लण्ड महाराज के दूध की बरसात

मेरा नाम संदीप सिंह, उम्र 23 साल मुंबईराज्य के ठाणे जिले से हूँ। मुझे चुदाई करने का बहुत शौक है। मेरा नाम चुदाई करने वालो की लिस्ट में सर्वप्रथम आता है। मेरा सच्चा अनुभव मुझे मस्ताराम डॉट नेट से मिला। मैं मस्ताराम के पाठको को कहना चाहूंगा कि वो मेरी कहानी पढ़ें।

बात तब की है जब मैं गर्मियों की छुटि्‌टया मनाने मैं अपनी आंटी के घर गया था। मेरी आंटी के दो बच्चे एक का नाम आहान 13 साल का व तन्नु 6 साल की है। मेरे चाचा बिजनेस के मामले में ज्यादातर बाहर ही रहते हैं।

आंटी बहुत सैक्सी लग रही थी। आंटी का फिगर 36 28 38 था। आंटी के बूब्स बहुत ही सुडौल थे। आंटी मुझे बहुत ही पसंद थी। मैं सपने में सोचता रहता थी कि आंटी को किस तरह से चोदा जाये। कभी-कभी रात में आंटी के नाम का मुठ भी मारता रहता था।

आंटी के दोनों बच्चे परीक्षाएँ खत्म करके अपने ननिहाल नाना के साथ चले गये और अंकल किसी काम से बाहर चले गये। फिर मैं और आंटी दोनों ही घर में अकेले थे। आंटी भी मेरे इशारे समझ गई थी।

एक दिन की बात है जब आंटी ने सुबह-सुबह किसी काम से मुझे बाजार में भेज दिया। जब मैं बाजार से लौटते समय घर आया तो क्या देखता हूँ कि आंटी ड्राईंग-रूम एकदम नंगी खड़ी जैसे तुरन्त ही नहाकर बाहर आई थी। गलती से दरवाजा खुला होने के कारण मैं एकदम अन्दर चला गया। अन्दर जाते वक्त मैंने आंटी का भरा-पूरा बदन बिल्कुल नंगा देख लिया। आंटी झटाक से बाथरूम की तरफ दौड़ी और कपड़े पहनकर बाहर आई।

ढेर सारी भाभियों की चूत और मेरा अकेला लंड
बाहर आते ही मुझे पूछा- तुम कब आये?

मैंने कहा- आंटी मैं तो अभी आया।

आंटी और मैंने मिलकर नाश्ता किया। आंटी मेरे सामने मुझे देखकर हंस रही थी। मैं समझ गया कि मैंने आंटी को तो नंगा देख लिया है, अब आंटी भी मुझे मदहोश नजरों से देख रही थी। और मेरा मन भी रख रही थी।

आंटी ने मुझसे कहा- शाम को हम खाना साथ में खायेंगे।

मैंने कहा- ठीक है आंटी, जैसी आपकी इच्छा।

मैं अपने रूम में जाकर टी.वी. पर सैक्सी सी.डी. देखने लग गया। रात को होने को आई। आंटी ने मुझे खाने पर बुलाया। हम दोनों ने साथ में खाना खाया। खाना खाने के बाद मैं अपने कमरे में सोने के लिये जाने लगा तो आंटी ने कहा- संदीप, तुम्हारे अंकल यहाँ पर हैं नहीं। ऐसा करो तुम आज की रात मेरे कमरे में ही सो जाओ।

मैं मन में आंटी का इशारा समझ गया कि आंटी आज मुझसे चुदवाना चाहती है, मैने कहा- ठीक है, मैं अभी अपने कपड़े बदल कर आता हूँ। मैं कपड़े बदल कर जैसे ही आंटी के कमरे में जाने लगा तो मैं क्या देखता हूँ कि आंटी बिल्कुल नंगी पलंग पर लेटी हैं। मैं एक बार तो चकरा गया।

फिर आंटी ने मुझसे कहा- शरमा क्यों रहे हो, सुबह तुमने मुझे नंगा तो देख ही लिया है। अब जरा चोद भी लो। तुम्हारे अंकल से चुदवाये काफी महीने हो गये, मेरी खुजली को मिटो दो प्लीज। दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है l

मैं आंटी का इशारा समझते हुए एकदम आंटी पर टूट पड़ा। ऐसे मौके तलाश कर रहा था वो अपने आप ही मुझे मिल गया। सबसे पहले आंटी के मम्मों को जोर-जोर से चूसने लगा। आंटी भी मेरा साथ देने लगी। धीरे-धीरे मैं आंटी की बुर की तरफ बढ़ने लगा। आंटी की बुर एकदम क्लीन थी उस पर एक भी बाल नहीं था। मैंने आंटी की चूत में अंगुली डालकर हिलाना शुरू किया।

ये जवानी भी न बड़ी जालिम किस्म की है
आंटी आहहहहहहहह आहहहहहह……..आहहहहहहहहहह. बस करो। अब मेरी चूत को फाड़ डाल दो प्लीज । कई महीने से मेरी चूत प्यासी है। प्लीज……….. प्लीज…………

मैंने समय खराब न करते हुए अपना पजामा उतार कर अपने ८ इंच के लंड को आंटी की चूत पर रख दिया। एक धक्का दिया तो ४ इंच लंड आंटी की चिकनी चूत में घुस गया। आंटी ने कहा- आह…. दर्द हो रहा है। इतना लम्बा लण्ड तो तेरे अंकल का भी नहीं है मेरे राजा। इतना लम्बा लण्ड कहाँ छुपा के रखा था। आज तू मेरी चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोड़ना। मैंने कहा- मेरी रानी, मैं भी तुम्हें चोदने की फिराक में था, लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिला। आज तो मैं दो इंच चूत को भौसड़ा बनाकर ही छोडूंगा। फिर मैंने अपनी चुदाई तेज कर दी। आंटी इस बीच दो बार झड़ गई। मैं भी झड़ने की तैयारी में था।

आंटी ने कहा- मैं तुम्हारे लण्ड महाराज का दूध अपने मुँह में पीना चाहती हूँ।

मैं झड़ने वाला ही था, मैंने अपना लण्ड चूत से निकाल कर आंटी के मुँह में रख दिया। आंटी के मुँह में दूध की बरसात हो गई। आंटी ने मेरा सारा रस चाट-चाटकर पीया। फिर मैं झड़ने के बाद आंटी के ऊपर ही सो गया।

इस बीच हमने ४ बार सैक्स किया। मुझे आंटी बहुत ही पंसद है। आंटी ने मुझे ऐसा मजा दिया मैं उसे भूला नहीं पाउंगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|