बेटी के स्टूडेंट से खूब चुदी, उसने बताया वह मेरी बेटी को भी चोदता है

मेरा नाम अनीता हे और मेरी उम्र 45 साल की हे. मैं एक आंटी हूँ जिसकी गांड और बूब्स काफी बड़े हे. 45 साल की उम्र में भी जब मैं साडी पहन के निकल जाती हूँ तो सब मर्दों के लंड और अंड खड़े कर देती हूँ. मेरा रंग साफ़ हे.

मैं जवानी में भी काफी हॉट थी लेकिन जवानी में मैंने अपने पति के सिवा किसी और का लंड नहीं लिया. मेरी दो बेटियां एक दिल्ली में जॉब करती हे. और दुसरी हमारे पास यहाँ लुधियाना में ही रहती हे. अब मैं सीधे अपनी चुदाई की बात पर आती हूँ. मेरी बेटी का एक स्टूडेंट हे जिसका नाम हरदीप हे. वो अभी एम.कोम कर रहा हे और मेरी बेटी से इको सिखने के लिए आता हे.

मेरे घर में सब उसे जानते हे क्यूंकि वो बी.कोम में था तब से यहाँ आता हे. वो ट्यूशन के बाद भी अक्सर हमारे घर आता था. एक बार मेरी बेटी ने अपने दोस्तों के साथ एक दिन की पिकनिक का प्लान बनाया था. हरदीप दो दिन के लिए बहार था इसलिए उसे छुट्टी का पता नहीं था. मेरे घुटनों में दर्द था तो मैं लेटी हुई थी. वो आया तो मैंने उसे बताया की डोली दीदी तो पिकनिक पर गई हे अपनी फ्रेंड्स के साथ.

उसने कहा, आप लेटी क्यूँ हो? मैंने कहा वही घुटनों का दर्द.

वो बोला लाओ आंटी मैं मसाज कर देता हूँ आप को थोड़ी राहत हो जायेगी.

हरदीप ने बगल में पड़ी हुई सरसों के तेल की शीशी से तेल निकाला और वो मेरे घुटनों का मसाज करने लगा. उसके हाथ में मर्दानी ताकत थी इसलिए वो मसाज कर रहा था तो मैं सिसकियाँ ले रही थी.

हरदीप मसाज करते हुए बोला, आंटी आप जींस क्यूँ नहीं पहनती हो. आप सुनर हो और सेक्सी भी आप एक बार जींस ट्राय करो आप के ऊपर सच में जचेगी.

मैंने उसे मना कर दिया. लेकिन बेटी के रूम में जा के उसकी जींस उठा के पहनने लगी. वो कमर में मेरे से पतली थी इसलिए उसकी जींस मेरे ऊपर एकदम टाईट आ रही थी. मैंने ब्रा पेंटी निकाल दी जीस से जींस फिट अ जाए मेरे ऊपर. फिर मैंने अपनी बेटी की जींस और टॉप को पहन लिया. जींस मेरी गांड के ऊपर जैसे चिपकी हुई थी और गांड जींस को फाड़ने की कगार पर थी.

ऊपर चुन्चियों की हालत भी कम बुरी नहीं थी. टॉप ऊपर उठ गया था और दो बटन के बिच में से मेरे बड़े बड़े बूब्स एकदम मस्त दिख रहे थे. मुझे ऐसा था की हरदीप चला गया हे.. लेकिन वो बहार सोफे पर ही था. मैं बहार आई तो मुझे ऐसे देख के बोला, वाऊ आंटी आप बड़ी कमाल की लग रही हो, थोड़ी टाईट हे जींस क्यूंकि ये दीदी की हे. लेकिन आप की साइज़ की जींस में तो आप सच में कयामत ही ढाओगी.

मैंने कहा, अब इतनी तारीफ़ मत कर और जींस का बटन खोलने में मेरी मदद कर.

वो हंस के जींस के बटन को खोलने लगा. वो बटन खोलने के बहाने से मेरी चूत के ऊपर हाथ लगा रहा था. मैं अह आह करने लगी और उसने एक किस कर लिया निचे ही. मैंने भी उसे मना नहीं किया. वो निचे अपनी हथेली को मेरे चुतड पर चूत के ऊपर घुमाने लगा था. मैं गरम हो गई. फिर उसने खड़े हो के मेरे टॉप के बटन खोल दिए. और वो मेरी चुचियों के साथ खेलने लगा. मेरी चूत जींस के अन्दर एकदम गरम हो चुकी थी. हरदीप ने जींस और टॉप दोनों को उतार के मुझे पूरा न्यूड कर दिया.

मैंने शर्म से अपने हाथ को चूत पर रख दिया. वो बोला, आंटी आप की बेटी की जींस तो बहुत खोली हे मैंने और आज आप की भी खोल दी.

मैंने उसके कंधे पर जोर से मारा, और बोली, अच्छा तो तू डोली के पास इसलिए बहुत आता हे!

हरदीप ने अपने पेंट की बटन को खोल के कहा, डोली ही बुलाती हे मुझे. उसे मेरे लंड की लम्बाई बड़ी पसंद हे.

मैंने कहा, तू डोली के साथ हे फिर मुझे क्यूँ फंसाया?

हरदीप ने अपने ८ इंच के लंड को बहार निकाल के मेरे हाथ में पकड़ा दिया. वो लंड एकदम गरम और कोंक्रिट के जैसा सख्त था. वो बोला, मुझे आप का फिगर डोली से भी ज्यादा पसंद हे. मैं बस एक मौका ढूंढ रहा था आप से अकेले में मिलने का और आज वो मौका मिल ही गया मुझे. हरदीप ने मेरे दोनों बूब्स को अपने हाथ में पकड के मसल दिए और बोला, कसम से आप की बेटी से भी बड़े हे आप के बूब्स तो.

मैंने कहा, तुम डोली को कुछ बताना नहीं प्लीज़!

उसने कहा, नहीं आंटी कभी नहीं लेकिन मुझे मिलती रहना आप.

मैंने कहा, ठीक हे.

वो बोला, चलो अब लंड की खातिरदारी कर लो थोड़ी.

मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लिया और उसे लंड खिंच के बिस्तर में ले गयी. वहां उसे मैंने बिस्तर में लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गई. मैं उसके घुटनों के ऊपर बैठी थी. उसके लंड को अपने हाथ से हिला रही थी. फिर मैंने निचे झुक के हरदीप के लंड को अपने मुहं में भर लिया. उसका लंड बहुत बडा था इसलिए मेरे मुहं में आधा ही समा सका. मैंने निचे से लंड को पकड़ के ऊपर के चार पांच इंच को चूसने लगी थी. हरदीप ने मेरे बूब्स अपने हाथ में ले लिए और उन्हें दबाने लगा वो. वो जब निपल्स को पिंच करता था तो मुझे एक अलग ही फिलिंग होती थी.

हरदीप ने मेरे बाल पकड़ के मेरे मुहं को चोदा. और जितनी देर मैं उसे ब्लोवजोब दे रही थी, उतनी देर उसने मेरे बूब्स दबाये और मेरे बदन के ऊपर हाथ फेरा. फिर उसने मुझे बेड में डाला और वो मेरे ऊपर आ गया. अपने हाथ को उसने मेरी चूत पर रख दिया. और अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा के लिप किस दे दी मुझे. वो मेरे चूत के दाने को खोज के उसे अपनी ऊँगली से हिलाने लगा. मेरी चूत का दाना काफी बड़ा हे नोर्मल से. और हरदीप को बड़ा मजा आ गया उसे ऊँगली से हिलाने में. जैसे जैसे उसने चूत के दाने को एक्साइट किया वैसे वैसे मैं गीली होती गई.

अब मेरे से रहा नहीं गया तो मैंने कहा, चलो अपना लन दे दो मेरी फुद्दी में.

वो बोला जो हुकुम आंटी जी, आप अपनी टांगो को खोल दी.

मैंने अपनी जांघ के पास से दोनों टांगो को पकड़ के फैला दिया. मेरी बड़ी जांघो के बिच में कमल के फुल की जैसी मेरी फुद्दी को देख के हरदीप ने कहा, वाऊ आप तो डोली दीदी से भी बढ़िया माल हो आंटी जी!

फिर हरदीप ने अपने लंड को एक हाथ से पकड़ के मेरी चूत पर लगा दिया. उसने एक ही धक्के में मेरे चूत के छेड़ को अपने लंड से भर दिया. मैं कराह उठी क्यूंकि उसका लंड काफी बड़ा था और एक ही धक्के में साले ने घुसेड दिया था.

मैंने कहा, मादरचोद ऐसे चोदते हे क्या, एक झटके में पूरा डाल दिया साले.

उसने मुझे एक तमाचा लगाया और मेरे होंठो से खून निकल पड़ा. वो बोला, साली लंड खाने की मशीन इतनी बड़ी हे तेरी फिर नाटक क्यूँ कर रही हे रंडी साली.

अब मैं उसे कैसे कहती की चूत कितनी भी बड़ी हो लन अन्दर घुसे तो दर्द तो होता ही हे. वो बेरहमी से जोर जोर के झटके लगा रहा था. पूरा लंड अन्दर घुस के मेरी ओवरी से लग रहा था जैसे. और वो मेरे दोनों बूब्स को एकदम कस कस के नोंच रहा था. एक मिनिट के अन्दर मुझे भी मजा आने लगा था. मैं भी अपनी गांड को हिला हिला के उसके लंड को अन्दर तक डलवा रही थी. हरदीप को पसीना आ गया था और उसकी साँसे उखड़ गई थी. मैंने उसे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया और मैं पहली बार उसके लंड पर ही झड़ गई.

वो बोला, चलो अब आप घोड़ी बन जाओ आंटी.

उसने लंड निकाला और मैं घुटनों के बल लेट गई. उसने पीछे से गांड खिंच के ऊपर किया. मैंने कहा धीरे से करना मेरे घुटनों में दर्द हे. वो बोला, अब कोई दर्द नहीं होगा आप को आंटी एक मिनिट के अन्दर. और साले ने ऐसे कस के लंड डाला वापस मेरी चूत में की मैं घुटनों का दर्द सच में भूल गई! अरे चूत में ही इतना ज्यादा दर्द था की घुटनों के दर्द किक परवाह ही नहीं हुई. हरदीप का ८ इंच का पूरा लंड मेरी चूत में घुस के बहार आता था. और उसने मेरी गांड को चांटे मार मार के पूरा लाल कर दिया था. वो अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर कर था. मैं समझ गई की वो झड़ने को हे. मैंने अपनी चूत को पूरा कस लिया उसके लंड पर. और एक बड़ी आह के साथ उसने अपना पचास ग्राम जितना वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया. वो मेरे ऊपर ही निढाल हो के लेट गया. मैं भी थक गई थी इस हार्डकोर सेक्स से. फिर मैं बाथरूम में गई तो एक मिनिट में वो भी पीछे पीछे आ गया. वहां पर भी उसने मुझे लंड चटाया और दिवार पकड़ा के मेरी गांड चाटी. फिर साले ने अपना बड़ा लंड मेरी गान के अन्दर पूरा डाला. शाम तक वो मुझे अलग अलग पोस में चोदता और गांड मारता रहा. डोली आने को थी इसलिए वो नाहा के भाग निकला अपने घर. लेकिन उसने मुझे कहा हे की आंटी आप को जब भी मेरा लंड लेना हो तो बस बोल देना मुझे!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|