आंटी ने पहली बार मेरे लंड को चूत का सुख दिया

हेलो दोस्तों मेरा नाम इमरान खान हे और मैं हैदराबाद से हु. मैं दिखने में एवरेज लुक्स हूँ और मुझे चूत में लंड डाल के बूब्स चूसने में बहुत मजा आता हे. साथ में मैं लेडिस के साथ लिप किस यानि की होंठो पर चुम्बन को एन्जॉय करता हूँ. दोस्तों आज की ये सेक्स कहानी आप के लिए कहानी हे लेकिन मेरे लिए अपने जीवनं का सच्चा अनुभव हे. एक ऐसा अनुभव जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ. वैसे मैं आज फर्स्ट बार ही इस साईट (हिंदी पोर्न स्टोरीज़ डॉट कॉम) पर लिख रहा हूँ.

कहानी मेरी पड़ोस वाली आंटी की हे जिसका नाम साना आंटी हे. आंटी का फिगर तो पूछो ही मत! वो बाला की खुबसूरत हे. सब से हसीन चीज हे आंटी के दो बड़े चुचे को आगे लटकते हे. और पीछे दो गांड के तरबुच जो उसके चलने पर जैसे भटकते हे. कभी कभी इस पड़ोसन की गांड के मस्त दीदार होते हे जब वो बहार कपडे धोती हे. वो बिना पेंटी पहने कपडे धोती हे और गांड की दरार में फंसती हुई सलवार को देखने के लिए मैं घंटो अपनी गेलरी में बैठा रहता हूँ! आंटी की उम्र 30 साल के करीब हे और उन्हें एक बेटा और एक बेटी भी हे. आंटी के घर में कुल मिला के चार लोग हे. आंटी खुद, उसकी बूढी सास और दोनों बच्चे. अंकल की जॉब दुबई में हे और वो साल या फिर 2 साल मे एक बार छुट्टी के लिए आते हे.

हम लोग 4थे माले पर रहते हे. और हमारे सामने के फ्लेट में साना आंटी रहती हे. आंटी और मेरी माँ की बहुत बनती हे. आंटी के घर में कुछ काम होता हे तो वो मुझे बुलाती हे जैसे की मार्केट ससे कुछ लाना हो वगेरह. क्यूंकि उनके बच्चे अभी छोटे हे इसलिए. मैं काफी क्लोज़ था उनसे मगर कभी कुछ फिलिंग नहीं थी सेक्स वगेरह की. आज से 4 साल पहले इंटर कम्प्लीट करने के बाद समर होलीडे घर पर ही एन्जॉय कर रहा था में. आंटी के पास आना जाना बढ़ गया था छुट्टियों की वजह से.

एक दिन की बात हे. दोपहर का वक्त था. मैं आंटी के बेटे के साथ खेलते हुए उसके घर गया. हम लोग अंदर गए तो मैंने देखा की आंटी दोपहर की नींद में सोयी हुई थी. उसके बबदन पर एक नाइटी थी और इस नाइटी से उसकी बूब्स और गांड साफ़ नजर आ रही थी. शायद आंटी ने गर्मी की वजह से अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी. मैं आंटी के सेक्सी बदन को देख के काफी एक्साइटेड हो गया. मेरा लंड तन गया आंटी की इस भरी हुई काया को देख के. कसम से उस दिन जो सिन देखा था उसी ने मुझे लंड हिलाने की यानि की मुठ मारने की आदत का शिकार बनाया. दुबारा मौका भी जल्दी ही मिल गया. मैं आंटी के बच्चो को पढ़ा रहा था उनके घर में. और फिर वो लोग बोर हुए तो बोले भैया चलो हाइड एंड सीक खेलते हे. मैंने कहा ठीक हे. पहले वो दोनों छिपे और मैंने उन्हें ढूँढ लिया. फिर मेरी छिपने की टर्न आई तो मैं सना आंटी के बेडरूम में उसके पलंग के निचे छिप गया. व लोग मुझे उधर ढूंढने में लगे थे. तभी आंटी के बाथरूम का दरवाजा खुला और वोनाहा के बहार आई. उसने बेडरूम का दरवाजा बंध कर दिया. और मैं चुपके से आंटी को देखने लगा.

उसने अपने बदन पर टॉवल लपेटा हुआ था. टॉवल बूब्स और गांड के काफी से हिस्से को कवर कर रहा था. मेरा गुड लक ये था की मैं बेड के निचे था और बेड के निचे से उनकी गांड साफ़ नजर आ रही थी मुझे. आंटी ने अब टॉवल उतार दिया और वो अपने पुरे बदन को साफ़ करने लगी. मेरे लौड़े का बुरा हाल हो गया था. तभी डोर पर नॉक का आवाज हुआ. आंटी ने फट से नाईटी पहन ली और दरवाजा खोला. आंटी का बेटा था डोर पर.

वो बोला: मम्मी आप ने भैया को रूम में क्यूँ छिपा दिया ये चीटिंग हे!

आंटी: नहीं भैया इस रूम में नहीं हे बेटा.

वो बोला मैं देखता हूँ.  और फिर वो पुरे कमरे में मुझे ढूंढने लगा. उसने बेड के निचे देखा और बोला, ये देखो मम्मी यहाँ पर तो हे भैया.

और फिर आंटी का बेटा अपनी बहन को ढूंढने के लिए चला गया. आंटी ने मुझसे पूछा, तुमने बताया क्यूँ नहीं जब मैं कमरे में आई तो?

मैंने कहा, वो हम लोग खेल रहे थे आ आंटी! ये कहते हुए मैं आंटी के मम्मे देख रहा था अभी भी उसने बिना ब्रा पेंटी के ही नाइटी पहनी हुई थी. और वो उसके अन्दर बड़ी मादक लग रही थी.

आंटी ने कहा, ऐसे छिप के क्या देखर रहे थे?

मैं कुछ नहीं बोला, आंटी मेरे पास आई और बोली, बताओ ना?

मैं कुछ नहीं बोला, और आंटी ने अपने बूब्स पर हाथ रखा और बोला, ये देख रहे थे?

मेरे तो होश उड़ गए, साना आंटी बड़ी सेक्सी हो चली थी. आंटी ने मेरा हाथ पकड के अपने बूब्स पर रखा और बोली, ये तुम्हे पसंद हे?

मेरा गला सुख चूका था और कुछ शब्द भी बहार नहीं निकल पाया. आंटी ने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के कहा, इसमें बड़ी मस्ती चढ़ी हे ना आज सब उतार देती हूँ में!

और फिर आंटी ने जा के दरवाजा बंध कर दिया. उसने मुझे अपने कंधे पर उठा के बेड पर फेंक दिया. मैं कुछ कहता उसके पहले उसने अपने बदन के एकमात्र कपडे यानी की अपनी नाइटी को उतार फेंका. बाप रे आंटी क़यामत लग रही थी. फिर उसने मेरी पेंट को एक ही मिनिट के अन्दर उतार दिया. मेरा लंड तन चूका था. जिसे देख के आंटी बोली. लगता नहीं था की तुम इतने बड़े औजार वाले हो!

और फिर उसने अपने दोनों बूब्स के बिच में लंड को घिसा. उसने दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथ से दबा दिया मेरे लंड के ऊपर. मेरी हालत ख़राब हो चुकी थी आंटी की इस मस्ती से.

आंटी ने कहा,  कैसा लगा!

मैंने कहा, मस्त!

वो बोली, चलो चुसो इन्हें.

और ये कह के उसने अपने दोनों बूब्स मेरे मुहं में भर दिए. आंटी की चुंचियां चूसते हुए मैं बोला, आंटी आप को किस करना हे मुझे. वो बोली कहाँ निचे की ऊपर!

मैं शर्मा के बोला, ऊपर.

वो अपने होंठो को मेरे पास ले आई और मैंने उसके बाल पकड के उसे चूम लिया. आंटी के सेब जैसे गुलाबी होंठो को चूसते हुए मैं उसके बूब्स को मसल रहा था. आंटी ने मेरे लंड को पकड़ के हिलाना चालू किया.  मैं ये सह नहीं सका और मेरे लंड का पानी निकल के आंटी के हाथ पर आ गया. वो बोली, कभी कुछ नहीं किया हे तुमने?

मैंने कहा, जी हाँ आज पहली बार हे.

वो बोली, सही हे, मुझे अनुभव हे सब सिखा दूंगी!

फिर वो बोली, जाओ बाथरूम में जा के इसे साफ़ कर आओ पहले

मैं साफ़ कर के आया तो देखा आंटी एकदम नंगी बेड पर लेटी हुई थी. उसने अपनी दोनों टाँगे खोली हुई थी और अपने चूत के दाने को पकडे हुए थे.

मैं बेड पर चढ़ा तो वो बोली, यहाँ आओ इसे अपनी जबान से प्यार करो.

मैंने ऐसा ही किया आंटी चूत चटवाते हुए बोली, इसे चूत का दाना या क्लाइटोरिस कहते हे इसके अन्दर ही औरत के सेक्स की सब मस्ती छिपी होती हे. औरत की क्लाइटोरिस को सेक्सी ढंग से प्यार दो वो खुश होक ही रहेगी, आंटी मुझ सेक्स का ज्ञान दे रही थी.

मैंने कहा आंटी बच्चे कहाँ से निकलते हे.

आंटी हंस के बोली, देख यहाँ से बच्चे निकलते हे. ये कह के उसने अपनी चूत को उँगलियों से खोल दी. और वो बोली, यही पर नुनु डालते हे और अंदर बच्चे भरते हे.

मैंने कहा, मैं भी अपनी नुनु से आप के अंदर बच्चे भरूँगा.

आंटी ने कहा, हाँ मेरे राजा चल आजा.

आंटी ने मेरे लौड़े को थोडा हिलाया और फिर अपने हाथ से सही जगह पर रख के बोली, चल धक्का मार.

मैंने जैसे ही धक्का दिया आंटी की आह निकल गई. शायद बहुत दिनों से आंटी की चूत में लंड नहीं गया था इसलिए. वो मेरी गांड पकड़ के बोली, अब जोर जोर से हिलाओ अपनी कमर को और धक्के मारो. मैं ऐसा ही करने लगा. तो आंटी बोली, साथ में इन्हें दबाओ और चुसो. ये कह के उसने अपनी बड़ी चुंचियां पकड के दबाई. मैं आंटी को चोदते हुए उसके बूब्स दबाने और चूसने लगा. आंटी मादक सिसकियाँ ले रही थी. और अपने कमर को आगे पीछे कर के मूझे चुदाई का सुख दे रही थी!

मैं भी जोर जोर से धक्के पर धक्के लगाता गया.

कुछ 6 7 मिनिट मैंने आंटी को चोदा होगा की मेरे लंड से पानी निकल पड़ा. आज बहुर सब वीर्य निकला था ऐसा मुझे लगा. आंटी ने जब चूत में से लंड को निकाला टतो वो पूरा सूज गया था और उसकी चमड़ी छिल गई थी. आंटी ने कहा, कैसा लगा?

मैं सिर्फ हंस पड़ा, आंटी ने मेरे लंड को पकड के कहा आज इसकी नथ उतर गई हे. अब ये रोज बुर मांगेगा!

मैंने कहा आंटी आप हो न मेरे लिए!

वो बोली, हाँ तेरे अंकल नहीं हे इसलिए मुझे भी इसकी बहुत जरूरत हे!

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