सत्ता का फायदा उठा के चुदाई मचाई

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम ऋषि है और मैं बिजनौर का रहने वाला हूँ | मेरी उम्र 33 साल है और मैं बहुत रंगीन मिजाज़ का आदमी हूँ | मैं यहाँ पर अपने इलाके का पार्षद हूँ और मैंने अपने इलाके की बहुत सी लड़कियों और औरतों को चोदा है | अब मैं पार्षद हूँ तो बहुत से लोग मेरे पास अपनी समस्याएं लेकर आते है जिसमें से कुछ सुन्दर लड़कियाँ और औरतें भी होती है जिनका मैं फ़ायदा उठा लेता हूँ | मेरे साथ ऐसे बहुत से किस्से हो चुके है जिनमें से मैं आपको कुछ बताता हूँ | तो आईये मैं आपको अपने चुदाई के कांड बताता हूँ |

एक बार की बात है मुझे पता चला कि मेरे कार्यालय से थोड़ी ही आगे जो वकील रहता था उसकी एक्सीडेंट में मौत हो गई है | अब मैं उसके घर गया तो वहाँ पर शोक का माहौल था | मैं बाहर बैठा था तभी उसकी पत्नी रोते हुए बाहर आई | मैंने उसकी पत्नी को देखा और मुझे थोडा दुख हुआ लेकिन ख़ुशी भी बहुत हुई कि उसका पति चला गया अब मैं इसपे चांस मार सकता हूँ | तो मैं उठा और उसके पास गया और कहा भाभी आपको जो भी प्रॉब्लम हो मुझे याद करना मैं आपके लिए हाज़िर हो जाऊंगा और फिर इतना कहकर मैं वहाँ से चला गया | फिर एक महीने बाद वो मेरे कार्यालय में आई और अपनी दिक्कते बताने लगी | तो मैंने उनका हाँथ पकड़ा और कहा ठीक है भाभी मैं सब ठीक कर दूंगा | उसी दिन रात के लगभग 8 बजे मैं उसके घर गया | उसने मुझे अन्दर बुलाया और मैं अन्दर जाकर बैठ गया | वो मुझे फिर से दिक्कते बताने लगी तो मैंने कहा भाभी अब भाई साहब तो रहे नहीं तो आमदानी का क्या कैसा है ? तो उन्होंने कहा अभी तो कोई सहारा नहीं है लेकिन मैं देख रही हूँ |

तो मैंने कहा भाभी अगर मैं कुछ मदद कर सकूँ बताईये ? तो उन्होंने कहा अगर कुछ पैसे उधार मिल जाते तो बड़ी मैहरबानी होती ? तो मैंने पूछा कितने तो उन्होंने ने कहा 20000 | तो मैंने कुछ नहीं पूछा कि किस लिए चाहिए और क्यों लेकिन मैंने सीधा पूछा भाभी पैसे तो मैं दे दूंगा लेकिन मुझे क्या मिलेगा ? तो भाभी ने कहा क्या चाहिए और मैं क्या दे सकती हूँ ? तो मैंने कहा भाभी बहुत कुछ | तो उन्होंने कहा क्या मतलब तो मैंने कहा वही | तो भाभी सहम सी गई और कुछ सोचने लगी तो मैंने कहा ज्यादा मत सोचिये भाभी पैसे चाहिए ना | तो भाभी ने कहा ठीक है लेकिन किसी से कहना मत तो मैंने खुश होते हुए कहा अरे कैसे किसी को बता दूंगा मैं | फिर मैं उठकर भाभी के पास गया और उनके दूध पकड़कर दबाने लगा | भाभी अपनी निगाहें झुकाए बैठी थी और मैं उनकी तरफ देखकर उनके दूध दबाये जा रहा था | फिर मैंने उसका मुंह ऊपर किया और किस करना लगा लेकिन वो किस करने में मेरा बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थी |

तो मैंने उसका किस करना बंद किया और उसका ब्लाउज ऊपर करने लगा | फिर मैंने उसके दूध दबाये और नीचे झुककर चूसे भी | फिर मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी साड़ी और पेटीकोट उठा दिया और पैंटी उतार दी | फिर मैंने अपनी पैन्ट और चड्डी उतारी और जाके उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा | फिर मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड डाला और उसे चोदने लगा और वो अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआ आआआअ उह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह करने लगी | फिर उसे चोदते चोदते मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके जोर जोर के झटके मारते हुए चोदने लगा और वो अह्ह्ह्हह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह आआह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्ह्हह ऊऊह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह करती रही | फिर मेरा झड़ने को हुआ और मैंने सारा माल उसकी चूत पर झड़ा दिया | फिर मैं अपने कपडे पहन कर जाने लगा तो उसने पूछा पैसे कब दोगे ? तो मैंने कहा कल और कल मैं पैसे लेकर पहुंचा और फिर से उसे चोदा | फिर जब तक उसने मेरा हिसाब किताब चुकता नहीं किया मैं आए दिन उसके घर जाता था और उसे तबीयत से चोदता था |

ये रही एक की अब मैं आपको एक और किस्सा सुनाता हूँ | एक बार क्या हुआ मैं अपने कार्यालय के बाहर खड़ा था और मेरे कार्यालय के बाजू में एक मिलिट्री वाला रहता था | उसकी पत्नी छत पर कपडे डाल रही थी तभी मेरी नज़र उसपर पड़ी और उसकी नज़र भी मुझपर | मैंने उनको देखा और कहा नमस्ते भाभी तो भाभी ने भी नमस्ते कहा | फिर भाभी ने कहा अरे क्यों ऋषि यहाँ आना ज़रा ये नाली की दिक्कत चल रही है कुछ देखो यहाँ पर | तो मैं उनके घर के सामने गया और देखने लगा फिर देखने के बाद मैंने कहा कोई दिक्कत नहीं भाभी मैं देखता हूँ क्या हो सकता है ? तो उन्होंने कहा वो पानी भी नहीं आ रहा है देखो | तो मैंने कहा ठीक है हो जाएगा और मैं अपने कार्यालय में जाकर बैठ गया और सोचने लगा कि इसको कैसे फसाया जाए ? फिर मैं खाली बोतल लेकर उनके घर गया और कहा भाभी थोडा पानी दे दीजिये आज आया नहीं है | तो भाभी ने मज़ाक में कहा अब तुम्हारे यहाँ नहीं आ रहा है तो हमारे यहाँ कैसे आ सकता है ? तो हम दोनों हँसने लग गए और मैंने कहा अच्छा भाभी एक चाय मिलेगी क्या ?

तो भाभी ने कहा हाँ आ जाओ अन्दर और मैं अन्दर चला गया | मैं अन्दर भाभी के साथ बैठकर चाय पी रहा था तभी मैंने पूछा अच्छा भाभी भाई साहब कितने दिनों से नहीं आए ? तो भाभी ने कहा 5 महीने हो गए | तो मैंने सोचा अब वैसी बात छेड़ ही देता हूँ तो मैंने भाभी से कहा अच्छा भाभी बुरा ना माने तो एक बात पूछूं ? तो भाभी ने कहा हाँ पूछो तो मैंने कहा भाभी भाई साहब इतने दिनों तक नहीं आते तो आप अकेला महसूस नहीं करती | तो भाभी ने कहा हाँ लगता तो है लेकिन काम है ही ऐसा क्या कर सकते है | तो मैंने कहा तो भाभी आप संतुष्ट कैसे रह लेती हो ? तो उन्होंने कहा क्या मतलब | तो मैंने कहा मतलब उसके बिना तो रहा नहीं जाता फिर आप कैसे ? तो उन्होंने कहा हो जाता है | तो मैंने कहा अच्छा भाभी मैं कुछ कर सकता हूँ | तो भाभी ने अपनी एक आँख उठाई और कहा मुझे डाल में कुछ काला लग रहा है तुम चाहते क्या हो ? अब मैं तो हूँ ही बेशर्म तो मैंने कहा वही | तो भाभी ने सीधे सीधे कह दिया कंडोम है |

मैं हमेशा अपनी जेब में एक कंडोम ज़रूर रखता हूँ तो मैंने कहा हाँ है | तो भाभी ने कहा पूरी तैयारी से आए हो और फिर भाभी नीचे झुकी और अपनी साड़ी उठाकर कहा आओ राजा | मेरे अन्दर ख़ुशी की लहर दौड़ गई और मैं सीना तान के खड़ा हो गया | फिर मैं उचक के भाभी के पास गया और भाभी की पैंटी के ऊपर से उनकी चूत घिसने लगा | फिर मैंने भाभी की पैंटी उतारी और उनकी चूत में ऊँगली करने लगा | चूत गीली हो रही थी और मैं चूत में जमकर ऊँगली करने में लगा था तभी चूत ने पानी छोड़ दिया | फिर मैंने खड़े होकर अपनी पैन्ट खोली और तभी भाभी उठ गई | फिर भाभी ने मेरा लंड पकड़ा हिलाते हुए चूसने लगी | मैं अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह कर रहा था और भाभी मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी | मेरा माल भाभी के मुंह में ही झड़ गया और भाभी ने सारा माल पी लिया | फिर मैंने भाभी के कपडे उतारना शुरू किये और उनको पूरी तरह से नंगा कर दिया | फिर भाभी लेट गई और मैं उनके पूरी बदन को चूमने लगा |

थोड़ी देर में मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने अपने लंड पर कंडोम लगाया और उनकी चूत में डाल दिया | मैंने धीरे धीरे चोदने से शुरू किया और भाभी अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हुह्ह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म म्मम्मम्म ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म म्मम्मम्म उःह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह करने लगी | थोड़ी देर तक धीरे धीरे चोदने के बाद मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई और जोर जोर से उनको चोदने लगा और वो जोर जोर अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हुह्ह्ह्हह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म म्मम्मम्म ह्ह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह उम्म्मम्म्म्म म्मम्मम्म उःह्हह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ करती रही | हमने बहुत देर तक चुदाई की उसके बाद मेरा मुट्ठ निकल गया और फिर मैं भाभी के ऊपर ही लेटा रहा और उनको किस करता रहा |

उसके बाद मैं भाभी को रोज़ चोदता था और जब उनके पति घर आ जाते थे तब हमारे बीच चुदाई का ये कार्यक्रम बंद हो जाता था और जैसे ही उनके पति जाते था मैं हाज़िर हो जाता था और खूब चुदाई करता था | ये तो रही दो औरतों के साथ मेरी चुदाई की कहानी लेकिन मैंने और भी बहुत से गुल खिलाए है वो सब फिर कभी |

दोस्तों मेरी इस कहानी पर अपनी अपनी राय जरुर दीजियेगा | मुझे इंतजार रहेगा आपके कमेंट्स का |

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