दीदी की खुली चूत और गांड का छेद मेरे सामने था

लो दोस्तों, मैं आपका कामदेव आज फिर से अपनी एक और मजेदार चुदाई की हिंदी सेक्स स्टोरी आप सब को बताने जा रहा हूं. जैसा कि आप जानते होंगे कि मैंने स्नेहा दीदी और उनकी मां के साथ थ्रीसम किया और अगले दिन संडे को दीदी को अकेले में गांड मारने का प्लान किया.

मैं फिर से अपने बारे में बता दूं. मैं रायपुर में रहता हूं और यह कहानी बिल्कुल रियल है फेक नहीं है. तो जिन को भी मेरी स्टोरी फेक लगती है वह अपनी मां चुदाये और अपनी गांड मरवाये. तो आगे की कहानी कुछ इस तरह से शुरु होती है… तो जैसा की हम तीनो ने प्लान किया था तो उसके अनुसार आंटी अपने हस्बैंड के साथ बाहर घूमने फिरने चली गई, और यहां दीदी ने अपनी स्टडीज का बहाना बना दिया कि कॉलेज से काफी सारे असाइनमेंट कंप्लीट करने हैं तो आंटी और अंकल सुबह ११:३० बजे चले गए थे. और मेरे पास तो दोस्त के घर जाने का बहाना था ही.

मैं फिर चुप के खिड़की से अंदर घुस गया और दरवाजे से चिपक कर खड़ा हो गया. आंटी ने जाने से पहले खिड़की खुली रखी थी मेरे कमरे में घुसने का दीदी को पता नहीं चला. मैंने पीछे से पकड़ लिया वह डर गई थी.

तो मैं बोला क्या दीदी अपने ही घर में जिस लड़के से इतने दिन से चुद रही हो उसी से डर गई. तो दीदी बोला अच्छा साले, कमीने, बहनचोद, बिना बताए अचानक से पीछे से आकर ऐसा पकड़ेगा तो मैं डरूंगी नहीं क्या? अच्छा चल बैठ में मेन डोर बंद कर के आती हूं.

फिर दीदी मेन डोर बंद करके आ गई मैं अपनी शर्ट और गंजी उतार कर बैठा था. सिर्फ लोवर पहना हुआ था, दीदी ने मुझे देखा और रुम का दरवाजा बंद करने के लिए जैसे ही मुड़ी में तुरंत उनसे पीछे से चिपक कर उनकी गांड में अपना खड़ा लंड  को लोवर में से ही चुभाने लगा.

दीदी बोली आज इतनी भी क्या जल्दी है? आज हमारे पास ३ घंटे हैं. मैं बोला कि अब आपकी गांड में अपना लंड डाले बिना मैं और ज्यादा नहीं रह सकता.

मैं दीदी की पीठ पर किस करने लगा और उनकी पीठ चाटने लगा. एकदम गोरी चिकनी पीठ थी स्नेहा दीदी की. फिर मैंने उनकी कमर पकड़ी और उन्हें हवा में उठा कर उन्हें बेड पर उल्टा पेट के बल लिटा दिया, और उनकी सलवार का नाडा खोल कर उतार दिया. दीदी ने कलरफुल इलास्टिक वाली टाइट पैंटी पहन रखी थी. मैं उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत को रगड़ने लगा. वह बस उल्टी लेटी हुई मोन कर रही थी. फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी.

दीदी की खुली चूत और गांड का छेद मेरे सामने था. उन्होंने ऊपर ब्लू कलर का टी शर्ट पहना हुआ था जिसे मैंने उनकी पीठ तक ऊपर कर दिया था और उनकी ब्रा के हुक खोल कर ब्रा उतार दी. जिससे उनके बूब्स खुल गए. फिर दीदी की टांग उठा कर उनकी चूत एक कुत्ते की तरह चाटने लगा. उनकी चूत और गांड को मैं अंदर तक अपनी जीभ से चाट रहा था बीच बीच में फिंगरिंग भी कर रहा था. .आप ये चुदाई स्टोरी इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

फिर उनके दोनों छेदों को चिकना कर के मैंने अपना लंड पर भी काफी सारा थूक लगाया और अपना लंड दीदी की चूत में घुसा दिया और मशीन गन की स्पीड से चुदाई स्टार्ट कर दि. दीदी को भी भरपूर मज़ा आने लगा वह जोर जोर से मोन कर रही थी.

ठक ठक ठक की आवाज पूरे रुम में हो रही थी. मैं पूरे जोश के साथ मस्त तेजी से झटके मार रहा था. हम दोनों २० मिनट में एक साथ जड गए. मैंने दीदी की चूत में अपना पानी छोड़ दिया. हम दोनों लेट गए और एक दूसरे से चिपक गए.

में दीदी के बूब्स चूसने लगा, दबाने लगा उनके निपल्स को अपने अंगूठे और इंडेक्स फिंगर से मसलने लगा. दीदी फिर से गरम हो गई.

दीदी आह्ह होह हह्ह्ह ओह्हो ओयय्य हाहाह येस्श हहह ओह हहा देव ऐसे ही चूस मजा आ रहा है. मत रूक चूसता रहे. आज मेरा दूध पी जा और चूस चूस और जोर से और जोर से. मुझे भी दीदी के बूब्स चूसने में बहुत मजा आ रहा था. एकदम नरम सॉफ्ट स्पंजी बुब्स थे दीदी के. क्या मजा आ रहा था वाह हाउ मच मिल्की एंड टेस्टी थे.

मेरा लंड फिर से टाइट हो कर खड़ा हो गया. तब दीदी ने लंड मुंह में ले लिया और हम ६९ पोजीशन में आ गए मैं उनकी चूत चाटने लगा और वह मेरा लंड चूसने लगी. १०  मिनट की चूत और लंड चुसाई के बाद में उनके नीचे से सरक कर अपने घुटनों पर खड़ा हो गया और दीदी घोड़ी बन गई. अब टाइम आ गया था दीदी की गांड को पेलने का. मैंने दीदी की गांड के छेद पर अपना थूक लगाया और छेद में धीरे से दो उंगलिया घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा.

दीदी जोर जोर से आहें भर रही थी फिर मैंने अपना लंड पकड़ा और दीदी की गांड में डाल दिया, और धीरे धीरे अपनी कमर आगे पीछे करना शुरू किया. फिर स्पीड को बढ़ाते हुए तेजी से गांड मारने लगा था और धका धक चोद रहा था.

दीदी तो बहुत दर्द से बुरी तरह कराह रही थी, बहुत गालियां दे रही थी अरे देव बहनचोद साले भोसड़ी चोद निकाल अपना लंड बाहर, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

मैं बोला साली  रंडी अभी तो सुहागरात है. तेरी गांड फाडे बिना आज में नहीं जाऊंगा. तेरी गांड तो आज मैं सुजा दूंगा चोद चोद कर. दीदी भी पुरे मजे से गांड मरवाने लगी, अपनी कमर पीछे लेकर मेरा पूरा लंड अपनी गांड में अंदर तक लेने लगी, मैं तेजी से झटके मारे जा रहा था. .आप ये चुदाई स्टोरी इंडियन सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

दीदी ४५ मिनट की मेट्रो ट्रेन की स्पीड से हुई ठुकाई में तिन बार अपना पानी छोड़ चुकी थी और अब में अपना पानी छोड़ने वाला था. तो शॉट लगाते हुए दीदी की गांड में ही जड गया. उनकी चूत और गांड मेरे सफ़ेद गाढे पानी से भरी हुई थी.

इतने मदमस्त वासना हवस से भरी चुदाई के सेशन के बाद हम दोनों ने एक घंटे का आराम किया. फिर बाथरूम में एक साथ नहाए अच्छे से एक दूसरे के शरीर को साबुन से रगडा, मसला, सहलाया और फिर साबुन के झाग में एक और बार मैंने दीदी की चुदाई की. इस बार उनको खड़े खड़े चोदा. पानी के नल पर उनकी एक टांग को रखा और चूत में लंड डालकर एक  घंटे तक चोदा लेकिन बीच बीच में कुछ सेकंड के लिए रूकता भी था. फिर बाथरुम में चोदने के बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैं अपने घर चला गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

|