कामवाली का प्यार

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम मनु है और मेरी उम्र 22 साल की है दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची कहानी आपके सामने रख रहा हूँ लेकिन यह पहली बार है तो हो सकता है कुछ ग़लती हो तो आप सभी मुझे माफ़ करना। दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में काम करता हूँ तो में आज से चार साल पहले कंपनी के कुछ काम से अमृतसर गया था।

फिर मैंने वहीं पर किराए पर एक कमरा लिया और आराम से रहने लगा। फिर कुछ दिन बाद बिना अपनी बीवी के मुझे वहां कुछ अजीब सा लगने लगा क्योंकि यहाँ पर तो में हर रोज उसके साथ सेक्स करता था। बस यही मेरी बैचेनी का कारण था। फिर हर रोज अब मेरे लंड को एक चूत की तलाश थी। आख़िर वो तलाश भी खत्म हुई जब मुझे एक सफाई करने वाली मिली। फिर मैंने उसे सारे घर का काम बता दिया और पैसे भी बता दिए। वो सफाई वाली 35 साल की मस्त माल और एकदम सेक्सी थी। फिर उसे जैसे ही में हर रोज सुबह देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। फिर 2-3 दिन के बाद मैंने देखा वो मुझे ज़्यादा ही भाव देने लगी और फिर मेरी किस्मत भी साथ देने लगी।

अब में उसके साथ खुलकर बात करने लगा। फिर जब भी वो वहाँ रहती मेरा लंड खड़ा रहता और वो भी अपनी तिरछी नज़र से ये जान चुकी थी की अब मुझे अब क्या चाहिए। इसलिए एक दिन सन्डे को उसने खुद ही पूछ लिया कि बाबूजी आपके कपड़े धोने है क्या? तभी मैंने तुरंत हाँ कर दी.. अब वो सब कपड़े लेकर बाथरूम में चली गयी। फिर आज उसने एक मस्त पंजाबी टाईप का सूट पहना था। तभी उसने अपनी चुन्नी उतार दी ताकि गीली ना हो सके। फिर आज पहली बार मुझे उसकी चूचियां साफ साफ नज़र आ रही थी.. वो 38 साईज़ की थी। फिर मेरा अब लंड मेरे काबू में नहीं था। फिर बहुत कोशिश करने के बाद भी कंट्रोल नहीं हो रहा था।

तभी मुझे लगने लगा था कि मेरी पेंट फट जाएगी उसने भी मेरी हालत का अंदाज़ा लगा लिया था और मुझे अब वो एक अलग नज़र से देख रही थी। फिर जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसे कहा कि मुझे बाथरूम काम में लेना है। फिर वो बाहर आ गयी और में अंदर जाकर मुठ मारने लगा। फिर कुछ देर बाद जब में बाहर आया। तभी वो अंदर गयी और तुरंत बाहर आ गयी और बोलने लगी कि जब लंड खड़ा हो और चूत सामने है तो हाथ को क्यों तकलीफ़ दी। तभी यह बात सुनकर में तो समझो बेहोश ही हो गया। तभी मैंने कहा कि तुम्हे क्या पता कि मैंने मुठ मारी है? फिर उसने कहा कि वो हर रोज मेरे लंड को देखती है। अब तो मानो मुझे जन्नत मिल गयी। फिर मैंने तुरंत आगे बढ़कर उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके होंठो को चूम लिया। तभी उसने कहा कि थोड़ा तो सब्र करो में कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ।

फिर मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका आदमी शराब पीता और उसे रोज़ मारता भी है इसलिए वो भी लंड की प्यासी है। अब तो मुझे भी एक ज़रूरतमंद मिल गई थी। फिर मैंने कहा कि तो आओ बेडरूम चलते है और फिर वो चल पड़ी। फिर बेडरूम में जाते ही मैंने उसके पूरे कपड़े खोलकर उसे नंगा कर दिया। फिर उसे मैंने अपना लंड मुहं में लेने को कहा तभी उसने मेरा लंड मुहं में ले लिया और फिर उसने जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया। वो लंड को इस तरह से चूस रही थी जैसे कई बरसों से लंड की प्यासी हो। फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर 15 मिनट तक चोदा था। फिर वो और में एक साथ झड़ गये। उसने कहा कि अब मुझे कपड़े धोने है मैंने कहा कि ठीक है लेकिन उसके बाद एक बार और चुदाई करेंगे।

फिर आधे घंटे बाद जब कपड़े धुल गये तो उसने कहा कि वो अब नहाने जा रही है मैंने कहा कि ठीक है लेकिन क्यों ना हम दोनों साथ में नहाए। तभी उसने कहा कि उसे शर्म आ रही है। फिर मैंने कहा कि जब तुझे चोद लिया है तो अब कैसी शर्म और फिर वो मान गयी। फिर में भी बाथरूम में उसके साथ नहाने चला गया और फिर मेरे हाथ उसकी चुचियों को छेड़ने लगा और उसकी चूत पर हाथ चलाने लगा और हम दोनों फिर गर्म हो गये। इस बार मैंने कहा कि मुझे आज तुम्हारी गांड भी मारनी है और तभी वो बिल्कुल मना करने लगी.. लेकिन मुझे तो मारनी थी।

फिर मैंने उसे भरोसा दिलाया बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा। खैर बहुत देर बाद वो मान गयी और फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसे अपने दोनों चूतड़ो को अपने दोनों हाथों से खोलने के लिए बोला। तभी उसने अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ खोल दिए। तभी मैंने तुरंत उसकी गांड के छेद को चूम लिया.. तभी उसकी एक सिसकारी बाहर निकल गयी। फिर मैंने उसके छेद पर और अपने लंड पर ढेर सारी वेसलीन लगा दी और दो उंगली से उसकी गांड के छेद को चौड़ा कर दिया। तभी मैंने जैसे ही अपने लंड का सुपाड़ा उसके छेद पर रखा वो बोली धीरे डालना मैंने कहा कि तुम चिंता मत करो और फिर ज्यादा चिकनाई होने की वजह से मेरा 3 इंच मोटा सुपाड़ा उसके अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गयी लेकिन मैंने उसके दोनों बूब्स को पकड़ा था। तभी में थोड़ा रुक गया और फिर दो मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ तो थोड़ा और घुसा दिया.. इसी तरह मैंने अपना लंड उसकी गांड के अंदर पूरा फिट कर दिया। फिर जब पूरा अंदर जा चुका था तो मैंने उससे पूछा कि अब भी दर्द है क्या? तभी उसने कहा कि थोड़ा-थोड़ा।

फिर में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बहार करके उसे चोदे जा रहा था। फिर कुछ देर बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया था और फिर कुछ देर बाद वो भी झड़ चुकी थी और वो बिलकुल शांत हो गई। तभी वो उठी और अपनी गांड को हाथ लगाकर देखने लगी और फिर मेरे लंड पर लगा हुआ वीर्य और लंड को साफ करने के साथ साथ लंड को सहलाने भी लगी थी। तभी उसकी चिकनी चूत को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था और तभी उसने लंड को सहलाना शुरू किया और लंड को मुहं में लेकर जोर जोर से चूसने लगी। तभी उसके दस मिनट लंड को चूसने के बाद मैंने फिर से उसे पकड़ कर चूत को सहलाना शुरू कर दिया था।

फिर उसको सीधा करके मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया और एक जोरदार धक्का दिया और वो दर्द से बहुत जोर से चीख रही थी, उनके दर्द के साथ साथ मेरे लंड को भी बहुत दर्द था। लेकिन अब मुझे पूरा अहसास हो रहा था कि उसे फिर से बहुत दर्द हो रहा है।

फिर तभी मैंने अपने लंड को और ज़ोर लगाकर दबाया और फिर से उसके मुहं से चीख निकल गई। तभी में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स को मसलने लगा था और वो चुपचाप पड़ी रही और में उसके बूब्स को मसलता रहा और थोड़ी देर बाद वो मुझे थोड़ी सामान्य लगी। फिर में धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा और उसे अभी भी थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया और फिर उसने दर्द से अपनी आँखे बंद कर ली और फिर में उसे किस करता रहा और फिर थोड़ी देर के बाद वो बोली कि आज तुमने मुझे चोद कर पूरी चुदाई का सुख दिया है। में तुम्हे अब जिंदगी भर कभी भी चुदाई के लिये मना नहीं करूंगी।

तभी मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसे ज़ोर से अपनी बाहों में पकड़ कर किस करने लगा और फिर में अब उसे पूरे जोश से चोद रहा था और वो भी मुझे किस कर रही थी। तभी उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो मज़े मे बोल रही थी ओह चोदो मुझे चोदो आज फाड़ दो मेरी चूत में तुम्हारी हूँ और फिर वो मुझे जोर से पकड़ कर मुझसे चिपक गई और तभी मैंने भी अपनी स्पीड बड़ा दी और में उसे तेज तेज धक्को से चोदने लगा। तभी वो उसी समय झड़ गई।

फिर कुछ देर बाद में उससे बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ पर डालूं? तभी वो बोली कि डाल दो कहीं भी। तभी मैंने भी अपना वीर्य तेज और गहरे धक्को के साथ उसकी चूत में ही डाल दिया। फिर में उसे किस करने लगा और वो भी मुझे किस कर रही थी। फिर कुछ देर बाद उसने उठकर लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी। तभी उसके लंड को चूसने से मुझे बहुत आराम मिल रहा था और वो जोर जोर से चूसे जा रही थी।

फिर उसने लंड को चूस चूसकर दोबारा चोदने को तैयार कर दिया था। तभी उसने मुहं से ही धीरे धीरे धक्के दिये। वो लंड चुसाई का मजा ले रही थी। फिर मैंने लंड को उसके मुहं में पूरा डाल दिया और में उसका मुहं चोदे जा रहा था। फिर करीब दस मिनट बाद दो चार धक्को के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो लंड से निकले हुए वीर्य को पूरा चाट गई। फिर उसने लंड को चाटकर पूरा साफ कर दिया था।

फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और कपड़े पहनने लगे। तभी उसने कहा कि आज तुमने मेरी पूरी भूख शांत कर दी वरना मेरा पति तो किसी भी काम का नहीं है.. बस वो तो पूरे दिन भर शराब पीकर पड़ा रहता है। फिर उस दिन के बाद मैंने उसको कई बार चोदा और वो भी हर बार चुदाई का मजा लेती। जब भी वो सुबह आती तो सबसे पहले मेरा लंड ठंडा करती और फिर उसके बाद घर का काम करती। में हमेशा मौके की ही तलाश में रहता था कि कब हमे मौका मिले और हम चुदाई करें। मैंने उसे पति की कमी कभी भी महसूस नहीं होने दी और उसने मुझे अपनी पत्नी की। में अब उसे चुदाई में पूरी तरह पक्का कर चुका था। हम दोनों अब हर दिन एक नये तरीके से चुदाई करते थे। फिर धीरे धीरे मैंने उसके पैसे भी बड़ा दिये थे क्योंकि वो अब घर के काम के साथ साथ मेरे साथ चुदाई का काम भी तो करती थी। तो दोस्तों यह थी मेरी कामवाली बाई की कहानी ।।

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