मैं चुदाई के लिए बड़ा ही भावुक हो जाता हूँ क्यूंकि मुझे मीना से पहले कोई और लड़की चुदाई के लिए नहीं मिली थी | मैं हमेशा हिंदी सेक्स कहानियाँ पढकर रात को अपने लंड को मसला करता था और सो जाया करता था पर जब मेरी ऑफिस की एक सहयोगी मीना से मुलाक़ात हुई तो जैसे मेरे लिए चुदाई के सभी बंद दरवाज़े खुल चुके थे | उसका हर अंदाज़ मुझे उसका हर बार दीवाना बना जाता था | वो काली स्कर्ट में चाहकर भी अपनी आकर्षक गोल – मटोल गांड के शेप को नहीं छिपा पाती थी | न जाने मैं ऑफिस में मीना को देखकर कितनी बार अपना लंड मसल लिया होगा | कुछ ही दिनों में हमारी अच्छी खासी बात चालू हो गयी और मैं उसे कभी – कभार अपनी गाडी में घर छोड़ दिया करता था | अब कुछ दिन मैंने मीना का नंबर भी ले लिया था और अब हमारे बीच कभी मेसेज में तो कभी फोन पर बात होने लगी और जैसे दूरियां दिन पे दिन घटती ही जा रहीं थी |

 

एक दिन मीना ने मुझे घर पर रात को खाने के लिए निमंत्र दिया और मैं भी चल पड़ा खुश होकर और पता चला की आज उसका मुड पूरा ही अलग था | खाने के बाद हम बेड रूम में बैठकर बता करने लगे जहाँ कुछ ही पल में विषय कामुक बातों में तब्दील होने लगा और मैं उसके हाथ सहलाने लगा जिसपर मीना ने मेरा कोई विरोध नहीं किया | हम दोनों की आँखों के एक दूसरे के पार्टी प्यार उमड़ रहा था और मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके होठों को चूसने लगा | मैंने कुछ ही देर में अपने और उसके पूरे कपड़ों को उतार दिया और उसे वहीँ बिस्तर पर गिरा दिया | मैंने उसके कपड़ों के लिवाज़ को उतारकर उसके नंगे चुचों को चूसने लगा और वो गर्माते हुए लंबी सिसकियाँ भरने लगी | मीना कामुकता के मज़े में डूबी हुई बिलकुल बौखला चुकी थी और मैंने भी उसकी पैंटी को उतार दिया और उसकी आकर्षक चुत को उप्पर से चाटते हुए दो उँगलियाँ डालना शुरू कर दिया |

पलभर में मैंने मीना की टांगों और जाँघों चुदाई के लिए मलते हुए तैयार किया और एक बारी में अपने लंड को उसकी चुत पर टिकाते हुए हल्का – सा धक्का लगाया | अब मेरा लंड फिसलता हुआ उसकी गीली चुत में पूरा का पूरा ही जाने लगा | मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार को उसकी आकर्षक चुत में बढाकर अपरम्पार कर दिया था जिससे मीना वहीँ लेटी हुए मेरे लंड के ज़ोरदार झटकों को ले रही थी | मीना ज़ोरों की आहत भारती हुई अपनी कामनाएं ज़ाहिर कर रही थी और मैंने लंड की चुदाई में रुकने वाला नहीं था | मुझे बरसों बार मीना की चुत से वो सुख मिल रहा था और करीब आधे घंटे तक उसे बेहरमी होकर चोदने के बाद मैं झड पड़ा और निढाल लेट गया | अब ऑफिस के काम के बाद मैं जब भी मन करता तो उसे घर छोधने के बहाने अपनी गाडी में चुत चमेली की रासलीला रचाना शुरू कर डालता |

 

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