सर ने मेरी चुत में अपना लंड घुसाया – ?‍❤️‍?‍? मुझको पहली बार मेरे स्कूल के सर ने ही चोदा था – शिल्पा

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम शिल्पा है. और मेरी उम्र 22 साल की है. और मैं सहारनपुर की रहने वाली हूँ और मैं यहाँ के एक कॉलेज में बी.ए. के दूसरे साल में पढ़ती हूँ. दोस्तों कामलीला डॉट कॉम पर यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और यह मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है. हाँ तो दोस्तों मेरी यह कहानी आज से 2 साल पहले की है, जब मैं 12 वीं क्लास में पढ़ती थी।

अब मैं आप सभी का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधे ही अपनी कहानी पर आती हूँ. 

हाँ तो दोस्तों चलो पहले मैं आप सभी को अपने बारे में थोड़ा कुछ बता देती हूँ. मेरी लम्बाई 5.5 फुट की है, और मेरा रंग गोरा है. मेरा शरीर काफ़ी भरा हुआ है. और मेरे फिगर का साइज़ मेरी पहली चुदाई से पहले 32-28-34 का था. जो बाद में बदलकर 34-30-36 का हो गया था. दोस्तों उस समय मुझको देखकर मेरे स्कूल के और बाहर के लड़कों के लंड मुझको देखते ही खड़े हो जाते थे, और आज भी हो जाते है।

दोस्तों मुझको पहली बार मेरे स्कूल के सर ने ही चोदा था, और उन सर का नाम नीरज सर था. वह दिखने में भी काफ़ी स्मार्ट लगते थे. उनका शरीर भी बहुत ही कमाल का था. लम्बा कद, गोरा और कसरती बदन, मोटा लंड, (अब तो बस उनके बारे में आपसे कह ही सकती हूँ). वह स्कूल में मेरे खेल-कूद के सर थे. और मैं अपने स्कूल की वॉलीबॉल टीम में थी. और मेरा ज्यादातर समय खेलने में ही निकल जाता था. स्कूल के खेल के मैदान में ज़्यादा समय तक रहने की वजह से मैं टी-शर्ट और शॉर्ट ही पहना करती थी।

हाँ तो दोस्तों ऐसे ही एक दिन, वॉलीबॉल के मैच की प्रेक्टिस के बाद मैं काफ़ी थक गई थी, और मैं खेल के मैदान के एक किनारे पर बैठी हुई थी, कि तभी नीरज सर मेरे पास आकर बैठ गये थे. और वह मेरे काफ़ी पास आकर बैठे थे. और फिर उन्होनें मुझसे पूछा कि क्या हुआ? तुम काफ़ी थकी हुई लग रही हो. और फिर यह कहते हुए उन्होनें मेरी जाँघ पर अपना हाथ रखकर के सहलाने लगे. और उनकी उस हरकत से मैं एकदम से सकते में आ गई थी. लेकिन मुझको भी उनके हाथ का वह अहसास बहुत अच्छा लग रहा था. और फिर काफ़ी देर तक मैंने उनको कुछ भी नहीं कहा था. और तभी मेरी एक सहेली वहाँ पर आ गई और फिर सर ने मुझसे मेरे अगले पीरियड के बारे में पूछा. तो फिर मैंने उनसे कहा कि मेरा अगला पीरियड लाइब्रेरी का है. और वॉलीबॉल के मैच के बाद मैं अपनी स्कूल की यूनिफॉर्म (स्कर्ट और शर्ट) में आ गई थी।

लाइब्रेरी के पीरियड में मैं एक किताब बड़े ध्यान से पढ़ रही थी कि तभी पीछे से आकर नीरज सर ने पकड़ लिया और पूछा कि इस किताब में क्या तलाश कर रही हो? और उस समय उनका लंड मेरे कूल्हों को छू रहा था और उनके हाथ मेरे कन्धों से होते हुए मेरे बब्स पर थे. और फिर मैंने उनसे कहा कि यह आप क्या कर रहे हो सर? तो फिर सर ने मुझको बोला कि तुमको प्यार कर रहा हूँ, बहुत दिनों से मेरा लंड भी तुमको पाने की लिए तड़प रहा था, तुम्हारे बब्स को देखकर देखो यह तो कैसा तन जाता है. और फिर मैं उनसे ज्यादा कुछ भी नहीं कह सकी थी क्योंकि वह भी मन ही मन मुझको भी बहुत अच्छे लगते थे. और फिर उन्होनें मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड के ऊपर रख दिया. और फिर उनके लंड की गर्मी से मेरी चूत भी गीली होने लग गई थी. और फिर सर ने भी अपना एक हाथ मेरी स्कर्ट के अन्दर डाल दिया था और फिर वह मेरी पैन्टी के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लग गए थे. और मुझको भी बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन अचानक से मुझको लगा कि कोई आ रहा है. तभी सर ने झटके से अपनी दो ऊँगलियाँ मेरी चूत में डाल दी थी और फिर वह अपनी ऊँगली को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगे. और मेरे मुँह से एक जोर की आहहह… निकली और फिर मैंने उनसे कहा कि थोड़ा और ज़ोर से करो. तो फिर सर मुझसे बोले कि जल्दी से स्टाफ रूम में आ जाओ, वहाँ पर अब कोई भी नहीं है. और फिर मैंने अपने कपड़े ठीक किए और फिर मैं सर के पीछे-पीछे स्टाफ रूम की तरफ चल दी. और फिर जैसे ही हम स्टाफ रूम में पहुँचे तो नीरज सर ने दरवाज़ा अंदर से बन्द कर दिया था और फिर वह जल्दी-जल्दी से अपने कपड़े उतारने लगे. और फिर जब मेरी नजर उनके लंड पर पड़ी तो, उनका लंड तो मोटा और लम्बा था. और उसको देखते ही मेरी चूत में भी कुछ-कुछ होने लगा था. और फिर सर ने मुझको अपने पास बुलाया और फिर सर ने मुझको नीचे झुकाकर अपना लंड मेरे मुँह में ज़ोर से घुसा दिया था. पहले तो मुझको बहुत अजीब सा लगा. लेकिन फिर मैंने धीरे-धीरे से सर के लंड को चाटना और चूसना शुरू कर दिया था. और फिर सर ने मेरी शर्ट के बटन खोले और मेरी ब्रा के हुक को भी खोल दिया था।

और फिर मेरे बब्स अब बिल्कुल आज़ाद हो गए थे. और फिर नीरज सर मेरे बब्स को मसलने लग गए थे. और मैं भी काफ़ी देर तक सर के लंड को चूसती रही थी. और फिर उन्होनें मेरे मुँह के अन्दर ही अपना गर्म माल छोड़ दिया था. और फिर सर ने मुझको झटके से नीचे ज़मीन पर लिटा दिया और फिर उन्होनें मेरे सारे कपड़े उतार दिए. और फिर हम दोनों ही बिल्कुल नंगे थे. और फिर सर ने मेरे बब्स को अपने हाथ में लेकर फिर से दबाना शुरू किया. और फिर एक-एक करके उनको चूसना भी शुरू कर दिया था. और फिर उत्तेजना में आकर मेरी चूत में से भी कामरस बह रहा था. और फिर मैंने सर से कहा कि प्लीज़ आप अपनी ऊँगली से मेरी चूत को सहलाओ. और फिर सर ने अपनी चारों ऊँगलियों को मेरी चूत में घुसा दिया था. और फिर तो मुझको भी बहुत मज़ा आ रहा था, और मैं सर से मेरा सारा दूध पीने को कह रही थी. तो फिर सर भी मुझसे बोले कि- कितने दिनों से तुमको चूमने और चोदने की मेरे अन्दर तड़प थी. आज मैं तुमको इतना चोदूंगा कि तुम याद रखोगी. और फिर सर ने अपनी ऊँगलियों को मेरी चूत में से बाहर निकाला और सीधे उनको मेरे मुँह में डाल दिया था. और फिर वह खुद मेरी चूत पर अपना मुहँ लगाकर उसको चाटने लग गए थे. तो फिर मैंने उनको कहा कि- पूरी ही खा जाओ सर मेरी इस चूत को, बस ऐसे ही चाटते रहो इसको और बस चाटते ही रहो…आहहह… बहुत मज़ा आ रहा है।

और फिर हम दोनों ही 69 की पोज़िशन में आ गये थे. और फिर कुछ ही देर के बाद सर ने मुझसे कहा कि अब मैं अपने इस लंड को तुम्हारी चूत में डालूँगा. और फिर नीरज सर ने मेरी दोनों टाँगों को उठाकर अपने कंधों पर रखा और अपने लंड को मेरी चूत के मुहँ के ऊपर रखकर एक ज़ोरदार झटके के साथ अपना पूरा ही लंड मेरी चूत में डाल दिया था. और मैं तो दर्द के मारे मर ही गई थी, और मेरी आँखों में से भी आँसू निकल आए थे. लेकिन उस दर्द और उन आँसूओं से कहीं ज़्यादा मजा भी आ रहा था. और फिर कुछ देर तक तो सर ने अपना लंड हिलाया तक नहीं. और फिर उसके बाद वह ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत में झटके देने लगे, और अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगे. और मैं भी मज़े में चिल्ला रही थी और सर से और भी जोर से चुदाई करने की कह रही थी, और यह भी कह रही थी कि, आप पूरे ही घुस जाओ मुझमें. और वह मेरे बब्स को चूस रहे थे. और फिर काफ़ी देर तक उन्होनें मुझको अलग-अलग पोजीशन में चोदा. और फिर उस पूरी चुदाई के बीच मैं 3 बार झड़ चुकी थी, और फिर जब सर भी झड़ने लगे तो उन्होनें अपने लंड को मेरे बब्स के ऊपर ही झाड दिया था।

और फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और वहाँ से हम अपने-अपने घर आ गए थे. और फिर उस दिन के बाद तो जब भी हमको मौका मिलता तो हम दोनों ही मिलकर चुदाई करते थे।

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