बहुत खूब सूरत थी वोह

दोस्तों! येह कहानी उस वक़्त की है, जब मैं किसी कंपनी में काम करता था और साल के अंत में कुछ इन्वेस्टमेंट भी करनी होती थी! मेरे एक दोस्त ने मुझे एक महिला एजेंट का मोबाइल नंबर दिया और कहा की यह मुझे अच्चे-अच्चे प्लान बता देगी. अब मैंने एक दिन उस महिला को फ़ोन किया और उससे पालिसी लेने और प्लान्स समझने के लिये घर पर बुला लिया।

मैं उस महिला को देखकर दंग रह गया, वो करीब चौतीस साल की शादीशुदा बहुत ही खूबसूरत महिला थी, उसकी आँखें भूरी और गोरा बदन देखकर मेरा दिल उस पर आ गया. लेकिन मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया और सारे प्लान्स समझे, तो उसे भी अच्छा लगा जब मैंने उसके लिये चाय और कुछ स्नैक्स रखे. क्यूंकि घर पर सभी लोग थे, इसलिए कुछ ना करना ही बेहतर था!

फिर मैंने एक दिन उसे घर पर एक बीमा पालिसी लेने के लिये बुलाया, जब घर में मैं अकेला था. हम दोनों चाय पी रहे थे, और एक दुसरे के बारे में भी पूछ रहे थे, कि मैंने उससे कह दिया की मुझे वो पहली नज़र में ही पसंद आ गयी थी! वो बोली की वो शादीशुदा है, मैंने दोस्ती का हाथ बढाया, उसने मना नहीं किया, और मैंने उसे गले लगा लिया।

उसने थोडा सा संकोच किया, लेकिन मना नहीं किया, मैंने कहा इससे अच्छा करीब आने का मौका कभी नहीं मिलेगा, कि हम दोनों एकदूसरे के करीब आ जाए, और हमेशा एक अच्छे करीबी दोस्त बनकर रहे. उसने धीरे से हाँ कहा और मैंने उसे अपनी बाहों में उठा लिया, उसको चूमने लगा और अपने कमरे में अपने बिस्तर पर लिटा दिया।

कुछ देर हम दोनों एक दुसरे को चूम रहे थे, मेरा हाथ उसके पूरे शरीर पर चल रहा था, और उसकी सिसकियाँ मुझे उत्तेजित कर रही थी! मैंने धीरे धीरे उसके कपड़ो को उतराना शुरू किया, और वो मेरे कपड़ो को उतार रही थी! हम दोनों एक दुसरे को चूम रहे थे, एक दुसरे के शरीर की गर्मी को महसूस कर रहे थे!

मेरे लिये अब रुक पाना संभव नहीं हुआ और हम दोनों एक दुसरे में खो गये! कुछ समय बाद हम दोनों एक दुसरे के सामने बैठे थे, और दिन का एक बजा था और खाने का समय हुआ भी हो रहा थ! मैंने उससे कुछ पीने का पूछा, अब हम दोनों इतने खुल चुके थे कि हम दोनों घर के अन्दर आधे कपड़ो में घूम रहे थे! तो मैंने वोडका के दो पेग्स बनाये, उसने कहा की उसको वोडका पसंद है. मैंने उसकी वोडका में आधा नीबू डाला और उसे दे दिया और अपना पेग भी बनाया! अब हम दोनों पेग्स का आनंद ले रहे थे!दो पेग पीने के बाद उसका अपने आप को ना रोक पाना और अपने दुःख बताना मुझे अच्छा लगने लगा, और उसका कहना की जब वो मुझसे पहली बार मिली थी तॊ, उसने भी मुझे पसंद बहुत थी! अब हमारा सरूर इतना था कि हम दोनों बहुत मद-मस्त थे और फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये, एक साथ नहाये और एक दुसरे से कई बार जुड़ गये. मैंने उससे वो पालिसी भी करवायी।

आज भी हम दोनों एक बहुत अच्छे करीबी दोस्त हैं, कभी कभी हम मिलते हैं और अच्छा समय एक साथ बिताते हैं. लेकिन एक दुसरे से कोई कमिटमेंट नहीं है।

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