लेडिस टेलर की खुशबुदार चूत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजेश शर्मा है और में जम्मू का रहने वाला हूँ. में आज आप सभी के सामने अपने जीवन की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. जिसमे मैंने एक लेडिस टेलर को चोदा और अपने लंड को शांत किया.

यह मेरी मस्तराम डॉट नेट पर पहली कहानी है तो अगर मुझे कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करें. तो अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह बात कुछ महीने पहले की है, मेरे घर के कुछ दूरी पर में एक नेपाली औरत रहती है और उसका अपना लेडीस टेलरिंग सेंटर है. वो वहां पर काम करने के साथ साथ सभी को कपड़े सिलना भी सिखाती है. में जब भी उसको देखता हूँ तो मेरे लंड और बदन में एकदम आग सी लग जाती है क्योंकि वो ऐसी ही है. एकदम हॉट सेक्सी उसकी हाईट करीब 5 होगी और उसके बूब्स का साईज करीब 36 होगा जो दिखने में बहुत सुंदर है. लेकिन उसके जिस्म पर सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है उसकी गांड, एकदम गोल और उसे देखकर लगता है कि दो बड़े साईज़ के तरबूज़ एक साथ चल रहे है और फिर में हमेशा उससे बात करने का मौका खोज़ता हूँ. लेकिन ऐसा मौका मुझे कभी हाथ नहीं लगा.

तो एक दिन में बजार से आ रहा था, तभी मैंने देखा कि वो भी अपनी स्कूटी लेकर आ रही थी. तब मैंने सोचा कि यही एकदम सही मौका है और फिर में अपनी बाइक उसके पास ले गया और उससे कहा कि हैल्लो मेडम आपका एक लेडिस टेलरिंग सेंटर है ना? तो उसने कहा कि हाँ है. लेकिन आपको कैसे पता? फिर उसने अपनी स्कूटी को एक साईड में रोक दिया और फिर मैंने भी अपनी बाईक को रोक दिया और मैंने कहा कि मुझसे किसी ने कहा था. तो उसने मुझसे पूछा कि क्यों आपको भी कोई कपड़े डिजानिंग कटवाना छटवाना है क्या? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे अपनी भाभी के कुछ कपड़े डिजानिंग में करवाने है. तो उसने कहा कि ठीक है आप मेरा मोबाईल नंबर ले लीजिए और मुझसे फोन पर बात करके मेरे घर आ जाना. तो मैंने कहा कि ठीक है और मैंने उसका मोबाईल नंबर ले लिया और फिर हम वहां से चले आए.

तो उसके अगले दिन मैंने उसको उसके मोबाईल नंबर पर फोन किया और कहा कि मेडम मैंने कल आपसे आपका मोबाईल नंबर लिया था. लेकिन सॉरी मेडम मैंने तो आपसे आपका नाम ही नहीं पूछा, वैसे आपका नाम क्या है? तो उसने अपना नाम सुनीता बताया और फिर कुछ देर तक इधर उधर की बातें करने बाद उसने मुझसे मेरा भी नाम पूछा और मैंने उसे बता दिया तो मैंने उससे कहा कि क्या आप आज मिल सकती हो? तो उसने कहा कि ठीक है आप आ जाइए, फिर मैंने उससे उसके घर का पता लिया. वैसे में उसके घर को पहले से ही जानता था और में उसके घर पर चला गया. उसका घर एक बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर था और मैंने वहां पर पहुंच कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई. तो उसने दरवाजा खोल दिया, वो ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी और वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी, उसने एकदम टाईट टी-शर्ट और केफ्री पहनी हुई थी, जिसमें से उसके बूब्स बाहर की तरफ झांक रहे थे और वो बहुत सुंदर दिख रहे थे. बिल्कुल टाईट कपड़े होने की वजह से उसके शरीर का हर एक अंग बाहर से साफ साफ एकदम ठीक आकार का दिख रहा था. उसकी बड़ी सी गांड और झूलते हुए बूब्स मुझे बिल्कुल पागल बना रहे थे, मेरी आंखे उसके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | कुछ सेकिंड बाद उसने मुझे घर के अंदर बुलाया और अंदर बैठने को कहा और अब में होश में आकर सोफे पर जाकर बैठ गया और फिर वो किचन की तरफ चली गई और कुछ देर बाद मेरे लिए पानी लेकर आई और जैसे ही उसने झुककर मुझे पीने के लिए पानी दिया तो उसकी उस टी-शर्ट में से उसके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर की तरफ झूलते हुए दिखाई देने लगे, जिन्हें देखकर में फिर से होश खो बैठा. उसने अंदर की तरफ एक गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी और अब उसने भी मेरी इस बात पर ध्यान दिया कि में उसके बूब्स देख रहा हूँ.

लेकिन फिर भी उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा बस थोड़ा सा मुस्कुराकर चली गई और फिर वो अंदर दूसरे कमरे में जाकर एक एलबम लेकर आई और मुझे कपड़ो की डिज़ाइन दिखाने लगी. लेकिन मेरा तो बहुत बुरा हाल था क्योंकि वो ठीक मेरे पास बैठी हुई थी. मुझे उसका पूरा जिस्म एकदम नंगा नजर आ रहा था और अब मेरा लंड एकदम मेरी पेंट में तनकर खड़ा हुआ था और मेरी पेंट को फाड़ रहा था. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

तो मैंने अपने पैरों से उसकी मोटी मोटी जांघो को और भी करीब लाकर एकदम सटाया हुआ था और जब वो मुझे कपड़ो के डिजाईनिंग फोटो दिखा रही थी तब में जानबूझ कर एक साइड से उसके बूब्स को छूने की कोशिश रहा था. में तो यह सब करते हुए एकदम पागल सा हुआ जा रहा था, लेकिन वो मेरा किसी भी तरह विरोध नहीं कर रही थी, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी. फिर हमने कुछ देर इधर उधर की बातें की लेकिन मेरा ध्यान उसकी बातों से ज्यादा उसके जिस्म पर था और फिर कुछ देर के बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि आप बैठिए, में आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ.

फिर वो एकदम से खड़ी हुई और वो मेरे सामने से अपनी गांड को मटकाकर चली गयी और में उसकी गांड को घूरकर देखता रहा. तो कुछ देर बाद उसने मुझे किचन से आवाज़ लगाई और में उठकर उसकी किचन में गया तो पता चला कि उसकी चाय पत्ती ख़त्म हो गई थी. उसने मुझे ऊपर से उतारने को कहा और में जब उसकी सेल्फ़ पर चड़ा तो वो नीचे से स्टूल पकड़कर खड़ी हुई थी और मैंने जब नीचे की तरफ देखा तो मुझे उसके बूब्स साफ साफ दिखाई दे रहे थे और शायद यह बात उसको भी पता चल गई थी कि में उसके बूब्स पर अपनी नजरे डाल रहा हूँ और फिर उसने मुझे एक शरारती सी स्माइल दी.

फिर में नीचे उतरते वक़्त जानबूझ कर उसके बूब्स को रगड़ते हुए बहुत धीरे से उतरा. लेकिन वो फिर भी वहां से हटी नहीं और फिर वो चाय बनाने लगी और में उसके पीछे खड़ा होकर उसकी मटकती हुई गांड को देखने लगा. तो उसने एकदम पीछे की तरफ पलट कर मुझे देखा, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी कोहनी पर छू गये. तो उसने मुझसे कहा कि क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि आप बहुत ही सुंदर हो और आपका फिगर भी एकदम कमाल का है.

तो उसने कहा कि नहीं आप मुझसे मजाक कर रहे हो, में तो बहुत मोटी हूँ, पता नहीं आपको में कहाँ से सुंदर दिखाई दे रही हूँ और तब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसके पीछे से उसकी कमर को हाथ लगा दिया और अपना लंड उसकी गांड में सटा दिया और फिर से कहा कि नहीं कसम से आप बहुत सुंदर हो और उसके पेट को सहलाने लगा. तो उसने मुझसे पूछा कि आपको मुझमें ऐसा क्या अच्छा लगता है? तब मैंने उसकी गांड पर हाथ रख दिया और कहा कि यह मुझे आपके शरीर में सबसे ज्यादा पसंद है और फिर एकदम अचानक से उसके बूब्स को पकड़ लिया तो मैंने उन्हे छूने के बाद महसूस किया कि उसके बूब्स एकदम कड़क थे और अब में उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने दबाने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.

तभी वो एकदम से पलट गई और मेरे होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगी. तो में भी एक भूखे शेर की तरह उस पर झपट पड़ा. मेरा एक हाथ उसके सर के पीछे था तो दूसरा उसके एक बूब्स को मसल रहा था और उसका एक हाथ मेरी कमर पर था तो दूसरा हाथ मेरे तनकर खड़े हुए लंड पर था. वो मेरे लंड को सहला रही थी और फिर उसने स्टोव बंद किया. मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और कमरे में ले जाकर बेड पर लेटा दिया और फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को खोल दिया और केफ्री को भी उतार दिया. तो मैंने देखा कि उसने केफ्री के नीचे की तरफ पेंटी नहीं पहनी हुई थी और फिर मेरी नजरों के सामने उसकी कामुक चूत थी, जिस पर हल्के हल्के बाल थे. तो में उनसे खेलने लगा और उसकी चूत को सहलाने लगा. उंगली को अंदर तक डालकर उसके जोश का अंदाजा लगाने लगा. वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी. अब मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और एक एक बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

फिर कुछ देर बाद उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को चूसने लगी. तो मैंने भी उसकी चूत को चाटने के लिए अपनी जीभ उसकी गरम चूत में डालनी शुरू की. जैसे ही मेरी जीभ ने उसकी चूत को छुआ तो वो एकदम सिहर उठी और में उसकी गीली चूत के रस को चूसने चाटने लगा. वो मेरे सर को अपनी चूत के मुहं पर दबाने लगी और फिर करीब दस मिनट चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और में उसकी चूत से निकला हुआ नमकीन पानी पी गया और वो एकदम ठंडी होकर पड़ी रही. लेकिन उसके मुहं में मेरा लंड था, वो उसे लगातार चूस रही थी. तो उसके कुछ देर बाद मेरा भी वीर्य उसके मुहं में निकल गया और उसने सारा वीर्य अपने मुहं में ले लिया. वो उसे पूरा का पूरा नीचे गटक गई और उसने मेरे लंड को चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया. तो में अब उसके निप्पल को चूसने लगा और वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से सहला रही थी, जिसकी वजह मेरा लंड कुछ ही देर में फिर से खड़ा होकर तैयार हो गया.

तो मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगा. पहले उसे थोड़ा सा दर्द हुआ, जिसकी वजह से वो अपनी चूत को थोड़ा पीछे की तरफ खींचने लगी. लेकिन मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो बिल्कुल भी पीछे नहीं हट सकी और अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह्हह थोड़ा उह्ह्हह्ह धीरे आईईईई प्लीज थोड़ा धीरे करो अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और में लगातार ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था.

लेकिन फिर कुछ देर की चुदाई के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो मुझसे कहने लगी हाँ और अंदर उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तक डालो. हाँ डाल दो इसे पूरा अह्ह्ह्ह अंदर हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे तो कुछ देर के धक्कों के बाद वो एक बार फिर से झड़ गयी और फिर उसने मुझसे लंड को अपनी चूत के बाहर निकालने को कहा और जैसे ही मैंने लंड को बाहर निकाला तो वो डॉगी स्टाईल में आ गयी और मुझसे लंड को डालने की कहने लगी. दोस्तों में कसम से कहता हूँ कि उसकी नंगी गांड को देखकर एक 80 साल के बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए क्योंकि वो एकदम चिकनी और बड़ी ही सुंदर थी. तो मैंने लंड को एक हाथ से पकड़ा और उसकी चूत पर रखा. लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि लंड को मेरी गांड में डालो, मुझे गांड मरवाना बहुत पसंद है. तो मैंने उसकी गांड पर अपने लंड का टोपा रखा और गांड पर ज़ोर से दबाव बनाते हुए लंड को अंदर की तरफ सरकाने लगा. जिसकी वजह से मेरे लंड और उसकी गांड की हालत बहुत खराब थी. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

वो दर्द से छटपटाने लगी और मेरे लंड पर एक अजीब सी जलन महससू होने लगी, लेकिन फिर भी मैंने धक्कों पे धक्के देकर लगातार करीब बीस मिनट तक उसकी गांड मारी और फिर गांड में ही झड़कर एकदम शांत हो गया. कुछ देर के बाद में दोनों बूब्स को सहलाने, दबाने लगा तो मेरा लंड धीरे धीरे छोटा होने लगा और वीर्य मेरे लंड से बाहर निकलकर गांड से होता हुआ उसकी चूत तक बहने लगा.

फिर हम वैसे ही पड़े रहे, कुछ देर के बाद हम उठे फिर हम एक साथ में बाथरूम में गये और वहां पर भी मैंने उसको खड़ा करके एक बार और चोदा. लेकिन इस बार मैंने उसकी चूत को बहुत देर तक लगातार धक्कों के साथ चोदा. उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के बदन को साफ करके बाहर आ गए. मैंने अपने कपड़े पहने और अपने घर पर चला आया. लेकिन उसके बाद में मुझे जब भी मौका मिला में उसको चोदने जाता और अब उसने मुझे वहीं पर बहुत सी औरतों से मिलवाया जिनकी चूत को मेरे जैसे ताकतवर लंड की जरूरत है और फिर मैंने उनकी चूत को भी चोदकर ठंडा किया.

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