मुझे बडे लंड अच्छे लगते हे

दोस्तों मैं शालिनी, आज फिर आपके लिए अपनी एक और नहीं कहानी ले कर रही हूं. मुझे उम्मीद है यह कहानी पढ़कर आप के लंड का पानी जरूर निकलेगा, तो मैं आज ज्यादा टाइम ना लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आती हु. तो चलो शुरू करते हैं.

दोस्तों आपको इतना तो याद होगा कि मेरी चूत ने अब तक कई लंड ले लिए हैं, जैसे मेरे पति, मेरे जीजू, डॉक्टर, स्कूल का स्टूडेंट और रोहित इन सब ने मेरी खूब मस्त चुदाई करी और मुझे मजा भी दिया.

वैसे दोस्तो इतने मोटे मोटे लंड को लेकर तो मैं पागल क्या दीवानी हो गई, पर मेरी चूत में तो अब और लंड खाने चाहे, इसलिए वह अब इधर उधर भटकने लग गई, मेरी नजर तो हर लड़के के मोटे लंड पर रहती है, और कभी किसी के पतले लंड पर नजर चली भी जाती है तो वह लड़का मुझे नामर्द लगता है.

दोस्तों बात तब की है जब मैं अपने घर जोधपुर जा रही थी, पति के टूर पर होने की वजह से मेरा घर पर मन नहीं लगता था, इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए जोधपुर अपनी मां के घर आ गई.

घर पहुंचने के बाद मैंने जब डोर बेल बजाई, तो दरवाजा जीजू ने खोला. जिन्हें देख कर मैं हैरान हो गई. और मेरी चूत तो मचलने लगी, जीजू भी मुझे देख कर मुस्कुराने लगे, तभी मेरी नजर उनके पेंट के अंदर छिपे लंड पर गयी जो बिल्कुल खड़ा हुआ था.

मैं जीजू के लंड को देखती ही रह गई थी, तभी मेरी मम्मी आ गई और मैं मम्मी के  साथ अंदर चली गई. घर पर पापा भी थे जिन्हें में मिली और साथ में हम सब बातें मारने लगे, तभी बातों बातों में मम्मी ने बताया की जीजू और जीजू के मामा जी का लड़का विकी इंटरव्यू के लिए यहां आए हुए हैं, और वह ३ दिन तक यहीं रहेंगे.

मम्मी की बात सुनकर तो मैं बहुत खुश हूंई, और सोचने लगी कि अब तो मैं अपने प्यारे से जीजू से जरूर चुदवाऊंगी, घर पर बड़ी के होने की टेंशन भी होने लगी क्योंकि इनके रहते हैं मैं अपनी जीजू से कैसे चुदवा सकती हूं?

शाम के समय में बैठी टीवी देख रही थी कि जीजू मेरे पास आए और मुझे बिना कुछ कहे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होठों को चूसने लगे, गर्मी की आग मुझ में भी लगी हुई थी इसलिए मैंने भी उनका साथ दिया और मेने उठने पैंट के ऊपर से ही लंड को पकड़ लिया जोकि पैंट फाड़ने को खड़ा था.

जीजू ने कहा – शालू मेरी जान, कोई रास्ता ढूंढ तुझे चोदे बहुत समय हो गया.

मैं – हां जीजू, मेरा मन भी चोदने को बहुत करता है.

जीजू मेरी बात सुनकर मुझे बाहों में लेते हुए किस करने लगे, और फिर विकी के साथ कहीं बाहर चले गए. जीजू के जाने के बाद मैं चुदाई का रास्ता खोजने लगी पर मेरी समझ में तो कुछ भी नहीं आ रहा था.

तभी थोड़ी देर बाद जीजू आ गए और मेरे पास आकर मेरे हाथ में नींद की गोलियां थमाते हुए कहने लगे की इन गोलियों को मम्मी पापा के खाने में मिला कर दे दो, मैं उनकी बात सुनकर हैरान हो गई. पर मुझे यह सब गलत लगा, इसलिए मैंने मना कर दिया क्योंकि घर पर सिर्फ मम्मी पापा ही थे और उन्हें धोखा देकर कुछ करना मुझे बहुत गलत लग रहा था.

फिर जीजू गोलिया लेकर वहां से चले गए और में मम्मी के साथ खाना बनाने लगी. और फिर हम सब ने एक साथ बैठकर खाना खाया और खाना खाने के बाद जीजू ने लाई हुई रबड़ी भी खाई. डिनर फिनिश होते ही पापा नींद आने का कहते हुए अपने कमरे में चले गए और मैं और मम्मी बर्तन धोने लगी. पर थोड़ी ही देर बाद मम्मी को भी नींद आने लगी, तो मैं समझ गई कि जरूर जीजू ने नशे की गोली दे दी है.

अब मम्मी भी अंदर सोने के लिए चली गई और मैं भी जीजू और विकी का बिस्तर लगा कर अपने कमरे में आकर लेट गई.

मैं कमरे में आ कर लेट कर जीजू बारे में सोचने लगी और थोड़ी ही देर बाद मेरे कमरे का दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि जीजू मेरे कमरे में आ रहे थे, मैं उन्हें यहां देख कर बहुत खुश हुई और तभी जीजू मेरे पास आकर मुझे जप्पी देते हुए मेरे साथ ही लेट गए.

मैंने विकी के बारे में पूछा तो पता चला कि वह सो रहा है, घर पर सभी के सोने के बाद में मचल उठी और जीजू साथ लेटे हुए, जीजू को अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया, जीजू ने भी मुझे अपनी बाहों में जोर से जकड़ लिया, इसी बीच मेरे बूब्स  उनकी छाती से लगकर मचलने लगे, तभी उन का हाथ हमारे बूब्स को दबाने लगा, जिससे मेरी चूत चुदवाने के लिए मचल उठी.

जीजू और मैं होंठों में होंठ डाल कर एक दूसरे को किस कर रहे थे, और उधर जीजू मेरे बूब्स दबा रहे थे, तभी मैंने उन्हें रोकते हुए कहा कि जीजू अब तो चोद डालो.

जीजू ने मेरी बात सुनते ही मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी सारे कपड़े उतार कर मेरे सामने नंगे हो गए, हम दोनों का जिस्म बिल्कुल नंगा था, और एक दूसरे को चोदने के लिए तड़प रहा था. तभी जीजू ने अपना खड़ा हुआ लंड मेरे आगे किया जिसे देख कर मैं बहुत खुश हो गई, क्योंकि मैंने बहुत समय बाद जीजू के लंड को अपनी आंखों से देखा था.

जीजू लंड को मुंह में डालना चाहते थे पर मैंने मना कर दिया पर उनके आगे मेरी कहा चलने वाली थी, इसलिए उन्होंने मेरा फेस पकड़ कर अपना लंड मेरे मुंह में रखते हुए अंदर डाल दिया और मेरा मुंह चोदने लगे.

मैंने जीजू का लंड मुह से निकालते हुए कहा जीजू अब चूत में डाल दो लंड, मुझे रहा नहीं जा रहा है.

जीजू ने मेरी बात सुनते ही लंड मुंह में फिर से डाल दिया और बूरी तरह से चुसवाने लगे, मैं लंड को मदहोश होती हुई चूसती रही, अभी थोड़ी देर ऐसा करने के बाद जीजू ने मेरी बात मान ली और मुझे सीधा लिटा कर मेरे ऊपर आ गए.

अब मैंने बिना देरी किए लंड हाथ में लिया और अपनी चूत के ऊपर रख दिया, जीजू लंड को चूत के ऊपर से रगड़ने लगे, जिससे मेरी चूत में आग लग रही थी, और तभी रगड़ते रगड़ते जीजू ने एकदम से लंड अंदर डाल दिया, जिससे मेरी चीख निकल गई.

जीजू को तो ठीक चींखे निकालने में तो बहुत मजा आता है, इसलिए जीजू ने फिर से जोरदार धक्का दिया, जिसके चलते लंड बच्चेदानी से जा टकराया और मेरी तो चींखे  निकलने लगी.

चूत की ऐसी जबरदस्त चुदाई के चलते मेरे मुंह से आवाज निकली जा रही थी और करीब ५ मिनट बाद मेरी चूत पानी पानी हो गई थी.

जीजू की ऊँगली गांड के अंदर बाहर हो रही थी जिसके चलते मुझे गांड मरवाने का  दिल कर रहा था, क्योंकि जीजू ने ही मेरी गांड को मार कर अपने लंड का दीवाना बनाया था.

मैं – जीजू अपने तो मेरी गांड चोद कर उसे तड़पा दिया है, अब तो वह भी लंड लेने को तैयार रहती है.

जीजू ने मेरी बात सुनकर लंड में उंगली पूरी घुसा दि और बोले दो दो लंड लेना चाहती हो?

मैं उनकी बात सुनकर हैरान हो गई और कहा यह कैसे होगा?

जीजू ने कहा तुम हां करो फिर देखो, एक लंड गांड में और एक लंड चूत में. वह भी एक साथ.

मैं जीजू की बात सुनकर मचल उठी और दो दो लंड लेने के लिए तड़प उठी, पर मैं अभी हां नहीं करना चाहती थी इसलिए ड्रामे करती रही.

मैं – जीजू पर यह होगा कैसे?

जीजू – तुम हां करो, मैं विकी को लेकर आता हूं वैसे भी वह बहुत तड़प रहा है तुम्हें चोदने के लिए.

मै बात सुनकर बहुत खुश तो हो गई, मैंने भी कह दिया की ले आओ, जो होगा देखा जाएगा.

मेरी हां सुनते ही जीजू मेरे ऊपर से उठे और लूंगी बाँध कर विकी को बुलाने चले गए, और मैं वहां बिस्तर पर नंगी लेटी उन दोनों का इंतजार करने लगी.

मैं जीजू और विकी का बेसब्री से इंतजार करने लगी, क्योंकि चूत और गांड तो अब लंड लेने के लिए तैयार ही थी, तभी जीजू अंदर आए और पीछे पीछे विकी भी अंदर आ गया, जो कि सिर्फ अंडरवीयर में था.

दोनों ही जब अंदर आए तो मेरी चूत और गांड में खुजली होने लगी, जीजू ने अपनी लूंगी उतारकर साइड में फेंक दी और मेरे ऊपर ली हुई चादर उतारने लगे, मेरी नजर तो विकी पर थी क्योंकि विकी का लंड डंडे की तरह खड़ा हुआ था और बाहर आने को बेताब था.

जीजू मेरे ऊपर से चादर उतरने लगे पर मैंने रोक दिया, क्योंकि मुझे विकी के सामने नंगे होने में शर्म आ रही थी, पर उन दोनों ने मेरे ऊपर से खींच कर चादर उतार दी, और मैं अब दोनों के सामने नंगी पड़ी थी.

विकी ने भी अपना अंडरवियर उतार दिया, और मैं तो उसके लंड को देख कर पागल हो गई, ७-८ इंच लंबा लंड था जो की जीजू के लंड जितना ही था.

मैं यह सब देख कर खुद ही उठी और पहले जीजू का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी, जिससे जीजू अपने मुंह से आवाज निकालने लगे और साथ ही साथ फिर मैंने विकी का लंड मुंह में भर लिया और चूसने लगी. विकी का जवान लौड़ा मेरे मुंह में जाकर बहुत गर्म हो गया.

अब तो मैं दोनों के लंड बारी बारी करके चूसने लगी क्योंकि मेरे मुंह को दोनों के लंड का स्वाद अच्छा लगने लगा था, और जीजू और विकी दोनों खड़े खड़े आह्हे भर रहे थे.

अब विकी  से कंट्रोल नहीं हुआ और उसने मुझे सीधा बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी टांगे खोल कर मेरी चूत पर अपना मुह ले आया और चाटने लगा, विकी मेरी चूत को बहुत जबरदस्त तरीके से चाट रहा था, और उधर मैं अपनी जीजू का लंड मुंह में लेकर चूस रही थी.

मैं मस्ती में डूब चुकी थी विकी जो मेरी चूत को इतने जबरदस्त तरीके से चाट रहा था, मुझे सच में बहुत मजा आ रहा था, तभी अगले ही पल मुझे अपनी चूत पर कुछ गरम गरम महसूस हुआ वह विकी का लंड था, विकी ने एक जोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया, उसका मोटा और बड़ा लंड सीधा मेरी बच्चेदानी पर जाकर लगा.

विकी – भाई तुम्हारी साली तो क्या कमाल की है और कितनी गर्म है साली?

विकी मुझे लगातार चोदने पर लगा हुआ था और ना जाने क्या क्या मस्ती में बोल रहा था, विकी के कंधो पर मेरी दोनो टांगे सेट थी और मुझे ऐसे ही जोर से चोद रहा था तभी जीजू ने उसे कुछ इशारा किया.

विकी अब नीचे आ गया और मैं उसके ऊपर आ कर उसके लंड पर बैठ कर विकी के ऊपर लेट गई, मैं इतना तो समझ चुकी थी कि अब जीजू अपना लंड मेरी गांड में डाल देंगे और मेरी गांड फाड़ देंगे, इसके लिए मैं तैयार हो चुकी थी.

विकी ने अपना दोनों हाथ से मेरी गांड खोल दी और मुझे मजबूती से पकड़ लिया फिर जीजू ने थोड़ी सी थूक मेरी गांड पर लगाई और अपना मोटा सा लंड मेरी गांड पर सेट करके अपने लंड को मेरी गांड पर ही रगड़ने लगे, मुझे मजा आ रहा था मेरी गांड पर गरम गरम लंड जो लग रहा था.

तभी अचानक जीजू ने पर जोरदार धक्के से अपना लंड मेरी गांड में उतार दिया और अपना लंड मेरी गांड में फिट कर दिया.

दर्द के मारे मेरा पूरा जिस्म कसमसाने लगा पर उन दोनों ने मुझे कसकर पकड़ा हुआ था, दर्द मेरे चेहरे पर साफ दिखा रहा था, पर मैं इसके लिए पहले से ही तैयार थी. मुझे पता था आज यह सब मेरे साथ होगा, तब मैंने अपनी गांड थोड़ी सी ढीली कर दी, फिर जीजू ने तीन चार धक्के में अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और आगे पीछे करने लगे.

आज मेरा सपना पूरा हो गया, मैं चाहती थी कि मेरे दोनों छेद में दो दमदार लंड हो, वह आज पूरा हो रहा था, मैं बहुत खुश थी.

अब तो मैं जीजू और वीकी के बीच में पिस रही थी, वह दोनों लगातार जोर जोर से मेरी चूत और गांड मार रहे थे.

शुरु शुरु में तो वह दोनों बड़े प्यार से मुझे चोद रहे थे उसके बाद पता नहीं क्या हुआ  उन दोनों को, वह मुझे एक रंडी की तरह चोदने लगे, वह दोनों पूरे जंगली बन चुके थे मेरी चूत और गांड की तो बैंड बज चुकी थी.

मैं जोर से चिल्ला रही थी, बस करो अह्ह्ह ओह्ह हहह औऊ ओह्ह हहह कितनी फाडोगे अहह ओह्ह हहह  प्लीज.. मुझे छोड़ दो.. कम से कम सांस तो लेने दो.

पर वह दोनों अब पूरी जंगली बन चुके थे, वह मेरी चूत और गांड जोर जोर से मार रहे थे उन पर कोई असर नहीं हो रहा था.

करीब १० मिनट में ही मेरी चूत दो बार पानी छोड़ चुकी थी, तभी दोनों लंड बाहर आ गए मुझे बहुत खुशी और राहत मिली, पर अफसोस मेरी खुशी सिर्फ एक मिनट की थी, उन दोनों ने अपनी जगह चेंज कर ली, अब जीजू मेरी चूत मार रहे थे और विकी मेरी गांड.

फिर से मेरी गांड और चूत की चुदाई का प्रोग्राम शुरू हो चुका था, मुझे मजा भी आ रहा था, पर मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था. क्योंकि यह सब मैं पहली बार कर रही थी. और आज पहली बार इस दर्द में कुछ अजीब सा मजा आ रहा था.

इतनी चुदाई के बाद तो मेरी चूत और गांड दोनों सुन हो गई थी, जीजू और विकी मुझे ऐसे ही लगातार करीब ३० मिनट तक चोदते रहे और बाद में पहले विकी ने पानी मेरी गांड में ही निकाल दिया और उसके बाद जीजू ने अपने लंड के पानी से मेरी चूत को भर दिया.

आज की इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद मैं थक कर चूर हो गयी थी, मैं बेड पर बेहोश लेटी हुई थी और मेरी चूत और गांड में उन दोनों के लंड का पानी लगातार निकल रहा था.

मुझे ना जाने कब नींद आ गई, रात को मुझे दोनों ने फिर उठा दिया, इस टाइम करीब २ बज रहे थे, वह दोनों फिर से मेरी चूत और गांड मारने लगे.

ऐसे ही अगले ३ दिन जीजू और विकी ने मेरी चूत और गांड की मां चोद कर रख दी. और दोनों दिन रात सुबह शाम दोपहर हर २ या 3 घंटे बाद मेरी चूत और गांड को चोद देते थे, उन्होंने मेरी मुझे रंडी बनाकर रख दिया था.

अब मुझे अपने घर वापिस जयपुर जाना था, मेरे पति मुझे रोज फोन कर रहे थे.

जीजू – चलो मैं तुम्हें जयपुर छोड़ आता हूं.

हम तीनों जीजू की कार में जयपुर जा रहे थे, रास्ते में ना जाने क्या जीजू के मन में आया? उन्होंने एक होटल पर कार रोक दी और मुझे रूम में ले जाकर एक बार फिर से मेरी चुत और गांड को चोद डाला.

होटल में जाने की वजह से हम लेट हो गए थे, हम रात को घर आए तो पता चला कि मेरे पति तो ऑफिस के काम से बाहर गए हैं, वह अब कल आएंगे.

दोस्तों अब आप खुद सोच सकते हो कि रात को क्या हुआ होगा मेरे साथ..

इस हादसे के बाद तो हर रोज मेरा मन भी गांड और चूत की एकसाथ चुदाई करने का करता है पर यह सब बहुत कम ही हो पाता है.

दोस्तों आप सब को मेरी कहानी कैसी लगी, आपने मेरी कहानी पढ़ कर मुठ मारी या नहीं??

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