मेरा नाम कृष्ण है, मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं आपके साथ अपनी एक सच्ची कहानी शेयर करना चाहता हूँ। यह कहानी तब की है जब मैं बारहवीं क्लास में पढ़ता था, मेरे भाई की शादी को तीन साल हो चुके थे। अपनी भाभी का सारा काम घर का भी, बाहर का भी मैं ही करता था। तब तक मुझे सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था। एक दिन मेरा एक दोस्त क्लास में सेक्स स्टोरी की बुक लेकर आया। खाली पीरियड में हम दोनों वो सेक्स स्टोरी वाली बुक पढ़ने लगे। मैंने उससे वो किताब घर के लिए देने को कहा तो वो मान गया। मैंने घर आकर वो बुक पढ़ी तो बुक पड़ने के बाद मुझे सेक्स के बारे में पता लगा। उस दिन के बाद से मैं अपनी भाभी को अलग नज़र से देखने लगा। उस समय ठंड के दिन थे तो मैं अपनी भाभी के साथ रज़ाई में बैठ कर टीवी देख रहा था तो मैंने भाभी से कहा- भाभी मुझे एक चीज़ देखनी है। तो वो बोली- टीवी का रिमोट तुम्हारे पास है, जो देखना है देख लो! मैंने भाभी से कहा- टीवी में नहीं है… वो तो आपके पास है। वो बोली- मेरे पास क्या है ऐसा जो तुम देखना चाहते हो? तो मैंने उनकी चूत की तरफ इशारा करके कहा- मैं इसे देखना चाहता हूँ। भाभी गुस्सा हो गई और मुझसे कहा- आने दो तेरे भाई को, उनको सब कुछ बता दूंगी। और मुझे कमरे से निकाल दिया। उसके बाद मैंने भाभी से डर के मारे कई दिनों तक बात नहीं की। फिर कई दिनों के बाद घर पर कोई नहीं था, मुझे स्कूल जाना था और भाभी नहा रही थी। भाभी ने मुझे तौलिया देने को कहा। मैंने जल्दी से भाभी को तौलिया दिया और ब्रेकफास्ट तैयार करने को कहा। भाभी बोली- तू उस दिन मेरी उसको देखना चाहता था? मैंने जल्दी से हाँ में सिर हिलाया। भाभी ने कहा- तू ऊपर वाले कमरे में चल, मैं कपड़े पहन कर आती हूँ। मैं ऊपर गया, पीछे पीछे भाभी आ गई और बेड पर लेट गई, भाभी बोली- मेरी सलवार खोल ले और देख ले… बस देखना ही, और कुछ मत करना। मैंने जल्दी से सलवार खोली और फ़िर उनकी कच्छी नीचे सरका के भाभी की चूत पर हाथ फेरने लगा। भाभी को मज़ा आने लगा। भाभी बोली- तुमने तो देख ली… अब मैं भी तुम्हारा कुछ देखना चाहती हूँ। मैं कुछ बोलता, उससे पहले ही भाभी ने मेरी पैंट कि चैन खोल दी और मेरा लंड कच्छे से बाहर निकाल कर हिलाने लगी। तब तक मेरा भी खड़ा हो चुका था। भाभी बोली- मैंने तुम्हारी विश पूरी की, अब तुम मेरी विश पूरी कर दो। तो मैं बोला- क्या विश है आपकी? आज आप जो भी मांगेंगी, वो मैं आपको दूँगा। भाभी बोली- मैं तुम्हारा यह लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूँ। तो मैंने भाभी से कहा- कोई आ जाएगा तो? भाभी बोली- मैंने नीचे गेट की कुण्डी लगा दी है। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! फिर भाभी बोली- जल्दी कर… तुझे स्कूल भी जाना है। मैंने अपनी पैंट नीचे की और बेड पे लेट गया। पहले भाभी ने मेरा लंड साफ किया और मुँह में लेकर चूसने लगी, मेरा लंड और लंबा और मोटा हो गया, इससे पहले मेरा लंड इतना लंबा कभी हुआ था। फिर भाभी ने अपने मुँह से लंड निकला, अपनी सलवार उतारी और मेरे ऊपर आ गई, मेरा लंड अपनी चूत पे सेट किया और बोली- ज़ोर से धक्का लगा! मैंने अपनी पूरी ताक़त लगाई और एक ही झटके में पूरा लंड भाभी की चूत में घुसा दिया। भाभी के मुख से ज़ोर की चीख निकल गई। मैं थोड़ा ऊपर हुआ और भाभी के होटों पे होंट रख कर चूसने लगा। भाभी अपनी चूत ऊपर नीचे करके मज़े ले रही थी। थोड़ी देर बाद भाभी बोली- मेरा होने वाला है! और ज़ोर ज़ोर से उपर नीचे होने लगी। तकरीबन 5 मिनट के बाद भाभी ज़ोर की आवाज़ ‘आई ह्ह्ह्ह्ह्ह’ निकाल के झड़ गई। अपनी चूत से लंड निकाल कर भाभी बोली- अब तुझे भी करना है क्या? करना है तो जल्दी से ऊपर आ जा। भाभी मेरे ऊपर से हट कर बेड पे लेट गई और मैं भाभी के ऊपर आ गया। फिर मैंने भाभी की चूत पे अपना लंड लगाया और अंदर बाहर करने लगा। उस समय सारा कमरा ‘आहह अहहा अह सस्सस्स’ की आवाज़ में गूँज रहा था। मैं 10 मिनट तक भाभी को चोदता रहा और भाभी भी नीचे से चूतड़ उठा उठा कर मज़े लेती रही। तब मैंने भाभी से कहा- भाभी, मेरा होने वाला है। तो भाभी बोली- बाहर मत निकालना, अंदर ही छोड़ दे। मैंने भाभी को कहा- कुछ होगा तो नहीं? तो भाभी बोली- कुछ नहीं होगा, बस जल्दी से कर ले। इतना कहते ही मैंने भाभी की चूत अपने वीर्य से भर दी। भाभी के चहरे पर एक अजब सी मुस्कान थी। उसके बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और साफ किया। फिर हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए। उसके बाद भाभी बोली- तुम्हारे लंड का साइज़ बिल्कुल परफ़ेक्ट है, मैं तो इस पर फिदा हो गई हूँ। अब जब भी मैं तुम्हें बोलूँगी तो तुम मुझे चोदोगे ना? मैंने हाँ में सिर हिलाते हुए जवाब दिया। तब तक मेरे स्कूल का टाइम हो चुका था, भाभी ने अपने पर्स से 50 रूपए निकाल कर मुझे दे दिए और मैं स्कूल चला गया। उस दिन के बाद भी मैंने भाभी को कई बार चोदा। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल ज़रूर करिएगा, आपके विचारों का मुझे इंतज़ार रहेगा।