हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अरुण है और में बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ। दोस्तों यह बात आज से तीन महीने पहले की है, जब में अपने दोस्त के घर गया था। वहाँ पर मुझे एक लड़की नजर आई वो दिखने में बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी और उसके बूब्स का आकार करीब 36-28-36 था। हमेशा उसको देखते ही मेरे लंड में एक अजीब सी सरसराहट होनी शुरू हो गयी और फिर क्या था? मैंने इधर उधर सभी से पूछकर उसके बारे में जानने की कोशिश की और तब मुझे पता चला कि वो मेरे उसी दोस्त की पड़ोसन है। फिर मैंने अब धीरे धीरे उसके साथ जानपहचान को बढ़ाना शुरू किया और फिर कुछ ही दिनों बाद हम दोनों की बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी। वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें करती और मुझे उससे बहुत मजाक करता, जिसकी वजह से हम दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे, उसके साथ रहकर मुझे पता ही नहीं चलता कि कब मेरे समय निकल जाता। एक दिन की बात है, में उस लड़की के घर चला गया और मेरी अच्छी किस्मत से वहाँ पर उस दिन उसके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था सिर्फ़ वो जिसका नाम कविता था, बस वो अपने घर में अकेली थी और उसने कुछ खास कपड़े नहीं पहने थे। फिर मैंने ध्यान से देखा कि उसका ऊपर का हिस्स जिसको हम सभी बूब्स कहते है बूब्स का उभरता हुआ हिस्सा मुझे साफ साफ नजर आ रहा था और जैसे ही में अंदर गया तो उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा रुक जाओ वहीं पर। तो में बहुत चकित हुआ में मन ही मन सोचने लगा कि इसको अचानक से क्या हुआ? और फिर मैंने उससे पूछ ही लिया क्यों क्या हुआ जो तुम मुझे इस तरह से बाहर रहने के लिए कह रही हो? तब उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं मुझे पोछा लगाना है इसलिए तुम कुछ देर बाहर ही खड़े रहो। 
अब मैंने उससे कहा कि बाहर खड़ा रहूँगा तो क्या तुम्हे अच्छा लगेगा? तो उसने मेरी बात को सुनकर मुझे अपने घर में अंदर की तरफ बुला लिए और कहा कि ठीक है लेकिन तुम अपने दोनों पैरों को ऊपर करके बैठ जाओ और में उसके कहने के हिसाब से बैठ गया। अब वो ठीक मेरे सामने पोछा लगाने के लिए झुकी, जिसकी वजह से उसके बूब्स जो की आकार में बहुत बड़े है वो मेरे सामने लटकते हुए झूल रहे थे और उसके दोनों घुटनों से दबने टकराने की वजह से वो कपड़ो से बहुत ज्यादा ऊपर उठकर बाहर आने को बेताब हो रहे थे। सेक्स स्टोरी  में देखकर बड़ा चकित होने के साथ साथ खुश भी बहुत हो रहा था। फिर मैंने कुछ देर बाद उससे पूछ लिया कि इतनी देर हो गयी है और अभी तक घर की सफाई का काम खत्म नहीं हुआ, ऐसा क्यों? यह काम तो सुबह जल्दी ही खत्म हो जाता है? तो वो मुझसे कहने लगी कि आज घर पर मेरे अलावा कोई भी नहीं है, अकेले मैंने पहले दूसरे काम खत्म किया और उसके बाद इस काम में अब लगी हूँ इसलिए मुझे इतनी देर हो गयी है। 
दोस्तों बस फिर क्या था? में तो वैसे भी बहुत दिनों से ऐसा ही कोई अच्छा मौका खोज रहा था, जिसका फायदा उठाकर में उसके साथ अपने मन का कोई काम कर लूँ जिसकी वजह से मेरा मन खुश हो जाए। अब मैंने खुश होते हुए टीवी को चालू कर लिया और उसके बाद में उसमे गाने सुन और देख रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने उस चेनल को बदल किया और अब मैंने फेशन टीवी लगा दिया उस समय उसमे औरतो की पेंटी और ब्रा का प्रदर्शन हो रहा था, तो अचानक से कविता की नज़र भी उस पर पड़ गई और वो भी बड़े मज़े से उसको देखने लगी। फिर कुछ देर बाद मैंने धीरे से उससे पूछा तुम यह क्या देख रही हो? तब उसने शरमाकर कहा कि कुछ नहीं और इतना कहकर उसने अपनी नजरों को नीचे झुका लिया और अब मैंने उससे कहा कि इसमे शरमाने वाली कौन सी बात है? जो तुम इस समय टीवी में देख रही हो वो सब तुम्हारे पास भी तो है। 
दोस्तों मेरे मुहं से वो सभी बातें सुनकर कविता हल्की सी मुस्कुराने लगी और उसने कहा कि धत तुम ऐसी क्या शरारती बातें करते हो? फिर मैंने अपनी उसी बात को आगे बढ़ाते हुए उससे कहा क्या में तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ? उसने कहा कि हाँ जरुर पूछो। अब मैंने उससे कहा कि तुम इस बात को सुनकर गुस्सा तो नहीं करोगी ना? उसने कहा कि नहीं में कोई भी गुस्सा नहीं करूंगी और फिर हिम्मत करके मैंने उससे पूछा कि तुम्हे सेक्स के बारे में कितना पता है? उसके बारे में तुम क्या क्या जानती हो? तो उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर शरमाते हुए कहा कि कुछ खास नहीं मुझे बस थोड़ा सा पता है और वो भी मैंने अपनी एक सहेली से इसके बारे में सुना था। 
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसके बारे में कितना जानते हो? तभी मैंने उससे कहा कि तुम चाहो तो मुझे एक बार आज़माकर देख लो तुम्हे अपने आप ही पता चल जाएगा, यह बात कहते हुए में उसके बहुत करीब पहुंच गया और मैंने तब उस समय महसूस किया कि उसके दिल की धड़कने बड़ी तेज़ हो गयी थी और मैंने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि हम एक बहुत अच्छे दोस्त है, इसमें शरमाने वाली कौन सी बात है? अब उसकी नज़र मेरी नजरों से टकराई तो मैंने उसके होठों पर अपने होठों से किस कर दिया इतने में उसका जोश बढ़ गया और वो सिहर उठी मैंने उसको उसी पोज़िशन में पांच मिनट तक रखा था जिससे वो गरम हो चुकी थी और मैंने धीरे से उसके सूट के अंदर नीचे की तरफ से हाथ डाल दिया तो वो डर गई और उसने मुझसे कहा कि नहीं यह सब ग़लत है, लेकिन उस समय वो जोश में भी बहुत थी, इसलिए उसकी तरफ से कुछ ज्यादा विरोध नहीं हुआ और उसका सूट धीरे धीरे करके मैंने उतार दिया। फिर धीरे से उसकी सलवार को भी उतार दिया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और उसके बाद उसका वो गोरा जिस्म देखकर मेरा लंड फनफनाने लगा। 
फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड के ऊपर रखा, जिसको वो कुछ देर ऊपर से ही सहला रही थी। उसके हाथ को महसूस करके वो मेरे तनकर खड़े लंड को महसूस करने के बाद मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारी पेंट में शायद कुछ है? तो मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही इसको खोलकर देख लो। अब उसने मेरी पेंट की चेन को खोला और उसके बाद उसने मेरी पेंट को उतार दिया और फिर उसके बाद वो मेरी शर्ट को भी उतारने लगी। उसने उसको भी उसने तुरंत ही उतार दिया, जिसकी वजह से अब में भी उसके सामने सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था। मैंने फिर से उसके होठों पर किस किया और वो ससस्स करने लगी करीब तीन मिनट के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया जिसमें से उसके 36 इंच के बूब्स बाहर आकर मेरे सामने आ गये। फिर मैंने अब उसके दोनों बूब्स को अच्छी तरह से मथना दबाना शुरू कर दिया इतने में वो इतनी गरम हो गयी कि आप पूछो मत में लिखकर नहीं बता सकता। अब मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया, तो उसकी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो थोड़ी गीली बहुत गरम लग रही थी। दोस्तों ये कहानी आप भीआईपीचोटी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। 
फिर मैंने उससे पूछा कि मुझे ऐसा गीला क्यों लग रहा है? तो उसने कहा कि यह मेरी चूत का पानी है और मेरे जोश में आने की वजह से यह बाहर आने लगता है, दोस्तों उसकी यह बातें सुनकर में समझ गया कि यह झड़ रही है और मैंने उसी समय उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी चूत के पानी का स्वाद लेने लगा, जिसकी वजह से उसने मुहं से सिसकियों की आवाज़े निकलने लगी आह्ह्ह्ह माँ ऊफ्फ्फ्फ़ अब मैंने उससे कहा कि अभी तो शुरूआत है, तुम आगे आगे देखो होता है क्या? मैंने इतना कहकर अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया। अब वो मेरा लंड देखकर एकदम से डर गयी और उसने मुझे कहा कि इतना बड़ा लंड, मैंने उससे कहा कि पहली बार है ना तो तुम्हे थोड़ा सा दर्द तकलीफ़ जरुर होगी, लेकिन उसके बाद तुम्हे बहुत मज़ा आएगा। फिर उसके बाद फिर क्या था मैंने अपना लंड सबसे पहले उसके मुहं में डाला तो उसने उसको चूसना शुरू किया। कुछ देर बाद मैंने उसके मुहं से लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत के होंठो पर अपने लंड को रखा तो वो डरने लगी थी और वो कह रही थी कि इतना मोटा और लंबा लंड को मेरी इस छोटी सी चूत में कैसे जाएगा, तुम इसको कैसे इसके अंदर डालोगे? यह तो मेरी चूत को फाड़ ही देगा, मुझे इससे बहुत दर्द होगा। 
फिर में उसको उठाकर उसके बेड पर ले गया और उसके कूल्हों के नीचे मैंने दो तकिये लगा दिए। उसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपने मुहं को रखकर कुछ देर उसकी चूत को चूसने का मज़ा लिया, जिसकी वजह से उसने जोश में आकर कुछ देर बाद मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और वो जोश में आकर अपने कूल्हों को ऊपर उठा रही थी। फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत की रसभरी पंखुड़ियों पर रखा और धक्का दे दिया, लेकिन पहली बार में वो फिसल गया। तो मैंने उससे कहा कि तुम्हारी चूत का छेद बहुत छोटा है तुम इसलिए अपनी चूत को अपने दोनों हाथों से थोड़ा सा फैला लो, जिसकी वजह से मुझे अंदर डालने में आसानी होगी और तुम्हे दर्द भी कम होगा। लंड अंदर जाएगा और उसका पता भी नहीं चलेगा। फिर उसने मेरे कहते ही तुरंत अपनी चूत को पूरा फैला लिया, जिसकी वजह से मुझे पूरी खुली हुई चूत साफ साफ नजर आ रही थी और फिर मैंने जोश में आकर धक्का दिया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया, जिसकी वजह से वा बहुत जोश में आ गयी और उसके मुहं से दर्द की वजह से आआहह ऊफफ्फ् की आवाज़ निकलने लगी। 
फिर मैंने एक बार फिर से धक्का दिया और मैंने जैसे ही धक्का मारा तो उसकी चूत में मेरा आधा लंड अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी, प्लीज अब तुम इसको बाहर निकालो, मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, मेरी चूत फट जाएगी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और में धक्के पे धक्के देता गया और फिर जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर हो गया तो में उसको उसी पोज़िशन में कुछ मिनट के लिए रुककर उसको किस करने लगा, जिसकी वजह से उसका दर्द कम हो जाए और कुछ देर बाद मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और अब मैंने देखा कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने उसको बताया नहीं वरना वो डर जाती। फिर कुछ देर रुकने के बाद उसका खून आना बंद हो गया। अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में उसको लगातार धक्के पे धक्के लगा रहा था और कविता की सिर्फ़ सिसकियों की आवाज़ उस कमरे में गूंज रही थी आह्ह्ह्ह प्लीज अब तुम मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है। इतना कहते हुए अब तक वो एक बार और झड़ चुकी थी, इसलिए मेरा लंड अब बड़ी आसानी से उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर बाहर आ जा रहा था। 
अब में भी झड़ने वाला था इस बात पता चलते ही तुरंत मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए उसके मुहं पर अपना वीर्य गिरा दिया जो उसके चेहरे गर्दन बूब्स पर भी जा पहुंचा, जिसको कविता बड़े ही चाव से चाटकर साफ करके गटक लिया उसके बाद उसने मेरे लंड को भी अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया। दोस्तों अब मैंने उससे पूछा कि तुम्हे यह सब कैसा लगा? तुम्हे मज़ा आया या नहीं? तो वो कहने लगी कि हाँ मज़ा तो मुझे बहुत आया यह सब करके मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। फिर मैंने देखा कि उसके चेहरे पर एक अजीब से ख़ुशी साफ साफ झलक रही थी और फिर हम दोनों उसके बाद उठकर बाथरूम में चले गये और एक दूसरे को साफ करने लगे और उस समय उसने मुझसे कहा कि सही में तुम्हे तो सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता है, फिर हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गये। दोस्तों तब से लेकर अब तक में कविता को 21 बार चोद चुका हूँ, जिसमें हर बार उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और हर बार मैंने उसको जमकर चुदाई करके पूरी तरह से संतुष्ट किया ।। 
धन्यवाद

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