अरुण एक बार फिर एक नयी कहानी लाया हूँ अपने और अपनी दादा की मस्ती की. मेरी उम्र 35 साल की है ये कहानी तब की है जब मैं 18 साल का था और चुदाई का नया नया शौक लगा था. मेरी दादी का नाम सुधा देवी है अभी वो 78 साल की है अब तो दादी को दिखाई देना और उसका चलना फिरना भी बंद हो गया है.

ये बात 1996 की है पिछले 1 साल से मेरी दादी गांव से आके हमारे साथ ही रहती थी. पापा दादी को मुंबई लाये थे साथ रहने को उस वक्त दादी की उम्र करीब 57 साल थी. दादी विधवा थी जब उनकी उम्र 30 साल की थी तभी दादा जी का देहांत हो गया था घर पर पापा मम्मी और मैं था दादी मेरे कमरे में ही रहती थी.

मुझे चुदाई का नया शौक चढ़ा था दोस्तों से लेकर चुदाई की फोटो और कहानी पढता. पापा मम्मी की चुदाई भी छिपकर देखता और बाथरूम में मम्मी के ब्रा पर मुठ मरता. मैंने बाथरूम के दरवाजे में एक छेद कर माँ को नहाते भी देखता. दादी घर पर हमेशा साड़ी पहनती सफ़ेद कभी कभी बिना ब्लाउज़ के भी रहती. साइड से दादी के झूलते चुचे देख मेरा लण्ड खड़ा हो जाता. चोदन का बहुत मन करता लेकिन समझ नहीं आता कैसे पटा यूँ डर लगता था माँ को चोदन को लेकर.

उस समय राम तेरी गंगा मैली फिल्म लगी थी दादी गंगा के नाम पे फिल्म देखना चाहती थी तो पापा ने दो टिकट ला दिया और मुझे दादी के साथ भेज दिया. फिल्म में मंदाकनी के न्यूड सीन देख के लण्ड टाइट हो गया फिल्म के बाद घर आया तो दादी बिना ब्लाउज के घर पे थी मेरे दिमाग में मन्दाकिनी घूम रही थी. एक दिन दादी ने मुझे माँ को नहाते समय बाथरूम में झांकते पकड़ लिया और डांटने लगी. फिर कुछ दिन बाद दादी ने बेड की सफाई के दौरान नंगी चुदाई वाली किताब पकड़ ली. मैंने दादी से माफ़ी मांगी.

लेकिन एक दिन दादी को मैंने नंगी वाली किताब के फोटो देख के चुत सहलाते देखा तो मैंने मन में ठान लिया की दादी को चोद दूंगा. मैं अचानक से रूम में घुसा दादी हड़बड़ा के किताब छुपाने लगी और शर्मा के कपडे ठीक किया और रूम से चली गयी. मैं समझ गया कि दादी भी चुदासी हो गई है. मैं बस समय का वैट करने लगा.

नेक्स्ट वीक घर वाले एक शादी में गए में और दादी राह गए. मैंने प्लान बना लिया चाहे कुछ भी हो दादी को चोदूंगा. मैन कुछ नंगी तस्वीर वाली किताब और ब्लू फिल्म की सीडी घर पे लाया. मैन दादी से कहा कि आज फ़िल्म देखेंगे तो दादी भी खुश हो गई मैंने जानबूझ कर हिंदी वाली सेक्सी मूवी लगाया जिसमे किसिंग और कुछ न्यूड सीन थे. दादी बोली ये गंदा फ़िल्म है मैंने बोला मज़ा तो आरहा है देखते है इसी को लेकिन मेरे हाथ से दादी रिमोर्ट खिंचने लगी मौका देख मैन दादी की साड़ी खिंच दी दादी का गोरा दुध मेरे सामने था. दादी ने कहा क्या कर रहे हो मैन बोला वही जो आप किताब देख के कर रही थी. दादी नाराज होते हुए कहा कि ये सब ठीक नही है तेरे पापा से शिकायत करूंगी. मैन बोला बोल देना मैं भी बोल दूंगा की आप गंदी किताब रखते हो.

दादी ने कहा तुम गलत कर रहे हो. पर मैं कहाँ मानने वाला था मैंने दादी की साड़ी खींच कर खोल दी दादी ब्लाउज़ नही पहनती थी उसके 28 साइज की चूची मेरी आँखों के सामने थी. मैन चूची दबाते हुए बोला बाह दादी आप की चूची तो मस्त है. वो शर्मा रही थी लेकिन मैंने उनके कड़क भूरे निप्पल चुने लगा. दादी आह आह करने लगी. तबीजी मैंने अपना लण्ड निकाल के दादी के मुह के पास लगाया और मुह में ठूस दिया दादी को उल्टी आने लगा. दादी गों गों की आवाज़ निकलने लगी. मैन 2 मिनट दादी के मुह चोदन के बाद टांगे चौड़ी कर चुत में लण्ड डाल दिया दादी चिल्ला उठी. दादी ने रोते हुए कहा कि थोड़ा आराम से करो 40 साल से चुदी नही हूँ मैं. लेकिन मैं ताबड़ तोड़ धक्के मरता रहा और 20 मिनट में दादी के चुत में झाड़ दिया. थक कर उनके ऊपर लेट गया. उस दिन के बाद जब भी मौका मिला दादी को जम कर चोदा.

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