरी नींद आ गई और अगले दिन ही मैं ऑफिस के लिए सुबह निकल गई जब मैं ऑफिस पहुंची तो हमारे ऑफिस में एक जरूरी मीटिंग होने वाली थी उसके लिए हमारे पूरे स्टाफ को सेमिनार हॉल में बुलाया गया। हमारा ऑफिस का पूरा स्टाफ एक ही हॉल में था और हमारे बॉस ने हम सब से कहा कि इस बार बिजनेस बहुत कम हुआ है। हमारी कंपनी गाड़ियों के लिए सामान बनाया करती है लेकिन इस बार वाकई में काम बहुत कम हुआ था मार्केट में जॉब करने वाले जितने भी हमारे ऑफिस के स्टाफ थे उन्हें बॉस ने साफ तौर पर कह दिया था कि मुझे इस बार अच्छा काम चाहिए नहीं तो मैं नौकरी से निकाल दूंगा। उस दिन बॉस बहुत ज्यादा गुस्से में थे उन्होंने मुझे अपनी केबिन में बुलाते हुए कहा नलिनी मैं तुम्हें एक एप्लीकेशन दे रहा हूं तुम इसे टाइप कर के भिजवा देना। मैंने उन्हें कहा सर ठीक है उन्होंने मुझे एप्लीकेशन दी और मैंने उसे टाइप कर के उनके बताए हुए मेल पर भेज दिया और जब मैं शाम को घर लौटी तो मां से मिलने के लिए उनकी सहेली आई हुई थी और जब मैंने उन्हें देखा तो मैं उनसे बचने की कोशिश करने लगी लेकिन वह मेरे पास आकर मुझे कहने लगी तुम कितनी बड़ी हो गई हो। मेरी मां कहने लगी उसकी उम्र शादी की हो चुकी है जैसे ही मां ने यह बात कही तो आंटी ने ना जाने मेरे लिए कितने रिश्ते मेरी मम्मी को गिना दिए लेकिन मेरी मम्मी ने उनसे कहा कि अभी वह शादी नहीं करना चाहती।
आंटी कहने लगी अब नलिनी की उम्र हो चुकी है उसे अब अपने लिए लड़का देख लेना चाहिए लेकिन आंटी तो ना जाने बात को कहां से कहां ले कर चली गई। वह कहने लगी लगता है नालिनी ने अपने लिए कोई लड़का पसंद किया है मेरी मां कहने लगी नालिनी मुझसे हर एक बात बताया करती है और ऐसा कुछ भी नहीं है यदि ऐसा कुछ होता तो वह मुझसे जरूर कहती। मैंने जब मां से कहा कि मां मैं अपने रूम में जा रही हूं तो वह कहने लगी कि ठीक है बेटा तुम चली जाओ और मैं अब रूम में बैठी हुई थी मैं काफी ज्यादा थक गई थी इस वजह से मुझे लग रहा था कि मुझे आराम कर लेना चाहिए और मैं आराम करने लगी। थोड़ी देर बाद वह आंटी जा चुकी थी और मैं अभी भी अपने रूम में आराम कर रही थी मां मेरे पास आई और कहने लगी बेटा तुम सो गई थी मैंने मां से कहा मां मैं थोड़ा थक गई थी इसलिए नींद आ गई मां कहने लगी चलो कोई बात नहीं। अगले दिन मेरी सहेली का मुझे फोन आया और उसने मुझे बताया कि उसकी शादी होने वाली है मैं अपनी सहेली नीलम से काफी समय से नहीं मिल पाई थी जब मैं नीलम से मिली तो वह मुझे कहने लगी तुम्हें मेरी शादी में जरूर आना है।
मैंने उससे कहा लेकिन तुमने तो मुझे कुछ बताया ही नहीं उसने मुझे सारी बात बताई और कहा कि मैं लव मैरिज कर रही हूं। जिससे वह चाहती थी उसी से उसकी शादी हो रही है मैंने उससे कहा चलो कम से कम तुम्हारी मर्जी से तुम शादी तो कर रही हो नीलम ने मुझे जब अपने होने वाले पति की तस्वीर भेजी तो मैंने उसे कहा यह तो बहुत अच्छा है तुम बहुत खुश नसीब हो जो तुम्हें ऐसा लड़का मिला। नीलम कहने लगी काफी समय से हम लोगों का रिलेशन चल रहा था लेकिन उसके लिए हम दोनों को बहुत ही ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा और अब जाकर हम दोनों के परिवार वाले माने हैं। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगी। मैं जब नीलम की शादी में गई तो वहां पर मेरी मुलाकात राघव से हुई राघव से मेरी मुलाकात बड़ी अच्छी रही शायद हम दोनों भी एक दूसरे को पसंद करने लगे थे। राघव का नंबर मैंने ले लिया था। राघव और मेरा मिलना किसी इत्तेफाक से कम नहीं था हम दोनों एक दूसरे से फोन पर काफी बातें किया करते मुझे राघव की कंपनी बहुत पसंद है और राघव को भी मैं बहुत पसंद थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे से बहुत बातें करते। राघव ने एक दिन मेरे साथ अश्लील बातें शुरू कर दी वह मेरा फिगर पूछने लगा मैं भी उसे मना ना कर सकी और अपने फिगर का व्याख्यान उसके सामने कर दिया। वह भी अपने आपको ना रोक सका उसने मुझे कहा नलिनी मैं तुमसे मिलना चाहता हूं और हम दोनों की मुलाकात हुई तो हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तड़प रहे थे। मेरे अंदर की जवानी बाहर आने लगी थी शायद मैं भी अपने आप क रोक नही पाई जैसे ही राघव ने मेरे होठों को चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा मजा आने लगा।
राघव को भी अच्छा लग रहा था हम दोनों एक दूसरे के होठों से टकराने लगे थे और हम दोनों के अंदर की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी कि उसे हम दोनों ही नहीं देख पा रहे थे आखिरकार मैंने राघव से कह दिया कि मुझसे नहीं रहा जा रहा है। राघव कहने लगा मैं भी अपने आपको नहीं रोक पा रहा हूं और इसी के साथ जैसे राघव ने अपने लंड को मेरी चूत पर सटाया तो मेरी योनि से पानी बाहर निकल रहा था और राघव ने कुछ देर तक तो अपने लंड को मेरी चूत के इर्द गिर्द घुमाया और जैसे ही राघव ने एक ही झटके में अंदर की तरफ अपने मोटे लंड को घुसाया तो मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरे मुंह से चीख निकलने लगी। मैं बहुत तेज चिल्लाने लगी और उसी के साथ राघव ने अपनी गति पकड़ ली। जिस गति से वह मुझे धक्के दे रहे थे उससे मुझे बड़ा दर्द हो रहा था और राघव ने बहुत देर से मेरी योनि के मजे लिए।
राघव कहने लगे लगता है मैं ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा लेकिन मैंने अपने दोनों पैरों को चौडा कर लिया था और राघव को अपनी योनि के मेजे दे रही थी। मेरी योनि के अंदर वह बड़ी तेजी से अपने लंड को कर रहे थे जैसे ही राघव की इचछा भर चुकी थी तो वह बड़ी तेजी से धक्के देने लगे थे हम दोनों ही बिलकुल भी रह ना सके। जब मुझे पता चला कि राघव अपने वीर्य को गिरा चुका है तो वह कहने लगे तुम मेरे लंड को दोबारा से चूस कर वैसे ही खड़ा कर दो। मैंने उनके मोटे लंड को वैसे ही खड़ा कर दिया उनका लंड दोबारा से खड़ा हो चुका था। राघव ने दोबारा से मेरी योनि के अंदर अपने लंड घुसा दिया लेकिन वह जिस गति से मुझे धक्के मार रहे थे उससे तो मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नही कर सकी मैं अपने मुंह से सिसकिया ले रही थी। राघव ने अपने वीर्य को दोबारा से गिरा दिया और हम दोनों एक हो गए। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं लेकिन हम दोनों ने यह बात अभी तक किसी को भी नहीं बताइ है मैं चाहती हूं कि हम दोनों फिलहाल कुछ समय बाद यह बात सब को बताएं।